पोस्ट ऑफिस के अकाउंट पर आपको किसी भी बैंक के सेविंग अकाउंट से ज्यादा ब्याज मिलती है। इसमें सिर्फ 500 रुपए न्यूनतम बैलेंस रखना पड़ता है। बैकों की तरह, अब पोस्ट ऑफिस अकाउंट के साथ भी, आपको ATM, पासबुक, चेकबुक, नेटबैंकिंग वगैरह की सुविधाएं मिलती हैं। कई अन्य विशेषताएं भी है, जोकि पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट को बैंकों के सेविंग अकाउंट से ज्यादा अच्छा सिद्ध करती हैं। इस लेख में हम बताएंगे कि पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट के फायदे क्या हैं? Benefits of Post Office Saving Account in Hindi.
1. बैंकों के अकाउंट से ज्यादा ब्याज देता है पोस्ट ऑफिस अकाउंट
इस समय पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट पर 4% सालाना ब्याज मिल रही है। ज्यादातर सरकारी और प्राइवेट बैंकों के सेविंग अकाउंट से यह ज्यादा ही है। नीचे हमने भारत के सबसे बड़े 5 बैंकों के सेविंग अकाउंट की वर्तमान ब्याज दर की लिस्ट दी है। ये लिस्ट बताती है कि आपका पैसा बैंक के मुकाबले पोस्ट ऑफिस में ज्यादा बढ़ता है।
बैंकों के सेविंग अकाउंट की ब्याज दरें (50 लाख से कम जमा पर )
पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट | 4.00% वार्षिक |
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) सेविंग अकाउंट | 2.70% वार्षिक |
बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) सेविंग अकाउंट | 2.75% वार्षिक |
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) सेविंग अकाउंट | 2.75% वार्षिक |
आईसीआईसीआई बैंक (ICICI) सेविंग अकाउंट | 3.00% वार्षिक |
एचडीएफसी बैंक (HDFC) सेविंग अकाउंट | 3.00% वार्षिक |
ध्यान दें: कुछ प्राइवेट बैंक अपने यहां सेविंग अकाउंट खुलवाने पर 6% या इसके आस-पास देने का दावा करते हैं। लेकिन उनमें काफी ज्यादा बैंलेस रखने की शर्त जुड़ी होती है। इसलिए सामान्य सेविंग अकाउंट से उनकी तुलना नहीं की जा सकती।
2. सिर्फ 500 रुपए जमा करके खोल सकते हैं पोस्ट ऑफिस खाता
पोस्ट ऑफिस में सिर्फ 500 रुपए जमा करके सेविंग अकाउंट खुल जाता है। बाद में भी आपको अपने अकाउंट में सिर्फ 500 रुपए का नयूनतम बैंलेस (Minimum Balance) बनाए रखना जरूरी रहता है।
यहां यह ध्यान रखें कि किसी वित्तवर्ष के दौरान आपके अकाउंट का बैंलेस 500 रुपए से कम पहुँच जाता है तो फिर उस अकाउंट से 50 रुपए काट लिए जाते हैं। पैसा निकालते (withdrawal) समय भी इस बात का पालन किया जाता है कि आपके खाते का बैंलेस घटकर 500 रुपए से नीचे न जाने पाए। अगर बैलेंस घटकर 500 रुपए से कम हो सकता है तो फिर पैसा निकालने की अनुमति नहीं दी जाती।
एक बार में कम से कम 10 रुपए तक जमा कर सकते है: पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट में आपकी कभी भी पैसा जमा कर सकते है और कभी भी निकाल सकते है।लेकिन एक बार में 10 रुपए से कम जमा नहीं किए जा सकते है। एक बार में 50 रुपए से कम निकाला नहीं जा सकता।
3. पोस्ट ऑफिस में चाहे जितना ज्यादा बैलेंस रख सकते हैं
पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट में अधिकतम जमा (Maximum Deposit) की कोई लिमिट नहीं होती। आप अपनी सुविधानुसार चाहे जितना पैसा जमा करके रख सकते हैं और चाहे जितना पैसा निकाल सकते हैं। हालांकि, नगद पैसा निकालने (cash deposit) और नगद पैसा निकालने (cash withdrawal) की लिमिट रखी जाने लगी है।
