टैक्स से छुटकारा नहीं है। इनकम टैक्स और जीएसटी क्या कम थे कि अब प्रोफेशनल टैक्स भी आ गया है। पहले Hindi बोलने वाले ज्यादातर राज्यों में Professional Tax नहीं लगता था। लेकिन अब बिहार और Madhya Pradesh (MP) में भी ये टैक्स लगने लगा है। इस लेख में हम आपको प्रोफेशनल टैक्स और उसके Slab Rates के बारे में बताएंगे।
1. Professional Tax की खास बातें
प्रोफेशनल टैक्स से वास्ता सिर्फ उन्ही लोगों का पड़ता है जो पैसे कमाते हैं। इसके बारे में जानकारी उतनी आसानी से नहीं मिलती है। नीचे हमने प्रोफेशनल टैक्स की खास बातें रखी हैं।
राज्य सरकारें लगाती हैं प्रोफेशनल टैक्स
देश के संविधान ने इजाजत दी है कि State Governments प्रोफेशनल टैक्स लगा सकती हैं। संविधान के अनुच्छेद 276 (2) में इस टैक्स का जिक्र है। इसी नियम का फायदा उठाकर ज्यादातर सरकारों ने प्रोफेशनल टैक्स लगा रखा है। सिर्फ कुछ गिने-चुने राज्य ही है जहां Professional Tax नहीं लगता है। नीचे हमने ऐसे राज्यों की list दी है।
Rules के मुताबिक प्रोफेशलन टैक्स से मिले पैसे का इस्तेमाल राज्य में बेरोजगारों के कल्याण में इस्तेमाल होगा। इसलिए ज्यादातर राज्य सरकारें इसी टैक्स के पैसे से बेरोजगारी भत्ता देती हैं।
प्रोफेशनल टैक्स नहीं लेने वाले राज्य
- केन्द्र सरकार
- Andaman and Nicobar Islands
- Rajasthan
- Himachal Pradesh
- Chattisgarh
- Dadra and Nagar Haveli
- Arunachal Pradesh
- Uttar Pradesh
- Goa
- Haryana
- Daman and Diu
- Chandigarh
- Delhi
- Jammu and Kashmir
- Uttaranchal
कमाते हैं तो प्रोफेशनल टैक्स दीजिए
जिन राज्यों में प्रोफेशनल टैक्स लगता है वहां हर कमाने वाले को ये टैक्स देना पड़ता है। फिर चाहे उसकी कमाई service से हो, किसी profession से या फिर business से। कानून में साफ लिखा है कि प्रोफेशनल टैक्स पेशे, व्यापार या सर्विस पर लगाया जाएगा। हालांकि कुछ लोगों को इस नियम से राहत दी गई है।
प्रोफेशनल टैक्स से छूट भी
वैसे तो हर राज्य में प्रोफेशनल टैक्स के नियम अलग-अलग होते हैं। लेकिन ज्यादातर राज्य कुछ special लोगों को राहत देते हैं। यानी नीचे दिए गए conditions को पूरा करने वाले लोगों को प्रोफेशनल टैक्स देने की जरूरत नहीं है।
- मानसिक या शारीरिक तौर पर विकलांग बच्चों के माता-पिता
- security forces में काम करने वाले लोग
- Textile industry के बदली कामगार
- विकलांग लोग
- 65 साल से ऊपर के लोग
कंपनी भरती है प्रोफेशनल टैक्स
कर्मचारियों को अपना प्रोफेशनल टैक्स सीधे deposit करने की जरूरत नहीं होती है। बल्कि उनकी कंपनी या विभाग खुद salary से प्रोफेशनल टैक्स काट कर government के पास जमा कर देता है। कंपनियों को हर महीने अपने कर्मचारियों का प्रोफेशनल टैक्स जमा करना होता है।
लेकिन अगर आप किसी की नौकरी नहीं करते हैं और खुद अपने मालिक यानी self employed हैं तो प्रोफेशनल टैक्स भी खुद ही जमा करना होगा। हालांकि ऐसी स्थिति में आपको प्रोफेशनल टैक्स साल में एक ही बार जमा करना होगा।
किसी भी राज्य में प्रोफेशनल टैक्स से जुड़ा हिसाब-किताब commercial tax department देखता है। फिलहाल यही विभाग जीएसटी भी वसूलता है।
कंपनी हर महीने भरती है रिटर्न
