यूपीआई के बावजूद क्रेडिट कार्ड का जलवा कायम है। लेकिन इसके फायदे के साथ-साथ नुकसान के बारे में जानना जरूरी है। आजकल तमाम बैंकिंग और फाइनेंस कंपनियां, लोगों के पास क्रेडिट कार्ड लेने के लिए फोन करती हैं। SMS, Whatsapp या Email पर मैसेज करती हैं। आपको तमाम तरह के फायदे गिनाए जाते हैं। लाइफ टाइम फ्री यानी हमेशा के लिए एकदम निशुल्क क्रेडिट कार्ड देने का ऑफर देती हैं। सैलरी हो बिजनेसमैन, सबको इस तरह के ऑफर आते हैं। अगर आपने कहीं ऑनलाइन लोन के लिए अप्लाई किया है तो इस तरह के ऑफर और ज्यादा बढ़ जाते हैं।
इतनी आसानी से मिलने और तमाम तरह की सुविधाएं जुड़ी होने बावजूद, समझदार लोग क्रेडिट कार्ड से दूर रहने की सलाह देते हैं। इस सलाह के पीछे वे क्रेडिट कार्ड के कई नुकसान गिना देंगे। इस लेख में हम आपको इन्हीं नुकसानों के बारे में जानकारी देंगे। साथ ही साथ इन नुकसानों से बचने के लिए, उपयोगी उपाय भी बताएंगे।
1. फालतू खर्च करने की आदत पड़ सकती है
अगर आपके जेब में क्रेडिट कार्ड है तो आप दिल खोलकर खर्च कर सकते हैं। डेबिट कार्ड है तो आप उतना ही खर्च करेंगे जितनी सैलरी आएगी। लेकिन क्रेडिट कार्ड से आप अपनी सैलरी से ज्यादा बल्कि कहें बहुत ज्यादा खर्च कर सकते हैं।
आमतौर पर क्रेडिट कार्ड में खर्च करने की लिमिट आपकी मंथली इनकम का 2-3 गुना होती है। और अगर क्रेडिट स्कोर अच्छा हुआ तब तो ये लिमिट दस गुना तक चली जाती है।
अब खर्च करने के लिए इतना ज्यादा पैसा अवलेबल होगा तो फिर अपना हाथ कौन रोकता है। दिल में अरमान जगे नहीं कि खरीदारी शुरू हो जाती है। फिर कौन देखता है कि कौन सा सामान जरूरी है और कौन सा गैर जरूरी।
क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करते समय अक्सर लोग अपनी आर्थिक स्थिति को नजरअंदाज कर देते हैं। लोग भूल जाते हैं कि हर महीने जो छोटी सी सैलरी आती है उसी से उनको क्रेडिट कार्ड का बिल भरना होगा। आज नहीं तो कल पैसे तो पूरे ही देने पड़ेंगे और अगर टाइम पर पेमेंट करने में चूक गए तो क्रेडिट कार्ड का ये मजा फिर सजा बन जाएगा।
थोडी सी लापरवाही आपको कर्ज के बोझ में डाल सकती है और फिर उसे निपटाने के लिए प्रॉपर्टी, गहने वगैरह बेचने की नौबत आ जाती है। इसलिए दोस्तों, सावधानी में ही समझदारी है।
क्रेडिट कार्ड के फालतू खर्च से कैसे बचें
- जहां तक हो, क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने से बचें।
- अगर कहीं बहुत जरूरी होने पर उससे पेमेंट करना भी पड़े तो कोशिश करें की आपके क्रेडिट कार्ड का बिल, आपकी मासिक आमदनी के 50-60% से ऊपर न जाने पाए।
- क्रेडिट कार्ड की किसी भी लिमिट को पूरा इस्तेमाल करने की कोशिश नहीं करना चाहिए।
2. लेट पेमेंट पर बहुत ज्यादा ब्याज और फीस
क्रेडिट कार्ड की शॉपिंग का खर्च अंत में आपके सिर पर ही आता है। अगले महीने ही बिल चुकाना होगा। अगले महीने ही ड्यू डेट की तलवार लटकने लगेगी। थोड़ी सी चूक हुई नहीं कि सजा मिल जाएगी।
