एक लिमिट से अधिक सैलरी, ब्याज, कमीशन, किराया या इनाम मिलने पर TDS काटा जाता है। टीडीएस काटने वाला इसका एक सर्टिफिकेट भी देता है। उस टीडीएस सर्टिफिकेट में आमदनी और टैक्स कटौती के विवरण दर्ज होते हैं। टीडीएस काटने वाले का TAN नंबर और टीडीएस कटवाने वाले का PAN नंबर भी दर्ज होता है।
हमारे कई पाठकों ने पूछा था कि PAN और TAN क्या होते हैं? इनके बीच में क्या अंतर होता है?
What is PAN and TAN. What is the difference between PAN and TAN in Hindi?
PAN और TAN में अंतर
PAN का फुल फॉर्म होता है-Permanent Account Number. हिंदी भाषा में इसे स्थायी खाता संख्या भी कहते हैं। सरल भाषा में इसे टैक्स अकाउंट नंबर भी कह सकते हैं, क्योंकि PAN नंबर से जुड़े टैक्स अकाउंट नंबर में ही किसी व्यक्ति के साल भर की आमदनी और टैक्स भुगतान संबंधी डिटेल्स दर्ज रहते हैं। वर्ष के अंत में, इनकम टैक्स रिटर्न भी इसी PAN नंबर की मदद से दाखिल किया जाता है। भारत में कोई भी व्यक्ति अपने लिए या अपने बच्चों के लिए पैन कार्ड बनवा सकता है।
पैन नंबर को इनकम टैक्स एक्ट 1961 के section 139A के तहत जारी किया जाता है।
TAN का मतलब होता है-Tax Deduction and Collection Account Number । यह उन कंपनियों या संस्थाओं को जारी होता है, जिन्हें किसी को आमदनी देते वक्त टैक्स (TDS या TCS) काटने का अधिकार होता है। TDS काटने के बाद, उसके लिए जो सर्टिफिकेट (TDS Certificate) जारी किया जाता है उसमें TDS कटवाने वाले (Deductee) के PAN नंबर के साथ-साथ, टीडीएस काटने वाले (Deductor) का TAN नंबर भी दर्ज करना अनिवार्य है। जिसे TAN नंबर जारी होता है, उसे टैन कार्ड भी जारी किया जाता है।
टैन नंबर को इनकम टैक्स एक्ट 1961 के section 203A के तहत जारी किया जाता है।
पैन कार्ड नंबर की जरूरत कहां पड़ती है
- किसी व्यक्ति या संस्था की ओर से हुए सभी प्रकार के टैक्स भुगतान (TDS या TCS या एडवांस टैक्स, असेसमेंट टैक्स वगैरह) व अन्य ऐसे महत्वपूर्ण लेन-देन के रिकॉर्ड, उस व्यक्ति के PAN नंबर आधारित Tax Account में ही जमा होते हैं।
- एक निश्चित रकम (सामान्यत: 50 हजार रुपए) से ज्यादा के लेन-देन (Transactions) में PAN नंबर को दर्ज करना अनिवार्य है। बैंक अकाउंट खुलवाने और निवेश योजनाओं (Investment Schemes) में पैसा लगाने के लिए भी PAN नंबर अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि गरीब वर्ग के लोगों के लिए बेसिक टाइप के बैंक अकाउंट (BSBA) में इस शर्त से छूट दी गई है।
- तमाम सरकारी व प्राइवेट संस्थान, पैन कार्ड को केवाईसी प्रक्रिया में पहचान प्रमाण (Personal ID Document) के रूप में स्वीकार करते हैं।
पैन कार्ड नंबर में शामिल अंक और उनका मतलब
10 अंकों से बनी एक अल्फान्यूमरिक संख्या (abcd के अक्षरों और गिनती के अंकों से मिलकर बनी संख्या) होती है। प्रत्येक पैन नंबर में 10 अंक होते हैं जो आगे दिए गए फॉर्मेट के हिसाब से होते हैं- ABCTY1234D। प्रत्येक अंक में पैन अकाउंट रखने वाले के बारे में कोइ सूचना छिपी होती है, जैसे कि-
- प्रथम तीन अंक: ये एबीसीडी के अक्षरों से बनी सीरीज से बने होते हैं। ये तीनो अक्षर AAA से ZZZ के बीच कोई भी तीन कैपिटल लेटर हो सकते हैं।
- चौथा अंक : ये आपकी व्यावसायिक स्थिति को बताता है जैसे कि
- P: व्यक्तिगत करदाता के लिए होता है
- H: एचयूएफ कैटेगरी के लोगों के लिए
- C: कंपनी को दर्शाने के लिए होता है
- F: फर्म को दर्शाने के लिए होता है
- T: ट्रस्ट को दर्शाने के लिए होता है
- पांचवां अंक: पैन कार्ड धारक के नाम के पहले अक्षर को दर्शाता है, जैसे कि लतिका के लिए L और रवि के लिए R
- छठे से नौवें तक के चार अंंक: ये कोई भी गिनती के चार अंक होते हैं, जो सिर्फ सीक्वेंस नंबर दर्शाते हैं
10 वां अंक: ये check digit होता है और किसी भी अल्फाबेट के रूप में हो सकता है। चेक डिजिट को कंम्प्यूटर सिस्टम आपके अन्य विवरणों का आकलन करके अपने आप तय करता है
टैन नंबर की जरूरत कहां-कहां पड़ती है?
