भारत में फिलहाल 5 लाख रुपए तक की सालाना आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगता। नए वित्त वर्ष (2023-24) में इसे बढ़ाकर 7 लाख रुपए तक कर दिया गया है। आपकी सैलरी और बिजनेस आमदनी के अलावा तमाम तरह के निवेशों और खर्चों पर सरकार अलग-अलग नियमों के तहत टैक्स छूट देती है। इस लेख में हमने इनकम टैक्स बचाने के तरीके बताए हैं, जिनका इस्तेमाल करके आप अपनी आमदनी पर ज्यादा से ज्यादा टैक्स बचा सकते हैं।
How to save Income tax? 45 methods in Hindi.
इनकम टैक्स बचाने के तरीके | Methods to Save Income Tax
भारतीय नागरिकों के पास टैक्स बचाने के लिए इस समय मुख्य रूप से, निम्नलिखित तरीके या नियम-कानून मौजूद हैं।
1.सालाना 2.5 लाख रुपए तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगता
इस साल जो लोग इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करेंगे, उन्हें वित्त वर्ष 2022-23 की आमदनी के हिसाब से टैक्स भरना पड़ेगा। उनकी शुरुआती 2.50 लाख तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगता। उसके बाद जैसे-जैसे आपकी इनकम का स्तर ज्यादा होता जाता है, वैसे-वैसे टैक्स रेट बढ़ता जाता है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 60 वर्ष से कम उम्र वाले व्यक्तियों के लिए, इनकम टैक्स स्लैब इस प्रकार है-
आमदनी का स्तर (income tax Slab) | इनकम टैक्स की दर (Rate of income tax) |
0 से 2.5 लाख रुपए के बीच वाले हिस्से पर | Nil (कोई टैक्स नहीं) |
2.5 लाख से 5 लाख रुपए के बीच वाले हिस्से पर | 5% |
5 लाख से 7.50 लाख रुपए के बीच वाले हिस्से पर | 10% |
7.50 लाख से 10 लाख रुपए के बीच वाले हिस्से पर | 15% |
10 लाख से 12.50 लाख के बीच वाले हिस्से पर | 20% |
12.50 लाख से 15 लाख के बीच वाले हिस्से पर | 25% |
15 लाख रुपए से अधिक वाले हिस्से पर | 30% |
2. सैलरी पाने वाले कर्मचारियों को 50 हजार का स्टैंडर्ड डिडक्शन
सरकार ने सभी सैलरी पाने वाले कर्मचारियों को 50 हजार रुपए तक स्टैंडर्ड डिडक्शन लेने की छूट दे रही है। यानी कि अगर आप कर्मचारी हैं तो अपनी साल भर की सैलरी में से 50 हजार रुपए घटा सकते हैं। बाकी बची रकम पर ही इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स गणना करने के लिए इस्तेमाल करेंगे।
उदाहरण के लिए, मोहन की सेलरी 7.50 लाख रुपए सालाना है। तो मोहन अपनी सालाना आमदनी में से पहले 50,000 रुपए Standard Deduction के बाहर निकाल देगा। बाकी बचे 7 लाख रुपयों पर ही वह अपने इनकम टैक्स की गणना करेगा। उसमें भी इनकम टैक्स बचत संबंधी अन्य उपायों को अपनाने का विकल्प भी उसके पास मौजूद होगा।
3. सेक्शन 87a के तहत 12500 रुपए के टैक्स पर रिबेट या माफी
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए घोषित इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से जो भी टैक्स आप पर बनता है, उस पर सरकार, Section 87a के तहत, 12500 रुपए तक का Rebate देती है। रिबेट का मतलब है कि इतना टैक्स बनने के बावजूद माफ हो जाएगा।
इसका सीधा-सीधा मतलब है कि आपको इस साल (वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान) 5 लाख रुपए तक की सालाना आमदनी पर कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा। क्योंकि 5 लाख रुपए तक की आमदनी पर 12500 रुपए तक का टैक्स ही बनता है।
4. कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर टैक्स छूट
