प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों का हर महीने PF कटता है। हर महीने उनकी सैलरी में से पीएफ काटकर, कर्मचारी के ही EPF अकाउंट में जमा कर दिया जाता है। जितना पैसा कर्मचारी का कटता है, उतना ही कंपनी को भी मिलाकर जमा करना पड़ता है।
हमारे कई पाठकों ने पूछा था कि सैलरी में से कितना पैसा PF में कटता है? उस पर ब्याज कितनी मिलती है? कुछ लोगों ने यह भी पूछा था कि PF कब निकाल सकते हैं और कितना निकाल सकते हैं? इसी तरह कुछ लोगों ने यह भी जानना चाहा था कि PF एडवांस कितना मिलता है? और किस-किस काम के लिए मिल सकता है? PF पेंशन किसे मिलती है और कितनी मिलती है? इन सारे प्रश्नों के जवाब जानने के लिए हमने यह लेख तैयार किया है। तो आइए जानते हैं कि पीएफ अकाउंट के नियम 2023 क्या हैं। PPF account rules in Hindi.
पीएफ अकाउंट के नियम | Rules of PF Account
जिस कंपनी में 20 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं, उसे भारत सरकार की EPF scheme में रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है। कुछ छोटे उद्योगों में तो 10 कर्मचारी होने पर भी EPF scheme में रजिस्ट्रेशना कराना जरूरी होता है। पीएफ अकाउंट में पैसा जमा करने और निकालने के प्रमुख नियम इस प्रकार हैं-
12% आपके वेतन से कटता है और 12% कंपनी जमा करती है
हर महीने आपकी सैलरी से 12% कटकर आपके PF Account में जमा किया जाता है। इतना ही पैसा (आपकी सैलरी के 12% के बराबर), कंपनी की ओर से भी आपके PF Account में जमा किया जाता है। यहां सैलरी की गणना में, सिर्फ आपके मूल वेतन (Basic Salary) और महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) को शामिल किया जाता है।
कर्मचारी अपना हिस्सा 12% से अधिक भी जमा करा सकता है
कर्मचारी की इच्छा हो तो वह अपने हिस्से के पीएफ को 12% से अधिक भी कटवा सकता है। इस तरीके से अतिरिक्त जमा किए जाने वाले पीएफ को स्वैच्छिक भविष्य निधि (Voluntary Provident Fund) या VPF कहते हैं। आप चाहें तो अपनी पूरी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता (DA) के टोटल के बराबर तक VPF के रूप में जमा कर सकते हैं। VPF पर भी EPF के बराबर ही ब्याज मिलती है।
पीएफ के कुल 24% में 8.33 % पेंशन के लिए जमा हो जाता है
कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट में, कंपनी की ओर से जो 12% जमा किया जाता है, उसमें से 8.33 प्रतिशत, अलग करके आपके पेंशन अकाउंट में जमा कर दिया जाता है। बाकी बचा हुआ 3. 67% उसके पीएफ अकाउंट में ही जुड़ जाता है। इस प्रकार वास्तव में पीएफ अकाउंट में कुल 15.67% जमा होता है और बाकी हिस्सा पेंशन अकाउंट में जमा होता है।
पीएफ अकाउंट में जमा पर सरकार 8.10% ब्याज भी देती है
EPF में जमा पैसों पर, आपको ब्याज भी मिलता है। यह ब्याज दर किसी भी बैंक डिपॉजिट या PPF account के मुकाबले ज्यादा ही रहती है। सरकार हर साल वित्तीय वर्ष के अंत में EPF अकाउंट पर मिलने वाली ब्याज दर की घोषणा करती है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए सरकार ने EPF पर 8.1% ब्याज देने की घोषणा की है। उसके पहले के के वर्षों मेंं EPF पर ब्याज दर इस प्रकार से रही थी-
