भारत में सामान्यत: खेती-बाड़ी से होने वाली आमदनी पर टैक्स नहीं लगता। लेकिन, जमीन के कुछ खास तरह के इस्तेमालों को कृषि आमदनी माना ही नहीं जाता। इस लेख में हम जानेंगे कि कृषि आय पर टैक्स छूट के नियम क्या हैं? जमीन से होने वाली कौन-कौन सी आमदनी को कृषि आय माना जाता है और कौन-कौन सी आमदनी को कृषि आय नहीं माना जाता। साथ ही हम यह भी जानेंगे कि कृषि योग्य जमीन को बेचने से हुए आय पर टैक्स छूट कैसे प्राप्त कर सकते हैं। Tax Rules of Agricultural Income in Hindi?
कृषि आय पर टैक्स छूट के नियम
इनकम टैक्स ऐक्ट के Section 10(1) के मुताबिक, कृषि आमदनी पर टैक्स नहीं लगता। लेकिन, इस टैक्स छूट को पाने के लिए कुछ शर्तें पूरी होनी चाहिए, जोकि इस प्रकार हैं-
- आपकी कुल कृषि आमदनी (total agricultural income) 5,000 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। कृषि आमदनी के अलावा, आपकी आमदनी का कोई अन्य स्रोत नहीं होना चाहिए।
- अगर कृषि आमदनी के अलावा, भी आपकी आमदनी का कोई दूसरा स्रोत है, तो फिर दूसरे स्रोतों से होने वाली आमदनी, बैसिक टैक्स छूट की आमदनी से अधिक नहीं होनी चाहिए।
भारत में, कृषि आय से मतलब क्या होता है?
इनकम टैक्स एक्ट के Section 2(1A) के मुताबिक, कृषि आमदनी (agricultural income), ऐसी कमाई को कहा जाता है, जोकि
- भारत में, कृषि उद्देश्यों (agricultural purposes) के लिए इस्तेमाल की जा रही जमीन से प्राप्त होने वाली कोई कमाई (revenue) या किराया (Rent)
- ऐसी जमीन पर संचालित किसी कृषि गतिविधि (agriculture operations) से होने वाली आमदनी, जिसमें कृषि उत्पादों (agricultural produce) का प्रसंस्करण (processing) भी शामिल होता है।
- किसी फॉर्महाउस से होने वाली ऐसी आमदनी, जोकि section 2(1A) के तहत, कृषि आमदनी मानने की शर्त पूरी करती हो।
- नर्सरी में पौधरोपण (saplings) या seedlings (अंकुरण ) से पैदा होने वाली कमाई भी कृषि आमदनी के रूप में मानी गई है।
कृषि आमदनी के उदाहरण | Examples of Agricultural Income
- लगाए हुए पेड़ों को बेचने से हुए आमदनी
- बीजों की बिक्री से होने वाली आमदनी
- कृषि भूमि से किराए के रूप में हुई आमदनी
- उगाए हुए फूलों और बेलों (creepers) से हुई आमदनी
- कृषि उत्पादों और गतिविधियों में लगी फर्म के लाभ में, पार्टनर के रूप में मिला हिस्सा
- कृषि उत्पादों और गतिविधियों में लगी फर्म के पार्टनर को, अपनी लगाई गई पूंजी पर मिली ब्याज
- अनाज को बेचने लायक बनाने से पहले जो भी मड़ाई, छंटाई, कुटाई, सफाई जैसे काम होते हैं उनसे भी होने वाली कमाई कृषि आमदनी ही मानी जाएगी।
- खेत की ही जमीन पर बने Agricultural Farm House से होने वाली कमाई भी कृषि आय है। इसी तरह खेत मजदूरों के लिए बनी बिल्डिंग की आमदनी भी इसी कैटेगरी में मानी जाएगी।
कृषि आय पर टैक्स कब लगता है?
अगर आपकी 5000 की शुद्ध कृषि आमदनी को छोड़कर कृषि और दूसरे स्रोतों से प्राप्त कुल आमदनी, अगर बेसिक टैक्स छूट की लिमिट (2.5 लाख रुपए) से अधिक हो तो आपको अपनी आमदनी पर टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स की गणना करनी होगी। 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों के लिए यह लिमिट 3 लाख रुपए की होती है।
गैर कृषि आय में शामिल कमाई | Non-Agricultural Income
अगर आपको नीचे बताए गए किसी तरीके से आमदनी होती है, तो उसे कृषि आमदनी में नहीं गिना जाएगा-
- मुर्गीपालन (poultry farming) से होने वाली आमदनी
- मधुमक्खी पालन (bee hiving) से होने वाली आमदनी
- किसी संस्था की ओर से कृषि आमदनी से लाभांश के रुप में मिली आमदनी
- अपने आप उगे पेड़ों की बिक्री से हुए आमदनी
- डेयरी उत्पादन (dairy farming) से हुई आमदनी
- समुद्री पानी से जमीन पर नमक के उत्पादन से हुई आमदनी
- खड़ी फसल (standing crops) की खरीद से हुई आमदनी
- जमीन पर मौजूद खानों (mines) से मिलने वाली आमदनी
- मक्खन (butter) और चीज (cheese) से आमदनी.
