भारत में जीएसटी के तहत कारोबार में, 50 हजार रुपए से अधिक कीमत का माल ट्रांसपोर्ट से भेजने पर, ई-वे बिल होना अनिवार्य है। हाल ही में सरकार ने 2 लाख रुपए से अधिक सोना-चांदी को भेजने या लाने के संबंध में भी नया ई-वे बिल नियम लागू किया गया है। कुछ राज्यों ने इसे लागू भी कर दिया है।
इस लेख में हम जानेंगे कि ई-वे बिल प्रणाली के नए नियम क्या हैं? Rules of E Way Bill System in Hindi
New Update: दो लाख से ज्यादा का सोना-चांदी दूसरी जगह ले जाने पर भी ई-वे बिल जरूरी
अगर अगर आप 2 लाख रुपये से अधिक की कीमत के सोना, चांदी या अन्य कीमती रत्न किसी दूसरे स्थान पर ले जा रहे हैं तो उसके साथ में ई-वे बिल होना जरूरी हो गया है। जुलाई में जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में इस संबंध में निर्णय लिया गया था। 4 अगस्त 2023 को सीजीएसटी अधिसूचना 38/2023 के माध्यम से इसका नोटिफिकेशन (अधिसूचना) जारी कर दी गई है।
हर राज्य के राज्य कर आयुक्त को ये अधिकार दिया गया है कि वे इस संबंध में आदेश जारी कर सकते हैं। जिस तारीख से वह इस संबंध में आदेश जारी करेंगे, उसी दिन से ई-वे बिल बनाना अनिवार्य हो जाएगा। सोने-चांदी और कीमती रत्नों की तस्करी रोकने लिए यह फैसला लागू किया गया है। कुछ राज्यों में इसे लागू भी कर दिया गया है।
जीएसटी ई वे बिल प्रणाली के नियम
E-Way Bill, एक प्रकार की डिजिटल रसीद होती है। इसमें, भेजे जा रहे माल (consignment of goods) के बारे में और ट्रांसपोर्ट के रूट संबंधी डिटेल्स होते हैं। इसके अलावा माल भेजने वाले (supplier), माल प्राप्त करने वाले (reciever) और माल ले जाने वाले (Transporter) के बारे में भी सारे डिटेल्स दर्ज होते हैं।
जीएसटी लागू होने के पहले, VAT सिस्टम के दौरान जो काम Way Bill करता था, वही अब GST सिस्टम लागू होने पर E-Way Bill का हो गया है। पहले जो Way Bill होता था, वह कागजी बिल के रूप में होता था, जबकि, E-Way Bill डिजिटल फॉर्मेट में ऑनलाइन होता है। हालांकि E-Way Bill की भी प्रिंटेड कॉपी निकालकर रखी जा सकती है।
E Way Bill इस बात का प्रमाण (Proof) होता है कि जो माल ट्रांसपोर्ट से भेजा जा रहा है, वह नियमपूर्वक भेजा जा रहा और उसकी टैक्स देनदारी वगैरह ठीक तरह से निपटाई जा चुकी है। इसके पूरे डिटेल्स ऑनलाइन कहीं भी और कभी भी चेक किए जा सकते हैं। इसलिए इसमें फर्जीवाड़ा की गुंजाइश नहीं रहती।
जीएसटी ई वे बिल प्रणाली के नियम इस प्रकार हैं-
1. राज्य के बाहर या अंदर ट्रांसपोर्ट से माल भेजने पर ई-वे बिल जरूरी
भेजे जाने वाले माल की कीमत निर्धारित न्यूनतम कीमत से अधिक है और उसे मोटर वाहन से भेजा जा रहा है तो उसके लिए E-Way Bill जारी करना आवश्यक है। चाहे वह माल राज्य के बाहर भेजा जा रहा हो (Inter State Supply) या राज्य के भीतर भेजा जा रहा हो (Intra State Supply)।
