GST का रिटर्न भरते समय, उसमें आपको अपने अपने लेन-देन और टैक्स भुगतानों का विवरण देना पड़ता है। अगर कोई सौदा होने के बाद, उसमें कोई बदलाव हुआ है तो उससे जुड़े debit note, credit note या bill of supply के विवरण भी देने पड़ते हैं। बहुत से नए कारोबारियों को इनका मतलब नहीं पता होता। इस लेख में हम जानेंगे कि जीएसटी में डेबिट नोट क्या है? जीएसटी में क्रेडिट नोट क्या है? दोनों के बीच अंतर क्या है?
What is Credit Note and Debit Note in GST
जीएसटी में डेबिट नोट और क्रेडिट नोट क्या होते हैं?
दो कारोबारियों के बीच कोई सौदा (खरीद-बिक्री) होने के बाद, आगे अगर उस सौदे के संबंध में कोई बदलाव न होता है तो इनकी सूचनाएं डेबिट नोट या क्रेडिट नोट के माध्यम से भेजी जाती हैं। जैसे कि, सामान की मात्रा में कोई परिवर्तन किया गया हो, सामान के रेट या पेमेंट में कोई बदलाव किया गया हो। लेकिन Debit Note और Credit Note का इस्तेमाल अलग-अलग उद्देश्यों के लिए होता है। नीचे हम इन्हें अलग-अलग स्पष्ट कर रहे हैं-
Debit Note: डेबिट नोट, यह सूचना देने के लिए भेजा जाता है, कि पहले जो सौदा हुआ था, उसमें वास्तविक दाम से कम का भुगतान मिला है। या फिर पहले किए गए किसी सौदे में जो GST टैक्स लिया गया था, वह वास्तविक टैक्स देनदारी से कम था। Debit Note के साथ नई कीमत या नए टैक्स के हिसाब से तैयार करके नई रसीद (reciept) भी भेजी जाती है।
Credit Note: क्रेडिट नोट, यह सूचना देने के लिए भेजा जाता है कि, पहले हो चुके किसी सौदे में जो भुगतान लिया गया था, वह उसके वास्तविक दाम से अधिक था। या फिर पहले किए गए सौदे में जो GST टैक्स लिया गया था, वह वास्तविक टैक्स देनदारी से अधिक था। माल वापसी या खराब होने की स्थिति में में भी इसे जारी किया जाता है। Credit Note के साथ नई कीमत या नए टैक्स के हिसाब से बनाकर नई रसीद भी भेजी जाती है।
डेबिट नोट कब जारी होता है?
Debit note किसी बिक्रेता (supplier) की ओर से तब जारी किया जाता है, जबकि, किसी सौदे की नई रसीद (invoice) में, सामान की कीमत (value) बढ़ाकर भेजी जानी हो। या उस सौदे पर लागू GST की मात्रा बढ़ाकर भेजी जानी हो। डेबिट नोट के साथ, supplementary invoice भी भेजनी पड़ती है। जिसमें नए रेट के हिसाब से सौदे के डिटेल्स देने पड़ते हैं।
इस तरह, हम देखते हैं कि कोई बिक्रेता, दो स्थितियों में debit note जारी कर सकता है-
- अगर पहले जारी की गई रसीद में, वस्तुओं या सेवाओं (goods or services) का दाम, वास्तविक दाम के मुकाबले कम दर्ज कर भेज दिया गया हो।
- अगर पहले जारी की गई रसीद में, वस्तुओं या सेवाओं (goods or services) पर वसूले गए GST टैक्स की रकम, वास्तविक टैक्स देनदारी से कम ले ली गई हो।
डेबिट नोट का उदाहरण
उदाहरण के लिए, 1 अप्रैल 2021 को आकाश प्राइवेट लिमिटेड ने किसी सामान की 10000 यूनिट, 20 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से मेसर्स सिन्हा ट्रेडर्स को बेचा। इस पर 5% के हिसाब से GST लगता है, जोकि कुल 10 हजार रुपए लिया गया।
सौदा होने के कुछ दिन बाद, आकाश प्राइवेट लिमिटेड को पता चलता है कि उस वस्तु के दाम 20 रुपए की बजाय 25 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से होने चाहिए थे। यानी कि 5 रुपए प्रति य़ूनिट के हिसाब से कम पैसे लिए गए थे। उसी के हिसाब से कम GST टैक्स भी काटा गया था, जो कि वास्तव में ज्यादा काटा जाना चाहिए था। यानी कि उस सौदे की टैक्स रसीद (tax invoice) दिए गए सामान के मुकाबले कम की थी, जोकि ज्यादा की होनी चाहिए थी।
