सामान्य राज्यों (Normal category states) के वे सभी कारोबारी, जिनका सालाना टर्नओवर 40 लाख रुपए से अधिक है उन्हें GST के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। उनमें भी अगर कोई सिर्फ सेवाओं (Services) का व्यवसाय करता है तो फिर उसे 20 लाख रुपए के टर्नओवर पर ही रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है।
इसी तरह पूर्वोत्तर के विशेष कैटेगरी वाले राज्यों (Special Category states ) के वे कारोबारी, जिनका सालाना Turn Over 20 लाख रुपए है उन्हें भी GST के तहत Registration करवाना अनिवार्य है। वहां भी अगर कोई व्यवसायी सिर्फ सेवाओं सेवाओं (Services) बिजनेस करता है, तो उसे 10 लाख रुपए टर्नओवर पर ही जीएसटी में रजिस्ट्रेशन लेना अनिवार्य है।
विशेष कैटेगरी वाले राज्यों के नाम हैं– अरुणाचल प्रदेश, असम*, जम्मू और कश्मीर*, लद्दाख*, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड।
इन विशेष राज्यों में से असम*, जम्मू और कश्मीर*, लद्दाख*,ऐसे राज्य हैं जिन्होंने सामान्य कैटेगरी वाले राज्यों के समान रजिस्ट्रेशन के लिए टर्नओवर सीमा निर्धारित कर रखी है। क्योंकि राज्यों को इस बात की छूट दी गई है कि वे चाहें तो अपने यहां सामान्य टर्नओवर सीमा को लागू करें या फिर चाहें तो विशेष टर्नओवर सीमा को लागू करें।
जीएसटी रजिस्ट्रेशन का ऑनलाइन तरीका
जीएसटी में Registration करवाना उतना ही आसान है जैसे किसी कॉलेज-यूनिवर्सिटी में Admission के लिए Online Form भरना। आपके पास Internet की सुविधा होनी चाहिए , बस। घर बैठे या ऑफिस से ही अपना Online Registration पूरा कर सकते हैं। बस जरूरी दस्तावेज पास में रखिए,Computer या SmartFone खोलिए, जीएसटी पोर्टल www.gst.gov.in के वेबएड्रेस पर क्लिक करिए। कुछ आसान से स्टेप्स में आपका GST Registration पूरा हो जाएगा। तो आइए जानते हैं, कैसे होगा जीएसटी में Registration…
STEP- 1
https://www.gst.gov.in/ पर क्लिक करते ही आपके सामने जो Page खुलता है, उस पर देखें कि क्या GST New registration की प्रक्रिया चालू है कि नहीं। प्रक्रिया नहीं चालू होगी तो उसकी आगे शुरू होने की तारीख लिखी होगी। प्रक्रिया चालू हो तो Form GST REG-01 को सेलेक्ट कर लीजिए।
STEP-2
Form GST REG-01 में सबसे पहले Part-A भरा जाएगा, जिसमें आपकी व्यक्तिगत Identity से जुडी कुछ जानकारियां भरने को कहा जाएगा। जैसे कि PAN, mobile number, E-mail ID आदि। इनको भरकर Submit कर दीजिए।
STEP-3
GST REG-01 का Part-A सबमिट होते ही GST Portal की ओर से सबसे पहले आपके PAN नंबर का वेरिफिकेशन होगा। इसके लिए जो Mobile number और E-mail ID दिया है, उस पर एक OTP नंबर (one-time password) भेजा जाएगा। इसको portal में निर्देशित की गई जगह पर भरकर अपनी पहचान का Confirmation कर दीजिए।
Note: GST Portalसे आपका Mobile Number और Email Address का सत्यापन करते वक्त दोनों चीजों के लिए OTPनंबर अलग-अलग भेजे जाएंगे। ध्यान दें कि किसी एक का OTPदूसरे में न डालें वरना सत्यापन Fail हो जाएगा।
STEP- 4
Confirmation होते ही पोर्टल की ओर से आपको एक Apply संदर्भ नंबर (Application Reference Number-ARN) आपके Mobile Number और Email ID पर भेजा जाएगा। इस नंबर को नोट कर लें। इसी इस नंबर को फार्म के अगले भाग यानी Part-B मे भरा जाना है।
STEP-5
