दोस्तों क्रिकेट वर्ल्डकप 2023 अपना आधा से ज्यादा सफर पूरा कर चुका है । कुछ टीमें सेमीफाइनल के लिए अपना दावा पुख्ता कर चुकी हैं तो कुछ अभी भी पूरे जोर आजमाइश में लगी हैं । एक सवाल जो जेहन में आता है वो ये है कि सबसे ज्यादा वर्ल्डकप किस टीम ने जीता है ? कब किसने ये ट्राफी जीती ? भारत कब कब विश्वकप जीता है तो आइए इस आर्टिकल में जानते हैं इन सवालों के जवाब ।
1975 वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को हराया
यह वर्ल्डकप विश्व क्रिकेट में सबसे लोकप्रिय टूर्नामेंट का पहला आयोजन था । वर्ल्डकप का फाइनल 21 जून 1975 को लंदन के लॉर्ड्स में खेला गया । फाइनल में आमने सामने थीं आस्ट्रेलिया औऱ वेस्टइंडीज । वेस्टइंडीज ने पहले बैटिंग करते हुए सर क्लाइव लॉयड के 102 रनों की बदौलत 60 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 291 रन बनाए । 292 के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम 58.4 ओवर में ऑल आउट हो गई। सर क्लाइव लॉयड को मैन ऑफ द मैच चुना गया ।
1979- वेस्टइंडीज ने मेजबान इंग्लैण्ड को दी मात
वर्ल्डकप का दूसरा एडिशन भी इंग्लैण्ड में ही आयोजित हुआ। विवियन रिचर्ड्स जैसे सितारों से सजी क्लाइव लॉयड की वेस्टइंडीज एक बार फिर फाइनल में पहुंच चुकी थी।लॉर्ड्स का मैदान था और सामने थी मेजबान इंग्लैण्ड । पहले बल्लेबाजी करते हुए वेस्टइंडीज ने विवियन रिचर्ड्स के शतक 138 के दम पर 286 रनों का स्कोर खड़ा किया। 287 के टारगेट को चेज करने उतरी इंग्लैण्ड की टीम 51 ओवर में 194 रन पर पवेलियन लौट गई । सर विवियन रिचर्ड्स को प्लेयर ऑफ द मैच से नवाजा गया ।
1983- भारत ने वेस्ट इंडीज को दी पटखनी
1983 का वर्ल्डकप अपने आप में बहुत ही नाटकीय और रोमांचक रहा। भारतीय टीम ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाया। दो बार की चैम्पियन वेस्टइंडीज हो या मेजबान इंग्लैेंड अथवा धुरंधर ऑस्ट्रेलिया सबको पटखनी देकर टीम इंडिया फाइनल में पहुंची । फाइनल में पहुंची दूसरी टीम थी वेस्टइंडीज जो वर्ल्डकप की हैट्रिक लगाने को बेताब थी । लॉर्ड्स के मैदान में खेला गया मुकाबला कांटे का रहा । पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम कुछ खास नहीं कर पाई और पूरी टीम 54.4 ओवर में 183 रन बनाकर ऑलआउट हो गई । टीम का कोई बैट्समैन अर्धशतक तक नहीं बना पाया । 184 रनों का लक्ष्य वेस्टइंडीज के सामने छोटा लग रहा था लेकिन टीम इंडिया के गेंदबाजों ने शानदार बॉलिंग की और वेस्टइंडीज की टीम को 52 ओवर में 140 के स्कोर पर ढेर कर वर्ल्डकप अपने नाम कर लिया । फाइनल में मोहिंदर अमरनाथ और मदन लाल ने 3-3, और बलविंदर संधु ने 2 विकेट लिए। कपिल देव और रोजर बिन्नी को 1-1 सफलता मिली । मोहिंदर अमरनाथ को मैन ऑफ द मैच चुना गया ।
1987- ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैण्ड को हराकर खोला खाता
वर्ल्डकप का चौथा संस्करण 8 अक्टूबर से 8 नवम्बर 1987 तक भारत और पाकिस्तान की संयुक्त मेजबानी में आयोजित हुआ । ऐसा पहली बार हुआ जब वर्ल्डकप इंग्लैंड के बाहर खेला गया । इसके अलावा इस वर्ल्डकप में कुल ओवरों की संख्या 60 से घटाकर 50 कर दी गई ।
फाइनल मुकाबला इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच 8 नवम्बर को कोलकाता के ईडन गार्डेन्स में खेला गया । टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी आस्ट्रेलिया ने 50 ओवर में 5 विकेट खोकर 253 रन बनाए । जवाब में इंग्लैण्ड की शुरुआत अच्छी नहीं रही और ओपनिंग बल्लेबाज टिम रॉबिनसन पहली बॉल पर बिना खाता खोले आउट हो गए। इंग्लैंड ने वापसी की और एक समय लग रहा था कि मैच जीत जाएगी लेकिन आखिर में वो निर्धारित 50 ओवर में 246 रन ही बना पाई । और ऑस्ट्रेलिया अपना पहला वर्ल्डकप खिताब जीतने में सफल हो गई ।
1992- इंग्लैण्ड को हरा पाकिस्तान बना चैम्पियन
