बड़ी कंपनियां जब किसी को नौकरी पर रखती हैं तो CTC के रूप में सैलरी पैकेज ऑफर करती हैं। किसी नए कर्मचारी या अधिकारी को नियुक्ति देने के पहले, उस कर्मचारी से पिछली CTC के बारे में पूछताछ भी करती हैं। हमारे पास आने वाले कई प्रश्नों में लोगों ने पूछा था कि CTC क्या होती है? इसकी फुल फॉर्म और हिंदी में मतलब क्या होता है? इस लेख में हम आपके इन प्रश्नों का जवाब देंगे और आपकी CTC की गणना का तरीका भी बताएंगे?
What is CTC in Hindi. CTC Full Form, Meaning and Calculation in Hindi.
CTC का फुल फॉर्म और हिंदी में मतलब
CTC का फुल फॉर्म होता है-Cost To Company। इसका हिंदी में मतलब होता है कंपनी को पड़ने वाली लागत। क्योंकि किसी भी कर्मचारी को नौकरी में रखने पर, कंपनी को हर साल एक निश्चित लागत झेलनी पड़ती है। बिजनेस और फाइनेंस की भाषा में इसे Cost to Company कहते हैं। संक्षेप में इसी को CTC कहते हैं। सामान्य बोलचाल की भाषा में इसे सैलरी पैकेज भी कहते हैं। इसमें कर्मचारी को दिए जाने वाले सभी प्रकार के प्रत्यक्ष लाभ (direct Benefits) और अप्रत्यक्ष लाभ (indirect Benefitss) शामिल किए जाते हैं।
आपकी CTC में, आपको मिलने वाली सैलरी तो शामिल होगी ही, इसमें कंपनी का EPF अंशदान भी शामिल होगा। चिकित्सा सुविधाएं (medical facilities) आवास, वाहन, आने-जाने का खर्च, बीमा वगैरह की सुविधाओं पर होने वाले खर्चे भी शामिल होंगे। इसमें नकद भुगतान के अलावा सेवाओं की लागत भी जोड़ी जाती है। इसी वजह से CTC salary और Net Salary में बड़ा फर्क हो जाता है।
उदाहरण के लिए-
- कोई कंपनी, अपने कर्मचारी अनुपम सिन्हा को हर महीने 60 हजार रुपए सैलरी देती है। यानी कि साल भर में 7 लाख 20 हजार रुपए सैलरी देती है।
- कंपनी, अनुपम सिन्हा को रहने के लिए आवास (House) भी देती है, जिस पर कंपनी को साल भर में 75 हजार रुपए की लागत उठानी पड़ती है।
- कंपनी उसे मोबाइल व इंटरनेट के लिए हर साल 10हजार रुपए देती है।
- कंपनी उसे ऑफिस आने-जाने का ट्रांसपोर्टेशन खर्च हर साल 18 हजार रुपए देती है।
ऐसे में उस कंपनी के लिए, अनुपम सिन्हा की CTC सालाना 8 लाख 23 हजार रुपए होगी। (7, 20,000+75,000+18,000+12,000= 8, 25,000)
सीटीसी में क्या-क्या शामिल किया जाता है? Components of CTC
नौकरी के दौरान, कर्मचारी पर, जितने तरह के खर्चे, कंपनी की ओर से होंते हैं, सबको उसकी CTC में जोड़कर बताया जाता हैं। किसी CTC में, कुल मिलाकर 3 तरह के फायदे शामिल होते हैं, जोकि कर्मचारी को मिलते हैं-
CTC = Direct Benefits + Indirect Benefits + Savings Contributions
- Direct Benefits: कंपनी हर महीने सैलरी के रूप में, जो पैसा आपको पेमेंट भुगतान करती है, वह Direct Benefits (प्रत्यक्ष फायदे) के रूप में होता है। ये सब आपकी take-home salary या In Hand salary में शामिल होता है।
- Indirect Benefits: ये फायदे आपको, सुविधाओं या सेवाओं के रूप में मिलते हैं। जैसे कि, मोबाइल बिल, यात्रा भत्ता, मेडिकल भत्ता, मकान, गाड़ी वगैरह। चूंकि इनका भुगतान आपकी कंपनी करती है, इसलिए इनकी लागत को भी वह आपकी CTC में शामिल करती है।
- Savings contribution : ये ऐसी बचतें या कटौतियां होती हैं, जिनका फायदा भविष्य में, कर्मचारी को मिलता है। ऐसी कुछ बचतों में, भुगतान का कुछ हिस्सा कर्मचारी की सैलरी से भी कटता है और कुछ का भुगतान कंपनी करती है। इन्हें भी आपकी CTC में शामिल किया जाता है। जैसे कि, PF, Pension, Medical insurance वगैरह।
CTC को और बेहतर तरीके से समझने के लिए हमें, सैलरी के विभिन्न प्रकारों (Basic Salary, Take Home Salary, Gross Salary) को और इनके बीच अंतर समझना होगा।
अपनी CTC की गणना कैसे करें ?
