भारत सरकार ने, वित्त वर्ष 2023-24 के लिए, ज्यादातर सभी लघु बचत योजनाओं (Small Saving schemes) की ब्याज दरें बदल दी हैं। लेकिन पीपीएफ अकाउंट स्कीम की ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसकी वर्तमान ब्याज दर 7.1% ही रखी गई है, जोकि अप्रैल 2020 से अब तक लागू है। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान और उसके पहले की तिमाहियों (Quarters) में पीपीएफ अकाउंट की ब्याज दरें निम्नलिखित रही हैं-
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पीपीएफ स्कीम की ब्याज दरें
जुलाई 2023 से सितंबर 2023 तक | 7.1% |
अप्रैल 2023 से जून 2023 तक | 7.1% |
जनवरी 2023 से मार्च 2023 तक | 7.1% |
अक्टूबर 2022 से दिसंबर 2022 तक | 7.1% |
जुलाई 2022 से सितंबर 2022 तक | 7.1% |
अप्रैल 2022 से जून 2022 तक | 7.1% |
जनवरी 2022 से मार्च 2022 तक | 7.1% |
अक्टूबर 2021 से दिसंबर 2021 तक | 7.1% |
जुलाई 2021 से सितंबर 2021 तक | 7.1% |
अप्रैल 2021 से जून 2021 तक | 7.1% |
जनवरी 2021 से मार्च 2021 तक | 7.1% |
अक्टूबर 2020 से दिसंबर 2020 तक | 7.1% |
जुलाई 2020 से सितंबर 2020 तक | 7.1% |
अप्रैल 2020 से जून 2020 तक | 7.1% |
जनवरी 2020 से मार्च 2020 तक | 7.9% |
अक्टूबर 2019 से दिसंबर 2019 तक | 7.9% |
जुलाई 2019 से सितंबर 2019 तक | 7.9% |
अप्रैल 2019 से जून 2019 तक | 8.0% |
जनवरी 2019 से मार्च 2019 तक | 8.0% |
पीपीएफ पर ब्याज की गणना कैसे होती है?
पीपीएफ अकाउंट की ब्याज पता करने के लिए, आपको हर महीने अकाउंट में जमा रकम (5 तारीख के पहले तक) पर अलग-अलग ब्याज की गणना करनी होगी। सभी महीनों के ब्याज को जोड़कर कुल ब्याज निकल आएगी। इसे फिर मार्च के अंत में जोड़कर उस वर्ष का पीपीएफ बैलेंस भी निकाल सकते हैं। कैलकुलेशन की इस प्रक्रिया को और ज्यादा आसानी से समझने के लिए हमने यहां एक कैलकुलेशन टेबल भी दी है।
मान लेते हैं कि आपने 3 जनवरी 2023 को 1000 रुपए से पीपीएफ अकाउंट खुलवाया और हर महीने इसमें एक-एक हजार रुपए जमा कर रहे हैं तो उस पर ब्याज की गणना इस प्रकार होगी।
महीना | जमा | न्यूनतम बैलेंस | ब्याज दर | उस महीने की ब्याज |
January-2023 | 1000 | 1000 | 7.9% | 6.58 |
February-2023 | 1000 | 2000 | 7.9% | 13.17 |
March-2023 | 1000 | 3000 | 7.9% | 19.75 |
कुल ब्याज | 39.50 | |||
वित्त वर्ष 2022-23 के अंत में कुल बैलेंस | 3039.50 |
पीपीएफ ब्याज आपके खाते में कब पहुंचता है?
