ग्रेच्युटी की गणना कैसे करें | Gratuity Calculator 2023 in Hindi

किसी एक कंपनी या संस्थान में लगातार 5 साल नौकरी करने वाले कर्मचारियों को ग्रेच्युटी मिला करती है। नौकरी छोड़ने पर उन्हें, नौकरी के हर साल के लिए लगभग 15 दिन की सैलरी के बराबर रकम, ग्रेच्युटी के रूप में मिलती है। इसलिए, जिसकी नौकरी की अवधि जितनी ज्यादा रहती है, उसे उतनी ज्यादा ग्रेच्युटी मिलती है। हमारे कुछ पाठकों ने पूछा था कि ग्रेच्युटी की गणना कैसे करें? ग्रेच्युटी की गणना का फॉर्मूला क्या है?

इस लेख में हम आपके इस प्रश्न का उत्तर दे रहे हैं। इसके बाद ग्रेच्युटी की आसानी से गणना के लिए, ग्रेच्युटी कैलकुलेटर भी पेश कर रहे हैं।

How to calculate your Gratuity amount? Formula and Calculator 2023 in Hindi. 

Gratuity Calculator

ग्रेच्युटी की गणना कैसे करें?

जो कर्मचारी, ग्रेच्युटी एक्ट के अंतर्गत रजिस्टर्ड कंपनियों या संस्थानों में काम करते हैं, उनके लिए ग्रेच्युटी की गणना करने का फॉर्मूला इस प्रकार होता है-

ग्रेच्युटी की रकम= अंतिम सैलरी * नौकरी के वर्ष * 15/26

उदाहरण

मान लिया कि रमेश एक कर्मचारी है, जिसे जिसका 30 हजार रुपए प्रतिमाह मूल वेतन (Basic Salary) है। उसने 11 साल काम करने के बाद नौकरी छोड़ दी।

अब रमेश को मिलने वाली Gratuity की गणना इस प्रकार होगी-

ग्रेच्युटी = अंतिम सैलरी X नौकरी के वर्ष X 15/26

= 30,000 X 11X 15/ 26 = 1.90 लाख रुपए

मतलब यह कि रमेश को नौकरी छोड़ने के बाद पीएफ व पेंशन के अलावा 1.90 लाख रुपए ग्रेच्युटी के रुप में अलग से मिलेंगे।

फॉर्मूला में 15/26 का उपयोग क्यों?

दरअसल, कर्मचारी को नौकरी के हर वर्ष के एवज में, आधे महीने की सैलरी Gratuity के रूप में मिलती है। लेकिन, यहां यह माना जाता है कि कर्मचारी को पूरे महीने की सैलरी 26 दिन काम करने के बदले मिलती है। Sundays की छुटि्टयां निकाल देने के कारण। इसलिए फॉर्मूले में आधे महीने की सैलरी रखने के लिए 15/30 की बजाय 15/26 का उपयोग किया जाता है।​

ग्रेच्युटी कैलकुलेटर 2023 क्या है?

ग्रेच्युटी कैलकुलेटर एक ऑनलाइन डिजिटल उपकरण है, जिसकी मदद से आप  यह पता कर सकते हैं कि कितने साल नौकरी करने के बाद आपको कुल कितनी ग्रेच्युटी मिलेगी। नीचे दिए गए ग्रेच्यूटी कैलकुलेटर से आप कुछ ही सेकेंड में इसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं-

ग्रेच्युटी एक्ट में न आने वाले कर्मचारियों के लिए गणना का फॉर्मूला 

अगर कंपनी या संस्थान Gratuity Act के तहत रजिस्टर्ड नहीं है तो भी वह चाहे तो अपने कर्मचारी को ग्रेच्युटी दे सकता है। लेकिन ऐसी स्थिति में Gratuity तय करने का फॉर्मूला थोड़ा अलग होगा। ऐसे कर्मचारियों के लिए महीने भर काम करने के दिनों की संख्या 30 दिन मानी जाएगी, 26 नहीं।

तब ग्रेच्युटी की गणना का फॉर्मूला होगा—

ग्रेच्युटी = अंतिम सैलरी* नौकरी के वर्ष * 15/30

लेकिन, अतिरिक्त महीनों को गणना में शामिल नहीं करेंगे

ऐसे कर्मचारियों की ग्रेच्युटी की गणना में सैलरी के रूप में, सिर्फ वही वर्ष गिने जाएंगे जो कि पूरे हो चुके हैं। पूर्ण वर्षों के अलावा, जो अतिरिक्त महीने नौकरी की होगी, उनको नहीं गिना जाएगा। हालांकि सैलरी के रूप में यहां भी सिर्फ मूल वेतन, महंगाई भत्ता और कमीशन शामिल किए जाएंगे।