यहां हम, एक प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी गौरव चौधरी की सैलरी पैकेज में शामिल, विभिन्न फायदों की लिस्ट दे रहे हैं। ये सब उसकी CTC की गणना में शामिल किए जाएंगे।
COMPONENT OF SALARY (PER year) | AMOUNT |
---|---|
Basic Salary (मूल वेतन) | 3,60,000 |
Dearness Allowance (महंगाई भत्ता) | 28,000 |
House Rent Allowance (मकान किराया भत्ता) | 72,000 |
Conveyance Allowance (आवागमन भत्ता) | 12,000 |
Entertainment Allowance (मनोरंजन भत्ता) | 9,000 |
Overtime Allowance (ओवरटाइम भत्ता) | 9,000 |
Medical Reimbursements (चिकित्सा भत्ता) | 10,000 |
Gross Salary (ऊपर वाले सबका योग) | 5,00,000 (5 लाख रुपए) |
Medical Insurance (चिकित्सा बीमा) | 1500 |
Provident Fund (मूल वेतन का 12%) | 43,200 (12% of 4,80,000) |
Laptop | 40,000 |
Total Benefits (कुल अतिरिक्त लाभ) | 84,700 |
कंपनी को पड़ने वाली कुल लागत (Cost to Company) = Gross Salary + Benefits | 500000 +84,700 = 5,84,700 |
इस प्रकार हम देखते हैं कि गौरव चौधरी को 5,84,700 रुपए CTC या सैलरी पैकेज के रूप में मिलते हैं। यहां, उसकी Basic Salary 3 लाख 60 हजार रुपए है, जबकि Gross Salary 5 लाख रुपए है।
ध्यान रखें: किसी कर्मचारी का वेतन ढांचा (salary structure), कंपनी के लिए उसकी जिम्मेदारियों और, उस कंपनी की नीतियों (policies) के अनुसार अलग-अलग हो सकता है।
टेक होम सैलरी या इन हैंड सैलरी क्या होती है?
टेक होम सैलरी, इन हैंड सैलरी और Net Salary एक दूसरे के पर्यायवाची हैं। यानी कि एक ही चीज के अलग-अलग नाम हैं।
Take-home salary यह वह रकम होती है, जोकि आपकी कंपनी या संस्थान Salary के रूप में, हर महीने आपके Bank account में डालती है। यह आपकी Gross Salary में से सारे तरह के tax और deductions को घटा देने के बाद बचती है। जैसेकि, public provident fund, professional tax वगैरह।
टेक होम सैलरी में क्या-क्या शामिल होता है?
Take-home Salary या In hand salary में कर्मचारी को मिलने वाली निम्नलिखित प्रकार के भुगतान शामिल किए जाते हैं-
- मूल वेतन (Basic Salary)
- महंगाई भत्ता (Dearness Allowance-DA)
- बोनस या प्रोत्साहन राशि (Incentives or bonuses)
- वाहन भत्ता (Conveyance allowance)
- मकान किराया भत्ता (House Rent Allowance-HRA)
- चिकित्सा भत्ता (Medical allowance)
- Leave Travel Allowance or Concession (LTA / LTC)
- वाहन भत्ता (Vehicle Allowance)
- टेलीफोन, मोबाइल भत्ता (Telephone/Mobile Phone Allowance)
- विशेष भत्ता (Special Allowance)
मूल वेतन क्या होता है (What is Basic Salary)
कर्मचारी को उसके काम के बदले में, कंपनी एक न्यूनतम सुनिश्चित रकम (fixed amount) देना तय करती है। यह Basic Salary (मूल वेतन) के रूप में होती है।
Basic Salary में, किसी तरह का भत्ता (Allowance) या अतिरिक्त काम के बदले मिलने वाला Over Time Pay या अतिरिक्त फायदा शामिल नहीं होता। हालांकि कर्मचारी को जौ सैलरी अंत में मिलती है, उसमें सारे भत्ते जोड़कर दिए जाते हैं। यही कारण है कि आपकी monthly Salary (मासिक वेतन) के रूप में मिलने वाली रकम, आपकी Basic Salary से कहीं अधिक होती है।
आपके EPF, ग्रेच्युटी, पेंशन, HRA वगैरह की गणना, इसी Basic Salary के आधार पर होती है। अन्य सुविधाओं का स्तर भी basic salary के हिसाब से तय होता है।
ग्रॉस सैलरी क्या होती है? (What is Gross Salary)
कर्मचारी के मिलने वाले टोटल CTC पैकेज में से से, ग्रेच्युटी और EPF को निकालने के बाद, जो रकम बचती है, वह उसकी Gross Salary होती है। इसमें आपको हर साल मिलने वाले-
- सभी तरह के प्रत्यक्ष भुगतान (basic salary, house rent allowance, leave travel allowance, medical allowance वगैरह)
- सभी तरह के अप्रत्यक्ष भुगतान (जैसे कि performance-linked bonuses, ओवरटाइम पे, हॉलीडे पे meal coupons, increment वगैरह।) शामिल होते हैं।
- सैलरी से कटने वाले income taxes, Professional tax और अन्य deductions भी इसमें शामिल किए जाते हैं।
ग्रॉस सैलरी को ज्यादा बेहतर तरीके से समझने के लिए, हमने इस पर, विस्तार से जानकारी देने वाला अलग से लेख भी लिखा है।
तो दोस्तों! ये थी CTC की परिभाषा और गणना के बारे में जानकारी। आप हमारी वेबसाइट पर, कर्मचारियों को मिलने वाले पीएफ और पेंशन से संबंधित नियम देख सकते है। कर्मचारियों को मिलने वाली छुट्टियों से संबंधित नियमों की विस्तृत जानकारी भी हमने अलग लेख में दी है।