अब आपके सामने GST REG-01 का के Part-B आता है। इसमें आपकी पहचान और आपके Business से संबंधित जरूरी Documents की Copy जमा करने को कहा जाएगा। सभी Documents की कॉपियां Online ही जमा होनी हैं। सारे Documents लग जाने के बाद अपना ARN नंबर डालें और फॉर्म का Part-B सबमिट कर दें।
NOTE: Documents कौन—कौन से लगने हैं इसकी जानकारी भी हम यहां दे रहे हैं। बेहतर होगा कि Registration की प्रक्रिया शुरू करने से पहले ही ये Documents अपने पास रख लें।
- फोटोग्राफ| Photographs
इसमें आपको संबंधित बिजनेस के मालिक (Proprietor), भागीदारों Partners), प्रबंध ट्रस्टी (Managing Trustee) समिति (Committee) आदि के नवीनतम फोटोग्राफ लगाने हैं। साथ ही अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता (Authorized Signatory) का फोटोग्राफ भी लगाना है। - करदाता के संविधान| Constitution of taxpayer
पार्टनरशिप डीड (Partnership deed), पंजीकरण प्रमाणपत्र (Registration Certificate) या संविधान के अन्य सबूत (Other Proof of Constitution)। - व्यापार के प्रमुख परिसर/ अतिरिक्त जगह का सबूत Proof Of Principal/Additional place of business
स्वयं के परिसर के लिए (For Own Premises): परिसर के मालिकाना हक दिखाने वाला कोई डाक्यूमेंट जैसे कि नवीनतम संपत्ति कर रसीद (Latest Property Tax Receipt), नगर खाता कॉपी (Municipal Khata Copy) या बिजली के बिल (Electricity Bill) की कॉपी।
किराए पर या पट्टे पर परिसर के लिए(For Rental Premises): किराए / लीज़ समझौते के साथ मकान मालिक के दस्तावेजों जैसे नवीनतम Property Tax रसीद या नगर खाता नकल या Electricity Bill की Copy। - बैंक खाते से संबंधित सबूत|Bank Account Related Proof
बैंक Passbook के पहले Page की Scanned copy और bank statement। - प्राधिकरण फॉर्म्स|Authorization forms
प्रत्येक Authorized Signatory के लिए, Authority की Copy या निर्धारित Format में Committee या निदेशक मंडल के प्रस्ताव की एक Copy अपलोड करें।
उपर बताई गई सारी जानकारियों से संबंधित Documents लगाकर आप GST REG-01 के पार्ट बी की प्रक्रिया पूरी कर लेते हैं।
Note: जीएसटी आरईजी के Part-B को भरते वक्त जो Documents आप Online Submit करेंगे, उनको एकत्र करते वक्त उनके Format और Size का भी ध्यान रखें।
- सभी डाक्यूमेंटस PDF या JPEG फॉर्मेट में होने चाहिए।
- डाक्यूमेंट का Size 1 MB से ज्यादा नहीं होना चाहिए। फोटो की Size 100 KB से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
STEP 6
आपने जितनी Informations दे दी हैं इनके अलावा अगर कोई अतिरिक्त जानकारी आवश्यक हुई तो उनको मांगने के लिए पोर्टल पर आपके लिए फॉर्म GST REG-03 जारी किया जाएगा।
STEP 7
फॉर्म GST REG-03 प्राप्त होने की तारीख से 7 कार्यदिवसों (Working Days) के अंदर आपको अतिरिक्त जानकारियां फॉर्म GST REG-04 में भरकर जमा करनी होंगी।
STEP 8
यदि आपने फॉर्म GST REG-01 या फॉर्म GST REG-04 में सारी अपेक्षित जानकारियां दे दी हैं तो फॉर्म GST REG-01 या फॉर्म GST REG-04 की प्राप्ति की तारीख से 3 दिनों के अंदर फॉर्म GST REG-06 में registration certificate जारी किया जाएगा।
STEP 9
यदि दिए गए Details संतोषजनक नहीं हैं, तो फॉर्म GST REG-05 के माध्यम से आपका रजिस्ट्रेशन अप्लीकेशन रिजेक्ट कर दिया जाएगा।
जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर कैसा होता है?
