GST में रजिस्टर्ड कारोबारी अगर QRMP स्कीम अपना लेता है तो उसे हर महीने रिटर्न नहीं भरना पड़ता। उसे हर तिमाही के बाद रिटर्न भरना पड़ता है। इस लेख में हम जानेंगे कि GST की QRMP स्कीम क्या है? इसके क्या फायदे होते हैं? और कैसे रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं? What is QRMP Scheme in GST? What are its benefits in Hindi.?
QRMP का फुल फॉर्म और हिंदी में मतलब?
- QRMP का फुल फॉर्म है-Quarterly Return Filing and Monthly Payment of Taxes
- इसका हिंदी में मतलब होता है- हर तिमाही पर रिटर्न भरना और हर महीने टैक्स का भुगतान करना
GST की QRMP स्कीम क्या है?
सरकार ने 5 करोड़ रुपए से कम सालाना टर्नओवर वाल कारोबारियो को GST की QRMP स्कीम लेने की छूट दी है। वे अगर QRMP स्कीम अपना लेते हैं तो उन्हें हर तिमाही पर GSTR-1 रिटर्न फॉर्म भरना पड़ेगा। हालांकि, टैक्स (GST) का भुगतान उन्हें भी हर महीने करना पड़ेगा। इसीलिए इस इस स्कीम का पूरा नाम है-Quarterly Return Filing and Monthly Payment of Taxes (QRMP) Scheme रखा गया है।
इसके पहले दिसंबर 2020 तक जो व्यवस्था लागू थी, उसमें GST में रजिस्टर्ड सामान्य कारोबारियों को, हर महीने GSTR-3B रिटर्न भरना पड़ता था। उसके बाद GSTR-1 रिटर्न भी हर महीने भरना पड़ता था। QRMP scheme अपनाने वालों को हर महीने ये दोनों रिटर्न भरने से छूट मिल जाती है। 1 जनवरी 2021 से यह सुविधा लागू कर दी गई है। इस स्कीम को अपनाने के बाद, तब तक जारी रख सकते हैं, जबकि जब तक कि आपका सालाना टर्नओवर 5 करोड़ रुपए से अधिक पार नहीं कर जाता।
क्यूआरएमपी स्कीम के फायदे | Benefits of QRMP Scheme
- आपको हर महीने रिटर्न दाखिल नहीं करना पड़ता। छोटे स्तर के कारोबारियों को इससे काफी सहूलियत रहती है।
- यह स्कीम लेने वाले कारोबारी Invoice Furnishing Facility (IFF) का इस्तेमाल कर सकते हैं। IFF सिस्टम आपको किसी तिमाही के शुरुआती 2 महीनों की रसीदें (invoices) अपलोड करने की सुविधा देता है। तिमाही के खत्म होने का इंतजार नहीं करना पड़ता।
- IFF सिस्टम में, आप से खरीदारी करने वाले रजिस्टर्ड कारोबारी के खाते में भी साथ-ही-साथ, सारे डिटेल दर्ज होते जाते हैं, इससे उसे अपने टैक्स भुगतान के बदले claim Input Tax Credit -(ITC) क्लेम करने की सुविधा तेजी से मिल सकती है।
QRMP स्कीम के लिए जरूरी योग्यताएं
- ऐसे सामान्य कारोबारी , जिनका सालाना टर्नओवर 5 करोड़ रुपए से कम है, QRMP स्कीम अपना सकते हैं।
- अगर आप जीएसटी में नया रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं तो शुरुआत से ही QRMP स्कीम अपना सकते हैं।
- अगर आपने पहले से कंपोजिशन स्कीम ले रखी है तो उसे छोड़कर भी QRMP स्कीम अपना सकते हैं।
- QRMP स्कीम लेने के पहले, पिछले कारोबार के लिए अंतिम GSTR-3B रिटर्न दाखिल किया जा चुका होना चाहिए।
- जिस अवधि के लिए आप QRMP स्कीम ले रहे हैं उस अवधि के लिए फॉर्म GSTR-1 भी बाकी नहीं होना चाहिए। यानी कि जीएसटी पोर्टल में फॉर्म GSTR-1 में कोई डाटा सेव नहीं होना चाहिए। अगर कोई डाटा सेव है तो उसे डिलीट करके आप, QRMP स्कीम ले सकते हैं।
आवश्यक शर्तें या प्रतिबंध
- आपका, पिछले वित्त वर्ष (financial year) का सालाना टर्नओवर 5 करोड़ रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- QRMP स्कीम लेने के बाद भी, अगर किसी तिमाही के दौरान आप का टर्नओवर 5 करोड़ रुपए पार कर जाता है तो फिर अगले तिमाही से आप QRMP Scheme के तहत टैक्स का भुगतान और रिटर्न दाखिल नहीं कर सकते। ऐसी स्थिति में आपको सामान्य रजिस्ट्रेशन मे वापस जाना होगा और उसी के मुताबिक हर महीने रिटर्न दाखिल करना होगा।
- SEZ डेवलपर या SEZ यूनिट को QRMP स्कीम का फायदा नहीं मिल सकता।
- अगर आप सिर्फ जीएसटी प्रैक्टिशनर हैं तो, किसी रजिस्टर्ड कारोबारी की ओर से QRMP स्कीम नहीं अपना सकते।
QRMP स्कीम कैसे ले सकते हैं ?