आपके नाम पर Company या नियोक्ता की ओर से Employee Provident Funds (EPF) में पैसा जमा किया जाता है। इसमें आपका हिस्सा basic salary का 12% होता है और नियोक्ता का भी इतना ही। इसमें आप अपने हिस्से पर Section 80C के तहत टैक्स छूट ले सकते हैं। इस रकम के ब्याज पर भी Section 80 C के तहत टैक्स से छूट मिलती है।
5. स्वैच्छिक भविष्य निधि ( VPF) पर टैक्स छूट
ईपीएफ में अगर आप चाहें तो अपनी Basic Salary का 12% से ज्यादा भी जमा कर सकते हैं। 12% की अनिवार्य कटौती से अतिरिक्त आप जो भी EPF account में जमा करते हैं उसे voluntary provident fund (VPF) कहा जाता है। इस तरह से VPF में जमा की गई रकम पर भी 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है।
6. लोक भविष्य निधि (PPF) पर टैक्स छूट
ईपीएफ की तरह ही PPF यानी Public Provident Fund है, जिसमें आप बैंक या पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवाकर जमा कर सकते हैं। PPF अकाउंट 15 साल तक चलता है। हर साल कम से कम 500 रुपए जमा करना जरूरी होता है। किसी एक वित्त वर्ष में आप अधिकतम 1.50 लाख रुपए तक जमा कर सकते हैं। इसमें जमा रकम Section 80 C के तहत टैक्स छूट मिलती है। इसकी ब्याज पर भी टैक्स छूट होती है और खाता अवधि पूरी होने के बाद मिलने वाली मेच्योरिटी रकम पर भी टैक्स छूट होती है।
7. जीवन बीमा प्रीमियम (LIC) पर टैक्स छूट
सभी तरह की जीवन बीमा पॉलिसियों पर Tax छूट मिलती है। इसमें टर्म प्लान, ट्रेडिशनल प्लान, ULIP फिर मनी बैंक पॉलिसी आदि कोई भी हो सकती है। ये छूट आपको खुद के लिए ली गई पॉलिसी पर तो मिलती ही है। अपने परिवार के लोगों के लिए ली गई पॉलिसी पर भी मिलती है। लेकिन, परिवार के लोगों की पॉलिसी पर टैक्स छूट तभी मिलेगी, जबकि आप खुद उनका प्रीमियम भर रहे हों।
8. पेंशन स्कीमों पर टैक्स छूट
सरकार pension scheme पर भी टैक्स छूट देती है। राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme) में जमा की गई 1.5 लाख रुपए सालाना तक की रकम Section 80C के तहत टैक्स कटौTax Deduction के योग्य होती है। NPS के अलावा mutual fund की पेंशन स्कीम भी Tax Deduction की हकदार होती हैं।
9. इक्विटी लिन्क्ड सेविंग स्कीम (ELSS) पर टैक्स छूट
ELSS एक तरह का म्यूचुअल फंड फंड होता है इसीलिए इसे टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड भी कहा जाता है। इसमें equity mutual funds की तरह आपका पैसा शेयरों में लगता है। बस फर्क इतना होता है कि ELSS में जमा पैसा तीन साल के लिए लॉक हो जाता है।
10. होम लोन के मूलधन (EMI Principal) पर टैक्स छूट
आपने घर बनवाने के लिए जो Home Loan लिया है उसकी किस्त में जो मूल धन का हिस्सा है, उस पर Section 80C के तहत Tax से छूट मिलती है। Home loan के ब्याज पर भी छूट मिलती है, लेकिन वह सेक्शन 24 के तहत आती है, जिसका उल्लेख नीचे अलग से किया गया है।
11. होमलोन के ब्याज पर टैक्स छूट
इनकम टैक्स के Section 24 के अनुसार आपको Home Loan पर भरे जाने वाले ब्याज में भी छूट मिलती है। Home loan पर ब्याज से House Property से होने वाली Income को घटाने पर बची रकम पर आप टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं। ये Home Loan किसी भी प्रकार का, घर का निर्माण, मरम्मत, खरीद, उच्चीकरण किसी भी उद्देश्य के लिए हो सकता है। यह छूट अधिकतम दो लाख रुपए सालाना रकम तक ही मिलेगी।
12. स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन चार्ज पर टैक्स छूट
