जब आप अपनी कार या गाड़ी का बीमा करवाते हैं तो बीमा एजेंट आपको मुख्य बीमा प्लान के साथ मे कुछ अतिरिक्त सहायक बीमा पॉलिसियां या Add On Covers भी जुड़वाने की सलाह देता है। इस लेख में हम जानेंगे कि एड ऑन इंश्योरेंस क्या होता है? इसके क्या फायदे हैं और ये कितने प्रकार के होते हैं? What is Add on insurance meaning in Hindi?
एड ऑन इंश्योरेंस क्या होते हैं?
Add on insurance का हिन्दी में मतलब होता है-अतिरिक्त रूप से जोड़ा गया बीमा। इनकी मदद से आप कुछ खास किस्म की सुविधाएं या सेवाएं अलग से प्राप्त कर पाते हैं। ये मुख्य बीमा पॉलिसी से अलग जोड़ा जाता है और इसके पैसे भी अलग से जोड़े जाते हैं।
एड ऑन इंश्योरेंस की जरूरत क्यों? दरअसल, जब आप अपनी गाड़ी का कंप्रिहेंसिव बीमा करवाते हैं, तो उसकी मदद से आपको तीन तरह की बीमा सुरक्षाएं मिल जाती हैं-
- आपकी गाड़ी को हादसे में नुकसान का मुआवजा मिलता है। या गाड़ी के चोरी होने पर भी मुआवजा मिलता है। (Own Damage Cover के कारण)
- आपकी गाड़ी से दूसरे की गाड़ी या शरीर या प्रॉपर्टी को नुकसान का मुआवजा भी बीमा कंपनी देती है। (थर्ड पार्टी इंश्योरेंस भी साथ में शामिल होने के कारण)
- आपको खुद को शारीरिक चोट पहुंचने पर, 15 लाख रुपए के अनिवार्य व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा का भी लाभ मिल जाता है। (साथ में लेने की अनिवार्यता के कारण)
लेकिन, गाड़ी चलाते वक्त, बहुत सारी अन्य प्रकार की समस्याएं भी आपके सामने आप सकती है, जिनका समाधान आपकी मुख्य बीमा पॉलिसी के दायरे में नहीं आता। जैसे कि गाड़ी में बैठी सवारियों को नुकसान का मुआवजा, इंजन में किसी कमी के कारण गाड़ी का बंद हो जाना, दूर दराज के इलाके में जाकर गाड़ी को ठीक करना या टंगवाकर लाना, गाड़ी की चाभी खो जाने पर बदलने की सुविधा वगैरह।
ऐसी समस्याओं का समाधान Add On Insurance करते हैं। कई अन्य तरह की सुविधाएं और फायदे भी हैं जो कि एड ऑन इंश्योरेंस के माध्यम से आपको मिल सकते हैं और आपकी बीमा सुरक्षा को मजबूत करते हैं। इन्हें Rider भी कहा जाता है।
ऐसे कुछ Add On Insurance के नाम हैं-Zero Depreciation Cover, Roadside Assistance Cover , No-Claim Bonus Protection Cover, Engine Protection Cover, Tyre Protection Cover, Consumables Cover, Passenger Cover वगैरह।। (नीचे इन सबका परिचय और फायदे भी बताए गए हैं।)
कुछ प्रमुख कार इंश्योरेंस एड ऑन कवर के नाम और उनके फायदे
बीमा कंपनियां ढेरों प्रकार के Add On Covers पेश करती हैं। आपको अपनी जरूरत और क्षमता के अनुसार Add Ons का चयन करना चाहिए। क्योंकि हर Add On के लिए आपको कुछ अतिरिक्त कीमत भी चुकानी पड़ती है। जितना ज्यादा Add Ons आप अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी में शामिल होंगे, उतना आपका प्रीमियम भी बढ़ जाएगा।
जीरो डेप्रिसिएशन कवर
जैसे-जैसे आपकी गाड़ी पुरानी होती जाती है, उसकी बॉडी और उसमें लगे उपकरणों में घिसावट (depreciation) आती जाती है। इससे उनका मूल्य भी घटता जाता है। किसी हादसे में गाड़ी को नुकसान पहुंचने पर, बीमा कंपनी जो मुआवजा देती है, उसमें depreciation को घटाकर के मुआवजा कम करके देती है।
ये डेप्रिसिएशन, रबर, नायलॉन, प्लॉस्टिक पार्ट्स, टायर टयूब वगैरह के लिए 50 प्रतिशत के हिसाब से और फाइबर ग्लास से बने पार्ट्स के लिए 30% के हिसाब से घटाया जाता है। लकड़ी के Parts और सामान्य parts के लिए डेप्रिसिएशन की दर इस प्रकार होती है—
