भारत में जो कारोबारी, रिवर्स चार्ज लेने का अधिकार रखते हैं, उन्हें GST में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। यानी कि उन्हें जीएसटी नंबर रखना अनिवार्य है। बिना GST नंबर के कोई भी व्यवसायी अपने सौदों पर रिवर्स GST नहीं वसूल सकता। इस लेख में हम समझेंगे कि GST में रिवर्स चार्ज क्या होता है? किस पर लागू होता है? और किस-किस तरह की सप्लाई पर इसे वसूला जाता है? What is GST Reverse Charge in Hindi?
जीएसटी में रिवर्स चार्ज क्या होता है?
GST सिस्टम में, सामान्य रूप से टैक्स वसूलने की जिम्मेदारी बिक्रेता (Seller) की होती है। लेकिन कुछ विशेष तरह के सौदों में टैक्स वसूलने कि जिम्मेदारी, खरीदार (Purchaser) को ही सौंप दी गई है। जिन मामलों में ये उल्टा सिस्टम लागू है, वे सभी जीएसटी के रिवर्स चार्ज सिस्टम के तहत आते हैं।
ऐसा मुख्य रूप से तब होता है, जबकि माल बेचने वाला व्यक्ति जीएसटी में रजिस्टर्ड नहीं होता है। लेकिन, माल खरीदने वाला व्यक्ति, जीएसटी में रजिस्टर्ड होता होता है। ऐसे मामलों में ये नियम जरूर लागू होता है।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि GST reverse charge ऐसे टैक्स सिस्टम होता है, जिसमें सामान या सेवाओं (goods and services) की खरीद पर टैक्स वसूलने की जिम्मेदारी खरीदार (Purchaser) को पूरी करनी पड़ती है।
इस सिस्टम में जो टैक्स वसूला जाता है, उसे Reverse Charge या Reverse GST कहा जाता है। इस पूरे सिस्टम को Reverse Charge Mechanism के नाम से जाना जाता है।
रिवर्स चार्ज जीएसटी का एक उदाहरण
प्रदीप श्रीवास्तव ने मोबाइल और इसके पार्ट्स से जुड़ा 2 लाख रुपए का माल, अनिरुद्ध अग्रवाल से खरीदा। इस पर 18% की दर से GST लगता है, जोकि, 36 हजार रुपए बनता है।
जीएसटी के सामान्य सिस्टम के अनुसार, इस सौदे पर अनिरुद्ध अग्रवाल, प्रदीप श्रास्तव से 2 लाख रुपए मोबाइल से जुड़े माल का लेंगे और साथ में 36 हजार रुपए का GST टैक्स अलग से वसूल करेंगे। उस 36 हजार के GST को अनिरुद्ध अग्रवाल सरकार के पास जमा कर देंगे।
लेकिन अगर, अनिरुद्ध अग्रवाल GST में रजिस्टर्ड कारोबारी नहीं हैं, तो वे GST वसूलने और जमा का काम नहीं कर सकते। ऐसे में इस सौदे पर GST चुकाने की जिम्मेदारी खरीदार यानी की प्रदीप श्रीवास्तव की हो जाएगी। यानी कि प्रदीप खुद ही सीधे सरकार के पास 36 हजार रुपए जीएसटी जमा कर देंगे।
सरकार ने यह सिस्टम टैक्स चोरी को रोकने के लिए बनाया है, और साथ में GST का दायरा बढ़ाने का उद्देश्य भी शामिल है। दरअसल, अगर कोई व्यक्ति या दुकानदार अगर GST में रजिस्टर्ड नहीं है तो उससे, सामान्य सिस्टम के हिसाब से GST वसूल पाना संभव नहीं होता। ऐसे में रिवर्स चार्ज का सिस्टम वो रास्ता होता है, जिससे सरकार ऐसे सौदों पर भी GST प्राप्त कर सकती है।
आंशिक रिवर्स चार्ज का नियम भी है-कुछ मामलों में आंशिक रिवर्स चार्ज (Partial Reverse Charge) का नियम भी लागू होता है। यानी कि जीएसटी का कुछ हिस्सा खरीदार को चुकाना पड़ता है और कुछ हिस्सा विक्रेता को चुकाना पड़ता है।
किन-किन मामलों में लागू होता है रिवर्स जीएसटी सिस्टम
जीएसटी भुगतान का उल्टा सिस्टम (Reversed System) जिन मामलों में लागू होता है, वे इस प्रकार हैं-
- जीएसटी में रजिस्टर्ड कारोबारी द्वारा गैर रजिस्टर्ड कारोबारी से खरीद पर
- ई-कॉमर्स कंपनी (ऑनलाइन कंपनी) के माध्यम से सेवा उपलब्ध कराए जाने पर
- CBIC की ओर से निर्धारित कुछ खास सामानों और सेवाओं से संबंधित लेन-देन पर
अगले पैराग्राफ में हमनें इन तीनों तरह के सौदों पर रिवर्स चार्ज की प्रक्रिया को थोड़ा विस्तार करके समझाया है-
1. रजिस्टर्ड दुकानदार द्वारा किसी गैर-रजिस्टर्ड व्यक्ति से खरीद पर
अगर GST में रजिस्टर्ड कोई कारोबारी, किसी गैर रजिस्टर्ड दुकानदार या व्यक्ति से सामान खरीदता है, तो फिर खरीदार को ही Reverse GST वसूलने का काम करना होगा और सरकार के पास जमा कर देना होगा। एक दिन में 5000 रुपए से अधिक के सौदों पर यह नियम लागू होगा। ऐसे मामलों में सरकार को विक्रेता से कोई लेन-देन नहीं होगा, क्योंकि वह तो सरकार के टैक्स सिस्टम ( GST Network) से जुड़ा ही नहीं है।
