अपने EPF अकाउंट से पैसे निकालने के लिए, आपको पीएफ क्लेम फॉर्म 31 भरकर जमा करना पड़ता है। EPF पेंशन निकालने के लिए भी आपको यही फॉर्म भरना पड़ता है। ऑनलाइन प्रक्रिया में भी आपको PF Claim Form-31, 19, 10C &10D का विकल्प चुनना पड़ता है। हमारे कई पाठकों ने पूछा था कि ईपीएफ क्लेम फॉर्म 31 क्या होता है? पीएफ निकालने के लिए इसे कैसे भरा जाता है।
इस लेख में हम आपके इन प्रश्नों के उत्तर देंगे और यह भी बताएंगे कि Claim Form-31 और Claim Form-19 के बीच क्या अंतर होता है। इसके बाद यह भी जानेंगे कि Claim Form 10C और Claim Form10D के बीच क्या अंतर होता है।
What is EPF Claim Form 31 in Hindi? How to Fill it to withdraw PF.
EPF क्लेम फॉर्म 31 क्या है?
ईपीएफ क्लेम फॉर्म 31, ऐसा फॉर्म होता है, जिसकी मदद से आप अपने ईपीएफ अकाउंट से Advance PF निकाल सकते हैं। इसे पीएफ निकासी फॉर्म 31 या पीएफ क्लेम फॉर्म 31 भी कहा जाता है। इस फॉर्म को ऑनलाइन (UAN नंबर और पासवर्ड की मदद से) भी भर सकते हैं और ऑफलाइन (ईपीएफओ के ऑफिस जाकर) भी भर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि नौकरी के दौरान, या बीच में नौकरी छूट जाने पर भी, कुछ खास किस्म की जरूरतों के लिए पीएफ अकाउंट से एक निश्चित हिस्सा (% में) निकालने की अनुमति होती है। जैसे कि, गंभीर बीमारी, शादी, उच्च शिक्षा, मकान निर्माण या खरीद वगैरह के लिए, आप अपने पीएफ खाते से कुछ हिस्सा या एडवांस ले सकते हैं।
अलग-अलग तरह की जरूरत के लिए, अलग-अलग मात्रा (% में) में PF Advance निकालने की सुविधा होती है। अलग-अलग तरह की जरूरत के लिए, नौकरी अवधि (Service Period) की सीमा भी अलग-अलग निर्धारित की गई है। नीचे तालिका में इन सीमाओं और शर्तों को समझाया गया है-
पीएफ एडवांस का उद्देश्य | कितना हिस्सा निकाल सकते हैं | कितने साल नौकरी के बाद |
घर के लिए जमीन (site) खरीदने के लिए Advance PF के लिए | अधिकतम 24 महीने की सैलरी (basic Salary+DA) के बराबर | 5 साल की नौकरी पूरी हो |
घर या फ्लैट खरीदने या निर्माण के लिए Advance PF के लिए | अधिकतम 36 महीने की सैलरी (basic Salary+DA) के बराबर | 5 साल की नौकरी पूरी हो |
घर या फ्लैट में सुधार या विस्तार के लिए Advance PF के लिए | अधिकतम 12 महीने की सैलरी (basic Salary+DA) के बराबर | घर का निर्माण पूरा हो जाने के 5 साल बाद |
घर या फ्लैट में दोबारा सुधार या विस्तार के लिए Advance PF के लिए | अधिकतम 12 महीने की सैलरी (basic Salary+DA) के बराबर | पहली बार घर के सुधार या विस्तार के लिए एडवांस लेने के 10 साल बाद |
होमलोन के भुगतान के लिए Advance PF के लिए | अधिकतम 36 महीने की सैलरी (basic Salary+DA) के बराबर | 10 साल की नौकरी होनी चाहिए |
खुद को या परिवार के किसी सदस्य को गंभीर बीमारी होने पर Advance PF के लिए | अधिकतम 6 महीने की सैलरी (basic Salary+DA) के बराबर | कभी भी। नौकरी की कोई न्यूनतम अवधि जरूरी नहीं |
अपनी या अपने बच्चों या अपने भाई-बहन की शादी के लिए Advance PF के लिए | पीएफ अकाउंट में, कर्मचारी के हिस्से (contribution) का 50% तक | 7 साल की नौकरी पूरी होनी चाहिए |
बेटे या बेटी की उच्च शिक्षा (10वीं बाद) के लिए Advance PF के लिए | पीएफ अकाउंट में, कर्मचारी के हिस्से (contribution) का 50% तक | 7 साल की नौकरी पूरी होनी चाहिए |
विकलांग व्यक्ति को उपकरण वगैरह खरीदने के लिए Advance PF के लिए | अधिकतम 6 महीने की सैलरी (basic Salary+DA) के बराबर | 7 साल की नौकरी पूरी होनी चाहिए |
रिटायरमेंट के तुरंत पहले वाले वर्ष के भीतर नौकरी छोड़ने पर Advance PF के लिए | आपके PF अकाउंट में मौजूद बैलेस का 90% तक | 54 साल की उम्र पूरी होने के बाद, नौकरी छोड़ने पर |
हड़ताल के अलावा किसी अन्य कारण से कंपनी बंद हो जाने पर Advance PF के लिए | पीएफ अकाउंट में सिर्फ कर्मचारी के हिस्से का पैसा (ब्याज सहित) | कभी भी। नौकरी की कोई न्यूनतम अवधि जरूरी नहीं |
निकाले जाने या बर्खास्त किये जाने पर, जिसे कि कोर्ट में चुनौती दी गई हो, Advance PF के लिए | पीएफ अकाउंट में कर्मचारी के हिस्से का 50% तक (मूलधन व ब्याज सहित) | कभी भी। नौकरी की कोई न्यूनतम अवधि की शर्त नहीं |
कंपनी या संस्थान के 6 महीने से अधिक समय तक, बंद रहने पर Advance PF के लिए | पीएफ अकाउंट में कंपनी के हिस्से की पूरी जमा (मूलधन व ब्याज सहित) | कभी भी। नौकरी की अवधि संबंधी कोई शर्त नहीं |
क्लेम फॉर्म 31 और क्लेम फॉर्म 19 में क्या अंतर होता है?