1992 का वर्ल्डकप ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैण्ड की संयुक्त मेजबानी में खेला गया । यह विश्वकप कुछ बड़े बदलावों को साथ लेकर आया । इस एडिशन में पहली बार कुछ मैच फ्लड लाइट्स के नीचे खेले गए । टू्नामेंट का आयोजन पारम्परिक दो ग्रुप फॉर्मेट की जगह रॉबिन राउंड फॉर्मेट में खेला गया । इसी विश्वकप में पहली बार सफेद गेंद का उपयोग किया गया । इसके अलावा पहली बार टीमें रंगीन जर्सी में खेलती दिखीं।
1992 वर्ल्डकप भी अपने आप में काफी अद्भुत और नाटकीय रहा । पाकिस्तान की टीम गिरते पड़ते जहां नॉकआउट तक पहुंची । वहीं होस्ट न्यूजीलैण्ड ने अपने 8 मैचों में से 7 में ताबड़तोड़ जीत हासिल कर नॉकआउट का सफर तय किया। सेमीफाइनल में बारिश से बाधित मैच में तत्कालीन नियमों के अनुसार दक्षिण अफ्रीका को 1 गेंद में 22 रनों का असंभव लक्ष्य मिला ।
टूर्नामेंट का फाइनल ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में 25 मार्च को इंग्लैण्ड और पाकिस्तान के बीच खेला गया । पहले बैटिंग करते हुए पाकिस्तान की शुरुआत अच्छी नहीं रही । टीम का स्कोर 16 ओवर की समाप्ति पर 9 रन, और 25 ओवर तक मात्र 70 रन था। लेकिन कप्तान इमरान खान के 72, जावेद मियांदाद के 58, इंजमाम के 42 और वसीम अकरम के 33 रनों की बदौलत पाकिस्तान की टीम 250 रनों का टोटल खड़ा करने में कामयाब रही ।
जवाब में इंग्लैण्ड की शुरुआत अच्छी नहीें रही । और 69 के स्कोर पर टीम के 4 विकेट गिर चुके थे । Allan Lamb और Neil Fairbrother ने 71 रनों की ठोस साझेदारी कर टीम की उम्मीदों को जिंदा रखा । 141 के स्कोर पर वसीम अकरम की गेंद पर Allan lamb के आउट होने के बाद कोई भी बल्लेबाज नहीं टिक सका और टीम 49.2 ओवरों में 227 रन पर सिमट गई। इस तरह वर्ल्डकप की ट्राफी एक नए विनर के हाथों में आ गई । वसीम अकरम अपने ऑलराउण्ड प्रदर्शन की वजह से मैन ऑफ द मैच बने ।
1996- श्रीलंका के सिर सजा वर्ल्डकप का ताज
वर्ल्डकप का यह संस्करण भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका की संयुक्त मेजबानी में आयोजित किया गया। इस विश्वकप का फाइनल लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में खेला गया । टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी आस्ट्रेलिया की टीम की शुरुआत अच्छी रही । मार्क टेलर 74 और रिकी पोंटिग 45 के बीच दूसरे विकेट के लिए 101 रनों की साझेदारी के चलते एक समय टीम का स्कोर 137 /1 था । लेकिन फिर विकेट गिरना शुरु हुए और पूरी टीम 50 ओवर में 241 रन ही बना पाई । जवाब में श्रीलंका ने अरविंद डि सिल्वा के नाबाद 107 रनों के चलते 46.2 ओवर में 3 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया । अरविंद डि सिल्वा को मैन ऑफ द मैच से नवाजा गया ।
1999- पाकिस्तान को मात देकर ऑस्ट्रेलिया फिर बना विजेता
1999 में वर्ल्डकप फिर इंग्लैण्ड की मेजबानी में हुआ। लेकिन कुछ मैच स्काटलैंड, आयरलैंड ,वेल्स, और नीदरलैंड्स में भी खेले गए। लॉर्ड्स में खेले गए फाइनल मुकाबले में आस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को 8 विकेट से हराकर एक बार फिर विश्वविजेता बना । पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान की टीम 39 ओवर में 132 रन पर ऑलआउट हो गई । जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने 20.1 ओवर में 2 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया ।
2003-ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराया
2003 क्रिकेट वर्ल्डकप साउथ अफ्रीका में आयोजित किया गया । यह पूरा टूर्नामेंट उथल-पुथल से भरा रहा । टूर्नामेंट में काफी उलटफेर देखने को मिले । कुछ टीमों ने सुरक्षा के खतरे को देखते हुए अपने मैच नहीं खेले। केन्या की टीम सेमीफाइनल तक पहुंचने में सफल रहीं। टूर्नामेंट का फाइनल 23 मार्च को जोहान्सबर्ग में डिफेंडिग चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच खेला गया । आस्ट्रेलिया ने पहले बैैटिंग करते हुए 359 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया । लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम 39.2 ओवर में 239 रन पर सिमट गई । और आस्ट्रेलिया ने तीसरी बार वर्ल्डकप अपने नाम कर लिया।