ई-वे बिल जारी होने के बाद, उसकी एक कॉपी या ई वे बिल नंबर, माल ले जाने वाले के पास होना मौजूद होना चाहिए, ताकि माल चेक होने की स्थिति में, उसकी वैधता प्रमाणित की जा सके। टैक्स अधिकारी द्वारा द्वारा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (Radio Frequency Identification Device- RFID) के माध्यम से इस बिल को कहीं भी सत्यापित किया जा सकता है।
2. पचास हजार से ऊपर का माल है तो ई वे बिल जारी करना अनिवार्य
50 हजार रुपए से अधिक (सभी प्रकार के टैक्सों को मिलाकर) के माल की वाहन से सप्लाई पर ई वे बिल जारी करना अनिवार्य है। चाहे वह सिर्फ एक रसीद (Invoice) या एक व्यक्ति से संबंधित माल हो या फिर कई रसीदों और कई व्यक्तियों से संबंधित माल हो।
माल की कुल कीमत (50 हजार की लिमिट) को निर्धारित करते वक्त, सामान की कीमत और उस पर लगे टैक्स को भी शामिल माना जाएगा। लेकिन, जो वस्तुएं जीएसटी से छूट प्राप्त होंगी, उनकी कीमत को उस खेप की कुल कीमत में शामिल नहीं किया जाएगा।
Note 1: अगर पूरी खेप में शामिल किसी किसी माल की कीमत 50 हजार रुपए से कम है तो उस कम कीमत वाले माल के लिए Transporter को भी E Way Bill जारी करने की जरूरत नहीं है। लेकिन उसके साथ में जा रहे बाकी जो 50 हजार रुपए से अधिक कीमत वाले माल होंगे, उनका ई वे बिल रखना होगा। यह संशोधन या बदलाव सरकार की ओर से बाद में किया गया है। इसके पहले किसी एक वाहन में कुल 50 हजार से अधिक का माल लदा होने पर सभी छोटी-बड़ी खेपों के लिए ई-वे बिल जारी करना जरूरी था।
Note 2: जिन मामलों में E Way Bill की अनिवार्यता नहीं है, वहां भी ट्रांसपोर्टर की जिम्मेदारी होगी कि वह माल के संबंध में चुकाए गए टैक्स की रसीद (Invoice) या बिल (Bill Of Supply) की कॉपी या delivery challans और invoice reference number साथ रखे।
3. हैंडीक्रॉफ्ट व जॉब वर्क में 50 हजार से कम पर भी ई वे बिल जरूरी
कुछ विशेष प्रकार की वस्तुओं की सप्लाई के लिए 50 हजार रुपए से कम का माल होने पर भी E-Way Bill बनाना अनिवार्य होता है। जैसे कि-
- गैर रजिस्टर्ड व्यक्ति से हैंडीक्रॉफट की सप्लाई: जीएसटी रजिस्ट्रेशन से छूट प्राप्त Dealer की ओर से handicrafts के सामान को दूसरे राज्य के लिए भेजने (Inter-State movement of Goods) पर हर सप्लाई के साथ E Way Bill जारी करना आवश्यक है। भले ही, वह माल 50 हजार रुपए से कम कीमत का क्यों न हो।
- सहायक इकाइयों को जॉब वर्क की सप्लाई: किसी अन्य राज्य (State or Union territory) में हो रहे Job work के लिए सामान की हर Supply के मामले में भी E Way Bill जारी करना आवश्यक है, भले ही वह 50 हजार रुपए से कम की क्यों न हो।
जीएसटी में जॉब वर्क क्या है?