आपको जो शॉपिंग करने की आजादी मिली थी अब उसकी भरपाई करना होगा। ड्यू डेट बीतने के बाद अगर आप पेमेंट करते हैं तो आपको ब्याज चुकाना पड़ेगा। और ये छोटा-मोटा ब्याज नहीं होता है। बैंकिंग सिस्टम का ये highest ब्याज होता है। क्रेडिट कार्ड पेमेंट में देरी हुई तो 42% सालाना तक का ब्याज लगता है। और इसका कैलकुलेशन उस दिन से होगा जिस दिन आपने शॉपिंग की थी।
बात ब्याज पर ही खत्म नहीं होती है। आपको लेट पेमेंट फीस भी देना होगा। ये फीस भी कोई छोटी मोटी रकम नहीं होती है। ये 500 रुपए से ज्यादा ही होती है। जितना बड़ा अमाउंट उतनी ज्यादा लेट फीस। और तो और, इस लेट पेमेंट फीस पर 18% जीएसटी भी लग जाता है।
क्रेडिट कार्ड बिल का समय से भुगतान न करने पर आपका क्रेडिट स्कोर या सिबिल स्कोर भी कम हो जाता है। अगर आप कई बार ऐसा करते हैं तो यह 750 के नीचे भी जा सकता है। ऐसा होने पर, आगे आपको बैंक लोन प्राप्त करने में मुश्किल हो सकती है।
ब्याज और लेट पेमेंट फीस से कैसे बचें
- क्रेडिट कार्ड का बिल, उसकी अंतिम तिथि (Due date) तक या उससे पहले चुकाने की कोशिश करें।
- टाइम पर बिल पेमेंट करने पर कोई अतिरिक्त शुल्क आपको नहीं लगेगा।
- लेट पेमेंट नहीं होगा, तो पेनाल्टी, ब्याज या जीएसटी वगैरह कुछ भी अलग से नहीं चुकाना पड़ेगा। आपका क्रेडिट स्कोर या सिबिल स्कोर भी बढ़िया बना रहेगा।
3. कुछ सेवाओं के इस्तेमाल पर पेमेंट के साथ सरचार्ज भी
आपको शायद ये ना पता हो कि जब हम क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग करते हैं तो क्रेडिट कार्ड कंपनियां दुकानदारों से कमीशन लेती हैं। इसे मर्चेंट डिस्काउंट रेट कहते हैं और ये हमारी शॉपिंग का 2-3% होता है। लेकिन कुछ ऐसे सर्विस प्रोवाइडर होते हैं जो इस कमीशन को नहीं देते हैं। जैसे पेट्रोल पंप, रेलवे वगैरह। ऐसे में इस कमीशन की भरपाई के लिए सरचार्ज लगाया जाता है। क्रेडिट कार्ड कंपनियां अलग से आपके बिल में फ्यूल सरचार्ज जोड़ देती हैं।
सरचार्ज से कैसे बचें
जिन सर्विसेज में सरचार्ज लगता है उनका पेमेंट क्रेडिट कार्ड से ना करें। उसके लिए डेबिट कार्ड या फिर यूपीआई पेमेंट का यूज कर सकते हैं।
अगर पेट्रोल पंप पर क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करना ही चाहते हैं तो ऐसे क्रेडिट कार्ड का यूज कीजिए जो फ्यूल सरचार्ज में छूट देते हों। कई क्रेडिट कार्ड कंपनियां, अपने कार्ड से पेमेंट पर, खासकर fuel credit card से पेमेंट पर सरचार्ज में छूट (fuel surcharge waiver) की सुविधा देती हैं।
हालांकि यह छूट एक निश्चित सीमा तक पेमेंट करने पर मिलती है। कभी-कभी यह छूट मासिक (monthly) आधार पर भी होती है। सरचार्ज संबंधी सरकारी नियमों की जानकारी रखें, और उनके हिसाब से, फायदा-नुकसान समझकर अपने कार्ड का इस्तेमाल करें।
4. नकदी निकालने की सीमा काफी कम होती है