वित्त वर्ष (Financial Year) |
पीएफ अकाउंट पर ब्याज दर |
2022-2023 | 8.10% |
2021-2022 | 8.50% |
2020-2021 | 8.50% |
2019-2020 | 8.50% |
2018-2019 | 8.65% |
2017-2018 | 8.55% |
2016-2017 | 8.65% |
2015-2016 | 8.80% |
रिटायरमेंट के बाद, कुल जमा व ब्याज सहित पूरा PF मिल जाता है
रिटायरमेंट के बाद PF का पैसा निकालना अक्सर आसान होता है, क्योंकि आपका नियोक्ता या HR सहयोगपूर्ण रवैया अपनाते हैं। पीएफ का पैसा निकालने के लिए आप UAN पोर्टल के माध्यम से भी Online Apply कर सकते हैं। अगर आपका UAN नंबर एक्टीवेट है और उसमें आधार नंबर, फोन नंबर, बैंक अकाउंट नंबर वगैरह सही दर्ज है तो आप घर बैठे पीएफ निकालने का आवेदन कर सकते हैं। 3 से 7 दिन (Working Days) के भीतर आपको पैसा मिल जाता है।
नौकरी छोड़ने के 2 महीने बाद भी पूरा पैसा निकाल सकते हैं
अगर आपकी नौकरी छूट गई है और 2 महीने तक कोई नई नौकरी नहीं मिलती है तो आप अपने PF Account का पूरा पैसा निकाल सकते हैं। पूरा पैसा नहीं निकालना चाहें तो 75% तक पीएफ एडवांस भी निकाल सकते हैं। ये एडवांस तो आप नौकरी छूटने के 1 महीने बाद भी निकाल सकते हैं। कुछ खास परिस्थितियों में जैसे कि विदेश में बसने जा रहे हैं या महिला कर्मचारी की शादी का मामला होने पर तो नौकरी छोड़ने के तुरंत बाद भी PF का पूरा पैसा निकाल सकते हैं।
अनिवार्य आवश्यकता पर बीच में भी कुछ पैसा निकाल सकते हैं
किसी अनिवार्य आवश्यकता (need) पर कुछ मात्रा में पीएफ निकालना (Partial EPF withdrawal) अब काफी आसान हो गया है। EPFO ने ऐसे कारणों की list जारी की है, जिनके लिए आप आंशिक रूप से PF का पैसा निकाल सकते हैं। पहले आपको अपनी जरूरत (need) को प्रमाणित करना होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब सिर्फ आप अपनी जरूरत का उल्लेख करके भी PF का कुछ हिस्सा निकाल सकते हैं। UAN portal के माध्यम से भी आप आंशिक PF निकाल सकते हैं।
10 साल तक नौकरी की है तो रिटायरमेंट पर पेंशन भी मिलेगी
अगर आप 10 साल की नौकरी पूरी कर लेते हैं तो आपकी पेंशन बन जाती है और 58 साल की उम्र के बाद आपको पेंशन मिलने लगती हैं। अगर service के दौरान किसी कर्मचारी की मौत हो जाती है तो उसके परिवार को यह पेंशन मिलेगी।
अगर 50 साल की उम्र पूरी हो चुकी है, तो भी आप चाहें तो घटी हुई मात्रा में Early Pension भी ले सकते हैं। 58 साल से जितने वर्ष पहले आप पेंशन शुरू कराएंगे, हर साल के लिए 4% के हिसाब से पेंशन कम करके चालू हो जाएगी।
10 साल से कम नौकरी होने पर पेंशन की जमा वापस ले सकते हैं
EPF से जुड़ी पेंशन का पैसा निकालने के लिए आपके पास 4 विकल्प होते हैं-
10 साल से कम नौकरी होने पर | पीएफ अकाउंट (EPF) और पेंशन अकाउंट (EPS) दोनों का पूरा पैसा निकाल सकते हैं। |
10 साल नौकरी पूरी हो और उम्र 50 साल से कम है तो | सिर्फ पीएफ अकाउंट (EPF) का पैसा निकाल सकते है, पेंशन अकाउंट (EPS) का नहीं। इसके बदले, आपको 58 साल की उम्र पूरी होने पर, पेंशन मिलेगी। |