घर खरीदने के लिए जो Stamp Duty और Registration Charges आप अदा करते हैं, उसे 80C deduction में शामिल कर सकते हैं।आपने घर होम Loan लेकर खरीदा हो या फिर अपनी पूंजी से, दोनों स्थितियों में यह Tax छूट मिलेगी।
13. इन्फ्रास्ट्रक्चर बांड्स पर टैक्स छूट
इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र से जुड़ी कंपनियां जैसे Infrastructure Development Finance Company और India Infrastructure Finance Company आदि इन्फ्रास्ट्रक्चर बांड जारी करती हैं। इन Bonds पर ये कंपनियां आकर्षक ब्याज अदा करती हैं। इन पर Invest की गई रकम भी Section 80C के तहत Tax छूट के दायरे में आती है।
14. टैक्स सेवर एफडी पर टैक्स छूट
बैंक अपने ग्राहकों को पांच साल की Tax Saving FD उपलब्ध कराते हैं। इनमें जमा की गई आपकी रकम पर Section 80 सी के तहत Tax से छूट मिलती है। यहां यह ध्यान रखें कि छूट सिर्फ मूल राशि पर मिलती है, इस पर मिलने वाले ब्याज पर नहीं।
15. पांच वर्षीय पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट पर टैक्स छूट
पोस्ट ऑफिस में पांच साल के लिए कराई गई एफडी Post Office Time Deposit (POTD) की रकम भी टैक्स छूट के दायरे में होती है। हालाँकि POTD में जमा रकम पर मिलने वाले Interest पर आपको Tax देना पड़ता है।
16. सुकन्या समृद्धि योजना अकाउंट पर टैक्स छूट
केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत खोले गए Account पर भी Section 80C के तहत टैक्स कटौती (Deduction) का फायदा मिलता है। आप Post Office में अपनी 10 साल तक की दो बच्चियों के नाम सुकन्या समृद्धि खाता खोल सकते हैं।
17. नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) पर टैक्स छूट
NSC भी एक post office saving scheme है। इसमें आप 100 रुपए से लेकर 10,000 तक के Certificates पांच साल के लिए खरीद सकते हैं। इन पर जमा रकम पर आप Section 80C के तहत Tax छूट प्राप्त कर सकते हैं। ध्यान रखें, NSC में जमा रकम की ब्याज में Tax छूट नहीं मिलती है।
18. सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम पर टैक्स छूट
आपकी आयु 60 वर्ष से अधिक है तो वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (Senior Citizen Saving Scheme) के तहत बैंक या पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवा सकते हैं। इस एकाउंट में जमा रकम Section 80 C के तहत टैक्स छूट के योग्य होती है। 55 साल के बाद VRS यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले और सेना से retire लोग इस अकाउंट को 60 साल से पहले भी खुलवा सकते हैं।
19. बच्चों की पढ़ाई की फीस पर टैक्स छूट
आप अपने बच्चों की पढ़ाई पर जो Tuition Fees देते हैं, वह भी Section 80C के तहत tax saving के दायरे में आती है। ये छूट स्कूल, कॉलेज या संस्थान में जमा की गई ट्यूशन फीस पर ही मिलती है। अन्य मदों जैसे कि स्मार्ट कक्षा, development fee, रजिस्ट्रेशन फीस आदि पर छूट नहीं मिलती है। यह छूट यह छूट सिर्फ फुल टाइम कोर्सों के लिए दो बच्चों की Study तक ही सीमित होती है।
20. HRA या मकान किराया भत्ता पर टैक्स छूट
अगर आप किराए के मकान में रहते हैं तो कंपनी की ओर से आपको मिलने वाला HRA या House Rent Allowance भी Tax छूट के योग्य होता है। यह आपके निवास संबंधित शहर के मुताबिक Basic Salary का 40 से 50 फीसदी तक हो सकता है। टैक्स में छूट के लिए तीन Conditions की तुलना की जाती है।