Job Work का मतलब होता है- अपूर्ण अवस्था वाले सामान (Semi-finished goods) को अंतिम रूप देने की प्रकिया में कोई सहायक कार्य करना। उदाहरण के लिए, कोई जूतों की मुख्य निर्माण इकाई है। वह जूतों के ऊपरी हिस्से बनाकर, किसी छोटी निर्माण इकाई को उसमें जूतों के तल्ले (soles) लगाने का काम सौंप दे।
वे तल्ले लगाकर जूते मुख्य निर्माण इकाई को लौटा देंगे। यहां छोटी इकाई का काम Job Work कहलाएगा और ऐसी छोटी निर्माण इकाइयों को ही फाइनेंस व टैक्स संबंधी प्रक्रियाओं में Job Worker कहा जाता है। जो बड़ी इकाइयां इस तरह के काम देती हैं, उन्हें Principal manufacturer या सिर्फ Principals भी कहा जा सकता है।
Job Work के लिए माल सप्लाई की स्थिति में माल सप्लाई करने वाला (principal manufacturer) या फिर काम कराने वाला (Job Worker) कोई भी ई वे बिल जारी कर सकता है। बशर्ते कि job Worker जीएसटी मेें रजिस्टर्ड हों।
4. सामान भेजने वाला या मंगाने वाला या ट्रांसपोर्टर जारी कर सकता है
जो भी व्यापारी 50 हजार रुपए से अधिक का माल कहीं भेज रहा है, उसे उस खेप के लिए E Way Bill बनाना होगा। अगर माल भेजने वाला व्यापारी GST में Registered नहीं है तो माल मंगाने वाला व्यापारी (Recipient) ई वे बिल जारी कर सकता है। अगर माल भेजने वाला और माल मंगाने वाला, दोनों के दोनों GST में रजिस्टर्ड नहीं हैं तो फिर उस माल को ले जाने वाला यानी कि Transporter को ई वे बिल जारी करना होगा।
ट्रांसपोर्टर अगर GST Portal पर रजिस्टर्ड नहीं है तो उसे पहले खुद को E Way Bill System नामांकित (Enrolled) कराना होता है। वैसे अब गैर रजिस्टर्ड कारोबारियों को भी E way Bill System पोर्टल के माध्यम से खुद को नामांकित कराने की सुविधा शुरू कर दी गई है। माल भेजने वाला चाहे तो ट्रांसपोर्टर को या Courier Agency को या ई कॉमर्स ऑपरेटर को अपनी ओर से E Way Bill जारी करने के लिए अधिकृत (Authorised) कर सकता है।
माल भेजने के लिए Public Transport (बस,रेल वगैरह) का भी उपयोग किया जा सकता है, लेकिन ऐसे मामलों में ई वे बिल जारी करने की जिम्मेदारी सामान भेजने वाले consignor या सामान मंगाने वाले consignee की होगी, ट्रांसपोर्ट करने वाले वाहन की नहीं।
5. दो सौ किलोमीटर के लिए ई-वे बिल एक दिन के लिए ही वैध
200 किलोमीटर तक माल भेजने के लिए E Way Bill की 1 दिन की समय सीमा है। इससे अधिक प्रत्येक 200 किलोमीटर के लिए 1 दिन अलग से मान्य होगा। हालांकि, कुछ विशेष श्रेणियों (categories) के की खेप के संबंध में कमिश्नर स्तर के अधिकारी को E Way Bill की वैधता अवधि बढ़ाने का अधिकार है। दिसंबर 2020 तक यह लिमिट 100 किलोमीटर की थी, जिसे बढ़ाकर 200 किलोमीटर कर दिया गया है। 1 जनवरी 2021 से ये नियम लागू हो गया है।
मध्यरात्रि के बाद शुरू होती है वैधता अवधि
E Way Bill की वैधता की समय सीमा, उस दिन की मध्य रात्रि से गिनी जाएगी, जिस दिन ट्रांसपोर्टर E Way Bill के Part B में अपने Details दर्ज कर देगा। उदाहरण के लिए, किसी व्यापारी ने सोमवार को कोई माल Transporter को दे दिया और उसका विवरण E Way Bill के Part A में दर्ज कर दिया।
ट्रांसपोर्टर ने उस माल को 3 दिन अपने पास रोके रखा और गुरुवार को रवाना किया। ऐसे में वह E Way Bill के Part B में गुुरुवार को डिटेल दर्ज करेगा। यहां पर E Way Bill की वैधता समय सीमा ट्रांसपोर्टर की ओर से माल रवाना करने व पार्ट बी भरने की तारीख से शुरू गिनी जाएगी। व्यापारी की ओर से माल भेजे जाने वाले दिन (सोमवार) से नहीं।