उदाहरण के लिए, किसी कर्मचारी की नौकरी को 20 साल 10 महीने हुए हैं। यहां पर गणना में सिर्फ 20 साल शामिल किए जाएंगेे, 10 महीनों को छोड़ दिया जाएगा। इस तरह नौकरी के वर्ष 20 माने जाएंगे, 21 नहीं।

इस फॉर्मूले के हिसाब से ग्रेच्युटी होगी-

अंतिम सैलरी* नौकरी के वर्ष * 15/30

30,000 * 10* 15/30 = 1.50 लाख रुपए

मतलब यह कि उस कर्मचारी को कुल 1 लाख 50 हजार रुपए ग्रेच्युटी के रूप में मिलने चाहिए।

नियोक्ता चाहे तो अधिक भी दे सकता है ग्रेच्युटी

ग्रेच्युटी कम से कम कितनी मिलेगी, इसे तय करने के लिए तो फॉर्मूला है। लेकिन अधिक देने के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है। नियोक्ता चाहे तो इससे अधिक भी ग्रेच्युटी दे सकता है। हालांंकि, नियम के मुताबिक अधिकतम 20 लाख रुपए से अधिक ग्रेच्युटी नहीं दी जा सकती।

गणना के लिए ग्रेच्युटी कैलकुलेटर की ले सकते हैं मदद

ग्रेज्युटी की गणना के लिए भारत सरकार के इनकम टैक्स विभाग ने एक Online Gratuity Calculator की सुविधा भी दे रखी है। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप इसका प्रयोग कर सकते हैं— https://www.incometaxindia.gov.in/Pages/tools/Gratuity-calculator.aspx

सीजनल काम वाली कंपनियों के कर्मचारियों को आधी ग्रेच्युटी

जिन कंपनियों में पूरे साल भर काम नहीं चलता, उनके कर्मचारियों को कम ग्रेच्युटी मिलती है। उन्हें हर साल के लिए सिर्फ 7 दिन की सैलरी के बराबर ग्रेच्युटी मिलती है। ये सामान्य कर्मचारियों को प्रतिवर्ष 15 दिन की सैलरी के मुकाबले आधे से भी कम पड़ती है। उनके लिए ग्रेच्युटी की गणना करते वक्त जो फॉर्मूला लगाएंगे, उसमें 15 की बजाय 7 रखकर, मिलने वाली रकम पता की जा सकती है।

कर्मचारी की मौत पर ग्रेच्युटी की गणना का तरीका अलग होता है

नौकरी के दौरान किसी कर्मचारी की मौत होने पर Gratuity तय करने का फॉर्मूला अलग होता है। ऐसे मामले में Gratuity उसकी सेवा अवधि और मूल वेतन (Basic Pay) के आधार पर बनती है। नीचे दी गई टेबल से आप इस तथ्य को आसानी से समझ सकते हैं—

नौकरी की अवधिग्रेच्युटी की मात्रा
1 साल से कम नौकरी होने परbasic pay का कम से कम 2 गुना ग्रेच्युटी मिलेगी
1 साल या अधिक, लेकिन 5 साल से कम नौकरी होने परbasic pay का कम से कम 6 गुना 2 गुना ग्रेच्युटी मिलेगी
5 साल या अधिक, लेकिन 11 साल से कम नौकरी होने परbasic pay का कम से कम 12 गुना 2 गुना ग्रेच्युटी मिलेगी
11 साल या अधिक, लेकिन 20 साल से कम नौकरी होने परbasic pay का कम से कम 20 गुना 2 गुना ग्रेच्युटी मिलेगी
20 साल या अधिक नौकरी होने परहर छह महीने की नौकरी के एवज में आधे महीने सैलरी के हिसाब से कुल ग्रेच्युटी बनेगी। लेकिन यह शर्त भी होती है कि, सैलरी से 33 गुना से ज्यादा नहीं हो सकती।