10 साल नौकरी पूरी हो और उम्र 50 से 58 साल के बीच हो | पीएफ अकाउंट (EPF) का पूरा पैसा निकाल सकते हैं और घटी हुई (reduced) पेंशन भी प्राप्त कर सकते हैं। 58 साल की उम्र के जितना पहले पेंशन निकालेंगे, हर साल के लिए 4% की दर से पेंशन कम होकर मिलेगी। |
10 साल नौकरी पूरी हो और उम्र 58 साल पार हो चुकी हो | पीएफ अकाउंट का पूरा पैसा निकाल सकते हैं। हर महीने पूरी पेंशन मिलने लगेगी। |
पीएफ की जमा-ब्याज-मेच्योरिटी सब पर टैक्स छूट मिलती है
टैक्स के मामले में ईपीएफ को सरकार ने EEE कैटेगरी (Exempted-Exempted-Exempted) में रखा है। यानी कि इसकी जमा, ब्याज और मेच्योरिटी, तीनों पर टैक्स छूट मिलती है। लेकिन ध्यान रखें कि अगर आपकी नौकरी 5 साल से कम की है और PF से निकाली जाने वाली रकम 50,000 रुपए से अधिक है तो 10% TDS काट लिया जाएगा।
हालांकि अगर आप की सालाना आमदनी इतनी नहीं है कि उस पर टैक्स चुकाया जाना चाहिए तो आप आप इस TDS कटौती को रुकवा भी सकते हैं। इसके लिए आपको पीएफ निकालने के लिए आवेदन/क्लेम करते समय फॉर्म 15g जमा करना पड़ेगा। ऑनलाइन फॉर्म भरने की प्रक्रिया में भी फॉर्म 15g अपलोड करने का ऑप्शन मिलता है।
एक UAN नंबर में जोड़ सकते हैं अपने सभी PF Accounts
पीएफ अकाउंट रखने वाले हर कर्मचारी को एक UAN नंबर (universal account number) मिलता है। ये UAN नंबर आपकी एक निश्चित पहचान संख्या होती है। जो UAN नंबर पहली बार आपको मिलता है, वही हमेशा बना रहता है। service बदलने पर आपका EPF account number बदल जाता है, लेकिन UAN नंबर वही रहता है। उसी UAN नंबर से आपके सभी पीएफ अकाउंट नंबर लिंक कर दिए जाते हैं। इसकी मदद से आप अपने पिछले सभी पीएफ अकाउंट का पैसा, एक ही अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं।
आप EPFO के UAN Portal पर जाकर अपने पीएफ अकाउंट या पेंशन अकाउंट संबंधी सारे काम ऑनलाइन निपटा सकते हैं। अपने UAN नंबर और पासवर्ड की मदद से लॉगिन करके आप ये सारी सेवाएं घर बैठे पा सकते हैं। चाहे आपको अपना बैलेंस चेक करना हो, या पुराने पीएफ अकाउंट का पैसा नये पीएफ अकाउंट में ट्रांसफर करना हो, या पीएफ निकालना (EPF withdrawal) हो। सारी सेवाएं आपके UAN नंबर के साथ link कर दी गई हैं। यहां तक कि पेंशन और KYC से जुड़ी सारी सेवाएं आप अपने UAN नंबर और उसके पासवर्ड की मदद से इस्तेमाल कर सकते हैं।
पीएफ अकाउंट से Aadhhar नंबर लिंक करना अनिवार्य
सरकार ने सभी कर्मचारियों के EPF account में Aadhaar नंबर लिंक होना अनिवार्य कर दिया है। Aadhaar नंबर दर्ज (link) होने से कर्मचारी की सही पहचान में आसानी रहीती है। कई अन्य सहूलियतें भी रहती है। आगे कभी EPF का पैसा निकालने या Transfer करने में समस्या नहीं आती। जरूरत पड़ने पर बिना employer के हस्तक्षेप के आसानी से आप इन कामों को निपटा सकते हैं।
नये नियमों के मुताबिक, अगर आपने अपने पीएफ अकाउंट/ UAN से आधार नंबर लिंक नहीं किया है तो आप EPF अकाउंट से जुड़ी सेवाएं इस्तेमाल नहीं कर सकतेे। यहां तक कि सरकार ने, कंपनियों को भी बिना आधार वाले PF अकाउंट में पैसा जमा करने से रोक दिया गया है।