2. ई-कॉमर्स कंपनी की ओर से दी जा रही सेवा पर
E-Commerce कंपनियों की ओर से दी जाने वाली सेवाओं पर भी reverse charge का नियम लागू होता है। इस Reverse GST का भुगतान स्वयं E-Commerce कंपनी की ओर से सरकार को किया जाएगा। इसके पहले, सौदा करते वक्त ही वह सौदे की कीमत के साथ GST भी जोड़कर ग्राहक से वसूल लेगी।
उदाहरण के लिए UrbanClap provider एक ई-कॉमर्स कपंनी है। यह लोगों को plumbers, electricians, teachers वगैरह की सेवाएं उपलब्ध कराती है। तो UrbanClap की जिम्मेदारी होगी कि वह इन सौदों में सरकार को GST चुकाए।
अगर, रिवर्स चार्ज वसूल करने की जगह पर E-Commerce operator खुद मौजूद न हो, तो भी उसकी तरफ से नियुक्त प्रतिनिधि (Representative) रिवर्स जीएसटी चुकता करने की जिम्मेदारी निभाएगा।
3. CBEC की ओर से निर्धारित कुछ विशेष वस्तुओं एवं सेवाओं के सौदों पर
इन सामानों पर लगता है रिवर्स जीएसटी | Reverse charge on Goods
- बिना छिले काजू (Cashew nuts) की आपूर्ति: किसान की ओर से रजिस्टर्ड कारोबारी को किए जाने पर
- बीड़ी बनाने वाले पत्तों (Tendu) की आपूर्ति: किसान की ओर से रजिस्टर्ड कारोबारी को किए जाने पर
- तंबाकू के पत्तों (Tobacco leaves) की आपूर्ति: किसान की ओर से रजिस्टर्ड कारोबारी को किए जाने पर
- रेशम (Silk yarn) की आपूर्ति: कच्चे रेशम (raw silk) या रेशम के कोकून से Silk बनाने वालों की ओर से रजिस्टर्ड कारोबारी को किए जाने पर
- लॉटरी की आपूर्ति : राज्य सरकार, केंद्र शासित प्रदेश या स्थानीय निकाय की ओर से Lottery distributor या selling agent को आपूर्ति किए जाने पर
इन सेवाओं पर भी लगता है रिवर्स जीएसटी | Reverse charge on services
CBEC ने ऐसी 12 सेवाओं की सूची जारी (notified) की है, जिन पर सेवाओं का उपयोग करने वाला reverse charge GST जमा करना होगा।
- किसी विदेशी नागरिक से ली गई सेवा के बदले भुगतान पर
- माल ढोने वाली ट्रांसपोर्ट एजेंसी की सर्विस के बदले भुगतान पर
- वकील या कानूनी फर्म से सेवाएं लेने के बदले भुगतान पर
- Arbitral Tribunal की सेवा के बदले भुगतान पर
- प्रायोजित सेवा का उपयोग करने की सेवा के बदले भुगतान पर
- सरकार या स्थानीय निकाय की ओर से कारोबारी को उपलब्ध कराई गई विशेष सेवा के बदले भुगतान पर
- किसी कंपनी की ओर से डायरेक्टर की सेवा के बदले भुगतान पर
- बीमा एजेंट की सेवा के बदले भुगतान पर
- बैंक वित्तीय संस्थान या गैर बैंकिंग वित्तीय संस्था के रिकवरी एजेंट की सेवा के बदले भुगतान पर
- विदेशी माल के आयात के लिए ट्रांसपोर्ट की सेवा के बदले भुगतान पर
- कॉपीराइट (गीत संगीत, फोटो चित्र बगैरह के मामलों में) का प्रयोग करने की अनुमति देने के बदले भुगतान पर
- बिजनेस एग्रीगेटरों , जैसे Ola, Uber वगैरह की ओर दी जान वालीं रेडियो टैक्सी की सेवा के बदले भुगतान पर
नोट: Business Agregators ऐसी कंपनियों को कहा जाता है, जो सिर्फ अपने नाम और तकनीकी सिस्टम के आधार पर चलती हैं। संसाधन किसी और का होता है और उनका उपयोग करने वाले भी कोई अन्य। Business Agregator बिजनेस एग्रीगेटर इन दोनों पार्टियों के बीच अपने ब्रांड और तकनीक के आधार पर पुल का काम करता है और उसमें अपना हिस्सा भी वसूलता है। जैसे कि Ola, टैक्सी किसी और की होती है और टैक्सी की सेवा लेने वाला कोई और। ओला, सिर्फ अपने सिस्टम से उसे मैनेज करती है और अपना नाम देती है।
रिवर्स IGST, रिवर्स CGST और रिवर्स SGST क्या होते हैं?
- किसी दूसरे राज्य के गैर रजिस्टर्ड व्यक्ति से माल या सेवा की खरीद (Inter-state purchases) करने वाले व्यापारी को सरकार के खाते में IGST जमा करना पड़ता है।
- अपने ही राज्य के गैर रजिस्टर्ड व्यक्ति से माल या सेवा की खरीद (Intra-state purchases) करने वाले व्यापारी को सरकार के खाते में CGST (केंद्र का हिस्सा) और SGST (राज्य का हिस्सा) जमा करना पड़ता है।
5000 रुपए प्रतिदिन तक के सौदों पर रिवर्स चार्ज से छूट
जीएसटी के नये नियमों के मुताबिक, अगर unregistered व्यक्तियों से सामान और सेवाओं की खरीदारी 5000 रुपए प्रतिदिन सेे अधिक नहीं है तो फिर ऐसे कारोबारी को रिवर्स GST चुकता करने की जरूरत नहीं है।