आप जीएसटी पोर्टल पर लॉगइन करके QRMP स्कीम अपनाने या छोड़ने की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। संक्षेप में हम इसके स्टेप यहां दे रहे हैं
- जीएसटी पोर्टल खोलिए और Login के बटन पर क्लिक करें
- Username और Password डालकर लॉगिन करें
- Services के ऑप्शन के अंतर्गत Returns के ऑप्शन पर क्लिक करें
- जो ऑप्शन मिलते हैं उनमें Opt-in for quarterly return का ऑप्शन सेलेक्ट करें
- आगे दिए गए निर्देशों के हिसाब से प्रक्रिया पूरी कर लीजिए
किस समय ले सकते हैं QRMP स्कीम
QRMP scheme स्कीम के लिए आवेदन साल के दौरान कभी भी किया जा सकता है, लेकिन आप जिस तिमाही (Quarter) में QRMP scheme लागू कराना चाहते हैं, उसके 2 महीने पहले से लेकर, तिमाही शुरू होने के एक महीने बाद तक इसमें रजिस्ट्रेशन कर करा सकते हैं। उदाहरण के लिए अगर आप अप्रैल-जून की तिमाही में QRMP scheme लागू कराना चाहते हैं तो आपको 1 फरवरी से लेकर 30 अप्रैल तक के बीच में अपना लेना होगा।
यहां ध्यान रखें कि QRMP स्कीम लेने के पहले आपको पिछले कारोबार के लिए पिछला GSTR-3B return अवश्य दाखिल किया हुआ होना चाहिए। यह रिटर्न हर तिमाही के बाद आने वाले महीने की 22 या 24 तारीख तक जमा करना होता है। इसलिए आपके सामने दो तरह के विकल्प होंगे-
- अगर आप Apr-Jun 2022 की तिमाही से QRMP स्कीम लेने के लिए आवेदन 25 फरवरी 2022 को करते हैं तो आपको जनवरी 2022 के लिए form GSTR-3B अवश्य दाखिल किया होना चाहिए।
- अगर आप Apr-Jun 2022 की तिमाही से QRMP स्कीम लेने के लिए आवेदन 19 फरवरी 2022 को करते हैं तो आपको दिसंबर 2021 के लिए form GSTR-3B अवश्य दाखिल किया होना चाहिए।
एक व्यक्ति के कई जीएसटी नंबर है तो…
अगर आपके पास, कई कारोबार के लिए, एक PAN नंबर पर आधारित, अलग-अलग कई जीएसटी नंबर (GSTIN) हैं, तो आप सिर्फ उन जीएसटी नंबरों से जुड़े कारोबार के लिए अलग से QRMP scheme ले सकते हैं, जिनका सालाना टर्नओवर 5 करोड़ रुपए से कम है।
QRMP स्कीम में टैक्स का भुगतान कैसे होता है?