- पीएफ क्लेम फॉर्म 31 का इस्तेमाल पीएफ एडवांस निकालने के लिए होता है। नौकरी के दौरान, कुछ विशेष जरूरतों के लिए या बीच में नौकरी छूटने के 1 महीने बाद पीएफ एडवांस के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- पीएफ क्लेम फॉर्म 19 का इस्तेमाल पूरा पीएफ निकालने के लिए किया जाता है। रिटायरमेंट के बाद, या बीच में नौकरी छूटने के बाद 2 महीने तक बेरोजगार रहने पर आप अपना पूरा पीएफ निकाल सकते हैं।
पीएफ निकासी के लिए ऑनलाइन क्लेम फॉर्म 31 कैसे भरें ?
- स्टेप 1: अपने कंप्यूटर या मोबाइल पर, EPFO के यूएएन पोर्टल को खोलिए। इसका लिंक है-https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/.
- अपने UA नंबर, पासवर्ड, और कैप्चा कोड को डालने के बाद ‘Sign in’ पर क्लिक कर दीजिए। इसी के साथ आप अपने पीएफ अकाउंट में लॉगिन हो जाते हैं। .
- स्टेप 2: ऊपर की पट्टी में मौजूद ‘Online Services’ के बटन पर माउस के कर्सर को ले जाइए। कुछ आप्शन्स की लिस्ट खुलती है,उनमें से ‘Claim Form-31, 19, 10C & 10D’ पर क्लिक कर दीजिए।
- स्टेप 4: आपके सामने एक आनलाइन फार्म खुलता है, जिसमें कुछ डिटेल्स, पहले से दर्ज होते हैं। जैसे कि, जैसे कि-नाम, पिता या पति का नाम, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर, आधार नंबर, पैन नंबर, बैंक ब्रांच का नाम, IFSC कोड वगैरह। लेकिन, Bank Account Number के सामने का बाक्स खाली रहता है।
- इसमें अपना वह बैंक अकाउंट नंबर डाल दीजिए, जोकि आपके पीएफ अकाउंट या यूएएन नंबर से लिंक है। इसके बाद बगल में मौजूद Verify के बटन पर क्लिक कर दीजिए।
- स्टेप 5: स्क्रीन पर एक ‘Certificate of Undertaking’ खुलता है, जिसमें कुछ शर्तें लिखी रहती हैं। इन शर्तों में आपको दो बातों पर सहमति देनी पड़ती है-
- आपका बैंक अकाउंट नंबर सही है
- आपने अपने सभी पीएफ अकाउंट्स को यूएएन नंबर से लिंक कर दिया है
- अगर आप सहमत हैं, तो फिर Yes के बटन पर क्लिक कर दीजिए।
- स्टेप 6: इसी के साथ बैंक डिटेल्स वाले फार्म के नीचे एक बटन प्रकट होता है ‘Proceed for Online Claim’ । इस पर क्लिक करके आवेदन प्रक्रिया को आगे बढ़ा दीजिए।
- स्टेप 7: आपके सामने पीएफ निकालने के कुछ आप्शन मिलते हैं। उनमें से ‘PF Advance Form’ पर क्लिक कर दीजिए। इसके बाद, आपको एडवांस संबंधी कुछ जानकारियां देनी पड़ती हैं जैसे कि- पैसा निकालने का उद्देश्य (purpose of withdrawal), एडवांस की रकम (withdrawal amount) और अन्य कुछ संबंधित सूचनाएं।
- स्टेप 8: इस स्टेप में आपको टीडीएस कटने से बचाने के लिए फार्म 15 जी अपलोड करना पड़ता है और अपने बैंक चेक या बैंक पासबुक की फोटो स्कैन करके अपलोड करनी पड़ती है।
- ध्यान दें: फार्म 15 जी अपलोड करने की जरूरत सिर्फ तब पड़ती है, जबकि आप 5 साल नौकरी के पहले पीएफ निकाल रहे हों और पीएफ की रकम 50 हजार रुपए या इससे अधिक हो। आखिर में Get OTP के बटन पर क्लिक कर दीजिए।
- स्टेप 9: आपके मोबाइल पर 6 अंकों का ओटीपी नंबर आता है, जिसे Enter OTP के सामने मौजूद बाक्स में डालकर। सबसे नीचे मौजूद Validate OTP and Submit Claim Form के बटन पर क्लिक कर दीजिए।
- इसी के साथ पीएफ एडवांस निकालने के लिए आनलाइन आवेदन प्रक्रिया पूरी हो जाती है। ईपीएफओ के नए नियमों के मुताबिक, अगले 3 कार्यदिवसों में पैसा आपके बैंक अकाउंट में पहुंच जाना चाहिए।
ऑफलाइन क्लेम फॉर्म 31 कैसे भरें ?