आपका Registration पूरा होते ही आपको एक 15 अंकों का Identification Number मिल जाएगा। यह नंबर आपके PAN नंबर और आपके राज्य के Code पर आधारित होगा। इस नंबर की पहली दो संख्याएं आपके राज्य काCode और बाद की आपके PAN नंबर को शो करती हैं। इसके बाद दो Digit कारोबार करने वाली संस्था के Code के रूप में होंगी तथा एक अन्य डिजिट Check Some Character के रूप में होगी।
तीन तरह के खाते (Ledgers) मिलते हैं
Registration के बाद GST के कॉमन पोर्टल पर आपका खाता खुल जाएगा। आपके नाम तीन तरह के Ledger दिखने लगते हैं।
- इलेक्ट्राॅनिक कैश लेजर| Electronic Cash Ledger
इसमें आपकी ओर से जमा की गई राशि दिखती रहती है - इलेक्ट्राॅनिक क्रेडिट लेजर | Electronic Credit Ledger
इसमें आपके नाम अनुमान्य Input Tax Credit (ITC)की राशि रखी रहेगी। - कर देयता की पंजी| Electronic Liability Ledger
इसमें जो आप GST अदा करते हैं, उसका ब्योरा दिखेगा
नोट: आप जरूरत पडने पर किसी एक अथवा दोनों Ledger से अपने Tax का भुगतान कर सकते हैं। लेकिन ब्याज, जुर्माना, शुल्क आदि का भुगतान Credit Ledger से नहीं कर सकते।
जीएसटी रजिस्ट्रेशन की फीस
GST में ऑनलाइन Registration की कोई फीस नहीं है। आप खुद ही GST Portal पर जाकर Online रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। हां अगर किसी Professional से या दूसरे व्यक्ति से रजिस्ट्रेशन करवाते हैं तो वह अपने लिए, कुछ फीस ले सकता है। सामान्यतया 1000 रुपए में रजिस्ट्रेशन हो जाता है। कुछ लोग इससे अधिक भी ले लेते हैं।
रजिस्ट्रेशन न करवाने पर जुर्माना
अगर आप GST में Registration के लिए Eligibility रखते हैं और Registration नहीं करवाते हैं तो आप पर Penalty भी लग सकता है। यह Penalty इस प्रकार से लगेगा.
- अगर आपने GST जमा नहीं किया है या खुद पर बन रहे GST की मात्रा से कम राशि जमा की है तो आपको खुद पर बनने वाले टैक्स से 10 प्रतिशत अतिरिक्त राशि Penaltyके रूप में देनी होगी।
- यह Penalty भी 10 हजार रुपए से कम नहीं हो सकती। मतलब यह कि Tax का 10 प्रतिशत और 10 हजार रुपए में से जो भी राशि ज्यादा बैठेगी, उसे आपको जमा करनी पडेगी।
- अगर आपने जानबूझकर Tax जमा न करने के दोषी पाए जाते हैं तो यह Penalty आप पर बन रहे Tax का 100 प्रतिशत तक होगी। यानी कि टैक्स का दो गुना भरना पडेगा।
- हालांकि अन्य genuine errors पर यह penalty आप पर बन रहे देय टैक्स का 10% ही होगा।
यहां Turn Over का मतलब पूरे देश में किए जा रहे पूरे कारोबार से है। अगर एक ही व्यक्ति के Ownership में दो अलग-अलग Places या दो अलग-अलग States में बिजनेस किया जा रहा हो तो भी इसे Business को एक ही unit के अंतर्गत माना जाएगा।
जीएसटी में रजिस्ट्रेशन जरूरी क्यों
GST के तहत Registration करवाने के बाद ही आपको वस्तुओं और सेवाओं के Supplier के रूप में कानूनी मान्यता मिल सकेगी। आपको अपने माल या सेवाओं के खरीदारों से GST के तहत Tax जमा करने और फिर बाद में उसे अपनी खुद की खरीद में दिए चुकाए गए GST से Adjust करने की सहूलियत मिल सकेगी।
इस तरह से आप अगर अंतिम खरीदार नहीं हैं तो जिस भी स्तर पर आपने GST चुकाया है, वह Adjustment के रास्ते सरकार से आपको वापस मिल जाएगा। अगर आप जीएसटी रजिस्ट्रेशन के दायरे में आते हैं तो आपको अपनी कंपनी या प्रतिष्ठान के बोर्ड और बिल पर जीएसटी नंबर का उल्लेख भी करना अनिवार्य होगा।
0 टर्नओवर पर भी कुछ कारोबारों के साथ GST में रजिस्ट्रेशन जरूरी
