क्रेडिट कार्ड आपको उस समय खरीदारी या खर्च करने की भी सहूलियत देता है, जबकि आपकी जेब में एक भी पैसे नहीं हो और आपके बैंक अकाउंट का बैलेंस भी खत्म हो चुका हो। लेकिन, बहुत से लोम उस सहूलियत का बेजा इस्तेमाल करते हैं और पैसे चुकाने की क्षमता से कहीं खर्च कर डालते हैं। ऐसे में उनका सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है और आगे उन्हें लोन पाने या क्रेडिट कार्ड पाने में मुश्किल होती है।
इसके विपरीत, जिन लोगों का सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर अच्छा होता है, उन्हें आसानी से लोन या क्रेडिट कार्ड मिल जाता है और उसकी रकम या क्रेडिट लिमिट भी ज्यादा होती है। इतना ही नहीं उनको मिले लोन या क्रेडिट की ब्याज दर भी कम रहती है और उसे चुकाने के लिए समय भी ज्यादा मिल जाता है। कहने का मतलब यह है कि आपको सस्ता, सुविधाजनक और ऊंचा लोन चाहिए तो क्रेडिट स्कोर बढ़िया बनाए रखें।
इस लेख में हम जानेंगे कि सिबिल स्कोर कैसे सुधारें? साथ ही हम यह भी बताएंंगे कितना सिबिल स्कोर होने पर आप लोन या क्रेडिट के लिए किस कैटेगरी में रखे जाते हैं? हम यहां यह भी बताएंगे कि अच्छे सिबिल स्कोर के क्या-क्या फायदे होते हैं? इन सबके पहले हम यह जान लेते हैं कि आखिरकर कितने सिबिल स्कोर को अच्छा माना जाता है और कितना सिबिल स्कोर खराब माना जाता है।
कितना सिबिल स्कोर अच्छा माना जाता है?
सिबिल स्कोर 300 से लेकर 900 के बीच में होता है। 900 का स्कोर सबसे अच्छा होता है और 300 का स्कोर सबसे बेकार। लोन संबंधी योग्यता के संबंध में 600 के नीचे का स्कोर खराब सिबिल स्कोर होता है। यानी कि उस व्यक्ति को दिए गए लोन के डूबने का रिस्क अधिक है। ऐसे व्यक्ति का credit applications रिजेक्ट होने की आशंका ज्यादा होती है। 600 से 649 तक का स्कोर कमजोर स्कोर (poor) माना जाता है। 650 से 699 तक का स्कोर fair माना जाता है और 700 से 749 के बीच का स्कोर good माना जाता है। 750 से अधिक स्कोर को excellent मानाा जाता है। (नीचे तालिका में इसे और अधिक स्पष्ट किया गया है)
CIBIL Score Range | Rating |
300-499 | बहुत खराब (Poor) |
500-649 | औसत (Average) |
650-749 | ठीक (Good) |
750-900 | उत्कृष्ट (Excellent) |
अच्छा सिबिल स्कोर होने के फायदे | Benefits of a Good CIBIL Score
जिन लोगों का सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर उत्कृष्ट (Excellent) या अच्छा (fair) रहता है, उनको लोन या क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनियां कई तरह की सहूलियतें या फायदें उपलब्ध कराती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख फायदे इस प्रकार हैं-
लोन मिलने या क्रेडिट कार्ड मिलने में आसानी
जिसका सिबिल स्कोर बढ़िया रहता है, उन लोगों को आसानी से लोन या क्रेडिट कार्ड मिल जाता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि ऊंचा क्रेडिट स्कोर (high credit score) यह दर्शाता है कि आप किसी से लिया हुआ पैसा जिम्मेदारी से खर्च करते हैं और उसका समय पर भुगतान कर देते हैं। यानी कि आप जैसे ग्राहक को लोन या क्रेडिट देने में उसके डूबने का जोखिम नहीं है या बहुत कम है। इसके उलट, ज्यादा खराब सिबिल स्कोर होने पर इन चीजों में दिक्कत आती है।
सस्ता लोन मिल जाता है, यानी कि ब्याज कम भरनी पड़ती है
अच्छे सिबिल स्कोर का एक और जो सबसे महत्वपूर्ण फायदा होता है, वह यह होता है कि आपको लोन और क्रेडिट सस्ते मिल जाते हैं। लोन सस्ता इस तरह से मिलता है कि उन्हें कम ब्याज दर वाले लोन के ऑफर मिलते हैं। जिस लोन की ब्याज कम होगी वो तो ग्राहक के लिए सस्ता पड़ेगा ही। बैंक या फाइनेंस कंपनियां ऐसा इसलिए करती है, क्योंकि high credit score वालों को पैसा देने से, रकम के डूबने का खतरा कम रहता है। उन्हें अपना पैसा थोड़ा कम लाभ के साथ वापस मिल तो जाएगा ही।
