GST में रजिस्टर्ड कारोबारियों को, हर वित्त वर्ष के पूरा होने के बाद, वार्षिक रिटर्न (GSTR-9) भरकर जमा करना पड़ता है। इसमें उन्हें, अपने साल भर की बिक्रियों और खरीदारियों का विवरण देना पड़ता है और उस वित्त वर्ष के दौरान चुकाए गए टैक्स (GST) का विवरण सरकार को देना पड़ता है।
इस लेख में हम जानेंगे कि ऑनलाइन जीएसटी का वार्षिक रिटर्न कैसे भरे? इसके लिए किन-किन चीजों की जरूरत पड़ती है और इसकी अंतिम तिथि क्या होती है? How to file GST annual return online in Hindi.
ऑनलाइन जीएसटी का वार्षिक रिटर्न कैसे भरें?
आप जीएसटी पोर्टल पर, अपने जीएसटी नंबर और पासवर्ड की मदद से GST का वार्षिक रिटर्न भर सकते हैं। इसका स्टेप-बाय-स्टेप तरीका इस प्रकार है-
स्टेप 1: अपने कंप्यूटर पर GST पोर्टल खोलें। जीएसटी पोर्टल पर जाने के लिए लिंक है-www.gst.gov.in
होम पेज पर ऊपर दाहिने साइड में, Login का लिंक मिलता है, उस पर क्लिक कर दीजिए।
स्टेप 2: जो पेज खुलता है, उसमें एक लॉगिन बॉक्स मिलता है। उसमें अपना username (जीएसटी नंबर) और password डाल दीजिए
इसके बाद कैप्चा इमेज को देखकर कैप्चा कोड डालिए।
इसके बाद ‘LOGIN’ के बटन पर क्लिक कर दीजिए।
स्टेप 3: अब जो पेज खुलता है, वह आपका डैशबोर्ड होता है। इसमें ऊपर की पट्टी में Services टैब पर जाइए।
Returns के अंतर्गत Annual Return के लिंक पर क्लिक कर दीजिए।
Services के अंतर्गत जो ऑप्शन मिलते हैं, उनमें Returns के ऑप्शन पर जाइए।
स्टेप 4: जो पेज खुलता है, उसमें आपको वह वित्त वर्ष (Financial Year) सेलेक्ट करना है, जिसका वार्षिक रिटर्न आप दाखिल करना चाहते हैं।
इसके बाद SEARCH के बटन पर क्लिक कर दें।
स्टेप 5: अब आपके अकाउंट से संबंधित, अलग-अलग तरह के रिटर्न भरने के ऑप्शन दिखते हैं। उनमें से Annual Return GSTR 9 वाला बॉक्स सेलेक्ट करना है।
इस बॉक्स में रिटर्न दाखिल करने के लिए दो ऑप्शन भी दिखते हैं-PREPARE ONLINE और PREPARE OFFLINE. इनमें से आप PREPARE ONLINE के बटन पर क्लिक कर दीजिए।
स्टेप 6: अब आपके सामने nil annual return दाखिल करने का भी विकल्प मिलता है। यह ऑप्शन आप तब चुन सकते हैं जबकि-
- उस वित्त वर्ष के दौरान कोई बिक्री (sale) नहीं की है।
- उस वित्त वर्ष के दौरान कोई खरीदारी (purchase) नहीं की है।
- कोई जीएसटी देनदारी (liability) नहीं बनती है
- कोई इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं क्लेम की है।
- कोई जीएसटब वापस (refund )नहीं लिया है
- विभाग से कोई भी टैक्स की demand वाला नोटिस नहीं मिला है।
- किसी तरह का विलंब शुल्क (late fee) चुकाया जाना बाकी नहीं है।
अगर आप निल रिटर्न भरने की योग्यता रखते हैं तो Option के नीचे माैजूद विकल्पों में Yes के चेक बॉक्स पर टिक कर दें। इसके बाद नीचे मौजूद Next के बटन पर क्लिक कर दें।
स्टेप 7: अगर आपको निल जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं करना है तो Option के नीचे माैजूद विकल्पों में No के चेक बॉक्स पर टिक कर दें।
इसके बाद नीचे मौजूद Next के बटन पर क्लिक कर दें।
स्टेप 8: अब स्क्रीन पर जीएसटी का वार्षिक रिटर्न GSTR-9 दिखने लगता है।
इसमें सबसे पहले कुछ ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करने के लिए जरूरी स्टेप्स (Steps to prepare GSTR-9 return online) की जानकारी दी रहती है। इन्हें ध्यान से पढ़ लीजिए जो जरूरी चीजें हों, उनका इंतजाम कर लीजिए।
