किसी बड़ी बीमारी या गंभीर स्वास्थ्य समस्या के सामने आने पर, Health Insurance आपको मुश्किलों से बचाता है। बीमा कंपनी आपके इलाज का बड़ा खर्च भर देती है और आपको अचानक बड़ी आर्थिक समस्या से जूझना नहीं पड़ता। Health Insurance पॉलिसी के लिए जो पैसा आप खर्च करते हैं, उस पर सरकार टैक्स छूट भी देती है। न सिर्फ खुद की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर, बल्कि परिवार के सदस्यों के हेल्थ इंश्योरेंस पर भी यह टैक्स छूट मिलती है। यह टैक्स छूट आपको इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80 D की मदद से मिलती है।
इस लेख में हम बताएंगे कि सेक्शन 80 D क्या होता है? इससे आपको कितनी टैक्स छूट मिलेगी? What is Section 80D in Hindi? How to save Tax with the help of Section 80D?
सेक्शन 80D क्या होता है?
भारत में किसी की आमदनी पर कितना इनकम टैक्स लगेगा और कितनी टैक्स छूट मिलेगी, इसका पूरा विवरण इनकम टैक्स ऐक्ट में दिया गया है। इस ऐक्ट का सेक्शन 80D ऐसा टैक्स कानून है, जोकि किसी व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) या परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य बीमा पर टैक्स छूट लेने का अधिकार देता है।
इसकी मदद से आप हर साल 25 हजार रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक के स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर टैक्स छूट ले सकते हैं। इसके नियम इस प्रकार हैं-
नियम 1: अपने परिवार में जो लोग 60 वर्ष से कम उम्र के हैं, उनके लिए 25,000 तक के प्रीमियम भुगतान पर टैक्स छूट ले सकते हैं। बीमा प्रीमियम 25 हजार से कम का है, तो उसमें हेल्थ चेकअप वगैरह (preventive health checkup) के खर्चों को भी शामिल कर सकते हैं।
नियम 2: अगर आपके माता-पिता (दोनों यो कोई एक भी) 60 वर्ष से अधिक उम्र के हैं तो अधिकतम ₹50000 तक के स्वास्थ्य खर्चों पर टैक्स छूट मिल सकती है। हेल्थ बीमा प्रीमियम की रकम 50 हजार से कम पड़ने पर, उसमें हेल्थ चेकअप वगैरह के 5000 तक के खर्चों को शामिल कर सकते हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस के लाभार्थी | 60 वर्ष से कम उम्र होने पर | 60 वर्ष से अधिक उम्र होने पर |
खुद,पति/पत्नी और बच्चे(Self, Spouse and Children) | 25,000 तक के बीमा प्रीमियम पर छूट | 50,000 तक के बीमा प्रीमियम पर छूट |
माता-पिता (Parents) | 25,000 तक के बीमा प्रीमियम पर छूट | 50,000 तक के बीमा प्रीमियम पर छूट |
हेल्थ चेक अप के मामलों में ध्यान दें: अगर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों के प्रीमियम का कुल भुगतान आपके लिए निर्धारित अधिकतम टैक्स कटौती से कम है, तो आप उसमें ₹5000 का हेल्थ चेकअप वगैरह पर आए खर्चे कम) भी शामिल कर सकते हैं। लेकिन अगर हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान अधिकतम टैक्स कटौती की सीमा से अधिक हैं तो फिर हेल्थ चेक अप वगैरह के खर्चें इसमें शामिल नहीं कर सकते।
80 वर्ष से अधिक उम्र वाले सदस्यों का इलाज खर्च भी कर सकते हैं शामिल
बीमा कंपनियां सामान्यतः 80 वर्ष से अधिक उम्र वालों को स्वास्थ्य बीमा (health insurance) उपलब्ध नहीं कराती। इसलिए ऐसे लोगों के इलाज पर 50 हजार तक के खर्च को भी सेक्शन 80d के तहत टैक्स छूट में शामिल करने की छूट दी गई है।
आपके परिवार को कितनी टैक्स छूट मिल सकती है?