HRA के रूप में मिलने वाली रकम, आपकी Salary का 40 प्रतिशत, आपके अदा किए गए किराए से Salary का 10 फीसदी घटाकर। तीनों में जो Amount सबसे कम होगी, उस पर आप Tax से हैछूट प्राप्त कर सकते हैं।
21. मोबाइल और इंटरनेट बिल पर टैक्स छूट
आपको Job के दौरान जो Telephone, मोबाइल, इंटरनेट आदि के लिए खर्च Company की ओर से मिलता है, उस पूरी राशि को आप Tax छूट के लिए claim कर सकते हैं। इस छूट के लिए इन खर्चों को दर्शाने वाला आपका Postpaid Bill ही मान्य होगा।
22. मेडिकल रिएम्बर्समेंट पर टैक्स छूट
कंपनी की ओर से आपके और आपके Family के सदस्यों पर हुए दवाओं और इलाज के खर्च के लिए जो Medical Reimbursement मिलता है, वह भी पूरी तरह Tax छूट के योग्य होता है। इसकी लिमिट 15000 रुपए सालाना तक ही है। आपको Company के HR विभाग में समुचित Bill भी पेश करना होगा।
23.LTA यानी यात्रा खर्च भत्ता पर टैक्स छूट
Company की ओर से आपको मिलने वाला एलटीए Leave Travel Allowance भी पूरी तरह से कर छूट के अंतर्गत आता है। यह कंपनी की ओर से अपने Employee को व उनके Family को छुटि्टयों के दौरान कहीं घूमने जाने का Allowance होता है। ये Allowance चार साल में दो बार के के Tour लिए ही मिल सकता है। जिसकी रसीदें भी आपको पेश करनी होंगी। ध्यान रखें इस मद के अंतर्गत आपके सिर्फ Travelling यानी टिकट का खर्च कंपनी अदा करती है, Tour के दौरान खाने-पीने, ठहरने आदि का खर्च नहीं।
24. मनोरंजन भत्ता पर टैक्स छूट
अगर आप Government कर्मचारी हैं तो मनोरंजन भत्ता (Entertainment Allowance) पर टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं। आपकी Salary सैलरी का पांचवां हिस्सा, Entertainment पर हुआ आपका कुल खर्च या 5 हजार रुपए की राशि, इन तीनों चीजों में से जो भी सबसे कम हो, उस पर आपको यह Tax छूट मिलती है।
25. ट्रांसपोर्ट एलाउंस पर टैक्स छूट
आपको अपने निवास से Office या कार्यस्थल पर आने और कार्यस्थल से Residence तक जाने के लिए कंपनी की तरफ से जो Transport Allowance मिलता है, वह भी Tax छूट के योग्य होती है। आपकी Salary में उल्लिखित Amount पर यह छूट मिलती है जो 1600 रुपए महीने या ₹19,200 से अधिक नहीं हो सकती।
26. यातायात खर्च (Travel allowance) पर टैक्स छूट
ट्रांसपोर्ट भत्ते से अलग ऑफिस संबंधी कामों के लिए आने-जाने का Expense इस मद में आता है। इस मद में मिलने वाली पूरी Amount टैक्स छूट के अंदर आती है। इसकी कोई अधिकतम Limit भी नहीं है।
27. शादी/विवाह/जन्मदिन वगैरह पर मिले गिफ्ट पर टैक्स छूट
शादी-विवाह में दोस्तों और रिश्तेदारों से मिले Gifts पर आपको किसी तरह का टैक्स अदा नहीं करना पड़ता है। बशर्ते ये उपहार उस Date के आसपास मिलने चाहिए, जिस Date को आपकी शादी हो। ऐसा नहीं हो कि शादी 16 मार्च को हो और Gift साल-छह महीने बाद में दिया जाए। हां इन Gifts की कीमत 50,000 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। इससे ज्यादा का होने पर वो Gift भी टैक्स के दायरे में आ जाएगा।
28. बचत खाते की ब्याज पर टैक्स छूट
आपके Saving Account पर 10,000 रुपए तक के सालाना ब्याज पर टैक्स नहीं लगता। अगर यह 10,000 रुपए से ज्यादा है तो अतिरिक्त रकम पर टैक्स देना होगा।- Section 80 TTA के अंतर्गत यह टैक्स छूट मिलती है। 60 साल से अधिक उम्र वाले सीनियर सिटीजन्स को सेविंग अकाउंट पर यह टैक्स छूट 50 हजार रुपए तक की ब्याज पर मिलती है। उन्हें यह टैक्स छूट Section 80 TTB के तहत, मिलती है।
29. एनआरई सेविंग और एफडी का ब्याज
