2023 के केंद्रीय बजट में सरकार ने 3 लाख रुपए तक की आमदनी को बिलकुल टैक्स फ्री कर दिया है। 3 लाख से ज्यादा इनकम पर भी अगर टैक्स गणना 25 हजार रुपए या इससे कम है तो उसे भी सरकार माफ कर देगी। ये 25 हजार रुपए टैक्स उन लोगों का बनता है, जिनकी सालाना आमदनी 7 लाख रुपए तक है। मतलब ये कि अगर आपकी आमदनी सालाना 7 लाख रुपए या इससे कम है तो आपको कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा।
भारत में किसी भी व्यक्ति या संस्था की आमदनी पर इनकम टैक्स की गणना, उस पर लागू इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से होती है। हर साल केंद्रीय बजट की घोषणा के साथ इनकम टैक्स स्लैब की घोषणा भी की जाती है। इस लेख में हम बताएंगे कि इनकम टैक्स स्लैब 2023 – 2024 क्या है? इसकी मदद से अपने इनकम टैक्स की गणना कैसे कर सकते हैं ?
What is New Income Tax slab 2023-24.
इनकम टैक्स स्लैब 2023-24 क्या है?
सामान्य व्यक्तियों के लिए, वित्त वर्ष 2023-24 में होने वाली सालाना आमदनी पर नया इनकम टैक्स स्लैब इस प्रकार है-
0 से 3 लाख रुपए के बीच वाले हिस्से पर | NIL (शून्य) |
3 से 6 लाख रुपए के बीच वाले हिस्से पर | 5% |
6 से 9 लाख रुपए के बीच वाले हिस्से पर | 10% |
9 लाख से 12 लाख रुपए के बीच वाले हिस्से पर | 15% |
12 लाख से 75 लाख रुपए के बीच वाले हिस्से पर | 20% |
15 लाख से ऊपर वाले पूरे हिस्से पर | 30% |
इनकम टैक्स स्लैब की मदद से टैक्स की गणना कैसे करें?
मान लिया कि अमित सक्सेना, एक चाय कंपनी में प्रोडक्ट मैनेजर है। उसकी सालाना आमदनी 24 लाख रुपए है। इस 24 लाख पर टैक्स की गणना के लिए, इसे इनकम टैक्स स्लैब में बांटकर रखना पड़ता है। वित्तवर्ष 2023-24 के लिए घोषित इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से अमित सक्सेना के इनकम टैक्स की गणना इस प्रकार होगी –
आमदनी का स्तर | टैक्स गणना | टैक्स मात्रा |
0 से 3 लाख के बीच वाले हिस्से पर टैक्स | 00.00 का 00%= | 00.00 रुपए |
3 से 6 लाख के बीच वाले हिस्से पर टैक्स | 3,00,000 का 5%= | 15 हजार रुपए |
6 लाख से 9 लाख के बीच वाले हिस्से पर टैक्स | 3,00,000 का 10%= | 30 हजार रुपए |
9 लाख से 12 लाख के बीच वाले हिस्से पर टैक्स | 3,00,000 का 15%= | 45 हजार रुपए |
12 लाख से 15 लाख के बीच वाले हिस्से पर टैक्स | 3,00,000 का 20%= | 60 हजार रुपए |
15 लाख से अधिक वाले पूरे हिस्से (9 लाख) पर टैक्स | 3,00,000 का 30%= | 2 लाख 70 हजार रुपए |
कुल टैक्स देनदारी (Total Tax Liability) | 3 लाख 75 हजार रुपए |
ऊपर दी गई गणना तालिका से स्पष्ट है कि नए टैक्स स्लैब के हिसाब से, अमित सक्सेना की सालाना 24 लाख रुपए की आमदनी पर कुल 3 लाख 75 हजार रुपए इनकम टैक्स बनता है।
लेकिन, जब वह इनकम टैक्स का पेमेंट करना चाहेंगे तो 3 लाख 75 हजार रुपए का 4% Health And Education Cess और Surcharge भी जोड़कर भरना पड़ेगा। इसका नियम हमने अलगे पैराग्राफ में थोड़ा विस्तार से समझाया है।
हेल्थ एंड एजुकेशन सेस कितना लगेगा?
इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से जो भी टोटल टैक्स बनता है उस पर 4% Health & Education Cess अलग से जोड़ना पड़ेगा। यहां इस बात का ध्यान रखें कि Cess की गणना आपकी आमदनी के हिसाब से नही होती, बल्कि सिर्फ इनकम टैक्स के हिसाब से होती हैं।
उदाहरण के लिए, अगर सारी टैक्स छूटों और रिबेट के बाद आप पर 10 हजार रुपए की टैक्स देनदारी बनती है तो उस 10 हजार का 4% ही आपको Health and Education Cess के रूप में भरना पड़ेगा। नीचे इसकी गणना करके भी हम बता रहे हैं-
इनकम टैक्स की मात्रा | 10000 रुपए |
Health and Education Cess की दर | 4% |
1000 का 4% होगा | 400रुपए |
ऊपर गणना तालिका में हम देख सकते हैं कि, अगर किसी व्यक्ति का इनकम टैक्स 10 हजार रुपए बनता है तो उस पर इसका 4% यानी कि 400 रुपए Health and Education Tax भी जोड़कर जमा करना पड़ेगा। उसे फाइनली कुल 10 हजार 400 रुपए जमा करने पड़ेंगे।
वित्तवर्ष 2023-24 के लिए सरचार्ज की दर क्या है?
