अगर आप कोई प्रोफेशनल कोर्स करना चाहते हैं और उसकी फीस बहुत ज्यादा है, तो आप बैंक. आपकी मदद कर सकते हैं। आप अपनी पढ़ाई के लिए बैंक से Education loan (शिक्षा ऋण) ले सकते हैं। एजुकेशन लोन पर सरकार टैक्स छूट भी देती है। ये टैक्स छूट आपको इनकम टैक्स एक्ट के Section 80E के तहत दी जाती है। इस लेख में हम जानेंगे कि सेक्शन 80E क्या होता है? इसकी मदद से कितनी टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।
What is Section 80E in Hindi? What are the Tax benefits of Education loans in Hindi?
सेक्शन 80 E क्या है?
भारत के इनकम टैक्स एक्ट का Section 80E भारतीय नागरिकों को उच्च शिक्षा (higher studies) के लिए लिए गए Education Loan (शिक्षा ऋण) पर टैक्स छूट लेने का अधिकार देता है। यह टैक्स छूट आपको एजुकेशन लोन के ब्याज वाले हिस्से पर मिलती है। यहां उच्च शिक्षा (higher studies) से मतलब मुख्य रूप से 12 वीं कक्षा के बाद की पढ़ाई के लिए है।
एजुकेशन लोन पर टैक्स छूट कैसे मिलती है?
Section 80E के तहत, टैक्स छूट आपको टैक्स कटौती (deduction) के रास्ते से मिलती है। इसमें आप ब्याज की रकम के बराबर की अपनी आमदनी को अपनी साल भर की आमदनी से बाहर कर देते हैं। बाकी बची आमदनी को टैक्स की गणना में शामिल करेंगे। इससे संबंधित नियम इस प्रकार हैं-
सिर्फ ब्याज वाले हिस्से पर छूट, मूलधन पर नहीं
आप चुकाए गए एजुकेशन लोन की सिर्फ ब्याज (Interest) पर टैक्स छूट ले सकते हैं। मूलधन ( principal amount) वाले हिस्से पर आपको टैक्स कटौती (deduction) का कोई लाभ नहीं मिलता। आपकी ओर से चुकाई गए लोन की किस्त में कितना हिस्सा ब्याज का है और कितना हिस्सा मूलधन का है, इसका पता आप उस लोन अकाउंट का स्टेटमेंट देखकर लगा सकते हैं।
सिर्फ उच्च शिक्षा के लिए लोन पर ही सुविधा
इसमें व्यावसायिक कोर्स (vocational courses ) या रेगुलर कोर्स कोई भी हो सकता है। देश या विदेश (Foreign) कहीं भी आप इस स्तर की शिक्षा प्राप्त करने के लिए ये लोन ले सकते हैं। उदाहण के लिए, मेडिसिन, मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग, अप्लाइड साइंस वगैरह में ग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सों के लिए ये लोन लिया जा सकता है।
कोई अधिकतम छूट की लिमिट नहीं होती
आप 1 लाख रुपए से 20 लाख रुपए तक या इससे भी अधिक मात्रा में एजुकेशन लोन लिया है तो पूरी की पूरी ब्याज पर आप ये टैक्स छूट ले सकते हैं। बस यह लोन उच्च शिक्षा (higher studies) के लिए लिया गया है तभी।
सिर्फ 8 वर्ष तक इस टैक्स कटौती (Deduction) का लाभ मिलता है
जिस साल से आप लोन चुकाना शुरू कर देते हैं, उससे लगातार 8 साल तक, आप एजुकेशन लोन पर deduction का फायदा उठा सकते हैं। लेकिन, अगर आप इसके पहले ही पूरे लोन का भुगतान कर देते हैं तो फिर सिर्फ लोन चुकता होने के अंतिम साल तक ही आपको deduction का फायदा मिल सकेगा। उदाहरण के लिए, आपने लोन 6 छह साल में ही चुकता कर दिया तो। ऐसे में आपको Education Loan से संबंधित tax deduction सिर्फ 6 साल तक ही मिलेगी, 8 साल तक नहीं।
किस्त चुकाने के साथ ही शुरू हो जाती है छूट
जिस साल से आप एजुकेशन लोन की किस्तें भरना शुरू करते हैं, उसी वर्ष से section 80E के तहत deduction का लाभ लेना शुरू कर सकते हैं। अगर आपने लोन लेने वाले वर्ष (year of borrowing) के साल से ही किस्तें चुकाना शुरू कर देते हैं तो उसी साल से deduction का फायदा लेना भी शुरू कर सकते हैं।
एजुकेशन लोन किसके लिए ले सकते हैं?