जैसे किसी कंपनी को हर महीने की टीडीएस Payment का हिसाब देना पड़ता है उसी तरह हर महीने की प्रोफेशनल टैक्स कटौती का हिसाब देना होता है। इस कटौती का हिसाब रिटर्न के तौर पर जमा करना होता है। हर महीने कंपनी सरकार को बताती है कि उसके कितने कर्मचारी हैं, उनका वेतन कितना है और प्रोफेशनल टैक्स काटकर जमा किया गया है या नहीं।
अगर कोई कंपनी साल भर में 50 हजार से कम टैक्स काटती है तो उसे साल में एक बार ही टैक्स और रिटर्न भरना होता है।
तो कर्मचारियों को प्रोफेशनल टैक्स का रिटर्न file करने की जरूरत नहीं होती है। लेकिन जो लोग खुद professional tax भरते हैं उन्हे return भी खुद ही भरना होता है। चूंकि ऐसे लोग साल में एक बार ही Professional Tax भरते हैं इसलिए रिटर्न भी एक बार ही file करना होता है।
प्रोफेशनल टैक्स पर छूट
सरकार टैक्स के ऊपर टैक्स नहीं लगा सकती है। इसलिए आपके वेतन से जो पैसा प्रोफेशनल टैक्स में चला जाता है। उसे घटाकर ही taxable income जोड़ा जाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो प्रोफेशनल टैक्स को exemption हासिल है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 16 में इस छूट को दिया गया है।
2. राज्यों में प्रोफेशनल टैक्स स्लैब रेट
20 से ज्यादा राज्यों में प्रोफेशनल टैक्स लगाया जाता है। उन सबका रेट भी अलग-अलग है। लेकिन यहां पर हम सिर्फ उन्ही राज्यों का Professional tax slab rate देंगे जहां Hindi समझी जाती है।
हम आपको ये भी बता दें कि प्रोफेशनल टैक्स का slab rate कमाई के हिसाब से अलग-अलग होता है। कम कमाई वालों को तो ये टैक्स देना ही नहीं पड़ता है। दरअसल इसका tax structure
इनकम टैक्स स्लैब की तरह ही होता है।
इतना जान लें कि मौजूदा कानून के मुताबिक कोई भी राज्य साल भर में 2500 रुपए से ज्यादा का प्रोफेशनल टैक्स नहीं लगा सकता है। ये लिमिट 2002 से चली आ रही है। अभी कुछ महीने पहले राज्यों ने इस लिमिट को बढ़ाकर 7500 करने की मुहिम चलाई थी लेकिन केन्द्र सरकार ने इसे खारिज कर दिया है।
बिहार में प्रोफेशनल टैक्स
बिहार में प्रोफेशनल टैक्स साल 2011 से लगाया गया है। हालांकि कम आय वालों के लिए प्रोफेशनल टैक्स का रेट ज्यादा नहीं है। अगर आपकी आमदनी 5 लाख रुपए सालानासे कम है तो आपको हर महीने 90 रुपए से भी कम प्रोफेशनल टैक्स देना होगा।
सालाना कमाई (₹) | साल भर के लिए प्रोफेशनल टैक्स (₹) |
₹ 3,00,000 तक | Nil |
₹ 3,00,001 – ₹ 5,00,000 | ₹ 1,000 |
₹ 5,00,001 – ₹ 10,00,000 | ₹ 2,000 |
₹ 10,00,000 | ₹ 2,500 |
Madhya Pradesh में प्रोफेशनल टैक्स
मध्य प्रदेश में भी एक सीमा तक कमाने वालों को प्रोफेशनल टैक्स नहीं देना पड़ता है। लेकिन यहां पर ये सीमा काफी नीची है। आपकी आमदनी डेढ़ लाख से ज्यादा हुई नहीं कि आप टैक्स के दायरे में आ जाएंगे। और जैसे ही आपकी कमाई 1 लाख अस्सी हजार को पार करती है तो आपको अधिकतम रेट वाला प्रोफेशनल टैक्स देना होगा।
सालाना कमाई | प्रोफेशनल टैक्स रेट (मासिक) |
₹1,50,000 तक | Nil |
1,50,001 – 1,80,000 | 125 |
₹1,80,00 से ज्यादा | 212 |
प्रोफेशनल टैक्स नहीं देने पर मध्य प्रदेश सरकार 2 प्रतिशत की दर पर penalty charge कर सकती है।
मध्य प्रदेश सरकार ने प्रोफेशनल टैक्स के online registration की व्यवस्था की है। आप इसके जरिए tax payment और return आसानी से भर सकते हैं.
