जब आप बैंक अकाउंट खुलवाते हैं तो उसके साथ आपको पासबुक के साथ में डेबिट कार्ड भी मिलता है। अगर आपका सैलरी अकाउंट है या फिर आपके बैंक अकाउंट में ठीक-ठाक बैलेंस रहता है तो आपको क्रेडिट कार्ड कंपनियों के भी ऑफर आने लगते हैं। बैंक अकाउंट से पैसे निकालने या जमा करने के बाद जो SMS से सूचना आती है, उनमें भी Debited और Credited शब्द शामिल रहते हैं। हमारे कई पाठकों नें पूछा है कि बैंक अकाउंट में Credit और Debit का मतलब क्या होता हैं।
इस लेख मे हम आपके इन प्रश्नों का जवाब देंगे और Debit Card और Credit Card से जुड़ी कुछ अन्य जरूरी जानकारियां भी साझा करेंगे। What is Credit and Debit Meaning in Hindi
क्रेडिट और डेबिट का मतलब क्या है?
बैंक अकाउंट से पैसे Debited होने का मतलब होता हैं कि आपके अकाउंट से उतने पैसे कट गए हैे । इसी तरह , बैंक अकाउंट में Credited होने का मतलब होता है कि आपके बैंक अकाउंट मे उतने पैसे जमा हो गए हैं।
अब हम इन दोनों शब्दों का अर्थ और बेहतर तरीके से समझने के लिए, बैंक की ओर से भेजे गए कुछ SMS का उदाहरण दे रहे हैं। नीचे 4 स्क्रीनशॉट दिए गए हैं जो मेरे बैंक अकाउंट से लेन-देन (Transaction) के बाद भेजे गए हैं-
Example 1: नीचे पहले नंबर के स्क्रीनशॉट में मैसेज दिख रहा है, उसमें लिखा है कि Your VPA apandeyahiri@ybl linked to your a/c no. XXXXXX3518 is debited for Rs. 4000.0 and credited to VPA 6306884703@apl UPI Ref no. 207452622691. – Bank of Baroda. इसका मतलब है कि आपके बैंक अकाउंट नंबर XXXXXX3518 से 4000 रुपए काटकर (Debited करके) VPA 6306884703 से लिंक बैंक अकाउंट में जमा (Credited) कर दिए गए हैं।
यहां VPA आपका Virtual Payment Address होता है, जोकि UPI के माध्यम से पेमेंट भेजने या प्राप्त करने के लिए बना होता है। यह ई-मेल आईडी की तरह काम करता है। UPI सेवा देने वाली कंपनी या एप अपने हर ग्राहक की एक Payment ID बना देती है, जिसे Virtual Payment Address (VPA) कहा जाता है। इस VPA के माध्यम से ही आपको पैसा मिल पाता है या भेजा जा सकता है।
Example 2: नीचे दिए गए दूसरे SMS में लिखा है कि-Rs.200 Credited to A/c …3518 thru UPI/207682468456 by 9919132122 ybl. Total Bal: Rs.554.5CR. Avlbl Amt:Rs.554.5(17-03-2022 12:01:42) – Bank of Baroda इस मैसेज में सूचना दी गई है कि आपके अकाउंट नंबर XXXXXX3518 में 200 रुपए UPI पेमेंट के माध्यम से Credited (जमा) कर दिए गए हैं।
Debited की जगह पर Transfered और Withdrawn शब्दों का इस्तेमाल
कभी कभी आपके अकाउंट से पैसे कटने पर मैसेज में Debited की बजाय Transfered या Withdrawn शब्द लिखकर भी आ सकते हैं। डायरेक्ट बैंक अकाउंट में ट्रांसफर या ATM मशीन से पैसा निकालने पर इन शब्दों का इस्तेमाल होता है। जैसे कि-
Rs.500 transferred from A/c …3518 to:UPI/20763185042. Total Bal:Rs.54.5CR. Avlbl Amt:Rs.54.5(17-03-2022 13:28:31) – Bank of Baroda
Rs.300 withdrawn from A/c …3518 at ATM TID NKAN9081/C Ref.207518003920 Avlbl Amt:Rs.354.5(16-03-2022 18:23:41). If not used by you, call 18002584455 – Bank of Baroda
लेकिन, व्यावहारिक रूप में देखें तो Debited, Transfered और Withdrawn) का मतलब एक ही होता है कि आपके उस अकाउंट से पैसा कट गया है या निकल गया है।
डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड में अंतर क्या होता है?