रिजर्व बैंक के नए नियमों के मुताबिक, आप सेविंग अकाउंट में एक बार में 1 लाख से ज्यादा नगद जमा नहीं कर सकते है और एक साल में 10 लाख से ज्यादा नगद जमा नहीं कर सकते। इन सीमाओं से अधिक जमा करने के लिए आप ऑनलाइन या डिजिटल तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं। जिसमें सीधे एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसा ट्रांसफर होगा।
4. एटीएम कार्ड, पासबुक, चेक बुक, नेटबैकिंग, फोनबैंकिंग भी
बैंकों के सेविंग अकाउंट की तरह, अब पोस्ट ऑफिस के सेविंग अकाउंट के साथ भी इंटरनेंट बैंकिंग, फोन बैंकिंग और UPI ट्रांसफर जैसी सुविधाएं मिलने लगी हैं। इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में तो ऑनलाइन खाता खुलवाने तक की सुविधा चालू कर दी गई है। बैंकों की तरह, पोस्ट ऑफिस के भी ATM होते हैं, जहां पर अपने ATM कार्ड की की मदद से आप जमा, निकासी, ट्रांसफर, बिलिंग, रिचार्ज वगैरह के काम निपटा सकते हैं। सरकारी योजनाओं का पैसा या सब्सिडी वगैरह का पैसा पाने के लिए भी पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट का इस्तेमाल कर सकते हैं। अन्य जमा योजनाओं जैसे कि सुकन्या समृद्धि योजना अकाउंट, पीपीएफ अकाउंट, वरिष्ठ नागरिक बचत खाता, एनएससी अकाउंट वगैरह को भी इससे लिंक कर सकते हैं।
5. किसी भी उम्र का व्यक्ति खाता खुलवा सकता है
कोई भी वयस्क यानी कि 18 वर्ष की उम्र पूर्ण कर चुका व्याक्ति पोस्ट ऑफिस में सेविंग अकाउंट खुलवा सकता है। बच्चे के नाम भी उसके माता-पिता या अभिभावक को शामिल खोला जा सकता है। ऐसे अकाउंट के संचालन करने योग्य न बन जाए या फिर 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर तो अपने आप उसे अकाउंट संचालन करने का अधिकार मिल जाता है।
6. संयुक्त खाता (Joint Account) भी खुलवा सकते हैं
18 वर्ष से अधिक उम्र वाले कोई भी दो व्याक्ति मिलकर संयुक्त पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट भी खोल सकते है। joint post office saving account ये साथ अकाउंट अकाउंट संचालन अधिकार के हिसाब से दो तरह के होते है-
- ज्वाइट A टाइप के अकाउंट:- इस तरह के अकाउंट खोला भी दोनों व्यक्तियों के डाक्यूमेंट और हस्ताक्षर के साथ जाता है और पैसा निकालने के लिए भी दोनों व्यक्तियो के हस्ताक्षर लगते है। लेकिन पैसा निकालने के लिए भी दोनों व्यक्तियों के हस्ताक्षर अनिवार्य होते है।
- ज्वाइट B टाइप के अकाउंट:- इस तरह के अकाउंट में खाता खोलने के लिए दोनों व्यक्तियों के डाक्यूमेंटस की जरुरत होती है और दोनों के हस्ताक्षर लगते है। लेकिन पैसा निकालने के लिए किसी भी एक व्यक्ति के हस्ताक्षर से काम चल जाता है।
7. नोमिनी का नाम भी दर्ज करा सकते हैं
आप अपने सेविंग अकाउंट के लिए अपने घर, परिवार के किसी व्यक्ति या संबंधी को नोमिनी भी बना सकते हैं। नोमिनी वह व्यक्ति होता है, जिसे खाताधारक की मृत्यु हो जाने पर, उसके अकाउंट में मौजूद रकम को पाने का अधिकार होता है। आप एक से अधिक लोगों का नाम भी नोमिनी के रूप में जुड़वा सकते हैं और प्रत्येक व्यक्ति का हिस्सा (Share) भी निश्चित कर सकते हैं। बाद में अगर आप चाहें तो नोमिनी का नाम बदल भी सकते हैं, या किसी नए व्यक्ति का नाम जुड़वा भी सकते हैं।
दस हजार तक की ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता
भारत में किसी भी तरह के बैंक सेविंग अकाउंट में जमा पैसों पर मिलने वाली 10000 रुपए तक की ब्याज टैक्स फ्री है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 TTA के तहत यह टैक्स छूट मिलती है।
बैंकों के अकाउंट की ब्याज भी शामिल कर सकते हैं: 10 हजार रुपए तक की ब्याज में आप पोस्ट आफिस सेविंग अकाउंट के अलावा बैंकों के सेविंग अकाउंट्स और को-आपरेटिव बैंकों के सेविंग अकाउंट्स की ब्याज को भी शामिल कर सकते हैं। वास्तव में ब्याज दर और न्यूनतम बैलेंस के अलावा, सेविंग अकाउंट के वे सभी नियम पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट पर लागू होते हैं, जोकि किसी बैंक अकाउंट पर लागू होते हैं।
40 हजार रुपए तक के ब्याज पर TDS भी नहीं कटता: सेविंग अकाउंट की 40 हजार रुपए तक की ब्याज पर TDS नहीं कटता। इस लिमिट में पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट्स के साथ-साथ सभी बैंकों के सेविंग अकाउंट्स की ब्याज को शामिल किया जाता है।
बुजुर्गों (60 वर्ष से अधिक उम्र वालों) के 50 हजार रुपए तक की सेविंग अकाउंट ब्याज पर, TDS नहीं कटता। इस लिमिट में उनके पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट और बैंकों के सेविंग अकाउंट के साथ-साथ FD अकाउंट्स, RD अकाउंट्स की ब्याज भी शामिल करने की अनुमति है।
9. दूर-दराज के इलाकों में भी पोस्ट ऑफिस की पहुंच
देश में आज भी बहुत सी जगहें हैं, जहां पर बैंक शाखाएं नहीं खुल सकी हैं, लेकिन पोस्ट ऑफिस की पहुंच वहां तक भी है। विकसित और शहरी इलाकों से लेकर, पिछड़े और दूर-दराज के इलाकों तक ग्रामीण पोस्ट ऑफिस की शाखा या उपशाखा मिल जाती है। यहां तक कि, डाकसेवक के माध्यम से भी पोस्ट ऑफिस अकाउंट खुलवाया जा सकता है। पैसा जमा किया जा सकता है और निकाला जा सकता है।
डोर स्टेप बैंकिंग की सुविधा भी देता है पोस्ट ऑफिस: पोस्ट आफिस में खाता खोलने, पैस जमा करने या निकालने और कई अन्य तरह की बैंकिंग सेवाएं अब आपको घर बैठे बैठाए एक फोन नंबर की मदद से मिल जाती हैं। इसे डोर स्टेप बैंकिंग सेवा कहते हैं। इसके लिए आपको 155299 पर कॉल करके बुकिंग करानी पड़ती है। हालांकि इसके लिए आपको प्रत्येक विजिट के लिए 20 रुपए+GST का शुल्क भी चुकाना पड़ता है। पोस्ट मैन या ग्रामीण डाकसेवक इस काम में आपकी मदद करते हैं।
10. बीच में कभी भी बंद करा सकते हैं अकाउंट
आप अपनी सुविधानुसार, कभी भी सेविंग अकांउंट को बंद कराकर पूरा पैसा निकाल सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी पासबुक के साथ एक अप्लीकेशन फार्म भरकर जमा करना पड़ता है। यह अप्लीकेश फार्म आप आगे दिए गए लिंक पर जाकर देख सकते हैं और प्रिंट लेकर, सही तरीके से भरकर जमा कर सकते हैं। इसका लिंक है-https://www.indiapost.gov.in/VAS/DOP_PDFFiles/form/Closure.pdf
3 साल तक लगातार लेन-देन न होने पर भी बंद हो जाता है खाता: आप अगर अपने Post Office Saving Account में लगातार 3 साल तक कोई लेन-देन नहीं करते हैं तो खाता अपने आप सुषुप्त अकाउंट (Dormant Account) की कैटेगरी में डाल दिया जाता है। Dormant Account में न तो कोई पैसा जमा किया जा सकता है और न ही उससे कोई पैसा निकाला जा सकता है। उसे दोबारा चालू करने के लिए आपको अप्लीकेशन देना पड़ता है और फिर से नए सिरे से केवाईसी डाक्यूमेंट्स जमा करने पड़ते हैं।