- पैन की तरह ही टैन भी भी एक प्रकार की अद्वितीय पहचान संख्या (unique identification number) होती है, यानी कि हर व्यक्ति के लिए सिर्फ अलग-अलग और सिर्फ एक हो सकती है।
- किसी भी टैक्स काटने वाले (Tax Deductor) या टैक्स एकत्र करने वाले (Tax Collector) के पास TAN होना अनिवार्य है, भले ही उसके पास PAN मौजूद हो।
- निम्नलिखित मामलों में TAN नंबर दर्ज करना अनिवार्य होता है—
- टीडीएस या टीसीएस संबंधी रिटर्न दाखिल करने में (ऑनलाइन e-TDS/TCS return भरने में भी)
- TDS या TCS सरकार के पास जमा करने के लिए चालान फॉर्म में
- TDS या TCS काटने के बाद उसका certificate जारी करने में
- महत्वपूर्ण सौदों के संबंध में एआईआर रिपोर्ट (Annual Information Return) दाखिल करने में
- अन्य ऐसे documents, जिनमें नियमानुसार टैन नंबर का उल्लेख करना अनिवार्य हो
टैन नंबर में क्या-क्या सूचनाएं शामिल होती हैं?
टीडीएस कटौती का अधिकार रखने वाले व्यक्ति या संस्था को 10 अंकों का TAN नंबर जारी किया जाता है। इसमें शामिल सभी अंक, उसके विषय में कुछ न कुछ सूचनाएं देते हैं, जैसे कि-
- प्रथम तीन अक्षर: TAN number के प्रथम तीन अक्षर उस क्षेत्र के कोड ( jurisdiction code.) को दर्शाते हैं, जिससे कि टैन रखने वाले व्यक्ति या कंपनी का संबंध है
- चौथा अंक: TAN number का चौथा अंक, टैन रखने वाले व्यक्ति या कंपनी के नाम का पहला अक्षर होता है।
- पांच अक्षर: ये हर टैन नंबर के लिए विशिष्ट यानी कि अलग-अलग होते हैं।
- अंतिम अक्षर: ये अंग्रेजी वर्णमाला का कोई अक्षर होता है, जो अपने आप तय होता है
- उदाहरण के लिए, दिल्ली के रहने वाले किसी भानु प्रताप नाम के व्यक्ति का टैन नंबर इस प्रकार हो सकता है-DELB23241G
टैन नंबर किसके लिए जरूरी होता है?
टैन कार्ड के लिए निम्नलिखित कैटेगरी के लोग Apply कर सकते हैं—
कंपनी एक्ट के तहत स्थापित संस्था | Company |
केंद्र सरकार की या राज्य सरकार की या स्थानीय स्तर की संस्थाएं जो किसी काम (ठेका या जॉब वर्क) के बदले भुगतान करती हैं। | Central/State Government/Local Authority |
वैधानिक या स्वायत्तता का अधिकार रखने वाली संस्था | Statuary/Autonomous Bodies: |
किसी कंपनी की शाखा | Branch/Division Of Company |
व्यक्तिगत या एचयूएफ व्यवसाय | Individual/Hindu Undivided Family |
व्यक्तिगत या एचयूएफ व्यवसाय की शाखा | Branch Of Individual Business (Sole Proprietorship concern)/Hindu Undivided Family (Karta) |
पंजीकृत फर्म, एसोसिएशन, या कृ्त्रिम विधिक व्यक्ति के रूप में में मान्य संस्था | Firm/Association Of Persons/ Association Of persons (Trusts)/ Body Of Individuals/ Artificial Juridical Person: |
पंजीकृत फर्म, एसोसिएशन, या कृत्रिम विधिक व्यक्ति के रूप में में मान्य संस्था की शाखा | Branch Of Firm/Association Of Persons/ Association Of persons (Trusts)/ Body Of Individuals/Artificial Juridical Person: |
संपत्ति खरीदने पर TAN की जगह PAN नंबर दर्ज करना पड़ता है
इनकम टैक्स एक्ट के Section 194IA के मुताबिक, कुछ अचल संपत्तियों बेचने या हस्तांतरण पर टीडीएस काटना अनिवार्य होता है। कृषि जमीन (agricultural land) के अलावा । लेकिन ऐसे मामलों में टीडीएस काटने के लिए टैन नंबर होना अनिवार्य नहीं है। इन सौदों में टैक्स काटने वाला (खरीदार) TAN नंबर की बजाय अपने पैन नंबर का प्रयोग कर सकता है।