ऊपर बताए गए नियमों के तहत, आपके लिए Health Insurance प्रीमियम पर टैक्स छूट की लिमिट निम्नलिखित प्रकार से अलग-अलग हो सकती है –
जीवन बीमा प्रीमियम पर खर्च का प्रकार | सेक्शन 80d के तहत कुल संभव टैक्स छूट |
60 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति+ पति या पत्नी+आश्रित बच्चों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम भुगतान | कुल 25,000 रुपए : सिर्फ अपने व परिवार के जीवन हेल्थ इंश्योरेंस पर |
60 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति+ पति या पत्नी+ आश्रित बच्चों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम भुगतान +60 वर्ष से कम उम्र के माता-पिता के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान | कुल 50000 रुपए (25 हजार अपने व परिवार के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर+25 हजार रुपए, माता-पिता के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम वाले) |
60 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति+ पति या पत्नी+ आश्रित बच्चों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम भुगतान +60 वर्ष से अधिक उम्र के माता-पिता के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान | कुल 75 000 रुपए (25 हजार रुपए, अपने व परिवार के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर+50 हजार माता-पिता के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर |
60 वर्ष से अधिक उम्र वाले व्यक्ति+पति या पत्नी+आश्रित बच्चों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम भुगतान +60 वर्ष से अधिक उम्र के माता-पिता के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान | कुल 1 लाख रुपए तक (50 हजार रुपए, अपने व परिवार के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर+50 हजार रुपए , माता-पिता के ल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर) |
सेक्शन 80D की टैक्स छूट में शामिल नहीं होते ये पेमेंट
सेक्शन 80d के तहत निम्नलिखित तरीकों से किए गए भुगतान ओं को शामिल नहीं किया जा सकता-
- अगर हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम या मेडिकल खर्चों का भुगतान नगद (Cash) किया जाता है तो उसे सेक्शन 80d के तहत टैक्स कटौती में शामिल नहीं कर सकते।
- दादा दादी, भाई बहन, रिश्तेदार (relative) और खुद कमाने वाले बेटे और बेटियों के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम या मेडिकल खर्चों का भुगतान सेक्शन 80d के तहत टैक्स कटौती में शामिल नहीं कर सकते।
- कर्मचारियों के लिए, कंपनी की ओर से सामूहिक स्वास्थ्य बीमा (Group health insurance) के प्रीमियम के भुगतान को भी सेक्शन 80d के तहत टैक्स कटौती में शामिल नहीं कर सकते।
इलाज पर हुए खर्चों पर अलग नियमों से मिलती है टैक्स छूट
अब हम कुछ ऐसे ऐसे नियमों से भी आपका परिचय करा देते हैं, जोकि स्वास्थ्य़ संबंधी खर्चों पर टैक्स छूट लेने के लिए बनाए गए हैं। ध्यान रखें कि सेक्शन 80 D सिर्फ Health Insurance प्रीमियम पर टैक्स छूट के लिए होता है, जबकि अन्य सेक्शन आपको इलाज, हेल्थ चेकअप वगैरह पर टैक्स छूट के लिए हैं।
सेक्शन 80DDB
इस नियम के तहत, वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens) को कुछ विशेष प्रकार की गंभीर बीमारियों के इलाज में खर्च पर टैक्स छूट Section 80DDB के तहत मिलती है। उम्र के हिसाब से इस टैक्स छूट की लिमिट इस प्रकार है-
- 60 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों के लिए- 60,000
- 80 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों के लिए- 80,000
अगर किसी परिवार में, दोनों उम्र कैटेगरी वाले लोग शामिल हैं तो, इस नियम की मदद से, कुल 140000 रुपए के खर्च पर टैक्स छूट का फायदा लिया जा सकता है।
सेक्शन 80DD
इस नियम की मदद से, परिवार के विकलांग सदस्य (dependents with any disability) के इलाज पर हुए 75,000 रुपए तक के इलाज खर्च पर टैक्स छूट ले सकते हैं। इस टैक्स छूट में, परिवार के सदस्यों के नर्सिंग, ट्रेनिंग, मेडिकल ट्रीटमेंट, रिहैबिलिटाइजेशन वगैरह पर हुए खर्चों को शामिल कर सकते हैं। परिवार के सदस्यों को गंभीर बीमारी होने पर, उनके इलाज के 1.25 लाख रुपए तक के खर्चों पर यह टैक्स छूट ली जा सकती है।
सेक्शन 80U
इस नियम के तहत, कोई विकलांग व्यक्ति, खुद भी अपने इलाज पर 75000 रुपए तक के खर्च पर टैक्स छूट ले सकता है। गंभीर बीमारी के इलाज पर 1.25 लाख रुपए तक के खर्च पर टैक्स छूट ली जा सकती है।
सेक्शन 17
इससे, किसी कंपनी की ओर से, कर्मचारी के इलाज या कर्मचारी के परिवार के सदस्यों के इलाज पर हुए खर्च पर टैक्स छूट मिलती है। Section 17 की मदद से ऐसे अधिकतम 15 हजार रुपए तक के खर्चों पर टैक्स छूट ली जा सकती है। ये खर्च कर्मचारी की सैलरी से काटकर दिया जाता है, इसलिए इस पर टैक्स छूट भी कर्मचारी ही ले सकता है। तो दोस्तों ये थी इनकम टैक्स ऐक्ट के Section 80D के तहत, हेल्थ इंश्योरेंस या मेडिकल इंश्योरेंस पर मिलने वाली टैक्स छूट की जानकारी। टैक्स, सेविंग और रुपयों-पैसों से जुड़ी अन्य उपयोगी जानकारियों के लिए देखें हमारे लेख-