50 लाख से ज्यादा सालाना आमदनी वालों को इनकम टैक्स के साथ Surcharge भी जोड़कर देना पड़ता हैं। वित्तवर्ष 2023-24 के लिए, सरकार की ओर से निर्धारित सरचार्ज की दरे इस प्रकार हैं –
इनकम का स्तर | सरचार्ज रेट |
50 लाख से 1 करोड़ के बीच आमदनी होने पर | इनकम टैक्स का 10% सरचार्ज भी जुड़ेगा |
1 करोड़ से 2 करोड़ के बीच सालाना आमदनी होने पर | इनकम टैक्स का 15% सरचार्ज भी जुड़ेगा |
1 करोड़ से 2 करोड़ के बीच सालाना आमदनी होने पर | इनकम टैक्स का 25% सरचार्ज भी जुड़ेगा |
5 करोड़ से अधिक सालाना आमदनी होने पर | इनकम टैक्स का 37% सरचार्ज भी जुड़ेगा |
सरचार्ज की गणना का उदाहरण
मान लिया कि वैभव की सालाना आमदनी 1 करोड़ 15 लाख रुपए है। वैभव की आमदनी पर सरचार्ज की मात्रा इस प्रकार तय होगी-
- इनकम टैक्स स्लैब 2023-24 के हिसाब से 1 करोड़ 15 लाख आमदनी पर कुल इनकम टैक्स बनता है- 31 लाख 50 हजार रुपए
- अब चूंकि वैभव की आमदनी 1 करोड़ से 2 करोड़ के बीच में है इस स्थिति में उसके इनकम टैक्स का 15% सरचार्ज लगना है। यह होगा – 15/100*3150000 = 471500
यानी कि वैभव को अपने इनकम टैक्स ( 31.50 लाख ) के साथ 4.71 लाख रुपए का सरचार्ज भी जोड़कर देना पड़ेगा।
7 लाख तक की आमदनी पर टैक्स छूट किसे मिलेगी ?
जिन लोगों की सालाना आमदनी (Annual Income) 7 लाख रुपए से कम है उनका 25000 रुपए का टैक्स बनता भी है तो उसे सरकार माफ (rebate) कर देगी। इनकम टैक्स एक्ट के Section 87A के तहत यह टैक्स माफी (rebate) दी जाती है।
नए इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से 25000 रुपए तक का टैक्स सिर्फ उन लोगों का बनता है, जिनकी सालाना आमदनी 7 लाख रुपए से कम है, इसलिए 7 लाख तक की सालाना आमदनी वालों को अंतिम रूप से कोई टैक्स नहीं भरना पड़ता।
जिन लोगों का इनकम टैक्स, इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से 25000 रुपए से अधिक बनेगा, उन्हें Section 87A के तहत इस टैक्स माफी (Rebate) का फायदा लेने का अधिकार नहीं होगा। मतलब यह कि 7 लाख रुपए से अधिक आमदनी वालों को पूरा टैक्स भरना पड़ेगा।
सैलरी और पेंशन वालों को 50 हजार का Standard deduction भी मिलेगा
2023 के बजट में, सरकार ने सैलरी या पेंशन पाने वालों को 50 हजार रुपए की मानक कटौती (Standard deduction) का फायदा लेने का अधिकार दिया है। इनकम टैक्स एक्ट के Section 16 (ia) के तहत यह छूट दी गई है। इनका फायदा आपको इस प्रकार मिलेगा –
मान लिया कि सुरेश सक्सेना को साल भर में 12 लाख रुपए सैलरी मिलती हैं। इस 12 लाख में से 50 हजार रुपए काटकर बाहर कर दीजिए। बाकी बचे 11.50 लाख रुपए की आमदनी को इनकम टैक्स स्लैब में रखकर इनकम टैक्स की गणना करनी पड़ेगी।
कोई भी सैलरी पाने वाला व्यक्ति या पेंशन पाने वाला व्यक्ति इस 50 हजार की मानक कटौती (Standard deduction) का इस्तेमाल कर सकता है। कंपनियों को भी सरकार की ओर से निर्देश जारी किए गए है कि कर्मचारियों की सैलरी पर TDS काटने के पहले 50 हजार की मानक कटौती लागू करने के बाद ही इनकम टैक्स की गणना करें।