पहले से स्वीकृत लोन (Preapproved Loans) के ऑफर मिलते हैं
ऊंचे क्रेडिट स्कोर (high credit score) वाले लोगों को बैंक और फाइनेंस कंपनियां, पहले से ही मंजूर किए हुए लोन का ऑफर देते हैं। ऐसे ऑफर के साथ आपको बहुत कम डॉक्यूमेंटेशन (कागजातों) की जरूरत पड़ती है। सिर्फ ऑनलाइन ही पहचान, पता और आमदनी का सत्यापन करा सकते हैं और मिनटों में पैसा आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता है। आप जब नेटबैंकिंग से बैंक अकाउंट में लॉगिन करते हैं तो वहां आपको ऐसे ऑफर दिख जाते हैं। बैंक और फाइनेंस कंपनियां भी आपके ई-मेल पर इस तरह के अपडेट भेजती रहती हैं।
प्रीमियम क्रेडिट कार्ड मिलने के चांस बढ़ जाते हैं
जिन लोगों का क्रेडिट स्कोर अच्छा होता है, उन्हें क्रेडिट कंपनियां ज्यादा ऊंची कैटेगरी के प्रीमियम (premium credit cards) ऑफर करती हैं। ये प्रीमियम क्रेडिट कार्ड, साधारण क्रेडिट कार्ड के मुकाबले काफी ज्यादा क्रेडिट लिमिट वाले होते हैं। यानी कि आप जरूरत पड़ने पर ज्यादा सीमा तक खर्च कर सकते हैं। इनके साथ में कैशबैंक, रिवार्ड प्वाइंट्स और कई तरह की खास सुविधाएं (privileged services) भी ज्यादा अच्छे मिलते हैं।
ज्यादा बड़े लोन और ज्यादा क्रेडिट लिमिट की संभावना
उत्कृष्ट क्रेडिट स्कोर होने पर आपको ज्यादा बड़ी रकम वाला लोन या ज्यादा खर्च सीमा वाला क्रेडिट कार्ड मिल सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ऊंचा क्रेडिट स्कोर, इस बात का प्रतीक है कि आप जिम्मेदारी पूर्वक अपने पैसों का इस्तेमाल करते हैं और आपको दिया गया पैसा डूबने के चांस बहुत कम हैं।
लोन चुकाने के लिए ज्यादा समय मिल जाता है
अच्छे क्रेडिट स्कोर वालों को बैंक ज्यादा अवधि में चुकाए जाने वाले लोन के ऑफर करते हैं। किस्तें चुकाने में ज्यादा समय मिलने के मतलब है कि आपकी किस्त कम पैसों की बनेगी (smaller EMIs) और आपको आसानी से लोन चुकाने की सहूलियत मिलेगी। आप पर बड़ी किस्त चुकाने का बोझ नहीं होगा तो आप अपने अन्य खर्चों में ज्यादा कटौती किए बिना अपना क्रेडिट बिल भर सकेंगे।
सिबिल स्कोर कैसे सुधारें How to Improve your CIBIL Score
आपके पिछले फाइनेंशियल रिकॉर्ड के अनुसार जो CIBIL score बनता है, वह तीन अंकों का होता है। यह न्यूनतम 300 से लेकर अधिकतम 900 अंकों तक के बीच में हो सकता है। इस पर कई चीजों का प्रभाव पड़ता है, जैसे कि आपका लोन या बिल चुकाने का रिकॉर्ड (repayment history) कैसा रहा है। आपका credit mix (लोन या क्रेडिट के प्रकार) किस तरह के रहे हैं। आपकी तरफ से क्रेडिट इस्तेमाल का अनुपात (credit utilization ratio) कैसा रहा है और आप कितने समय से क्रेडिट का इस्तेमाल कर रहै हैं।
उन सबके अच्छा या बुरा होने का असर आपके सिबिल स्कोर पर पड़ता है। इन सबके आधार पर आपका सिबिल स्कोर घटता या बढ़ता रहता है। नीचे हम ऐसे उपायों की चर्चा करेंगे, जिनका पालन करके आप अपने CIBIL Score को बेहतर बना सकते हैं।
समय पर किस्तों और बिलों का भुगतान कर दें
क्रेडिट कार्ड से जुड़ी सभी देनदारियां समय पर चुकता कर दें। कोशिश करें कि पूरी देनदारी चुकता कर दें और न संभव हो तो कम से जो न्यूनतम देनदारी तय की गई है, उसे तो अवश्य ही भर दें। क्रेडिट कार्ड के बिल के भुगतान में देरी से आपका क्रेडिट स्कोर बुरी तरह प्रभावित होता है। जबकि समय पर चुकता करने से क्रेडिट स्कोर बढ भी जाते हैं।
क्रेडिट के 30 प्रतिशत से ज्यादा को खर्च करने से बचें