- 6 महीने से कम पुरानी गाड़ी के लिए — 0 % (Nil)
- 6 महीने से 1 साल तक पुरानी गाड़ी के लिए — 5%
- 1 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ी होने पर — 10%
- 2 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ी होने पर —15%
- 3 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ी होने पर —25%
- 4 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ी होने पर —35%
- 5 साल से ज्यादा और 10 साल से कम पुरानी गाड़ी होने पर — 40%
- 10 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ी होने पर— 50%
Zero-depreciation cover लेने पर, इस मूल्य ह्रास का नुकसान आपको नहीं झेलना पड़ता। इसीलिए, zero-depreciation cover को Nil depreciation cover या bumper to bumper insurance cover भी कहते हैं। zero-depreciation cover लेने पर आपको, आपकी गाड़ी या उपकरणों के लिए पूरा बीमा मिलता है।
इंजन प्रोटेक्शन कवर
यह add-on आपकी गाडी के इंजन के खराब होने पर या बंद हो जाने पर, या इंजन के किसी उपकरण के खराब होने पर इंजन की मरम्मत या नया इंजन बदलवाने की सुविधा देता है। कुछ प्रमुख समस्याएं जो इसके अंतर्गत कवर होती है—
- ल्यूब्रिकेटिंग ऑयल के लीक करने के कारण इंजन को नुकसान
- इंजन में पानी घुस जाने के कारण इंजन का खराब हो जाना
- इंजन का कोई हिस्सा खराब हो जाए, जैसे कि गियर बॉक्स
- गीले इंजन को स्टार्ट करने की कोशिश में Hydrostatic lock होना
ऐसे शहरों या इलाकों में, जहां कि बारिश में सड़कों पर ज्यादा पानी भर जाता है तो इंजन में पानी भरने और उसके खराब होने की संभावना ज्यादा रहती है। वहां Engine Protection Cover ज्यादा उपयोगी रहता है।
ध्यान दें: Engine protect add-on ऐसे damages को कवर नहीं करता जोकि accidents के कारण हुए हों।.
नो क्लेम बोनस प्रोटेक्शन कवर
अगर आपने पिछले साल भर के दौरान कोई बीमा क्लेम नहीं लिया है तो आपको नो क्लेम बोनस का फायदा मिलता है। इसके बदले में आपको नई बीमा पॉलिसी के प्रीमियम में छूट मिलती है। ये छूट इस तरह से मिलती है—
- 20% छूट : लगातार 1 साल तक क्लेम न करने पर
- 25% छूट : लगातार 2 साल तक क्लेम न करने पर
- 35% छूट : लगातार 3 साल तक क्लेम न करने पर
- 45% छूट : लगातार 4 साल तक क्लेम न करने पर
- 50% छूट : लगातार 5 साल तक क्लेम न करने पर
लेकिन, अगर आपने NCB protection cover ले रखा है तो फिर क्लेम करने के बावजूद आपको अगली पॉलिसी के प्रीमियम में नो क्लेम बोनस का फायदा मिलेगा।
काम की सलाह: अगर आपने पिछले 3 साल से कोई बीमा क्लेम नहीं किया है तो, इस Add On को लेना बेहतर रहेगा। आपको प्रीमियम में 35 % की छूट भी मिल जाएगी और NCB डिस्काउंट का भी फायदा होगा।
रोड साइड असिस्टेंस कवर
Roadside assistance cover लेने पर, किसी हादसे के कारण या किसी अन्य कारण से आपकी गाड़ी खराब हो गई हो तो बीमा कंपनी, मौके पर आपको मदद भिजवाएगी। roadside assistance cover से आपको निम्नलिखित प्रकार की मदद मिलती है।
- गाड़ी चलने लायक नहीं है तो उसे टंगवाकर गैराज में ले जाना
- गाड़ी चलने लायक है तो घटनास्थल पर ही मरम्मत REPAIR करवाना
- गाड़ी के टायर पंक्चर हो गए हैं तो मिस्त्री ले जाकर उसे बदलवाना
- गाड़ी में ईंधन (fuel) खत्म हो गया हो तो उपलब्ध कराना .
