अगर आप कहीं नौकरी करते हैं तो आपको साप्ताहिक अवकाश (Weekly Off) तो मिलता ही होगा। इसके अलावा भी अलग-अलग तरह के काम के लिए अलग-अलग तरह की छुट्टी, कर्मचारियों को मिला करती हैं। जैसे कि आकस्मिक अवकाश (CL), अर्जित अवकाश (EL), चिकित्सा अवकाश (Medical leave), मातृत्व अवकाश (Maternity Leave), पितृत्व अवकाश (Paternity leave) वगैरह। हर
छुट्टी के लिए अलग-अलग कारण की जरूरत होती है और हर तरह की छुट्टी के लिए अलग-अलग नियम भी होते हैं। हर तरह छुट्टी को लेने की न्यूनतम और अधिकतम संख्या भी निर्धारित होती है। छुट्टी पर काम करने के बदले पैसा मिलने या कटने के भी अलग-अलग नियम हैं।
इस लेख में हम इन सारी छुट्टियों के बारे में अलग-अलग जानकारी देंगे। हम यहां बताएंगे कि कैजुअल लीव (CL) क्या होती है? अर्जित अवकाश (EL) या PL क्या होती है? इसके बाद मेडिकल लीव, मातृत्व अवकाश, पितृत्व अवकाश के बारे में भी जानकारी देंगे। यह भी जानेंगे कि कौन सी छुट्टी कब मिल सकती है? और अधिकतम कितनी मिल सकती है? छुट्टियों से जुड़े जरूरी नियमों और तथ्यों को भी साझा करेंगे।
- What are CL, EL and PL Leave in Hindi.
- Sick leave, Maternity leave, Paternity leave rules in Hindi.
कैजुअल लीव (CL) क्या होती है? कब और कितनी ले सकते हैं?
अगर आपको अचानक, किसी ऐसे कारण से छुट्टी लेना पड़ जाए, जिसके बारे में आपने पहले से कोई कार्यक्रम नहीं बनाया होता है तो उसके लिए, आकस्मिक अवकाश (Casual Leave) ले सकते हैं।
जैसे कि, ड्यूटी जाने के पहले या एक-दो दिन पहले भी ऐसे कारण बन सकते है, जिनके बारे में आप अपनी कंपनी या दफ्तर को सूचना नहीं दे पाए हों तो उसके लिए Casual Leave ले सकते हैं। इसी को संक्षेप CL कहते हैं। लेकिन, ध्यान रहे ये छुट्टी सिर्फ आपकी अचानक समस्या या व्यस्तता के कारण ले जानी चाहिए। फुरसत में छुट्टियों मनाने (vacation) या आनंद के लिए नहीं।
इन छुट्टियों को लेने पर पहले या बाद में, इसकी सूचना अपनी कंपनी या संस्थान को दी जानी चाहिए और अप्लीकेशन देकर छुट्टी स्वीकृत होने की मंजूरी भी ली जानी चाहिए। कैजुअल लीव का पैसा कंपनी नहीं काटती, लेकिन, इसकी संख्या सीमित होती है-
कंपनियों में आधे दिन से 3 दिन तक की CL हो सकती है
सामान्यत: कंपनियां एक महीने में आधे दिन (half a day) से लेकर अधिकतम 3 दिन की कैजुअल लीव (CL) तक देती हैं। इससे अधिक नहीं। ज्यादा छुट्टियों की जरूरत होने पर अर्जित अवकाश (earned leave-EL) या विशेषाधिकार छुट्टी (privileged leave-PL) का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर इकट्ठा 3 दिन की CL ले रहे हैं तो संस्थान से पहले मंजूरी लेना जरूरी होता है।
दुकान कर्मचारियों को 6 दिन की CL मिल सकती है
अगर आप किसी दुकान या स्टोर में काम करते हैं तो आप हर महीने 6 दिन तक की casual leave लेने के हकदार होते हैं। लेकिन, यह नियम तभी लागू होगा, जबकि वह दुकान या संस्थान Shops and Establishment Act के तहत रजिस्टर्ड हो। वरना तो फिर दुकान मालिक और आपके बीच सहूलियत और आपसी व्यवहार पर निर्भर करेगा।