अगर आप NRI हैं तो आपके एनआरई (Non Resident External) एकाउंट पर मिलने वाला ब्याज भी भारत में पूरी तरह टैक्स छूट के तहत आता है। इसमें Saving Account और FD (फिक्स डिपॉजिट) दोनों तरह के खातों का ब्याज शामिल है। NRE Account में जमा राशि पर कोई Tax न लगने के कारण इस पर TDS भी नहीं कटता।
30. खुद का और परिवार के सदस्यों का हेल्थ इंश्योरेंस
आपने खुद के लिए, अपने पति या पत्नी के लिए, अपने बच्चों के लिए अगर Mediclaim Policy ले रखी है तो Section 80D के तहत इसके Premium पर भी टैक्स से छूट मिलती है। यह छूट सामान्य नागरिकों को सालाना 25,000 रुपए तक और Senior Citizen को 50000 रुपए तक के Premium पर मिलती है।
31. गंभीर बीमारी से ग्रस्त का उपचार
अपने Family के किसी Member के के गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने पर उसकी देखभाल में आने वाले 40,000 रुपए तक के खर्च पर टैक्स से छूट ले सकते हैं। बीमार के Senior Citizen होने पर यह छूट 1 लाख रुपए तक और Super Senior Citizen होने पर 80,000 रुपए तक के खर्च पर टैक्स छूट पा सकते हैं। कैंसर, एड्स, डिमेंशिया, पर्किंसन्स, थैलेसीमिया आदि बीमारियां इस श्रेणी में आती हैं। (सेक्शन 80 section 80DDB के तहत)।
32. आश्रित विकलांग की देखभाल
अगर आपके Family का कोई Member विकलांग है तो उसकी देखभाल में आने वाले खर्च को Section 80DD के तहत Tax में छूट के लिए उपयोग कर सकते हैं। TaxPayer के स्वयं विकलांग होने पर इसका फायदा section 80U के तहत लिया जा सकता है। विकलांगों को उनकी आमदनी में भी सामान्य व्यक्ति के मुकाबले ज्यादा सीमा तक छूट मिलती है। Section 80 यू के तहत विकलांगता की गंभीरता या Level के अनुसार पर वह छूट प्राप्त कर सकता है।
33. बच्चों के सेविंग एकाउंट पर टैक्स छूट
अक्सर बच्चे अपने टैलेंट के दम पर प्रतियोगिता या स्टेज परफॉर्मेंस से कुछ रकम इकट्ठा कर लेते हैं। ऐसी आमदनी में से 1500 रुपए तक आप चाइल्ड अर्निंग के रूप में अपनी आय में क्लब करके टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं। इसी आधार पर बच्चों के नाम Saving Account खुलवाने पर सालाना 1500 रुपए तक की जमा रकम और इस पर मिलने वाला ब्याज Tax Free होता है। यह सुविधा सिर्फ दो बच्चों तक ही सीमित होगी। इस तरह आप सालाना कम से कम 3000 रुपए आमदनी पर और Tax से छूट पा सकते हैं। (section 64(1A))
34. एजुकेशन लोन का ब्याज
Higher Study यानी Graduation और Post Graduation लेवल की पढ़ाई के लिए गए Education Loan पर जो ब्याज आप देते हैं, वह टैक्स से छूट प्राप्त होता है। यह किसी भी मात्रा में लिए गए Loan पर लागू होता है। Education Loan आप देश या विदेश में कहीं भी Study के लिए लें, यह छूट आपको मिलती है। ये छूट आप अपने बच्चे, पति/पत्नी या गोद लिए बच्चे के लिए भी प्राप्त कर सकते हैं।
35. एजुकेशनल स्कॉलरशिप
Study या research के लिए मिली Scholarship पर किसी तरह का Tax नहीं लगता। भले ही यह Government की ओर से हो या फिर किसी Private संस्था की ओर से दी गई हो। यह छूट School Level से लेकर College लेवल तक किसी भी स्तर पर लागू होती है।
36. रॉयल्टी और पेटेंट पर टैक्स छूट
रॉयल्टी और पेटेंट पर मिलने वाली रकम Tax से छूट प्राप्त होती है। हालांकि इसकी सीमा 3 लाख रुपए तक ही है। इसके ऊपर Income होने पर Tax Slab के अनुसार टैक्स अदा करना होगा। (सेक्शन 80RRB)
37. चंदा और समाज कल्याण पर टैक्स छूट
