इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से जिन कर्मचारियों की सैलरी इनकम टैक्स भरने लायक होती है, उनकी सैलरी में से TDS काट लिया जाता है। बाकी पैसा कर्मचारी के सैलरी अकाउंट में भेज दिया जाता है। TDS कटौती के संबंध में कंपनी एक सर्टिफिकेट भी कर्मचारी को देती है, जिसे फॉर्म 16 कहा जाता है। इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय आपको इस फॉर्म 16 की जरूरत पड़ती है।
इस लेख में हम सबसे पहले Form 16 के बारे में जरूरी जानकारियां देंगे। इसके बाद यह भी बताएंगे कि फॉर्म 16 कहां से मिलता है या कैसे डाउनलोड कर सकते हैं?
What is Form 16 in Hindi? How to Download it?
New update for FY2023-24 :सरकार ने नए वित्त वर्ष (2023-24) में इनकम टैक्स छूट की लिमिट बढ़ा दी है। अब सालाना 3 लाख रुपए की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। 3 लाख से ऊपर आमदनी होने पर भी, अगर टैक्स स्लैब के हिसाब से आप पर 25 हजार रुपए टैक्स बनता है तो वह भी माफ हो जाएगा। सेक्शन 87A के तहत, सरकार किसी भी व्यक्ति के 25 हजार रुपए तक के टैक्स पर Rebate (टैक्स माफी) दे देगी।
ये 25 हजार रुपए का टैक्स उन कर्मचारियों का बनता है, जिनकी आमदनी सालाना 7 लाख रुपए के भीतर है। नए नियमों के हिसाब से अगर आपकी सालाना आमदनी 7 लाख से कम है तो आपको कोई टैक्स नहीं भरना पड़ेगा। TDS के मामले में भी कंपनियां इस बात का ख्याल रखती हैं कि जिसकी आमदनी इन
फॉर्म 16 क्या होता है? What is Form 16 in Hindi
कंपनी आपका जो टैक्स काटती है, उसे आपके नाम पर इनकम टैक्स विभाग के पास जमा कर देती है। आपके PAN नंबर की मदद से यह पैसा जमा होता है। उसके सबूत या प्रमाण (Proof) के रूप में Form 16 आपको दिया जाता है।
Form 16, में आपकी सैलरी से काटे गए टैक्स (TDS) का पूरा विवरण दर्ज होता है। कंपनी जब आपकी सैलरी से TDS काटती है, तो उसे इसका एक सबूत आपको देना पड़ता है। यह सबूत फॉर्म 16 के रूप में होता है। इसमें आपका नाम, पैन कार्ड नंबर, आमदनी और टैक्स कटौती वगैरह के विवरण दर्ज रहते हैं। साथ ही TDS काटने वाले का भी PAN नंबर और TAN नंबर दर्ज रहता है। टीडीएस काटने वाले का नाम, पद, हस्ताक्षर वगैरह भी दर्ज रहते हैं।
फॉर्म 16 कैसे प्राप्त करें या डाउनलोड करें?
फॉर्म 16 आपको, आपकी कंपनी की ओर से मिला करता है। अगर आपकी सैलरी से TDS कटा है तो आप कंपनी से उसका सर्टिफिकेट मांग सकते हैं। वही सर्टिफिकेट फॉर्म 16 होता है। मार्च में वित्त वर्ष पूरा होने के बाद 31 MAY तक ये सर्टिफिकेट देना अनिवार्य है।
जिस वित्त वर्ष में आपको सेलरी मिली है, उसके ठीक बाद वाले वित्तवर्ष की पहली तिमाही में आप इसे प्राप्त कर सकते हैं। अगर किसी साल के दौरान आपको दो या दो से अधिक कंपनियों से सेलरी मिली है, तो हर कंपनी की ओर से अलग-अलग Form 16 जारी किया जाना चाहिए।
फॉर्म 16 का सैंपल और उसमें दर्ज होने वाली जानकारियां
Form 16 में दर्ज डिटेल्स दो हिस्सों में बंटे होते हैं-
पार्ट A मेंं मौजूद विवरण
इस हिस्से में उस कर्मचारी और नियोक्ता (कंपनी) के बारे में बेसिक डीटेल्स दर्ज होते हैं, जैसे कि-
- सर्टिफिकेट का नंबर
- कंपनी का नाम, पता, पैन नंबर, टैन नंबर
- कर्मचारी का नाम, पता, पैन नंबर
- असेसमेंट ईयर संख्या
- काटे गए और जमा किए गए TDS का ब्योरा (जमा की मात्रा, तारीख, चालान संख्या वगैरह)
- TDS काटने वाले अधिकारी का नाम, पद, हस्ताक्षर
- फॉर्म 16 जारी करने की तारीख और स्थान
पार्ट B में मौजूद विवरण
इस हिस्से में कर्मचारी की कमाई, और टैक्स संबधी तमाम डिटेल्स होते हैं। जैसे कि-
- सैलरी, भत्ते, अन्य स्रोतोंं से कमाई, टैक्स छूट वाले निवेश के डिटेल्स
- सेक्शन16 के तहत आने सभी तरह के डिडक्शन्स (HRA, Pension, Gratuity वगैरह)
- सेक्शन 80C के तहत आने वाले सभी डिडक्शन्स (EPF, PPF, life insurance, ElSS)
- 80D, 80E, 80G, 80U, 80TTA वगैरह के तहत आने वाले सभी टैक्स डिडक्शन्स
- कमाई के सभी स्रोतों से हुई टोटल आमदनी और टोटल चुकाया गया टैक्स
- स्टैंडर्ड डिडक्शन, सेस, रिबेट, सरचार्ज
फॉर्म 16 की जरूरत कब और क्यों पड़ती है?
इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय आपको फॉर्म 16 की जरूरत पड़ सकती है। फॉर्म 16 में दर्ज डिटेल्स से आप जान सकते हैं कि आप अब तक कुल कितना टैक्स दे चुके हैं और कितना टैक्स चुकाने को बाकी है। बकाया टैक्स को आप Self Assessment Tax के रूप में जमा कर सकते हैं।
यह इस बात का भी प्रमाण होता है कि आपके नियोक्ता ने TDS के रूप में उतना पैसा काटकर सरकार के पास जमा कर दिया है। Loan और Visa संबंधी मामलों में इसे Income Proof और टैक्स भुगतान के प्रमाण के रूप में भी स्वीकार किया जाता है।
किसके लिए अनिवार्य होता है फॉर्म 16? सामान्य रूप से उन्हीं कर्मचारियों को कंपनी फॉर्म 16 जारी करती है, जिनकी सेलरी Tax काटने लायक होती है। जिनकी सेलरी टैक्स काटने लायक नहीं होती, उनको सामान्यत: ये फॉर्म नहीं दिया जाता।
फॉर्म 16 A और फॉर्म 16 B में क्या अंतर होता है?
फॉर्म 16 को सैलरी देने वाला नियोक्ता TDS काटने पर जारी करता है। जबकि फॉर्म 16 A को सैलरी के अलावा, अन्य प्रकार की आमदनी देने वाला व्यक्ति या संस्था TDS काटने पर जारी करता है। जैसे कि ब्याज, किराया, पुरस्कार वगैरह का भुगतान करने पर अगर TDS काटा गया है तो उसका सर्टिफिकेट फॉर्म 16 A के रूप में जारी किया जाता है।
फॉर्म 16 A: आपके बैंक अकाउंट पर 40 हजार रुपए से ज्यादा ब्याज मिलती है तो बैंक इस पर TDS काट सकता है। अगर आपने बैंक में फॉर्म 15 G जमा नहीं किया है तो इतनी ब्याज मिलने पर TDS जरूर कटेगा। बैंक जब TDS काटेगा तो फिर फॉर्म 16 A के रूप में, टीडीएस सर्टिफिकेट भी देगा। इसी तरह, एक निर्धारित रकम से ऊपर का किराया, कमीशन, इनाम वगैरह मिलने पर भी टीडीएस कटेगा और उसके लिए आपको फॉर्म 16 A भी भरकर दिया जाएगा। इस सर्टिफिकेट में भी आपके नाम और पता के साथ-साथ टीडीएस काटने वाले का नाम-पता दर्ज रहता है।
फॉर्म 16 B : खेती की जमीन के अलावा, किसी तरह की अचल संपत्ति (immovable Property) के सौदे पर, जो TDS काटा जाता है, उसके लिए टीडीएस सर्टिफिकेट, फॉर्म 16 B के रूप में जारी किया जाता है। ऐसी अचल संपत्ति में जमीन, दुकान, बिल्डिंग, प्लॉट वगैरह माने जाते हैं, जिन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं हटाया जा सकता। जो व्यक्ति ऐसी प्रॉपर्टी खरीदता है, उसे उसका भुगतान TDS काटकर देना पड़ता है। ऐसे व्यक्ति को TAN नंबर की बजाय सिर्फ अपना PAN नंबर दर्ज करना पड़ता है।
फॉर्म 16 न मिल पाए तो क्या करें?
अगर किसी कारणवश आपको फॉर्म 16 नहीं मिल पा रहा है तो भी इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने में देरी न करें। रिटर्न में देरी करने पर आपको पेनाल्टी लगेगी। और, अगर आपने कुछ ज्यादा टैक्स भरा है तो उसका रिफंड भी नहीं ले सकेंगे।
आपकी सेलरी पर जो TDS काटा गया है, उसके डिटेल्स आपको इनकम टैक्स की वेबसाइट पर Form 26AS में ऑनलाइन भी मिल जाते हैं। जैसे कि, नियोक्ता का नाम, पता, पैन नंबर, टैन नंबर वगैरह। आमदनी के अन्य स्रोतों से काटकर जमा किए टैक्सों के भी डिटेल इसमें दर्ज रहते हैं। सेलरी के डिटेल्स (salary break-ups) के लिए आप अपनी सेलरी स्लिप्स देख सकते हैं। अन्य टैक्स छूट वाले निवेशों के डिटेल्स, उनकी रसीदों में मिल जाएंगे।