बाकी रह गई CL को अगले साल नहीं ले सकते
अगर किसी साल खुद को मिल सकने वाली सारी Casual leaves नहीं ले पाते हैं तो उन्हें अगले साल नहीं लिया जा सकता। बिना इस्तेमाल वाले सारे CL अपने आप उसी साल खत्म (expire) हो जाते हैं।
छूटी हुई CL के बदले पैसा भी नहीं ले सकते
इनके बदले में आपको किसी तरह का पैसा या मुआवजा भी नहीं मिलता।
CL को EL या सिक लीव में नहीं मिलाया जा सकता
Casual leaves को earned leaves या sick leaves के साथ नहीं मिलाया (Clubbed) नहीं जा सकता।
बीच में नौकरी शुरू करने पर साल के बाकी समय के हिसाब से मिलेंगी
साल के बीच में नौकरी पकड़ने या छोड़ने वाले कर्मचारी के लिए, casual leaves कुल काम के दिनों के अनुपात में मिलती हैं। जैसे कि आपने 1 जुलाई को नई कंपनी ज्वाइन की तो आपको बचे हुए आधे साल के लिए आधी संख्या में Casual Leave लेने का हक होगा।
EL या PL छुट्टी क्या होती है? कब और कितनी मिल सकती हैं?
- EL का फुल फॉर्म होता है, Earned leave। इसका हिंदी में मतलब होता है-अर्जित अवकाश।
- PL का फुल फॉर्म होता है Previledge Leave। इसका हिंदी में मतलब होता है-विशेषाधिकार अवकाश।
Earned leaves (EL) या Previledge Leave (PL) , दोनों ही कर्मचारी की ओर से काम करने के बदले में, अर्जित की गई छुटि्टयां होती हैं। इन्हें आप इकट्ठा करके लंबी अवधि के कामों, जैसे कि, यात्रा, भ्रमण वगैरह के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके बदले आप बेसिक सैलरी भी ले सकते हैं।
EL और PL के बीच अंतर
अक्सर लोग, earned leaves (EL) और privilege leaves (PL) लेकर कन्फ्यूज रहते हैं। दरअसल, दोनों का तरीका और उद्देश्य लगभग एकसमान होते हैं। लेकिन दोनों के बीच में अंतर होता है-
- EL, फैक्टरियों और कंपनियों में मिलती है: अगर आप किसी फैक्टरी में काम करते हैं, तो फिर आपको अपनी ड्यूटियों के बदले में, अर्जित अवकाश ( earned leaves) या EL मिलता है। ऐसे कर्मचारियों को हर 20 दिन की ड्यूटियों के बदले में, 1 अर्जित अवकाश (earned leave) मिलती है। यानी कि साल भर में 18 EL तक मिल ,सकती हैं।
- PL दुकानों और प्रतिष्ठानों में मिलती है: अगर आप फैक्टरी मेम काम नहीं करते बल्कि, किसी दुकान या ऐसे संस्थान में काम करते हैं, जोकि Shops and Establishments Act के तहत स्थापित है तो की हुई ड्यूटियों के बदले में, privilege leaves या PL मिलता है। ऐसे कर्मचारियों को हर चार महीने काम के बदले में, 5 PL मिलती है। यानी कि साल भर में 16 PL तक मिल ,सकती हैं।
EL या PL से संबंधित अन्य नियम इस प्रकार हैं-
- किसी एक साल (calendar year) के दौरान 240 दिन से ज्यादा काम कर लेने के बाद, कर्मचारी को earned leaves (EL) लेने का अधिकार होता है।