विशेष प्रकार के मामलों में वैधता अवधि में छूट
ऊपर बताई गई माल भेजने की वैधता अवधि, सिर्फ सामान्य प्रकार के माल परिवहन के लिए है। बहुत बड़े साइज वाले कार्गो (Over Dimensional Cargo) के लिए माल पहुंचने की वैधता अवधि में छूट होती है। अन्य भी कुछ विशेष तरह के मामलों में अगर जरूरत समझी जाती है तेा ट्रांसपोर्टर की ओर से E Way Bill की वैधता अवधि (validity period) बढाई जा सकती है। खेप के बीच में वाहन बदलने (transshipment) की स्थिति में भी ऐसा किया जा सकता है।
6. वेब या एसएमएस के जरिये बना/अपडेट व कैंसिल कर सकते हैं
माल भेजने वाला, या माल मंगाने वाला या माल ले जाने वाला कोई भी व्यक्ति ewaybillgst.gov.in पर अपने GSTIN की मदद से E Way Bill बना सकता है। बिल जारी होने के बाद भी जरूरत पड़ने पर उसमें बदलाव किए जा सकते हैं।उदाहरण के लिए, उसमें गाड़ी का नंबर बदलना (Update) हो या फिर पूरा का पूरा बना हुआ बिल Cancell करना हो तो वह भी हो सकता है।
ये सारी प्रक्रियाएं (eway bills generation/ vehicle update/ cancellation) आप पोर्टल पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के माध्यम से भी कर सकते हैं। किसी एक GSTIN नंबर पर दो मोबाइल नंबरों का उपयोग SMS से E-Way Bill की प्रक्रियाओं के लिए किया जा सकता है।
SMS से ई वे बिल संबंधी हर प्रक्रिया के लिए अलग-अलग कोड निर्धारित होते हैं, जिनको चुनकर उनके सामने डिटेल दर्ज कर आप भेज सकते हैं। किस काम के लिए कौन सा Code प्रयोग किया जाता है, नीचे हम उनका परिचय दे रहे हैं-
- EWBG: ई वे बिल बनाने के लिए माल भेजने वाले को अनुरोध के लिए (Eway Bill Generate Request for suppliers)
- EWBT: ई वे बिल बनाने के लिए ट्रांसपोर्टर को अनुरोध भेजने के लिए (Eway Bill Generate Request for transporters
- EWBV: पहले से जारी ई वे बिल में वाहन नंबर बदलने के लिए (Eway Bill vehicle update Request)
- EWBC: पहले से जारी ई वे बिल को कैंसल करने के लिए (Eway Bill Cancel Request)
7. ई वे बिल में देनी होती हैं माल की खेप संबंधी सूचनाएं
ई वे बिल बनाने के लिए जब आप फॉर्म EWB-01 भरते हैं तो उसमें दर्ज सूचनाओं के आधार पर आपका ई वे बिल तैयार होता है। ये सूचनाएं दो हिस्सों में बंटी होती हैं—
Part A: इस हिस्से में निम्नलिखित सूचनाएं होती हैं—
- माल मंगाने वाले का जीएसटिन नंबर (GSTIN number of Recepient)
- माल पहुंचने का स्थान (Place of Delivery)
- टैक्स की रसीद या चालान नंबर (invoice Or Challan Number)
- भेजे जा रहे माल की कीमत (Value Of Goods)
- सामान का एचएसएन कोड (HSN Code)
- माल ट्रांसपोर्ट से भेजे जाने का कारण (Reason for Transportation)
Part B: इस हिस्से में निम्नलिखित सूचनाएं होती हैं—
- ट्रांसपोर्ट डॉक्यूमेंट नंबर
- वाहन का नंबर (Vehicle Number)
8. ई वे बिल नहीं होने पर ट्रांसपोर्टर पर कम से कम 10 हजार जुर्माना
ऐसी सप्लाई, जिसके साथ E Way Bill होना आवश्यक है, अगर उसकी चेकिंग के दौरान उपयुक्त E Way Bill प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो जुर्माना या कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई के संबंध में नियम इस प्रकार हैं—
- बिना E Way Bill के माल पकड़ा जाने पर 10 हजार रुपए या उस पर देय टैक्स की पूरी रकम वसूल की जाएगी। दोनों में जो भी रकम अधिक होगी, उसे चुकाना होगा। यानी कि कम से कम 10 हजार रुपए तो चुकाने ही पड़ेंगे।