महाराष्ट्र में प्रोफेशनल टैक्स
महाराष्ट्र सरकार प्रोफेशनल टैक्स को जम कर वसूलता है। 10 हजार रुपए महीना से ज्यादा कमाने वाले को साल भर में पूरा ढाई हजार रुपए का प्रोफेशनल टैक्स देना होता है।
मासिक वेतन | प्रोफेशनल टैक्सरेट |
₹7,500 तक (पुरुषों के लिए) ₹10,000 तक (महिलाओं के लिए) | Nil |
₹7,500 – ₹10,000 | ₹175 |
10,000 से ऊपर | ₹200/ माह, फरवरी में ₹300 |
महाराष्ट्र सरकार ने एक scheme रखी है जिससे आप प्रोफेशनल टैक्स बचा सकते हैं। इसके मुताबिक अगर आप पांच साल का प्रोफेशनल टैक्स एक बार में भर देते हैं तो बीस प्रतिशत की छूट मिल जाएगी। यानी पांच साल के लिए आपको ₹12,500 के बजाय सिर्फ ₹10,000 भरना होगा।
दिल्ली में प्रोफेशनल टैक्स!
फिलहाल दिल्ली में कोई प्रोफेशनल टैक्स नहीं लगता है। लेकिन कई बार कोशिश जरूर हुई है। बार-बार कर्मचारियों के विरोध की वजह से दिल्ली सरकार ने इसे टाल दिया है। दिल्ली की म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन का प्रस्ताव था कि तीस हजार रुपए महीने से ज्यादा कमाने वाले लोगों पर प्रोफेशनल टैक्स लगाया जाए। लेकिन अभी तक ये प्रस्ताव मंजूर नहीं हुआ है।
उत्तर प्रदेश में प्रोफेशनल टैक्स
बहुत से लोग जानना चाहते हैं कि क्या उत्तर प्रदेश में प्रोफेशनल टैक्स लगता है। फिक्र वाजिब है क्योंकि गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में ढेरों दफ्तर हैं। लेकिन, खुशी की बात ये है कि उत्तर प्रदेश सरकार किसी तरह का प्रोफेशनल टैक्स नहीं लगाती है। दरअसल उत्तर प्रदेश और राजस्थान ही ऐसे बड़े राज्य हैं जहां प्रोफेशनल टैक्स नहीं लगता है।
अन्य राज्यों का प्रोफेशनल टैक्स रेट जानने के लिए आप हमारे अंग्रेजी के लेख को पढ़ सकते हैं।
3. प्रोफेशनल टैक्स कैसे भरा जाता है
अब हम तो ये जानते ही है कि कुछ राज्यों में कमाई होने का मतलब है कि प्रोफेशनल टैक्स भरिए। लेकिन कंपनियों में काम करने वाले इस टैक्स की झंझट से बच जाते हैं। उनकी कंपनी हर महीने सैलरी से ये टैक्स काटकर राज्य सरकार के पास जमा कर देती है। लेकिन स्वरोजगार करने वाले लोगों को इस टैक्स को जमा करने की जहमत उठानी पड़ती है।
इसकी शुरुआत होती है रजिस्ट्रेशन से। कमाई शुरु होने के 6 महीने के अंदर आपको प्रोफेशनल टैक्स के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा। ये रजिस्ट्रेशन जिले के सेल्स टैक्स ऑफिस (वाणिज्य कर विभाग) में होता है। वैसे आजकल ज्यादातर राज्य ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी देते हैं।
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया
- एनरोलमेंट या रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरकर जमा कीजिए
- आपको रजिस्ट्रेशन नंबर मिल जाएगा
- इसी रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर आप बैंक में प्रोफेशनल टैक्स जमा कर सकते हैं। बैंक में पैसा जमा करने के लिए एक चालान (Challan) भरना पड़ता है।
- ऑनलाइन डिपॉजिट में भी इसी रजिस्ट्रेशन नंबर का इस्तेमाल होता है
4. टैक्स नहीं भरा तो …
चूंकि प्रोफेशनल टैक्स छोटी रकम है और इसका अलग सिस्टम है इसलिए अक्सर लोग इसे भरना भूल जाते हैं। ऐसे में क्या होगा।
तो ऐसी स्थिति में वही होता है जो इनकम टैक्स नहीं भरने पर होता है।
- राज्य का कॉर्मशियल टैक्स विभाग आपके ऊपर पेनाल्टी लगा देगा। ये पेनाल्टी बकाया प्रोफेशनल टैक्स को दोगुना हो सकती है।
- बकाया प्रोफेशनल टैक्स पर 2% महीने के हिसाब से ब्याज लगाया जाएगा।