अधिकतम कितनी ग्रेच्युटी मिल सकती है

वर्तमान ग्रेच्युटी नियमों के मुताबिक किसी कर्मचारी को अधिकतम 20 लाख रुपए तक ही Gratuity मिल सकती है। भले ही कर्मचारी की तनख्वाह (salary) या सेवा अवधि (service tenure) कितनी भी अधिक रही हो, उसे 20 लाख रुपए से अधिक ग्रेच्युटी नही दी जा सकती। 29 मार्च 2018 के बाद से यह लिमिट लागू है। इसके पहले अधिकतम ग्रेच्युटी की लिमिट 10 लाख रुपए थी, जिसे बढ़ाकर 20 लाख तक कर दिया गया है। 

ग्रेच्युटी एक्ट किस पर लागू होता है? ग्रेच्युटी एक्ट उन सभी कंपनियों और संस्थानों पर लागू होता है, जहां पर 10 या इससे अधिक कर्मचारी काम करते हों। सभी तरह की फैक्टरियों, खानों (mines), ऑयल फील्ड्स, प्लांटेशन, बंदरगाहों, रेलवे, मोटर परिवहन, कंपनियों, दुकानों और प्रतिष्ठानों (establishments) पर यह नियम लागू होता है।

ग्रच्युटी पर टैक्स छूट कितनी मिलती है? 

वर्तमान में 20 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी पर टैक्स छूट लागू कर दी है।  29 मार्च 2018 के बाद रिटायर होने वाले या नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारियों को इस टैक्स छूट का लाभ मिल सकता है। इसके पहले तक 10 लाख रुपए की ग्रेच्युटी को ही टैक्स फ्री रखा गया था। 8 मार्च 2019 को एक अधिसूचना (Notification) जारी करके, सरकार ने टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख तक की ग्रेच्युटी पर लागू कर दिया है। Income Tax Act के  Section 10(10) के तहत, यह टैक्स छूट मिलती है। 

फॉर्मूले से ज्यादा ग्रेच्युटी मिली है तो अतिरिक्त रकम पर टैक्स लगेगा

अगर किसी कर्मचारी को दी जाने वाली रकम उस पर लागू ग्रेच्युटी फॉर्मूला से अधिक है तो फिर अतिरिक्त ग्रेच्युटी रकम को अपनी टैक्स गणना में शामिल करना होगा। भले ही उसे 20 लाख रुपए से कम ग्रेच्युटी मिली हो। उदाहरण के लिए, किसी कर्मचारी को ग्रेच्युटी फॉर्मूले के मुताबिक 11 लाख 20 हजार रुपए ग्रेच्यूटी बनती है। लेकिन कंपनी ने उसे 15 लाख रुपए ग्रेच्युटी के रूप में दे दिए। तो फिर इसे फॉर्मूला से ज्यादा मिले 3 लाख 80 हजार रुपए पर टैक्स की गणना करनी होगी। हालांकि, ऐसा होता बहुत कम है।

ग्रेच्युटी एक्ट से बाहर के कर्मचारियों को टैक्स छूट सिर्फ 10 लाख पर

लेकिन जिन कंपनियों में इससे कम कर्मचारी काम करते हैं और वे ग्रेच्युटी एक्ट के तहत नहीं आती है, वे भी चाहें तो अपने कर्मचारियों को ग्रेच्युटी दे सकते हैं। लेकिन,, ग्रेच्युटी एक्ट के बाहर वाले ऐसे कर्मचारियों को टैक्स छूट सिर्फ 10 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी पर मिल सकती है। उन्हें 20 लाख तक की ग्रेच्युटी पर टैक्स छूट का फायदा नहीं मिल सकता।

20 लाख रुपए की ग्रेच्युटी पर टैक्स छूट का फायदा सिर्फ उन कर्मचारियों को मिलता है, जोकि ऐसी कंपनी या संस्थान में काम करते हो, जिन पर सरकार का ग्रेच्युटी एक्ट लागू होता है। 

एक बार ग्रेच्युटी एक्ट लागू होने के बाद, बाहर नहीं हो सकती कंपनी

जी हां! यह बात जरूर ध्यान में रखें कि एक बार किसी कंपनी या संस्थान पर ग्रेच्यूटी एक्ट लागू होने के बाद, आगे कभी कर्मचारियों की संख्या कम होने पर भी Gratuity को खत्म नहीं किया जा सकता। भले ही उसके कर्मचारी घटकर 10 से भी कम हो जाएं, उसे ग्रेच्युटी के नियमों का पालन करना होगा।


तो दोस्तों ये थी ग्रेच्युटी निकालने के फॉर्मूला और गणना करने के तरीके की जानकारी। रुपयों-पैसों से जुड़ी अन्य उपयोगी जानकारियों के लिए देखें हमारे लेख-

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