आपको मिली कुल क्रेडिट में से, जितना हिस्सा आप इस्तेमाल कर लेते हैं वह आपका Credit utilisation ratio होता है। यह इस बात को प्रदर्शित करता है कि आप क्रेडिट पर कितने ज्यादा निर्भर हैं। अगर आप खुद को मिले कुल क्रेडिट का 30 % तक ही इस्तेमाल करते हैं तो यह low credit utilisation ratio में माना जाता है, और इसे अच्छा माना जाता है।
30% से अधिक क्रेडिट का इस्तेमाल खराब माना जाता है और उसका आपके क्रेडिट स्कोर पर आगे चलकर खराब प्रभाव पड़ता है। इसलिए हमेशा कोशिश करें कि जो भी क्रेडिट आपको मिले हैं, उसमें से 30% के ऊपर जाने की कोशिश न करें। उदाहरण के लिए आपको 1 लाख रुपए का क्रेडिट मिला है तो 30 हजार रुपए से ज्यादा खर्च करने से बचें।
बहुत ज्यादा संख्या में लोन या क्रेडिट के लिए आवेदन न करें
आपको पैसों की जरूरत हो तो भी एक साथ कई बैंकों या फाइनेंस कंपनियों के पास आवेदन न करें। थोड़े-थोड़े अंतराल पर आवेदन कर सकते हैं। एक साथ कई लोगों से लोन या क्रेडिट के लिए अप्लाई करने का मतलब यह निकलता है कि आप फाइनेंशियली ज्यादा बोझ से दबे हैं। ये आपके क्रेडिट स्कोर पर गलत असर डालता है। इससे यह मतलब निकलता है कि आपको पैसा मिलने के बाद वापसी में जोखिम हो सकता है। बैंक या फाइनेंस कंपनी आपको लोन देने के पहले ज्यादा सतर्कता बरतेगी।
लोन या क्रेडिट का सेटलमेंट को आखिरी विकल्प की तरह ही रखें
जो लोग लंबे समय तक किस्तें नहीं चुकाते या कई महीनों का बिल बकाया रहता है, बैंक या फाइनें स कंपनियां ऐसे लोगों को कुछ लोन या क्रेडिट माफ करके, बाकी पैसा एक साथ भरने का ऑफर देते हैं। इसे settlement या डेट सेटलमेंट कहता है। सामान्यतया प अपने कुल लोन या कुल क्रेडिट का 50 से 60 प्रतिशत भरकर इस तरह का सेटलमेंट कर सकते हैं।
इस तरह के सेटलमेंट से आप अपने कर्ज के बोझ से मुक्ति पा लेते हैं, लेकिन ये आपके क्रेडिट स्कोर पर बहुत खराब प्रभाव डालता है। ऐसे सेटलमेंट के बाद आपको किसी बैंक या फाइनेंस कंपनी से लोन शायद न ही मिले।
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क्रेडिट स्कोर कब और कितना चेंज होता है?
अच्छे क्रेडिट स्कोर या सिबिल स्कोर के फायदे और उन्हें सुधारने के तरीके जानने के बाद, आपको यह भी जान लेना चाहिए कि, आपके किस तरह के खर्चे का आपके सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर पर क्या असर पड़ता है
नया लोन या क्रेडिट कार्ड लेने पर (New Loan and or Credit Cards)
नया लोन या क्रेडिट कार्ड लेने पर: 1 लाख से 15 लाख के क्रेडिट कार्ड लेने पर आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। लेकिन, अगर आप उसका पेमेंट समय पर नहीं कर पाते हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर बहुत तेजी से कम होता है।
- ऑटो लोन या कार लोन लेने पर: 1 लाख से 15 लाख तक का कार लोन या ऑटो लोन लेने पर आपका क्रेडिट स्कोर 13 अंक कम हो जाता है।
- पर्सनल लोन लेने पर: 5000 से 10 लाख तक के पर्सनल लोन से आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
- होम लोन लेने पर:10 लाख से 50 लाख रुपए तक के होम लोन लेने पर आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
लोन की किस्त में देरी करने पर (Miss an EMI or credit bill payment)
30 दिन लेट पेमेंट पर | 87 प्वाइंट्स घट जाते हैं। 753 से 666 हो जाएगा |
60 दिन लेट पेमेंट पर | 87 प्वाइंट्स घट जाते हैं। 753 से 666 हो जाएगा |
90 दिन लेट पेमेंट करने पर | 133 अंक (Points) कम हो जाते हैंउदाहरण के लिए 753 से घटकर 620 हो जाते है् |
- पुराना क्रेडिट कार्ड बंद कराने पर आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता
- नया मौजूदा बैलेंस एक साथ चुकता कर देने का भी क्रेडिट स्कोर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।