आपको मिलने वाली कुछ छुट्टियां ऐसी होती हैं, जिनके न लेने पर आप उनके बदले में Leave Encashment ले सकते हैं। ये लीव एनकैशमेंट नौकरी के दौरान भी प्राप्त किया जा सकता है और रिटायरमेंट के बाद भी। बहुत से लोग अपने कई वर्षों की छुट्टियां बचाकर रखते हैं और रिटायरमेंट पर लीव एनकैशमेंट के रूप में हजारों या लाखों की एकमुश्त रकम प्राप्त करते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि लीव एनकैशमेंट क्या होता है? इस पर टैक्स छूट कितनी मिलती है? What is leave Encashment in Hindi?
लीव एनकैशमेंट क्या होता है?
Leave Encashment का हिंदी में मतलब होता है- अवकाश नकदीकरण। नौकरी के दौरान कुछ छुट्टियां ऐसी होती हैं, जिन्हें न ले पाने पर, उनके बदले में पैसा लिया जा सकता है। इस सुविधा को leave Encashment कहते हैं। कंपनियां अपने कर्मचारियों में, काम के प्रति लगाव बनाए रखने और ज्यादा छुट्टियां न लेने को प्रोत्साहित करने के लिए leave encashment की सुविधा देती हैं। क्योंकि Leave encashment, सामान्य मेहनताने की तुलना में, सस्ता भी पड़ता है, क्योंकि, इसके लिए उसे सिर्फ Basic Salary और DA का भुगतान करना पड़ता है।
हर साल की 30 छुट्टियों का लीव एनकैशमेंट करा सकते हैं: कंपनियां, सामान्यत: एक साल के लिए अधिकतम 30 छुटि्टयों का Leave Encashment कराने का नियम रखती हैं। सरकार भी, प्रत्येक वर्ष के लिए अधिकतम 30 छुटि्टयों के Leave Encashment पर टैक्स छूट देती है। leave encashment आप हर साल बीतने के बाद भी ले सकते हैं या फिर एकमुश्त, कंपनी छोड़ते वक्त भी ले सकते हैं।
गणना में सिर्फ बेसिक सैलरी और DA को शामिल करें: Leave Encashment का भुगतान, कर्मचारी की सैलरी के हिसाब से होता है। लेकिन, इसकी गणना के लिए, सिर्फ मूल वेतन (Basic Salary) बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता (DA) को शामिल किया जाता है।
कुछ कंपनियां लीव एनकैशमेंट पॉलिसी भी खरीदती हैं: कुछ कंपनियां तो, कुछ खास कर्मचारियों के लिए leave encashment policies तक खरीदती हैं। ऐसी पॉलिसी, उस कर्मचारी के रिटायर होने या कंपनी छोड़ते समय leave encashment की पूरी रकम के भुगतान का ठेका लेती हैं।
लेकिन, कानूनन अनिवार्य नहीं है लीव एनकैशमेंट : जीहां, leave encashment के लिए कोई अलग से सरकारी कानून नहीं है। यानी कि leave encashment न देने के लिए आप कंपनी पर कोई केस नहीं कर सकते। ये, सिर्फ उस कंपनी पर निर्भर है कि वह अपने कर्मचारियों को leave encashment की सुविधा दे या न दे।
किस तरह की छुटि्टयों के लिए मिलता है लीव एनकैशमेंट
कर्मचारियो को जॉब के दौरान कई तरह की छुटि्टयां मिलती हैं, जैसे कि, Sick Leave, Casual Leave, Earned/Privilege leave, वगैरह। इनमें से मुख्यत: earned leave (EL) या privilege leave (PL) ही leave encashment के योग्य मानी गई हैं। कुछ कंपनियों में, कुछ अन्य तरह की छुटि्टयों को भी leave encashment के लिए इस्तेमाल की इजाजत होती है। इस तथ्य को आसानी से समझने के लिए, नीचे हम एक टेबल दे रहे हैं—
छुट्टी का प्रकार| Type of leave | leave encashment की संभावना |
Casual Leave (CL)| आकस्मिक अवकाश | सामान्यत: इन्हें leave encashment के लिए योग्य नहीं माना जाता। लेकिन कंपनी चाहे तो इन्हें carry forward या leave encashment करने की सुविधा लागू कर सकती है। |
