जीएसटी का रिटर्न दाखिल करते समय उसका डिजिटल या ऑनलाइन सत्यापन (Verification) करना भी जरूरी होता है। सामान्य कारोबारी और HUF, यह काम Esign (आधार OTP) या EVC (मोबाइल OTP) की मदद से कर सकते हैं। कंपनियों या LLPs को डिजिटल सिग्नेचर (DSC) की जरूरत पड़ती है। इस लेख में हम बताएंगे कि जीएसटी में EVC क्या होता है? इसकी फुल फॉर्म और हिंदी में मतलब क्या है? इसकी मदद से जीएसटी रिटर्न का सत्यापन कैसे होता है?
जीएसटी में, EVC क्या होता है?
- EVC Full Form: ईवीसी की फुल फॉर्म होती है- Electronic Verification Code
- EVC का हिंदी में मतलब होता है- डिजिटल रूप से सत्यापन करने वाला कोड?
EVC Verification कैसे होता है? GST Portal में रिटर्न फॉर्म जमा करते समय कारोबारी को ग्राहक सत्यापन (user authentication) करना पड़ता है। यह काम आप जब अपने मोबाइल पर OTP के माध्यम से पूरा करते हैं तो उसे EVC authentication या ईवीसी सत्यापन कहते हैं।
EVC कोड 10 अंकों का होता है और alphanumeric फॉर्म में होता है। यानी कि यह अक्षरों और गिनती के अक्षरों को मिलाकर बना होता है। इस कोड को आप निर्धारित खाली बॉक्स में डालकर submit करते हैं तो सत्यापन पूरा हो जाता है और आपकी रिटर्न जमा हो जाता है। यहां रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर, वह मोबाइल नंबर होता है, जोकि आपने GST रजिस्ट्रेशन के अप्लीकेशन में दर्ज कराया होता है।
कंपनियों को EVC Verification की अनुमति नहीं? सिर्फ व्यक्तियों या सामान्य कारोबारियों को ही EVC Verification करने की अनुमति होती है। कंपनियों और LLPs को यह विकल्प इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होती। कंपनियों और LLPs को अनिवार्य रूप से डिजिटल सिग्नेचर (DSC) के माध्यम से वैरिफकेशन करना पड़ता है। कंपनियों और LLPs को छोड़कर, अन्य कारोबारी या व्यक्ति DSC, E-Sign या EVC, किसी भी तरीके (modes) का इस्तेमाल कर सकते हैं। इन सभी तरीकों की अलग-अलग जानकारी हम नीचे दे रहे हैं-
E-Sign Verification क्या होता है?
इसमें GST रिटर्न के सत्यापन (verification) के लिए, Electronic Signature करने की सुविधा मिलती है। इसमें आपके Aadhaar से लिंक मोबाइल नंबर पर OTP भेजा जाता है। उस OTP नंबर को submit करके आप रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी कर पाते हैं। यानी कि Aadhaar की मदद से, किसी डाक्यूमेंट या प्रोसेस को सत्यापित करने की प्रक्रिया को E-Sign Verification कहते हैं।
कंपनियों और LLP के अलावा भी किसी भी कैटेगरी के कारोबारी या व्यक्ति को E-Sign Verification करने की छूट होती है। इस कैटेगरी के लिए चाहें तो EVC या डिजिटल सिग्नेचर का भी इस्तेमाल रिटर्न Verification के लिए कर सकते हैं।
DSC Verification क्या होता है?
कंपनियों और LLPs को GST रिटर्न सत्यापित करने के लिए, डिजिटल सिग्नेचर (DSC Verification) करना ही अनिवार्य है। इन्हें EVC या E-Sign Verification की अनुमति नहीं होती। (कोरोना के दौरान की छूट के अतिरिक्त)। GST Portal पर लॉगिन करके, डिजिटल सिग्नेचर (DSC) का इस्तेमाल करने के लिए register करना पड़ता है।
अन्य कैटेगरी के कारोबारी या व्यक्ति भी चाहें तो अपने लिए डिजिटल सिग्नेचर जारी करा सकते हैं और सत्यापन के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। अधिकृत Digital signature एजेंसियों की ओर से इसे जारी किया जाता है।
कैसे काम करता है डिजिटल सिग्नेचर: Digital signatures एक प्रकार के कोड वाले मैसेज के रूप में होते हैं, जो हर व्यक्ति के लिए, अलग-अलग होता है।इन्हें एक खास तरह के डिजिटल फॉर्मेट Public Key Infrastructure (PKI) में जारी किया जाता है।
इसमें mathematical algorithm का प्रयोग करके दो तरह के long numbers तैयार किए जाते हैं, जिन्हें Keys कहते हैं। एक public key, और दूसरी private key। public key किसी data को encrypt यानी कि विशिष्ट कोड में परिवर्तित करती है, जबकि private key उस data को decrypt यानी कि कूटबद्ध सूचनाओं को साधारण भाषा में परिवर्तित करती है।
आप किसी डॉक्यूमेंट पर private key के माध्यम से सिग्नेचर करते हैं जिसे public key की मदद से मंजूर किया जाता है।