- EL की गणना, महीने के महीने होती है। कोई भी साल शुरू होने पर इनकी गणना शुरू हो जाती है और ये leave account में चढ़ने लगती हैं। ये छुटि्टयां कितनी संख्या में मिलेंगी ये आपके काम के महीनों की संख्या पर भी निर्भर करता है। हर एक महीने काम के बदले में 1.25 leave, कर्मचारी के leave account में दर्ज हो जाती हैं।
- अगर कोई कर्मचारी, साल के बीच में नौकरी ज्वाइन करता है या नौकरी छोड़ता है तो, उस साल के दौरान, जितने महीने बचे होते हैं, उनके अनुपात में, EL छुट्टियां कम हो जाती हैं।
- अगर, कोई कर्मचारी, किसी साल की कुछ EL को नहीं ले पाता है तो उन्हें अगले साल में ले जा सकता है। कितनी EL आगे ले जाई (carried forward) सकती है, यह उस राज्य में लागू नियमों पर निर्भर करता है।
- किसी एक साल में ज्यादा से ज्यादा 30 EL छुट्टियां इकट्ठा की जा सकती है। लेकिन, Shops and Establishment Act, के तहत स्थापित संस्थाओं के कर्मचारियों को 45 से 60 तक PL छुट्टियां इकट्ठा करने की भी छूट दी गई है।
EL के लिए पैसों की गणना का फॉर्मूला
बगैर इस्तेमाल हुई EL छुट्टियों के बदले में पैसा मिल जाता है। EL के बदले मिलने वाले पैसे की गणना करने का फॉर्मूला इस प्रकार है-
Amount encashed for leaves = monthly gross salary * accumulated encashable leaves / 22
हिंदी में यह फॉर्मूला इस प्रकार होगा-
छुट्टियों के बदले मिलने वाली रकम= मासिक वेतन* कुल बची हुई छुट्टियां/22
EL के बदले मिले पैसों पर टैक्स का नियम
नौकरी के दौरान, आपको छुट्टियों के बदले में जो भी पैसा मिलता है, वह पूरी तरह से taxable होता है, यानी कि उसे टैक्स की गणना में शामिल किया जाएगा। लेकिन, रिटायरमेंट के दौरान, जो भी leave encashment का पैसा मिलता है, वह पूरी तरह से टैक्सफ्री होता है। ये उसी तरह से टैक्स फ्री होता है जैसे ग्रेच्युटी पर कोई टैक्स नहीं लगता है।
चिकित्सा अवकाश (Medical Leave) या अस्वस्थता अवकाश (Sick Leave) क्या हैं?
बीमार पड़ने के कारण अगर आप काम पर नहीं जा पाते हैं तो चिकित्सा अवकाश (Medical leave) या रुग्णता अवकाश (Sick leave) ले सकते हैं। इससे संबंधित नियम इस प्रकार हैं-
- हर 7 दिनों तक काम करने के बदले आधी (0.5) मेडिकल लीव ली जा सकती है।
- अगर साल के दौरान आप सिक लीव नहीं लेते हैं तो उसके बदले में आप पैसा (encashment) नहीं ले सकते। इन्हें अगले साल के लिए carry-forwards भी नहीं कर सकते। जैसे ही साल पूरा होता है, आपकी Sick Leaves अपने आप खत्म (lapse) हो जाती हैं।
- कंपनी की लीव पॉलिसी के अनुसार, 2 या 3 से ज्यादा मेडिकल लीव लेने पर आपको medical certificate देना होता है।
- सिक लीव को ELs के साथ जोड़ा जा सकता है। नई ज्वाइनिंग वाले या बीच में नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारियों के लिए, उस साल बचे हुए समय के हिसाब से sick leaves कम हो जाती हैं।
अन्य प्रकार की छुट्टियां | Other Types of leaves
कुछ अन्य प्रकार की छुट्टियां भी कर्मचारियों को मिलती हैं, उनका परिचय भी दे देते हैं।
मातृत्व अवकाश| Maternity Leave