ऐसी स्थिति में आकाश प्राइवेट लिमिटेड एक Debit Note तैयार करके मेसर्स सिन्हा ट्रेडर्स को भेज देगा। इसमें, मेसर्स सिन्हा ट्रेडर्स को इस बात की सूचना दी जाएगी कि कि पिछले रसीद (original invoice) से अलग, अभी भी 50,000 रुपए (5 x 10,000) आपकी देनदारी बची है। इस तरह, डेबिट नोट के माध्यम से मेसर्स सिन्हा ट्रेडर्स को यह सूचित (notify) करेगा कि उसके अकाउंट में इतने रकम के debit की आवश्यकता है।
डेबिट नोट भेजने के लिए कोई अंतिम तारीख नहीं: डेबिट नोट जारी करने के लिए कोई समय-सीमा नहीं होती। जब भी आपको पता चले कि पिछले सौदे में गलती से या भूलवश कम पैसा या कम GST लिया गया था, तो डेबिट नोट जारी कर सकते हैं।
सिर्फ रजिस्टर्ड कारोबारी ही डेबिट नोट जारी कर सकते हैं? सिर्फ जीएसटी में रजिस्टर्ड कारोबारी ही, किसी पिछले सौदे के संबंध में डेबिट नोट जारी कर सकता है। जो कारोबारी GST में रजिस्टर्ड नहीं हैं, उन्हें डेबिट नोट जारी करने का अधिकार नहीं होता।
सिर्फ कारोबारियों के बीच सौदों (B2B)के लिए डेबिट नोट का इस्तेमाल हो सकता है? डेबिट नोट का इस्तेमाल सिर्फ कारोबारी से कारोबारी के बीच हुए सौदों के संबंध में ही हो सकता है। कारोबारी से कस्टमर के बीच हुए सौदों (B2C) के संबंध में डेबिट नोट नहीं जारी किए जा सकते।
खरीदार (Purchaser) नहीं जारी कर सकता डेबिट नोट
यहां ध्यान रखें कि जीएसटी में debit note, सिर्फ बिक्रेता (supplier) ही जारी कर सकता है, खरीदार (recipient) नहीं। जबकि जीएसटी से अलग किसी मामले में खरीदार (supplier) को भी debit note जारी करने की अनुमति होती है। अगर सामान को खराब होने के कारण, या कम जरूरत के कारण लौटाना पड़ रहा हो।
रिटर्न फॉर्म GSTR-1 में भी डेबिट नोट का उल्लेख करना पड़ता है
अगर डेबिट नोट जारी किया गया हो तो उसे आपको रिटर्न फॉर्म GSTR 1 में उसका विवरण भी देना पड़ता है। क्योंकि GSTR 1 में आपको संबंधित अवधि के दौरान की सभी बिक्रियों का विवरण देना पड़ता है।
जीएसटी में क्रेडिट नोट क्या होता है?
जीएसटी में क्रेडिट नोट तब जारी किया जाता है, जबकि पहले हो चुके किसी सौदे में ज्यादा पैसे ले लिए गए हों और भेजी गई रसीद में ज्यादा पैसे दर्ज हों। ये स्थिति निम्नलिखित कारणों से हो सकती है-
- अगर किसी सौदे में ली गई रकम, उसके लिए निर्धारित, वास्तविक दाम से अधिक ले ली गई हो। उदाहरण के लिए, किसी प्राेडक्ट का वास्तविक दाम 100 रुपए हो, लेकिन उसके लिए 150 रुपए की दर से पैसे ले लिए गए हों। ऐसे में 50 रुपए का credit note भेजा जाएगा।
- अगर, किसी सौदे पर वसूले गए GST की रकम, उन वस्तुओं या सेवाओं के वास्तविक मात्रा से अधिक ले ली गई हो। उदाहरण के लिए जीएसटी में किसी प्रोडक्ट को 12% GST स्लैब के तहत रखा गया हो। लेकिन, उसमें 18% जीएसटी वसूला गया हो। तब उसके लिए credit note भेजकर सूचना दी जाएगी।
- अगर खरीदार (recipient ) को, रसीद (tax invoice) में दर्ज मात्रा से कम साामान या सेवाएं प्राप्त हुई हों। .
- अगर खरीदार (recipient) ने खुद को मिली वस्तुओं को वापस (returned) कर दिया हो।
- अगर खरीदार (recipient) को प्राप्त हुई सेवाओं (Services) में कोई कमी हो।
रिटर्न फॉर्म GSTR 1 में क्रेडिट नोट का भी विवरण देना जरूरी
जिस महीने के कारोबार के संंबंध में credit note जारी किया जाए, उससे संबंधित GSTR 1 में उसका विवरण भी दर्ज किया जाना चाहिए।
एक्सपायर्ड वस्तुओं (time expired goods) के मामले में क्रेडिट नोट का नियम
अगर किसी manufacturer या supplier को time expired goods वापस की जाती हैं। तो उसके संबंध में manufacturer की ओर से credit note जारी किया जा सकता है। जिस वित्त वर्ष के दौरान सौदा हुआ था, उसके बीतने के बाद, 30 सितंबर के पहले, क्रेडिट नोट जारी किया जा सकता है। जीएसटी के उल्लेख सहित। अगर ऐसा सामान, अगले वाले वित्त वर्ष के 30 सितंबर के बाद लौटाया जाता है। तो manufacturer या supplier की ओर से बिना जीएसटी के credit note जारी किया जा सकता है।