सामान्यत: बैंक अपने ग्राहकों को दो तरह के कार्ड जारी करते हैं, जिनकी मदद से आप पैसे खर्च कर पाते हैं-्Debit Card या Credit Card। दोनों के बीच में अंतर इस प्रकार होता है-
डेबिट कार्ड | Debit Card
डेबिट कार्ड ऐसा कार्ड होता है, जोकि आपको अपने बैंक अकाउंट से पैसा निकालने (Debit) या खर्च करने में काम आता है। पहले से निर्धारित PIN नंबर या पासवर्ड की मदद से आप ये काम कर पाते हैं। डेबिट कार्ड आपके जिस Bank Account से लिंक होता है, सिर्फ उसी अकाउंट का पैसा आप निकाल सकते हैं या खर्च कर सकते हैं।
सामान्यत: आपके बैंक अकाउंट में जितना बैलेंस होता है, डेबिट अकाउंट से सिर्फ उतनी सीमा तक ही आप पैसा खर्च कर सकते हैं। लेकिन कुछ खास कैटेगरी के सैलरी अकाउंट या बिजनेस अकाउंट में ओवरड्रॉफ्ट की भी सुविधा मिल सकती है।
ओवरड्रॉफ्ट की सुविधा होने पर आप अपने खाते में बैलेंस नहीं होने पर भी एक सीमा के अंदर पैसे खर्च कर सकते हैं या पेमेंट कर सकते हैं। उसे एक निश्चित अवधि के भीतर आपको लौटाना या जमा भी करना पड़ता है।
डेबिट कार्ड से अब बहुत सी कंपनियां Debit Card EMI की सुविधा भी देने लगी हैं। इसमें आपको पहले खर्च करके बाद में उसका पैसा किस्तों में चुकाने की सुविधा मिल जाती है।
क्रेडिट कार्ड | Debit Card
क्रेडिट कार्ड ऐसा कार्ड होता है, जिसकी मदद से आपको पहले पैसा खर्च करने और बाद में चुकता करने की सुविधा मिलती है। इसमें आपको एक निश्चित लिमिट की line of Credit मिल जाती है।
line of Credit में पहले से कुछ रकम डाल दी जाती है। उसमें से जितना हिस्सा आप इस्तेमाल करेंगे, उसे एक निश्चित समय-सीमा के भीतर (अधिकतम 50 दिन के भीतर) लौटाना पड़ता है। उस समय-सीमा के भीतर पैसे न लौटाने पर पेनाल्टी और बकाया पर ब्याज चुकानी पड़ती है। ध्यान रखें कि क्रेडिट कार्ड की पेनाल्टी और ब्याज काफी ज्यादा होती है। इसकी ब्याज लगभग 40 % सालाना के हिसाब से पड़ती है।
जो पैसा आपने इस्तेमाल नहीं किया है वह आपके कार्ड में line of Credit के रूप में पड़ा रहेगा और उस पर कोई ब्याज या शुल्क नहीं देना पड़ता। हालांकि कुछ क्रेडिट कार्डों को रखने के लिए आपको सालाना 500 रुपए या 1000 रुपए शु्ल्क चुकाना पड़ता है। वहीं कुछ क्रेडिट कार्ड के लिए ये शुल्क नहीं भी लगते।
इसके अलावा क्रेडिट कार्ड की लिमिट का कुछ प्रतिशत (सामान्यत: 30%) नकदी (Cash) निकालने की भी सुविधा होती है, लेकिन इसके लिए आपको कुछ शुल्क चुकाना पड़ता है। उदाहरण के लिए आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट 1 लाख रुपए है तो उसमें से 30 हजार रुपए तक नकदी (Cash) प्राप्त करने की सुविधा मिल सकती है।
ज्यादातर कंपनियां Credit Card EMI की सुविधा देती हैं, जिसमें आप पहले खरीदारी करके, उसका बराबर-बराबर किस्तों (Installments) में भुगतान कर सकते हैं।
डबल एंट्री बुक कीपिंग में Debit और Credit का मतलब क्या है?
बिजनेस अकाउंट के मामलों में डबल एंट्री सिस्टम वाले बुककीपिंग सिस्टम में, Debit और Credit का मतलब और भूमिका बैंक अकाउंट वाले Debit और Credit से काफी अलग होता है।
इसमें आपके बिजनेस संबंधी सभी लेन-देन (transactions) की आपके अकाउंट लेजर में debits and credits दोनों कॉलमों में एंट्री की जाती है। Source account यानी कि जिस अकाउंट से पैसा निकलकर आता है, उसे दाहिने साइड में Credit वाले कॉलम में, दर्ज किया जाता है। Destination account यानी कि, जिसमें पैसा जमा होकर पहुंचता है, उसे बाएं साइड में Debit कॉलम में दर्ज किया जाता है।
- वास्तव में इसमें बाय़ीं तरफ Debits कॉलम के तहत, वे एंट्री दर्ज की जाती हैं, जोकि आपके asset अकाउंट को या expense account में बढ़ोतरी (increases) करती हैं। या फिर liability account या equity account में कमी (decrease) करती हैं।
- इसके उलट, दाहिने तरफ Credits वाले कॉलम में, वे एंट्री दर्ज की जाती हैं जोकि, आपके liability account या equity account में वृद्धि करती हैं, जबकि asset account या expense account में कमी कर देती हैं।
उदाहरण के लिए, आप किसी बिजनेस के मालिक हैं। आपने अपने बिजनेस में $ 500 डॉलर निवेश करने का निर्णय लिया। यहां पर source account, आपका Owner Equity account होगा। Owner Equity account में इसे दाहिने साइड के (Credits) वाले कॉलम की तरफ दर्ज करना होगा। यहां पर destination account आपका Bank Account होगा, इसलिए Bank Account के नीचे बाईं ओर के (Debits) कॉलम में भी $500 की एंट्री की जाएगी।
चूंकि, इसमें हर सौदा दोनों कॉलमों में दर्ज किया जाता है, इसीलिए इसे डबल एंट्री बुककीपिंग कहते हैं। इसी तरह, चूंकि हर सौदा दोनों कॉलमों में दर्ज किया जाता है, इसलिए total debits और total credits हमेशा बराबर (equal) होते हैं। इसे खाता संतुलन (balancing the books) के नाम से जाना जाता है।
तो दोस्तों! ये थी Credit और Debit शब्दों के मतलब और उनके बैंकिंग अकाउंट में इस्तेमाल की जानकारी। ऐसे ही और उपयोगी पोस्ट पढ़ने के लिए आप हमारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जरूर जुड़िए।