- भारत में, Maternity Benefits Act, 1961 के अनुसार, महिला कर्मचारियों को 12 हफ्ते (84 दिन) का मातृत्व अवकाश (maternity leave) देने का नियम है। इस दौरान का वेतन भी नहीं कटता। इन 12 हफ्तों में से 6 हफ्ते की छुट्टी डिलिवरी की तारीख के बाद ली जा सकती है।
- मातृत्व अवकाश का लाभ सिर्फ उन महिला कर्मचारियों को होगा, जोकि, संभावित डिलिवरी की तारीख के पहले के 12 महीनों में, कम से कम 80 दिनों तक काम कर चुकी हो।
- गर्भपात होने पर या स्वास्थ्य समस्याओं के कारण, गर्भ गिराने की स्थिति में भी, महिला कर्मचारी को 6 हफ्ते (42 दिन) का मातृत्व अवकाश पाने का अधिकार है।
- गर्भ या प्रसव से जुड़ी कोई जटिल समस्या होने पर, 1 महीने की अतिरिक्त paid leave लेने का अधिकार है। जैसे कि, अविकसित बच्चे का जन्म, गर्भस्राव, tubectomy operation वगैरह पर।
- डिलिवरी की संभावित तारीख से 10 हफ्ते पहले से उस महिला कर्मचारी से कोई कठिन काम नहीं लिया जा सकता। ऐसे काम पर नहींं लगा सकते, जिससे कि महिला के स्वास्थ्य पर, या उसके गर्भ को नुकसान पहुंचता हो।
पितृत्व अवकाश | Paternity leave
भारत में सरकारी पुरुष कर्मचारियों को, भी बच्चा होने पर पितृत्व अवकाश (Paternity Leave) का लाभ मिलता है। प्राइवेट सेक्टर में ऐसा कोई अनिवार्य नियम नहीं है, लेकिन कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को ये सुविधा देती हैं। अलग-अलग कंपनी के नियम के अनुसार, इन छुट्टियों के बदले में पैसा भी मिल सकता है और बगैर पैसै भी हो सकती है।
1 साल से कम उम्र का बच्चा गोद लेने पर भी पितृत्व अवकाश का अधिकार होता है। पितृत्व अवकाश काे अन्य प्रकार की छुट्टियों के साथ मिलाकर भी ले सकते हैं। लेकिन, पितृत्व अवकाश के कारण, अन्य प्रकार की छुट्टियों में, कटौती नहीं की जा सकती।
केंद्रीय सरकार की सेवाओं में कार्यरत, पुरुष सिविल सर्वेंट्स को 15 दिन का पितृत्व अवकाश मिलता है। बच्चे के जन्म के पहले या बाद में 6 महीने के भीतर यह छुट्टियां ली जा सकती हैं। इन छुट्टियों का उन्हें पैसा भी मिलता है। लेकिन, 2 या इससे कम बच्चों वालों को ही यह छुट्टी मिल सकती है।
अवैतनिक अवकाश | Leave without pay
अगर आपके पास ऊपर बताई गई छुट्टियों में से किसी भी प्रकार की छुट्टी नहीं बची है तो आप बिना वेतन वाली छुट्टी (Leave without pay) ले सकते हैं। कुछ संस्थान, ऐसी छुट्टियों को, बाद में मिल सकने वाली छुट्टियों से एडजस्ट करने की भी सुविधा देते हैं।
राष्ट्रीय अवकाश और त्योहारी छुट्टियां
भारत में कुल 3 राष्ट्रीय त्योहार हैं-
- गणतंत्र दिवस (Republic Day)-26 जनवरी
- स्वतंत्रता दिवस (Independence Day)-15 अगस्त
- गांधी जयंती -2 अक्टूबर
सभी राष्ट्रीय त्योहारों पर, सरकारी और प्राइवेट संस्थाएं बंद रखी जाती हैं। इन अवकाशों का पैसा भी नहीं काटा जाता। इनके अलावा, राज्यों को कुछ त्योहारों पर भी छुट्टियां देने का अधिकार है। कंपनियां अपने हिसाब से भी इनके लिए नियम बना सकती हैं।