अगर आप Social संस्थानों, Political पार्टियों, Scientific व शोध संस्थानों को Charity या Donation में पैसा देते हैं तो भी आपके द्वारा दी गई रकम Tax छूट के योग्य होती है। अलग-अलग मामलों में Section 80G, 80GGA, 80GGC के तहत यह छूट आप पा सकते हैं।
38. ग्रेच्युटी के रूप में मिली रकम
आपने नौकरी के पांच साल पूरे कर लिए हैं तो नौकरी छोड़ने पर मिलने वाली Gratuity की रकम Income Tax छूट की हकदार होती है। Employee की मौत की स्थिति में यह छूट आपकी पत्नी , बच्चे या अन्य आश्रित को भी कुछ शर्तों के साथ मिल सकती है। यह छूट सिर्फ 20 लाख रुपए तक के Amount पर ही मिलेगी और नियमनुसार ग्रैच्युटी होने पर ही।
39. जीवन बीमा क्लेम या मेच्योरिटी राशि पर टैक्स छूट
अगर आपने Life Insurance करवाया है तो आपके Claim या Maturity पर मिलने वाली राशि पूरी तरह Tax छूट की हकदार होती है। शर्त यह है कि उसका प्रीमियम Sum Assured के 10 फीसदी से अधिक न हो। इससे अधिक का Premium होने पर अतिरिक्त रकम पर टैक्स देना होगा। अगर Insurance Policy आपने परिवार के किसी विकलांग या गंभीर बीमारी से ग्रस्त सदस्य के लिए ली है तो प्रीमियम राशि Sum Assured का 15 फीसदी भी हो सकती है।
40. VRS में मिली राशि पर टैक्स छूट
अगर आपने VRS (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लिया है तो आपको मिली 5 लाख रुपए तक की रकम Tax छूट की हकदार है। हालांकि यह सुविधा सिर्फ केवल सरकारी या Public Sector में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए ही है, Private कंपनी के कर्मचारियों के लिए नहीं।
41. विरासत या वसीयत में मिली संपत्ति पर टैक्स छूट
आपको अपने माता-पिता से विरासत में मिली Property, जेवर या Cash पर किसी तरह का Tax नहीं लगता। इसी तरह वसीयत के माध्यम से मिलने वाली Property या Cash रकम भी Tax Free Income मानी जाती है। हां, ऐसी Property से आगे जो कमाई या ब्याज आदि आपको मिलेगा, उस पर Tax Slab के अनुसार टैक्स देना पड़ेगा।
42. कृषि आय (Agriculture Income) पर टैक्स छूट
कृषि भूमि से होने वाली income पर किसी तरह का tax नहीं लगता है। इसमें उससे होने वाली उपज, उससे किराए के रूप में मिलने वाली रकम भी शामिल है। Agricultural Form बनाकर की जाने वाली खेती से प्राप्त Income भी इस छूट की हकदार है।
43. कैपिटल गेन पर नुकसान का समायोजन
आपको कोई संपत्ति, स्टॉक आदि बेचने में जो फायदा होता है वह Capital Gain कहा जाता है। कभी कभी इसमें घाटा भी हो जाता है, इसे Capital Loss कहा जाता है। किसी शेयर से होने वाले short term Capital Loss को दूसरे किसी short term capital gains से समाोजित करके टैक्स बचाया जा सकता है। इसी प्रकार Long Term Capital Loss को लांग Long Term Capital Gain से समायोजित करते हैं।
44.पार्टनरशिप फर्म के रूप में मिला प्रॉफिट
अगर आप किसी Firm में पार्टनर हैं तो Share Of Profit के तौर पर मिला आपका हिस्सा टैक्स देनदारी से Free होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनी पहले ही इस पर Tax दे चुकी होती है। यहां ध्यान रखे कि टैक्स छूट सिर्फ Profit पर है, आपको मिलने वाली Salary पर नहीं।
45. स्टार्ट अप कंपनियों को टैक्स छूट
भारत में स्टार्टअप कंपनियों को न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) को छोड़कर टैक्स में 100% की छूट मिलती है। यह छूट पाने के लिए स्टार्टअप को औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग (DIPP) के साथ रजिस्टर्ड होना चाहिए।