- उपकरण खराब हो गए हों तो उन्हें मौके पर भिजवाना
- गाड़ी में, लॉक लग गया हो और चाभी खो गई हो तो मिस्त्री से खुलवाना
- आपकी गाड़ी चलाने लायक स्थिति न होने पर, वैकल्पिक ड्राइवर उपलब्ध कराना
- आपको ले जाने के लिए CAB SERVICE की व्यवस्था करना
नोट: गाड़ी के उपकरण, पेट्रोल-डीजल वगैरह उपलब्ध कराने पर उनकी कीमत आपको चुकानी पड़ेगी। बीमा कंपनी की सिर्फ आप तक सामान या सेवा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी है। सामान का पैसा चुकाने की नहीं।
कंज्यूमेबल्स कवर
जब आप अपनी कार के एक्सीडेंट संबंधी रिपेयर्स के खर्चों के लिए क्लेम करते हैं तो, आपकी कार इंश्योरेंस कंपनी, कुछ सामान्य किस्म के सामान या पुर्जों (repairing/refilling consumables) के लिए भुगतान नहीं करती। क्योंकि इन्हें पहले ही Consumables (खत्म या उपयोग लायक होने से बाहर) मान लिया जाता है। जैसे कि—
- इंजन ऑयल
- गियरबॉक्स ऑयल
- नट-बोल्ट
- ऑयल फिल्टर
- ल्यूब्रिकेंट्स
- वाशर
- ग्रीज
- पावर स्टियरिंग ऑयल
- AC गैस ऑयल
- रेडिएटर कूलैंट
अगर आपने Consumables Cover add on ले रखा है तो फिर बीमा कंपनी इनकी लागत को आपके क्लेम से बाहर नहीं करती। बल्कि उनकी लागत का भी मुआवजा देती है। लेकिन, बीमा कंपनियां, प्राय: 3 साल तक की, गाड़ियों पर ही इस Add On की सुविधा देती हैं।
रिटर्न टु इनवॉयस
गाड़ी चोरी हो जाने या पूरी तरह नष्ट हो जाने की स्थिति में, बीमा कंपनी आपको जो मुआवजा देती है, वह उसकी तात्कालिक बाजार कीमत के हिसाब से देती है। यह, गाड़ी की शुरुआती कीमत में से, Depriciation काटने के बाद देती है। लेकिन, अगर आपने return to invoice cover एड ऑन ले रखा है तो फिर बीमा कंपनी आपकी गाड़ी की पूरी कीमत का मुआवजा देगी। उतना, जितना कि आपकी रसीद (invoice) में दर्ज होगी। इस मुआवजे में, आपकी गाड़ी के registration की कीमत और चुकता किए गए road tax का खर्च भी शामिल होगा। इसीलिए, इसे Invoice Protection भी कहते हैं।
लेकिन, बीमा कंपनियां, यह Add On सिर्फ 3 साल से कम पुरानी कार पर देती हैं। और, अगर आप return to invoice add-on लेते हैं तो आपको अपनी comprehensive premium policy से लगभग 10 प्रतिशत अधिक तक का भुगतान करना पड़ता है।
लॉक एंड की रिप्लेसमेंट
आपकी गाडी की चाभी खो जाने पर या चोरी हो जाने पर, बीमा कंपनी आपको नया lock और चाभी लगवाने का मुआवजा देगी। लेकिन, ऐसे मामलों में पहले आपकी चाभी चोरी होने की पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करानी होगी। फिर उसकी कॉपी भी बीमा कंपनी के प्रतिनिधि को देनी होगी।
पैसेंजर कवर
आपकी मुख्य बीमा पॉलिसी जो होती है, उसमें गाड़ी में मौजूद दूसरे लोगों यानी कि सवारियों को शारीरिक नुकसान का कोई मुआवजा शामिल नहीं होता। इस कमी को Passenger Cover एड ऑन जुड़वाकर पूरा किया जा सकता है। इस एडऑन के जुड़े होने पर सवारियों को भी 2 लाख रुपए तक का मुआवजा बीमा कंपनी देती है। लेकिन, ध्यान रहे कि इस बीमा का लाभ सिर्फ उन सवारियों को मिलता है, जोकि हादसे के समय बीमाधारक व्यक्ति की कार या वाहन में मौजूद हों।
असेसरीज कवर
अक्सर जो लोग महंगी गाड़ी रखते हैं, वे उसमें शानदार और महंगी साज-सज्जा (classy and luxurious accessories भी लगवाते हैं। जैसे कि, high-end stereo system, reverse camera, LCD TV, headlight/ tail light modification वगैरह। आपके बेसिक बीमा सुरक्षा में इन चीजों का मुआवजा शामिल नहीं होता। ऐसी चीजों के लिए आपको अलग से accessories cover जुड़वाना पड़ेगा।
लॉस आफ पर्सनल बिलांगिंग्स
आजकल लोग, विशेषकर प्रोफेशनल लोग अपने व्यवसाय से जुड़े सामान भी गाड़ी में रखकर कार्यालय जाते हैं और फिर लेकर घर भी आते हैं। जैसे कि लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्ट फोन, हेल्थ चेकअप के उपकरण वगैरह। अगर आपकी गाड़ी कहीं हादसे की चपेट में आ गई तो ये सामान भी नष्ट या खराब हो सकते हैं। इस तरह के gadgets का नुकसान, मुख्य बीमा पॉलिसी में शामिल नहीं होता। ऐसे सामानों के लिए बीमा पाने के लिए Personal Belonging Cover ले सकते हैं।
डेली अलाउंस एड ऑन
यह एड ऑन, आपकी गाड़ी खराब होने या चोरी होने पर, आपको वैकल्पिक यातायात के लिए खर्च का भुगतान करता है। आपकी गाड़ी के मॉडल और उसकी उम्र के अनुसार यह 1000 रुपए प्रतिदिन तक हो सकता है।
लेकिन, यह सुविधा छोटी-मोटी रिपेयरिंग पर, या एक-दो दिन में (less than 3) ठीक होने वाली समस्या के लिए नहीं मिल सकती। इसके अलावा 15 दिन से ज्यादा अवधि के लिए नहीं मिल सकती। इसके अलावा, आपकी गाड़ी की मरम्मत, भी उस बीमा कंपनी की ओर से अधिकृत गैराज या सर्विस सेटर में होनी अनिवार्य है।