Earned Leave (EL)/Privilege Leave (EL/PL)| अर्जित अवकाश कुछ दिनों तक काम करने के बदले में, कंपनियां अपने कर्मचारियों को एक निश्चित अनुपात में छुटि्टयां लेने की सुविधा देती हैं। इन्हें अर्जित अवकाश (EL/PL) कहते हैं। | इन्हें encash कराया जा सकता है। लेकिन, हर कंपनी इनके लिए अपने हिसाब से नियम व शर्तें तय कर सकती है। |
Medical Leave| चिकित्सा अवकाश | leave encashment के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते। |
Maternity Leave| मातृत्व अवकाश | leave encashment के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते। |
Paternity Leave| पितृत्व अवकाश | leave encashment के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते। |
Sabbatical Leave| अध्ययन अवकाश अपने कार्यक्षेत्र में, और अधिक विशेषज्ञता हासिल करने के लिए, यह अवकाश लेने का अधिकार होता है। | leave encashment के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते। |
Quarantine Leave | पृथकवास छुट्टी | leave encashment के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते। |
Holidays | निर्बाध अवकाश | इन पर कंपनी चाहे तो leave encashment की सुविधा दे सकती है। |
Half pay Leave | अर्ध वेतन अवकाश | यह उस सरकारी कंपनी पर निर्भर करता है कि वह leave encashment की सुविधा दे या न दे। |
लीव एनकैशमेंट पर टैक्स छूट कैसे और कितनी मिलती है?
लीव एनकैशमेंट की रकम पर टैक्स छूट, दो तथ्यों पर निर्भर करती है। पहला यह कि, आप Leave Encashment नौकरी जारी रखते हुए (during service) करवा रहे हैं, या नौकरी छोड़ने के बाद (after service)। दूसरा यह कि आप सरकारी कर्मचारी हैं (government employee) या प्राइवेट कर्मचारी (private employee)। लीव एनकैशमेंट पर टैक्स छूट के नियम इस प्रकार हैं—
नौकरी के दौरान लीव एनकैशमेंट कराने पर टैक्स की गणना होगी
नौकरी जारी रहने के दौरान, Leave encashment करवाने पर जो पैसा मिलता है उसे वेतन के रूप में मिली आमदनी (income from salary) के रूप में माना जाता है। आपके ऊपर लागू, Income Tax Slab के हिसाब से, टैक्स गणना में इसे शामिल किया जाएगा। टैक्स स्लैब के हिसाब से, अगर आपकी आमदनी पर टैक्स देनदारी बनती है, तो उसका भुगतान करना होगा। सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के कर्मचारियों पर यह नियम लागू होता है।
अगर आपको leave encashment का पैसा, बाद के किसी साल में मिलता है, और उस साल आप higher tax slab में आ गए हैं, तो भी leave encashment पर पहले की तरह, टैक्स छूट लागू होगी। यानी कि आपके leave encashment से मिली रकम पर टैक्स गणना उसी साल के हिसाब उसे होगी, जबकि आप lower tax slab में आते थे। इनकम टैक्स एक्ट के Section 89 के तहत कर्मचारियों को यह राहत दी गई है।
नौकरी के बाद, लीव एनकैशमेंट कराने पर टैक्स छूट भी मिलती है
रिटायरमें या इस्तीफा देने के बाद Leave encashment पर टैक्स छूट के नियम, कर्मचारी के सरकारी या प्राइवेट होने पर निर्भर करते हैं—
- अगर आप सरकारी कर्मचारी (केंद्रीय या राज्य के) हैं तो retirement या resignation पर Leaves encashment के बदले मिली पूरी रकम पर टैक्स छूट मिलेगी।