- फॉर्महाउस में फिल्म या टीवी प्रोग्राम से होने वाली आमदनी
नोट: अगर किसी व्यक्ति की कुल कृषि आय (aggregate agricultural income) 5000 रुपए तक है तो उसे अपने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में, अपनी कृषि आमदनी का विवरण देना पड़ेगा। अगर कुल कृषि आय (aggregate agricultural income) 5000 रुपए से अधिक होती है तो इसे ITR-2 में इसका विवरण देना होगा।
जमीन की स्थिति और इस्तेमाल से तय होती है कृषि आमदनी
किसी आमदनी को कृषि आमदनी मानने के लिए निम्नलिखित तथ्यों को ध्यान में रखना होगा।
(i) शहर से लगी हुई जमीन कृषि भूमि नहीं मानी जाती
कोई जमीन कृषि भूमि (Agriculture land) तभी मानी जाएगी जब वह किसी शहर या कस्बे की सीमा (municipal limit) से पर्याप्त दूरी पर हो। इस पर्याप्त दूरी को शहर या कस्बे की आबादी के हिसाब से तय किया गया है।
शहर या कस्बे की आबादी | कृषि भूमि शुरू |
10 हजार से ज्यादा | 2 किमी के बाद |
1 लाख से ज्यादा | 6 किमी के बाद |
10 लाख से ज्यादा | 8 किमी के बाद |
जमीन का प्रयोग खेती से जुड़े काम के लिए होना चाहिए
किसी जमीन को कृषि भूमि तभी माना जाएगा जब उसमें खेती से जुड़े काम हो रहे हों जैसे फसल की बुवाई, स्टोरेज या processing होती है। अब अगर उस पर ईंट भट्टा (brick klin) चलता है तो वो कृषि भूमि नहीं मानी जाएगी।
- ये ध्यान रखिए कि किसी काम को खेती से जुड़ा काम तभी माना जाएगा जब उसकी शुरुआती प्रक्रिया में पौधों को उगाना शामिल हो। जैसे अनाज (grain), फल (fruits), चाय (tea), कॉफी (coffee), मसाले (spices), व्यावसायिक फसलें (commercial crops) जैसे सब्जी, फूल की खेती, पौधरोपण (plantations), चारागाह (grasslands) वगैरह खेती की श्रेणी में आते हैं।
- जबकि मुर्गी पालन (Poultry), मछली पालन (Aquaculture), मधुमक्खी पालन आदि से होने वाली आमदनी कृषि आमदनी में शामिल नहीं की जाती है।
- पेड़ों को काटने और इमारती लकड़ी के रूप में बेचने का काम भी agricultural income के रूप में मान्य नहीं है। क्योंकि, यहां भी कृषि गतिविधि से कोई वास्ता नहीं हैं।
जमीन का मालिक होना अनिवार्य नहीं
कृषि आमदनी तय करने के लिए यह जरूरी नहीं है कि खेती करने वाला व्यक्ति (cultivator) उस जमीन का मालिक ही हो। जमीन को बंटाई पर लेकर काम करने वाले (tenant or a sub-tenant) या पहले से कुछ तय रकम चुकाकर खेती करने वाले (mortgagee) भी इस tax-free income के नियम का फायदा उठाने के हकदार हैं।
बिना कृषि गतिविधि वाले प्रसंस्करण कार्य शामिल नहीं किए जाते
अगर कोई व्यक्ति, बिना किसी agricultural operations के किस कृषि उत्पाद का प्रसंस्करण करता है तो उससे होने वाली आमदनी को agricultural income नहीं माना जाएगा। इसी तरह जहां पर किसी कृषि उत्पाद की processing के माध्यम से बिल्कुल उसका Nature ही बदल दिया जा रहा हो। जैसे कि फलों के रस की डिब्बाबंदी (canning of fruits)। ऐसे में यह कृषि आमदनी और व्यावसायिक आमदनी का मिला-जुला रूप होगा। इस पर फिर दोनों के हिसाब से टैक्स की गणना में भी शामिल किया जाएगा।
कृषि भूमि को बेचने से हुए आमदनी पर टैक्स का नियम: Section 54B
अगर कोई व्यक्ति कृषि जमीन (agricultural land) को बेचकर, उससे मिले पैसों से दूसरी, कृषि जमीन (agricultural land) खरीद लेता है तो फिर उसे भी टैक्स छूट मिलती है। यह टैक्स छूट इनकम टैक्स एक्ट के Section 54B के तहत मिलती है। लेकिन यह टैक्स छूट सिर्फ व्यक्तिगत (individual) या HUF कैटेगरी के करदाता (Taxpayer) को ही मिल सकती है। कंपनी, फर्म या संस्थानों को नहीं।
Section 54B के तहत टैक्स छूट पाने के लिए निम्नलिखित शर्तें पूरी होनी आवश्यक हैं-
- वह कृषि भूमि (agricultural land) पिछले कम से कम 2 वर्षों से, कृषि उद्देश्यों में इस्तेमाल की जानी चाहिए। व्यक्ति खुद या उसके माता-पिता के द्वारा। HUF के मामले में, वह जमीन कर्ता या किसी भी मेंबर की ओर से कृषि उद्देश्यों में इस्तेमाल की जानी चाहिए।
- उस कृषि भूमि (agricultural land) को बेचने के बाद, 2 साल के अंदर, दूसरी कृषि भूमि (agricultural land) खरीद ली जानी चाहिए।
- अगर, उस जमीन का सरकार ने अनिवार्य अधिग्रहण (compulsory acquisition) किया है तो मुआवजा ( compensation) मिलने की तारीख से 2 साल के अंदर दूसरी नई कृषि भूमि (agricultural land) को खरीद लिया जाना चाहिए।
- यहां यह भी ध्यान रखने लायक है कि, अगर किसी agricultural land का सरकार द्वारा अनिवार्य अधिग्रहण (compulsorily acquired) किया जाता है, तो उस पर मिले capital gain पर किसी तरह का टैक्स नहीं लकता। Section 10(37) के तहत यह छूट दी गई है और 1 अप्रैल 2004 या उसके बाद हुए सभी अधिग्रहणों पर यह छूट लागू होती है।