- PPF स्कीम की जो ब्याज दर घोषित की जाती है, वह साल भर की ब्याज होती है। सालाना ब्याज दर (annual interest rate) को 12 से भाग देकर मासिक ब्याज (monthly interest rate) निकालते हैं और गणना करते हैं।
- हर महीने के बैलेंस पर, हर महीने का ब्याज अलग-अलग निकाल लिया जाता है। लेकिन इसका भुगतान (Payment) वित्तीय वर्ष के अंत में होता है। यानी कि ब्याज आपकी जमा में शामिल, 31 मार्च के बाद होगी।
- यहीं कारण है कि Financial year के दौरान आपके Account में सिर्फ आपकी ओर से जमा रकम ( amount) ही दिखती है। मार्च के बाद ब्याज जुड़ जाने पर Balance में एकमुश्त Change आता है। यही प्रक्रिया आगे के वर्षों में जारी रहती है।
PPF अकाउंट की ब्याज पर मिलती है टैक्स छूट
PPF account आपको टैक्स बचत के पूरे फायदे देता है। इसमें investment की गई रकम, उस पर मिलने वाला ब्याज और परिपक्वता राशि (maturity amount) सब कुछ पूरी तरह Tax Free होता है। इसकी तुलना में NSC और tax saving FD पर मिलने वाला ब्याज taxable होता है।
और हां, PPF account आपको Income Tax Act के section 80C के तहत मिलने वाले tax benefit भी देता है। section 80C की मदद से कुछ investment ऐसी श्रेणी में रखे गए हैं, जिनमें लगाया गया पैसे पर tax deduction लागू किया जा सकता है। इनके निवेश की गई रकम को आपकी taxable income से निकाल दिया जाता है। इससे आपकी टैक्स देनदारी (total tax liability) अपने आप कम हो जाती है।
एक बात और जान लें कि अगर आपने 15 साल से पहले पीपीएफ खाते को बंद कराया तो ब्याज की दर एक प्रतिशत घट जाएगी। वैसे पीपीएफ खाते को वक्त से पहले बंद कराने के लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होती हैं।
क्या पोस्ट ऑफिस पीपीएफ पर बैंक से ज्यादा ब्याज मिलती है?
पीपीएफ अकाउट स्कीम भारत सरकार की बचत योजना है। सरकार ही इसकी ब्याज दर तय करती है और सरकार ही इसमें पैसे जमा करने, निकालने और टैक्स छूट के नियम बनाती है। इसीलिए Post Office पीपीएफ स्कीम की ब्याज दर और बैंकों में पीपीएफ स्कीम की ब्याज दरें हमेशा एक जैसी रहती हैं। कोई भी सरकारी या प्राइवेट बैंक, अपनी तरफ से पीपीएफ स्कीम की ब्याज दर में न तो कमी कर सकता है और न बढ़ोतरी कर सकता है।
पीपीएफ अकाउंट की अन्य विशेषताएं
न्यूनतम व अधिकतम जमा: पीपीएफ अकाउंट 15 साल के लिए खुलता है। पोस्ट ऑफिस या बैंक में कम से कम ₹500 जमा करके इसका खाता खुलवाया जा सकता है। बाद में भी, हर साल कम से कम ₹500 जमा करना अनिवार्य है। किसी एक साल के दौरान अधिकतम डेढ़ लाख रुपए तक जमा किए जा सकते हैं।
खाता खोलने की योग्यता: कोई भी वयस्क भारतीय नागरिक पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकता है। बच्चों या मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति के लिए भी उसके अभिभावक (Guardian) की ओर से खाता खोला जा सकता है।
बीच में पैसा निकालने की सुविधा: 2 साल के बाद पीपीएफ अकाउंट से लोन लेने की सुविधा शुरू हो जाती है, जबकि 5 साल बाद आंशिक निकासी (partial withdrawal) की सुविधा शुरू हो जाती है।
खाता-विस्तार : 15 साल की मैच्योरिटी पूरी होने के बाद भी अगले 5 साल के लिए पीपीएफ अकाउंट का विस्तार (extension) कराया जा सकता है। उसके बाद भी 5-5 साल के लिए, चाहे जितनी बार अकाउंट का विस्तार करा सकते हैं।
टैक्स छूट: पीपीएफ अकाउंट में जमा पर सेक्शन 80c के तहत टैक्स छूट मिलती है। इसकी ब्याज और मेच्योरिटी के बाद मिलने वाली रकम पर टैक्स नहीं लगता।