सरकार ने कुछ ऐसे बिजनेस चिह्नित किए हैं, जिन्हें बिना किसी टर्नओवर के भी जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। भले ही आप साल भर में कोई खरीद-बिक्री नहीं करें तो भी इनका रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है। ये स्थितियां कौन सी हैं आइए जानते हैं।
अंतरराज्यीय आपूर्तिकर्ता | Inter-State supplier
अगर आप वस्तुओं और सेवाओं की एक State से दूसरे Stateमें Supply करते हैं। साथ ही आपकी आमदनी Taxable Income की सीमा में आती है तो भी आपको GST Registration करवाना जरूरी होगा। भले ही आपका सालाना Turn over 20 लाख रुपए से कम क्यों न हो।
यदा-कदा व्यापार करने वाले | Casual Taxable Person
इस Category में ऐसे लोग आते हैं जो एक राज्य से दूसरे राज्य में जाकर Business तो करते हैं लेकिन उनके माल या सेवाओं के Supply करने का कोई निश्चित स्थान न हो। वह अनुकूल अवसरों के मुताबिक अपना Business करता हो। उदाहरण के लिए दीपावली के आस-पास अस्थायी रूप से पटाखों का कारोबार, रक्षाबंधन के आसपास राखियों का Business या होली के दौरान रंगों और पिचकारियों आदि का Business करने वाले। इनकी भी आमदनी अगर Taxable हो तो उन्हें भी GST Registration करवाना अनिवार्य है।
अनिवासी करयोग्य व्यक्ति | Non-Resident Taxable Person
Non-Resident Taxable Person उसे माना गया है जो भारत से बाहर किसी Country में रहता है। यहां न तो उसका स्थायी Residence है और न ही स्थायी व्यावसायिक स्थान यानी Office है। वह कभी-कभी भारत में आकर लेन-देन कर जाता है। वह Tax भरने वालों की Category में भी है। ऐसे कारोबारियों को भी GST Registration करवाना अनिवार्य है।
करयोग्य व्यक्ति की ओर से आपूर्ति करने वाले| Supplier on behalf of other
अगर आप किसी अन्य कारोबारी के Agent के रूप में माल एवं सप्लाई करते हैं। उसका कारोबार GST Registration की पात्रता में आता है तो आपको भी GST Registration लेना अनिवार्य है। इस श्रेणी में Agents, Brokers, Dealers इत्यादि आते हैं।
इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर | Input Service Distributor
जीएसटी में Input Service Distributor को किसी माल या सेवाओं के Supplier के Office के रूप में परिभाषित किया गया है। ये मुख्य कार्यालय, Administrative Office, Corporate Office , Regional Office, डिपो और अन्य प्रकार के हो सकते हैं।
ऐसा उस स्थिति में होता है जब सामान कई जगह बनता हो, लेकिन उसकी Billing कहीं एक जगह पर ही हो रही हो। इन्हें Tax Challan के कवर के तहत Input Tax Credit का अधिकार भी होता है। अगर ये Taxable Person से संबंधित हैं तो GST Registration कराना अनिवार्य है।
अपने ब्रांड नाम के तहत सेवाएं देने वाले एग्रीगेटर| The Aggregators
Aggregator की श्रेणी में वे Companies आती हैं जिनके Business में न तो उनके खुद के Staff होते हैं, न उनका खुद का सामान होता है। सिर्फ उनके ब्रांड नेम पर कारोबार होता है। जैसे Ola,Uber आदि। इनमें गाडियां किसी और की, सेवा लेने वाला कोई और। कंपनी सिर्फ दोनों पक्षों को एक दूसरे की सुविधाएं लेने का Platform उपलब्ध कराती है और अपना Commission लेती है।। इन्हें भी GST Registration करवाना अनिवार्य है।
टीडीएस कटौती हेतु जिम्मेदार व्यक्ति| Persons Who Deducts Tax