- आप खुद के लिए, पति या पत्नी के लिए, अपने बेटे-बेटियों के लिए एजुकेशन लोनपर टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं। अपने भाई-बहन, सगे संबंधी या रिश्तेदार के बच्चों के लिए नहीं।
- इस टैक्स छूट का फायदा, माता-पिता और उनकी संतानों को एक साथ भी मिल सकता है। जैसे कि अगर एक ही परिवार में माता-पिता में से किसी एक ने या दोनों ने एजुकेशन लोन ले रखा है। इसके अलावा उनके बेटे या बेटी ने भी एजुकेशन लोन लिया है तो सभी के एजुकेशन लोन पर इस टैक्सछूट का फायदा मिलेगा।
- एजुकेशन लोन में टैक्स छूट का हकदार वही व्यक्ति होगा, जिसके नाम पर education loan मंजूर हुआ होगा। यानी कि आप अपने बच्चे के लिए एजुकेशन लोन अपने नाम से मंजूर कराते हैं तो सिर्फ आपको खुद को एजुकेशन लोन पर टैक्स छूट पाने का अधिकार होगा, आपके बच्चे को नहीं। क्योंकि loan की किस्तें आपको ही चुकानी होती हैं।
HUF और कंपनियों को इस टैक्स छूट का लाभ नहीं
सिर्फ व्यक्तिगत करदाताओं (individuals) को ही सेक्शन 80 ई के तहत, एजुकेशन लोन पर टैक्स छूट मिल सकती है। एचयूएफ (Hindu undivided families) या कंपनियों को यह टैक्स छूट नहीं मिल सकती। किसी रिश्तेदार या मित्र द्वारा लिए गए लोन को भी इस section के तहत टैक्स छूट के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते।
जो व्यक्ति टैक्स चुकाने के लिए जिम्मेदार है, सिर्फ उसके नाम पर लिए गए एजुकेशन लोन पर इस Deduction का लाभ लिया जा सकता है। माता-पिता या बच्चा जो भी एजुकेशन लोन की किस्तें भरता है, इस टैक्स छूट का लाभ सकते हैं।
किस तरह के कोर्स के लिए ले सकते हैं एजुकेशन लोन
आप देश या विदेश में स्थित किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान में higher education के लिए, लिए गए Education loan पर इस टैक्स छूट को पा सकते हैं। इसकी अन्य शर्तें इस प्रकार हैं-
- सिर्फ फुल टाइम graduate Course या post graduate course के लिए Education loan पर ही इस सेक्शन के तहत टैक्स छूट के आप हकदार होते हैं।
- Higher studies में किसी भी तरह का कोर्स इसके दायरे में आता है, भले ही वह कोई Vocational course हो या फिर regular course, बस उसके लिए Education loan मंजूर हुआ होना चाहिए।
- ऐसे संस्थानों की डिग्री भारत में केंद्र या राज्य के अधीन चल रहे school, board or University के कोर्सों के समकक्ष होनी चाहिए।
- इस Education loan में न सिर्फ आपकी tuition या college fees शामिल होती है, बल्कि अन्य संबंधित खर्चे जैसे hostel charges, transport charges आदि भी शामिल किए जाते हैं।
कहां से लिए गए एजुकेशन लोन पर मिलेगी टैक्स छूट
इस टैक्स छूट को पाने के लिए जरूरी है कि आपने Education loan सरकार से मान्यता प्राप्त किसी bank/ financial institution या charitable institution से लिया हो। अपने किसी पारिवारिक सदस्य, मित्र या रिश्तेदार से लिया Education loan इस टैक्स छूट का हकदार नहीं होता।
कितनी मात्रा में लिए गए एजुकेशन लोन पर टैक्स छूट
- किसी एक वित्त वर्ष के दौरान Education Loan के कुल ब्याज के रूप में जमा हुई रकम को अपनी taxable income से घटाने के बाद बची रकम पर ही tax देना होता है। छूट वाली यह रकम किसी भी कीमत पर आपकी कुल taxable income से ज्यादा नहीं हो सकती।
- ये tax Deduction आपको तभी मिल सकता है, जबकि आपने वित्तीय वर्ष के दौरान Education loan के ब्याज के रूप में कोेई रकम बैंक में जमा कर दी है। मान लिया कि आपने किस्ते जमा ही न की हों तो फिर उस वर्ष की टैक्स छूट में इसे शामिल भी नहीं कर सकते हैं।
- आपको अपने एजुकेशन लोन की किस्तों में मूलधन का हिस्सा और ब्याज का हिस्सा अलग-अलग दिखाने के लिए अपने बैंक से इस संबंध में certificate भी लेना होगा।
एजुकेशन पर टैक्स छूट के और भी हैं रास्ते
ये तो रही higher Studies की बात। इसके अलावा आप Section 80C के तहत हायर सेकंडरी यानी इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई पर लगने वाली टयूशन फीस पर भी tax saving के हकदार होते हैं। सेक्शन 80C के तहत कई तरह के खर्च और निवेश पर टैक्स बचाने का मौका मिलता है।