आपकी टोटल क्रेडिट लिमिट का सिर्फ 20 से 40 % ही नकदी के रूप में निकालने की छूट होती है। उदाहरण के लिए, अगर आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट 1 लाख रुपए है तो फिर 20 से 40 हजार रुपए तक ही नकद पैसा निकालने की सीमा हो सकती है। बाकी रकम आपको कार्ड से पेमेंट में ही इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आप अपने पैसों का अपने तरीके से सर्वश्रेष्ठ (best) इस्तेमाल नहीं कर सकते।
इसके अलावा, जो नकदी निकालने की लिमिट दिखती है, उसे एकसाथ निकालने की भी छूट नहीं होती। उसे कई टुकड़ों में निकालने की सुविधा दी जाती है, जिसमें हर बार अलग से लेन-देन फीस (transaction fee) काट ली जाती है।
कैसे बचें: आपको नकद पैसे निकालने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसकी बजाय डेबिट कार्ड या एटीएम कार्ड से पैसे निकालना चाहिए। उनमें ऐसा कोई चार्ज नहीं लगता।
5. क्रेडिट कार्ड से नकदी निकालने पर ट्रांजेक्शन फीस कटती है
क्रेडिट कार्ड की टोटल खर्च सीमा में से एक निश्चित हिस्सा (20 से 40%), आपको नकद निकालने की भी छूट होती है। ये नकद रकम आप एटीएम से भी निकाल सकते हैं और ऑनलाइन अपने सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर भी करा सकते हैं। लेकिन, इस पर आपको एक निश्चित मात्रा में शुल्क चुकाना पड़ता है।
उदाहरण के लिए SBI Credit Card से नकद पैसे निकालने पर, उस रकम का 2.5% या 500 रुपए आपको लेन-देन शुल्क (transaction fee) के रूप में चुकानी पड़ती है। 2.5% या 500 में, जो भी ज्यादा होगा, उतनी transaction fee कट जाएगी।
6. नकद लिए गए पैसों को वापस लौटाने तक ब्याज भी लगती है
जो नकदी आप क्रेडिट कार्ड से निकालते हैं, वह लोन की तरह होती है। उस पर आपको ऊंचे रेट पर ब्याज भी चुकानी पड़ती है। एक उदाहरण के लिए एसबीआई क्रेडिट कार्ड से निकाले गए नकदी रकम पर 3.5% प्रतिमाह या 42% प्रतिवर्ष के हिसाब से ब्याज जुड़ता है। इस ब्याज की गणना, पैसा निकालने की तारीख (date of withdrawal) से लेकर, पैसे वापस जमा करने तक (date of repayment ) या सेटलमेंट की तारीख (date of settlement) तक होती है।
8. क्रेडिट कार्ड के प्रोसेसिंग शुल्क और रिन्यूअल शुल्क
कई क्रेडिट कार्डों के साथ में, कई अन्य तरह के अतिरिक्त शुल्क लगते हैं। जैसे कि सालाना क्रेडिट कार्ड शुल्क (annual credit card fee), विदेशी लेन-देनों पर शुल्क (charges on foreign transactions), नकदी निकालने पर शुल्क (charges on cash withdrawals) वगैरह। कई कार्ड तो ज्वाइनिंग फीस भी लेते हैं।
क्रेडिट कार्ड ऑफर करने वाले कई एजेंट आपको उन शुल्कों के बदले में तमाम तरह की सुविधाएं देने का वादा करते हैं। उन सुविधाओं के लालच में बहुत से लोग बिना जरूरत के भी क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई कर देते हैं।
फीस से कैसे बचें
किसी भी क्रेडिट कार्ड का ऑफर मिलने पर, या खुद आवेदन करने पर, आपको उसके लिए लगने वाले सभी तरह के शुल्कों के बारे में पूछ लेना चाहिए।
आवेदन फॉर्म में लिखे नियमों और शर्तों को ठीक से पढ़ लेना चाहिए। ऐसे किसी लालच में न फंसे और लेना ही हो तो बिना शुल्क वाले क्रेडिट कार्ड को प्राथमिकता दें।