ऐसे कारोबारी जिनकी सालाना आमदनी Income Tax Act के सेक्शन 37 के तहत पहले से टैक्सेबल है,उन्हें भी जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। भले ही उनका टर्न ओवर सालाना 20 लाख रुपए से कम हो। सेक्शन 37 में आमदनी “Profits and Gains of Business or Profession शीर्षक के तहत Tax कटौती के योग्य होती है।
ई-कॉमर्स ऑपरेटर | E-Commerce Operator
अगर आप Electronic Commerce (वस्तुओं एवं सेवाओं का ऑनलाइन बिजनेस) Plate form पर अपना कारोबार कर रहे हैं तो GST Registration करवाना अनिवार्य है। चाहे आपके बिजनेस का Turn Over कितना ही कम-ज्यादा क्यों न हो। Electronic Commerce या Digital Business से किसी भी रूप में जुडा व्यक्ति चाहे वह उसका Owner हो, Manager हो या Operator हो, सभी इस Category में आते हैं।
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर विक्रेता| Supplying from E-Commerce Operator
अगर आप किसी E-Commerce कंपनी के मालिक या संचालक न भी हों और उसके माध्यम से वस्तुओं एवं सेवाओं की Supply करते हैं तो आपको GST Registration करवाना अनिवार्य है।बशर्ते कंपनी के संचालक की ओर से आपके माल पर GST नहीं वसूला जा रहा है।
ऑनलाइन सूचनाओं और डाटाबेस सेवाओं का बिजनेस | Retrievel-OIDAR Services?
इंटरनेट आधारित सेवाएं, प्रोडक्ट, कंटेट आदि का कारोबार करने OIDAR Services की श्रेणी में आता है। इनको भी जीएसटी रजिस्टे्शन करवाना अनिवार्य है, भले ही उनका टर्नओवर कितना भी कम—ज्यादा क्यों न हो। इस कैटेगरी में आने वाले कुछ कामों का उदाहरण हम समझने के लिए यहां दे रहे हैं।
- ऑनलाइन Advertising Services देने वाले
- Cloud Services देने वाले
- E-Books, Softwares आदि का ऑनलाइन बिजनेस
- डिजिटल Data Storage सर्विस देने वाले
- ऑनलाइन Gaming Services देने वाले
- इंटरनेट से Movies, TV Shows, Music आदि का बिजनेस
जीएसटी रजिस्टर्ड बिजनेस का ट्रांसफर या उत्तराधिकार पाने वाले
आपको कोई ऐसा Business ट्रांसफर के रूप में या उत्तराधिकारी के रूप में मिला है। वह पहले से GST Registration कें अंतर्गत रहा हो तो उस पर भी आपको नए सिरे से GST Registration करवाना अनिवार्य है।
रिवर्स चार्ज के तहत सर्विस टैक्स देने वाले | Taxpayer Under Reverse Charge
जीएसटी सिस्टम में टैक्स जमा कराने की जिम्मेदारी माल या सेवा की सप्लाई करने वाले की है। लेकिन कुछ मामले ऐसे भी होते हैं, जिनमें GST जमा कराने की जिम्मेदारी माल या सेवा प्राप्त करने वाले पर ही होगी, न कि सप्लाई करने वाले की।
इस प्रकार के सौदों को Reverse Charge की श्रेणी में रखा गया है। इनके लिए भी GST registration करवाना अनिवार्य किया गया है। Reverse Charge को थोडा और बेहतर समझने के लिए नीचे दिए गए बिन्दुओं पर ध्यान दें।
जीएसटी रजिस्ट्रेशन से जुड़े अन्य फॉर्म
इसके अलावा भी कुछ अन्य तरीके के रजिस्ट्रेशन फॉर्म आपको जीएसटी पोर्टल पर अलग से मिलते हैं। उनका संक्षेप में परिचय हम यहां दे रहे हैं-
फॉर्म सं.| Form No. | फॉर्म का प्रयोजन| Use Of Form |
GST REG-07 | Source पर Tax कटौतीकर्ता या Tax संग्रहकर्ता के रूप में Registration के लिए आवेदन करने के लिए |
GST REG-08 | Source पर Tax कटौतीकर्ता या Tax संग्रहकर्ता के रूप में Registration के लिए आवेदन का Cancellation आदेश |
GST REG-09 | United Nations की संस्थाओं/दूतावासों को Unique ID आवंटन के लिए आवेदन करने के लिए |
GST REG-10 | NRI Taxable व्यक्ति के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने के लिए |