आपको हर महीने के कारोबार के लिए टैक्स का भुगतान तुरंत वाले बात के महीने की 25 तारीख तक जमा कर देना अनिवार्य होगा। इनमें से पहले 2 महीनों के लिए टैक्स का भुगतान आप Form PMT-06 भरकर payment challan के माध्यम से कर सकते हैं। पेमेंट के लिए आप दो तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं
निश्चित राशि विधि (Fixed sum method)
अगर आपने पिछला या अंतिम तिमाही रिटर्न फॉर्म GSTR-3B दाखिल कर चुके हैं तो आप पिछली तिमाही में चुकाए गए टैक्स के 35 परसेंट के बराबर टैक्स का भुगतान pre-filled challan के माध्यम से कर सकते हैं
अगर आप पिछले कारोबार के लिए हर महीने GSTR-3B दाखिल करते रहे हैं तो पिछले महीने चुकाए गए टैक्स के बराबर टैक्स का भुगतान pre-filled challan के माध्यम से कर सकते हैं।
स्व-मूल्यांकन विधि (Self-assessment method)
अगर आपने जीएसटी में नया रजिस्ट्रेशन लिया है तो आपके नाम पिछला GSTR-3B रिटर्न फॉर्म भरा हुआ नहीं होगा। इसी तरह, अगर आप कंपोजीशन स्कीम छोड़कर आए हैं तो भी पिछला GSTR-3B रिटर्न फॉर्म भरा हुआ नहीं होगा।
ऐसे में आपको अपने आप अपने कारोबार (inward and outward supplies) पर टैक्स का आकलन करके जमा करना होगा। अगर कुछ ज्यादा टैक्स जमा हो जाता है, तो उसे रिटर्न भरने के पहले एडजस्ट कर सकते हैं।
QRMP स्कीम के साथ कौन सा रिटर्न भरना है?
QRMP Scheme लेने पर आपको हर तिमाही (quarter) के बाद रिटर्न फॉर्म GSTR-1 दाखिल करना पड़ता है। इसमें आपको पिछले तीन महीनों के दौरान की गई सभी बिक्रियों (outward supply) का विवरण देना पड़ता है।
हालांकि, आपके पास अपने बिक्री संबंधी डिटेल्स हर महीने भी पेश करने के विकल्प होते हैं। यह विकल्प आपको Invoice furnishing facility (FF) के माध्यम से मिलता है। किसी भी तिमाही के शुरुआती 2 महीनों के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
आप किसी तिमाही के प्रत्येक 2 महीनों के लिए अधिकतम 50 लाख रसीदें (invoices) अपलोड करने कर सकते हैं। आप चाहें तो एक साथ ये रसीदें अपलोड कर सकते हैं या फिर अलग-अलग टाइम पर इन्हें अपलोड कर सकते हैं। किसी महीने की 1 तारीख से लेकर अगले महीने की 13 तारीख के बीच में अपनी सुविधानुसार अपलोड कर सकते हैं।
IFF सिस्टम के माध्यम से जो डिटेल अपलोड किए जाते हैं वह Form GSTR-2A and Form GSTR-2B मैं अपने आप दर्ज हो जाते हैं जोकि संबंधित खरीदार के जीएसटी अकाउंट में दर्ज हो जाते हैं।
हर तिमाही पर GSTR-3B भी दाखिल करना पड़ता है
QRMP Scheme अपनाने वाले कारोबारी को प्रत्येक तिमाही के लिए रिटर्न फॉर्म GSTR-3B भी दाखिल करना पड़ता है। हर तिमाही के बाद वाले महीने की 22 से 24 तारीख तक इस रिटर्न को जमा करना पड़ता है।
ज्यादा टैक्स भुगतान हो जाने पर क्या होगा…
किसी तिमाही के रिटर्न फॉर्म FORM GSTR-3B जमा करने के बाद अगर कुछ अतिरिक्त टैक्स भुगतान निकलता है तो उसे वापस पाने के लिए Refund claim किया जा सकता है या फिर आगे आने वाले तिमाहियों में टैक्स भुगतान के साथ एडजस्ट किया जा सकता है।
जब चाहें QRMP स्कीम को छोड़ भी सकते हैं?
सालाना कारोबार 5 करोड़ रुपए पार करने पर, आप अपने आप QRMP scheme से बाहर हो जाते हैं। बिना टर्नओवर लिमिट के पार किए भी, आप अपनी इच्छा से भी, जब चाहें QRMP scheme से अलग हो सकते हैं। जब भी आप QRMP scheme को छोड़ते हैं तो, फिर से आपको हर महीने के कारोबार के लिए GSTR-1 and GSTR-3B दाखिल करना पड़ेगा। तो दोस्तों! ये थी GST के अंतर्गत QRMP स्कीम के बारे में जरूरी जानकारियां। टैक्स, सेविंग और निवेश से जुड़ी अन्य उपयोगी जानकारियों के लिए देखें हमारे लेख-