- अगर आप प्राइवेट कर्मचारी हैं तो leave encashment के बदले मिली रकम, पर Section 10(10AA) के तहत टैक्स छूट मिलेगी। Section 10(10AA) के अनुसार, आपको नीचे दिए गए, चार विकल्पों में से जो भी सबसे कम रकम होगी, उस पर आपको इनकम टैक्स से छूट मिलेगी (अगले पैराग्राफ में उदाहरण देकर भी समझाया गया है)—
- छूटी हुईं कुल EL/PL के बदले मिलने योग्य रकम
- पिछले दस महीनों की सैलरी (basic+DA)
- लीव एनकैशमेंट के बदले मिली वास्तविक रकम
- तीन लाख रुपए (सरकार की ओर से निर्धारित सीमा)
कर्मचारी की मृत्यु होने पर, उसके कानूनी उत्तराधिकारियों (nominees or legal heirs) को जो Leave encashment की रकम मिलती है, उस पर पूरी की पूरी टैक्स छूट मिलती है। सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टरों पर यह नियम लागू होगा।
लीव एनकैशमेंट पर टैक्स छूट की गणना का उदाहरण
मान लिया कि प्रशांत, एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है। उसका मासिक वेतन 20 हजार रुपए ( basic + DA) है। उसे हर साल 45 EL (earned leaves=अर्जित अवकाश) लेने का अधिकार है।
अब मान लेते हैं, कि प्रशांत 10 साल नौकरी करने के बाद पिछले 10 सालों की EL का लीव एनकैशमेंट कराता है। 10 साल में उसे कुल 450 ईएल लेने का अधिकार बनता है।
हम मान लेते हैं कि इनमें से 90 EL उसने इस्तेमाल कर ली थीं और 360 बची रह गई थीं। यानी कि कुल 12 महीने के बराबर की बची हुई छुटि्टयों के लिए वह leave Encashment का आवेदन करेगा। इसके लिए उसे मिलने चाहिए 2.40 लाख रुपए।
मान लिया कंपनी उसे Leave Encahment के रूप में 2.5 लाख रुपए देती है। (ग्रेच्युटी या लीव एनकैशमेंट पर कंपनी चाहे तो, अपने अच्छे कर्मचारियों को कुछ ज्यादा रकम भी दे सकती है।)
अब प्रशांत के Leave Encashment पर टैक्स छूट की सीमा इस प्रकार तय होगी—
प्रशांत को नीचे दिए चार विकल्पों में से सबसे कम वाली रकम पर टैक्स छूट मिल सकती है-
- प्रशांत को लीव एनकैशमेंट के बदले मिली कुल रकम- 2.5 लाख रुपए
- सरकार की ओर से निर्धारित टैक्स छूट योग्य अधिकतम रकम- 3 लाख रुपए
- पिछले 10 महीनों की सैलरी के बराबर रकम (मूल वेतन+DA)- 2 लाख रुपए (20 हजार*10)
- बची हुई छुटिटटयों (360) के बदले मिलने योग्य रकम —2.40 लाख रुपए (20 हजार*12)
इन चारों विकल्पों की तुलना करने पर, सबसे कम वाली रकम है-2 लाख रुपए। यानी कि प्रशांत को लीव एनकैशमेंट के रूप में मिली सिर्फ 2 लाख रुपए की रकम पर ही टैक्स छूट मिलेगी। बाकी के 50 हजार रुपए को उसके टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स गणना में शामिल किया जाएगा।
लीव एनकैशमेंट की गणना में दो बातों को ध्यान में रखें
सिर्फ पूर्ण वर्षों की ही गणना की जाती है: Leave encashment की गणना करते समय, सिर्फ पूर्ण वर्षों (Complete years) को माना जाता है। अधूरे वर्षों को नहीं। जैसे कि, अगर आपने 10 साल 9 महीने नौकरी की है तो आपके लिए Leave encashment की गणना करते वक्त सिर्फ 10 साल की नौकरी मानी जाएगी। बाकी 9 महीनों के लिए आपको कोई Leave encashment नहीं मिलेगा।
कंपनी अपने हिसाब से बना सकती है नकदीकरण के नियम: ऐसा कोई निश्चित नियम नहीं है कि किसी एक साल में कितनी छुटि्टयों को अगले साल के लिए carry forward किया जा सकता है। या कितनी छुटि्टयों को encashment के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। कंपनी अपने हिसाब से इसके लिए नियम बना सकती हैं।