2007- ऑस्ट्रेलिया ने लगाई वर्ल्डकप की हैट्रिक
वर्ल्डकप का यह संस्करण पहली बार वेस्टइंडीज में खेला गया । फाइनल मुकाबला ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच हुआ । बारिश से बाधित इस मैच में ओवरों की संख्या घटाकर 38 कर दी गई थी। पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने 4 विकेट के नुकसान पर 281 रन बना लिए थे । श्रीलंका को 36 ओवर में 269 बनाने थे लक्ष्य का पीछा करते हुए श्रीलंका की पारी के 33 वें ओवर में खराब रोशनी के चलते खेल रोक दिया गया । फिर खेल शुरु हुआ और DLS मेथड के चलते ऑस्ट्रेलिया को 53 रनों से जीत हासिल हुई । आस्ट्रेलिया लगातार तीन वर्ल्डकप जीतने वाली टीम बनी ।
2011- भारत ने श्रीलंका को हराकर दोहराया इतिहास
2011 क्रिकेट वर्ल्डकप भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश की संयुक्त मेजबानी में खेला गया । भारत ने इस वर्ल्डकप में अपना अभियान फेवरेट्स के रूप में शुरु किया। और अंत में वर्ल्डकप जीतकर उसे सही साबित किया।
फाइनल मुकाबला मुम्बई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया । टॉस जीतकर श्रीलंका ने बैटिंग का फैसला किया । महेला जयवर्धने के नाबाद 103 और कप्तान कुमार संगकारा 48 रनों की बदौलत निर्धारित 50 ओवर में 274 रनों का स्कोर खड़ा किया ।
275 रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। पारी की दूसरी गेंद पर ओपनर वीरेन्द्र सहवाग बिना खाता खोले वापस पैवेलियन लौट गए । वहीं सातवें ओवर में सचिन तेन्दुलकर भी 18 रन बनाकर आउट हो गए ।
इसके बाद विराट कोहली और गौतम गम्भीर ने पारी को सम्भाला । जब टीम का स्कोर 114 था तो विराट कोहली दिलशान की गेंद उन्हीं को कैच थमा बैठे । इसके बाद बल्लेबाजी करने आए कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी गौतम गम्भीर के साथ साझेदारी कर टीम को जीत के और करीब ले गए । गौतम गम्भीर 97 के निजी स्कोर पर पवेलियन लौट गए ।
इसके बाद धोनी ने 49 वें ओवर की दूसरी गेंद पर छक्का लगाकर वर्ल्ड कप जीत लिया । महेन्द्र सिंह धोनी को उनकी 79 बॉल पर 91 रन की मैच विनिंग पारी के लिए मैन ऑफ द मैच दिया गया । युवराज सिंह को उनके शानदार ऑलराउण्ड प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट से नवाजा गया ।
हमें उम्मीद है कि आपने भी धोनी सचिन की वो तस्वीर जरूर देखी होगी जिसमें उनके हाथ में करोड़ों की वर्ल्ड कप ट्रॉफी है।
2015- ऑस्ट्रेलिया ने फिर दिखाया दम
2015 का वर्ल्डकप ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की संयुक्त मेजबानी में 14 फरवरी से 29 मार्च के बीच आयोजित किया गया। इस विश्वकप का फाइनल भी दोनों मेजबान देशों के बीच ही खेला गया । 29 मार्च को मेलबर्न में खेले गए फाइनल में न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया । हालांकि ये फैसला उनके हक में नहीं गया और पूरी टीम 45 ओवर में 183 रन पर सिमट गई ।
जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने 33.1 ओवर में 3 विकेट खोकर आसानी से टारगेट हासिल कर लिया । ऑस्ट्रेलिया ने पाँचवी बार वर्ल्डकप जीतकर दिखा दिया कि क्यों वो क्रिकेट वर्ल्डकप की सबसे सफल टीम हैं ।
2019- इंग्लैंड ने मारी बाजी, कीवियों का टूटा दिल
14 जुलाई 2019 को खेला गया वर्ल्डकप का फाइनल सबसे रोमांचकारी और विचित्र था । क्योेंकि विनर रन या विकेट से नहीं बल्कि बाउण्ड्री काउंट से डिसाइड हुआ ।
न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए 241 रन बनाए । जवाब में इंग्लैण्ड भी 241 रन ही बना पाई और मैच पहुंचा सुपर ओवर में । सुपर ओवर में भी दोनों टीमों का स्कोर सेम रहा और बाउण्ड्री काउंट के आधार पर इंग्लैण्ड को विजेता घोषित कर दिया गया।
बेन स्टोक्स को प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया जबकि न्यूजीलैंड के कैप्टन केन विलियमसन को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट से नवाजा गया ।
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