स्टेप 1: पीएफ एडवांस या आंशिक निकासी का फॉर्म, आप नजदीकी EPFO कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं। आप इसे ईपीएफओ की वेबसाइट से ऑनलाइन भी डाउनलोड कर सकते हैं। इसका लिंक है- https://www.epfindia.gov.in/site_docs/PDFs/Downloads_PDFs/Form31.pdf
स्टेप 2: फॉर्म में मांगी गई जानकारियों को ठीक तरीके से भर दीजिए और संबंधित डॉक्यूमेंट्स भी संलग्न कर दीजिए। किस तरह की जरूरत पर कौन सा डॉक्यूमेंट लगता है, इसकी जानकारी आपको ऊपर दी गई तालिका में दी गई है।
स्टेप 3: भरे हुए फॉर्म में, जहां-जहां पर आपके employer या कंपनी के अधिकारी के हस्ताक्षर और प्रमाणित करने की जरूरत हो, उसे करवा लीजिए। प्रमाणित करते समय, उस अधिकारी को designation, date और signature के सभी कॉलम जरूर भरे होने चाहिए।
स्टेप 4: अब भरे हुए फॉर्म को, आवश्यक दस्तावेजों के साथ, अपने नजदीकी EPFO office में ले जाकर जमा कर दीजिए। 3 से 7 दिन के बीच में प्रक्रिया पूरी हो जाती है और पैसा आपके बैंक अकाउंट में पहुंच जाता है। उस बैंक अकाउंट में, जिसे कि आपने अपने पीएफ अकाउंट के साथ लिंक कर रखा है।
क्लेम फॉर्म 10C क्या होता है?
पेंशन अकाउंट में जमा पैसों (EPS) को निकालने के लिए, क्लेम फॉर्म 10 C भरकर जमा करना पड़ता है
- कोई कर्मचारी अगर नौकरी छोड़ने के बाद 2 महीने से ज्यादा समय तक बेरोजगार रहता है, तो वह चाहे तो पूरा पीएफ बैलेंस निकाल सकता है। इसे full and final settlement कहते हैं। साथ में, आप चाहें तो EPF पेंशन के हिस्से में मौजूद बैलेंस को भी निकाल सकते हैं। 10 साल के कम नौकरी की है तो इस सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- form 10c का इस्तेमाल आप पेंशन scheme certificate लेने के लिए भी कर सकते हैं। इसमें आपको,पेंशन बैलेंस का एक सर्टिफिकेट मिल जाता है। इस सर्टिफिकेट को आप अपनी पेंशन को अगली नौकरी में जुड़वा सकते हैं। ये scheme certificate आपके पीएफ बैलेंस को एक कंपनी से दूसरी कंपनी के पास ट्रांसफर करवाने के काम आता है।
क्लेम फॉर्म 10D क्या होता है?
रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन (monthly pension) प्राप्त करने के लिए फॉर्म 10 Dता है।
- सामान्य तौर पर 58 साल की उम्र के बाद आप अपने लिए मासिक पेंशन शुरू करा सकते हैं। लेकिन, 50 साल की उम्र के बाद भी घटी हुई पेंशन के लिए आवेदन किया जा सकता है।
- अगर आपकी नौकरी की अवधि 10 साल पूरी हो चुकी है तो आपकी मासिक पेंशन बन जाती है। रिटायरमेंट के बाद, फॉर्म 10 D भरकर आप अपने लिए मासिक पेंशन प्राप्त कर सकते हैं।
- नौकरी के दौरान बीमार पड़ने पर या एक्सीडेंट हो जाने पर, अगर कर्मचारी स्थायी रूप से काम करने में अक्षम (disabled permanently) हो जाता है तो उसे तुरंत मासिक पेंशन मिलनी चालू हो जाएगी। ऐसी स्थिति में नौकरी की अवधि की गणना नहीं होगी। अगर कर्मचारी के ईपीएफ पेंशन अकाउंट में 1 महीना भी पैसा कटकर जमा हुआ है, तो वह मासिक पेंशन पाने का हकदार होगा।
- रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी की मौत होने पर उसकी पत्नी या पति को पेंशन पाने का अधिकार होता है।