- जिस वाहन पर बिना ई वे बिल के माल लदा है, उसे पकड़ा या सीज भी किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में वाहन तभी छोड़ा जाएगा, जबकि माल पर बन रहा पूरा टैक्स (100 प्रतिशत) चुकता कर दिया जाए। या फिर उस पर लदे माल की आधी कीमत (कुल कीमत का 50 प्रतिशत) चुकता करना होगा।
72 घंटे के भीतर माल स्वीकारने या रिजेक्ट करने की सूचना जरूरी
किसी माल की खेप को प्राप्त करने की या उसे अस्वीकार करने की सूचना, उस खेप की वैधता अवधि खत्म होने के पहले या ई वे बिल जारी होने के 72 घंटे के अंदर (जो भी पहले पड रही हो) दी जानी अनिवार्य है।
09. कुछ स्थितियों में ई वे बिल जारी करना अनिवार्य नहीं
कुछ खास तरीकों से माल की सप्लाई किए जाने पर उसके साथ ई-वे बिल होना जरूरी नहीं होता। ये स्थितियां इस प्रकार हैं-
- गैर मोटर वाहन से सामान ले जाने पर : किसी माल की खेप अगर बगैर मोटर के संचालित होेने वाले वाहन .रिक्शा, ठेलिया वगैरह से भेजी जा रही है तो उसके साथ ई वे बिल रखना अनिवार्य नहीं है।
- कस्टम क्लियरेंस के लिए सामान शिफ्ट करने पर: कोई माल की खेप अगर सीमा शुल्क विभाग (Customs) से क्लियरेंस के लिए भेजी जा रही है तो उसके लिए भी ई वे बिल की जरूरत नहीं होती। बंदरगाह, airport, air cargo complex या land customs station से किसी container depot या container freight station को माल भेजे जाने की स्थिति में यह छूट लागू होती है।
- 50 किलोमीटर तक भेजने पर पार्ट बी अनिवार्य नहीं: 50 किलोमीटर के भीतर सप्लायर्स की ओर से ट्रांसपोर्टर के पास तक माल भेजे जाने पर ई वे बिल में पार्ट बी (जिसमेें वाहन नंबर दर्ज किया जाता है) भरना जरूरी नहीं होता। ऐसी खेप के साथ सिर्फ ई वे बिल का पार्ट ए भरा होने से भी काम चल जाएगा।
- रेलवे या जहाज से भेजने पर बाद में कर सकते हैं जारी: रेलवे को माल ले जाने के लिए ई वे बिल जारी करने से छूट दी गई है, लेकिन इस शर्त पर कि वह माल पाने वाले को तब तक डिलीवर नहीं किया जाएगा, जबकि, उसके संबंध में ई वे बिल .50 हजार से अधिक होने पर. नहीं प्रस्तुत कर दिया जाता। लेकिन, माल की खेप के संबंध में टैक्स जमा होने की रसीद या डिलीवरी चालान वगैरह साथ होने जरूरी हैं।
10. विशेष सूचना मिलने पर ही दोबारा चेक करने का अधिकार
एक बार किसी टैक्स ऑफिसर की ओर से चेक किए जाने के बाद उस राज्य या केंद्र शासित क्षेत्र में उस खेप को दोबारा तभी चेक करने का नियम है, जबकि उस खेप के विषय में कोई विशेष गड़बड़ी की सूचना मिली हो।
ई-वे बिल बनाने के लिए जरूरी डिटेल्स और डाक्यूमेंटस
जब भी कोई E Way Bill निकाला जाता है तो ई वे बिल पोर्टल से एक 12 अंकों का विशिष्ट ई-वे बिल नंबर आवंटित किया जाता है। यह नंबर सप्लाई भेजने वाले (Consigner), सप्लाई पाने वाले (Consignee) और ट्रांसपोर्टर सभी को Online उपलब्ध हो जाता है। E Way Bill बनाने के लिए आपके पास निम्नलिखित सूचनाएं होनी चाहिए-
- ई वे बिल पोर्टल पर आपका रजिस्ट्रेशन होना चाहिए।
- माल की खेप से संबंधित रसीद/बिल या चालान
- अगर माल सड़क मार्ग से भेजा जा रहा है तो Transport Id या वाहन नंबर
- अगर माल रेल, हवाई मार्ग या ship से भेजा जा रहा है तो ट्रांसपोर्टर आईडी, ट्रांसपोर्ट डॉक्यूमेंट नंबर और डाक्यूमेंट की तारीख।
- ई वे बिल जेनरेट करने के लिए पिन कोड डालना पड़ता है इसिलए आपको भेजने वाले और पाने वाली की जगह का पिन कोड मालुम होना चाहिए।