9. न्यूनतम पेमेंट के बहाने, वास्तविक भुगतान से ज्यादा वसूली
क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाते समय आपको, उसमें एक विकल्प न्यूनतम देय राशि (minimum due amount) का भी मिलता है। यानि कि, अगर आप बिल की पूरी रकम नहीं चुकाना चाहते तो कम से कम उतनी निर्धारित राशि चुकाकर भी काम चला सकते हैं। ऐसा करने पर आपका पेमेंट लेट पेमेंट की कैटेगरी में नहीं माना जाता। और लेट पेमेंट फीस नहीं लगती है।
बहुत से नए क्रेडिट कार्ड धारक उस न्यूनतम राशि के चक्कर में पूरा बिल नहीं चुकाते। लेकिन, वास्तव में आपकी बची हुए रकम पर ऊंचा ब्याज जुड़ता रहता है । यानी न्यूनतम रकम के चक्कर में, वास्तविक पेमेंट से कहीं ज्यादा पैसा भरना पड़ जाता है।
ऊंची ब्याज से कैसे बचें
क्रेडिट कार्ड का बिल पेमेंट करने में, पैसों की ज्यादा किल्लत न हो तो पूरा बिल पेमेंट करने की कोशिश करें। न्यूनतम राशि चुकाकर काम चलाने की कोशिश न करें। ये आखिरकार, बहुत ज्यादा महंगा पड़ता है।
10. फर्जीवाड़े का शिकार होने की आशंका बढ़ जाती है
वैसे तो क्रेडिट कार्ड से पेमेंट, काफी सुरक्षित होता है। लेकिन, बड़ी रकम के क्रेडिट कार्ड वाले लोग, फ्रॉड करने वालों के निशाने पर रहते हैं। वे क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने या KYC अपडेट करने का झांसा देकर आपसे PIN या OTP की जानकारी लेने की कोशिश करते हैं।
बहुत सस्ते में ऑनलाइन खरीदारी के ऑफर देकर या कोई इनामी राशि या कैशबैक को हासिल करने का लालच देकर भी आपका पिन वगैरह हासिल करने की कोशिश की जाती है। कई अन्य तरीकों से जैसे कि अपना कोई एप डाउनलोड करवाकर आपके मोबाइल या कंप्यूटर का डेटा हासिल करके भी, आपको कार्ड से लेन-देन किए जा सकते हैं।
क्रेडिट कार्ड फ्रॉड से कैसे बचें
- आपके मोबाइल पर या ईमेल से आए किसी ऐसे लिंक को न खोलें, जिसमें आपको किसी तरह का इनाम, कैशबैक या घर बैठे आसानी से ढेर सारे पैसे कमाने का ऑफर मिल रहा हो।
- अपने कार्ड से विदेशी लेन-देन (foreign transactions) का ऑप्शन Disable कर दें।
- अगर कोई आपसे बैंक कर्मचारी या क्रेडिट कार्ड कर्मचारी बताकर किसी सुविधा को जुड़वाने के लिए PIN या OTP नंबर पूछे तो कतई न बताएं। ऐसा कोई भी काम आपको बैंक ब्रांच या उस क्रेडिट कार्ड कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट या एप पर जाकर ही करना चाहिए।
क्रेडिट कार्ड आपको, उधारी खर्च करने की सुविधा प्रदान करता है। आप इससे शॉपिंग कर सकते हैं, किसी भी तरह का बिल पेमेंट कर सकते हैं, रिचार्ज कर सकते हैं। यहां तक कि अपने क्रेडिट कार्ड से नकदी (Cash) भी निकाल सकते हैं।
अगर आपने इन सुविधाओं का इस्तेमाल, सावधानी व समझदारी के साथ करते हैं, तब तो आपके लिए क्रेडिट कार्ड एक उपयोगी टूल्स की तरह काम आएगा। लेकिन, अगर आपने थोड़ी भी लापरवाही बरती, तो फिर, न सिर्फ, आप कर्ज के मकड़जाल में फंस जाएंगे, बल्कि अपनी मानसिक शांति खो देंगे।