स्टेप 9: अब आप जीएसी़टी के वार्षिक रिटर्न में मांगी गई जानकारियों को भर दीजिए। जहां-जहां जरूरत हो, वहां पर पहले से भरे गए रिटर्न फॉर्म GSTR -1 और GSTR-3b की मदद ले सकते हैं।
फॉर्म के कंप्लीट हो जाने के बाद उसका प्रिव्यू भी देख लीजिए।
सब कुछ सही होने पर डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट(DSC) या इलेक्ट्रॉनिक वैरिफिकेशन कोड (EVC) की मदद से प्रमाणित भी कर दें।
ये सारी प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही आपका वार्षिक जीएसटी रिटर्न दाखिल हो जाता है।
GST के वार्षिक रिटर्न में भरे जाने वाले विवरण
जीएसटी का वार्षिक रिटर्न जीएसटीआर-9, कुल मिलाकर 9 tables में बंटा होता है। हर टेबल में किस तरह की जानकारियां भरनी होती हैं, आइए जानते हैं। आपके बिजनेस संबंधी अलग-अलग जानकारियां मांगी जाती हैं। इन जानकारियों को मोटा-मोटा 6 हिस्सो में बांटा जा सकता है।
पार्ट I : Basic Details
इस हिस्से में आपको एक पंक्तियों (Raws) वाली 4 Tables दिखती हैं। इनमें आपके और आपके बिजनेस के बारे में परिचयात्मक (Introductory) जानकारी देनी होती है।
सभी कारोबारी मामलों में Financial Year एक अप्रैल से 31 मार्च तक माना जाता है। अब चूंकि, भारत में जीएसटी 1 जुलाई 2017 से लागू हुआ है, इस लिए 1 जुलाई 2017 से लेकर 31st Mar 2018 तक की जानकारियां पहले सालाना रिटर्न में दर्ज करनी होंगी। इसका Financial Year 2017-18 होगा।
2. GSTIN Number
जीएसटी में रजिस्टर्ड हर कारोबारी को GSTIN नंबर मिला होता है। यह आपके पैन नंबर पर आधारित 15 digit का नंबर होता है। जीएसटी का कोई भी return दाखिल करते समय आपको जीएसटी कॉमन पोर्टल पर Login करना होता है। इस कारण रिटर्न भरते समय इस कॉलम में आपका GSTIN नंबर पहले से दर्ज (auto-populated) मिलता है।
3A. Legal name of the registered person
Legal name से मतलब आपके उस नाम से होता है, जिस नाम से आपका Business सरकारी कागजातों में दर्ज होता है। जीएसटिन नंबर की तरह ही आपका Legal name भी रिटर्न फॉर्म में पहले से दर्ज (auto-populated) दिखता है।
3B. Trade Name (if any)
आपके बिजनेस का कोई नाम है तो उसे इस कॉलम में दर्ज करना है।
पार्ट II: Details Of Supplies (outward and inward)
इस हिस्से में आपको दो टेबल (TABLE 4,5) मिलती हैं। इनमें आपको वित्त वर्ष के दौरान के लेन-देनों की जानकारी देनी होती है। किस टेबल में क्या भरेंगे, आइए जानते हैं—
TABLE 4. यह टेबल A से लेकर N तक 14 पंक्तियों (Raws ) में बंटी होती है। इनमें आपको पिछले financial year के दौरान की सभी खरीदारियों और बक्रियों का विवरण देना होता है। ये सारी जानकारियां आपको वित्त वर्ष के दौरान भरे गए GST returns फॉर्मों में मिल जाती हैं।
TABLE 5: इसमें भी ए से एन तक 14 पंक्तियां होती हैं। इनमें पिछले वित्त वर्ष के दौरान की गई ऐसी बिक्रियों ‘Outward supplies’ की जानकारी देनी होती हैं, जिन पर जीएसटी टैक्स नहीं लगता है।
पार्ट III- Details of ITC
इस भाग में कुल 3 टेबल (TABLE 6, 7,8) हैं। इनमें आपको पिछले वित्त वर्ष के दौरान क्लेम किए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का विवरण देना होता है।
TABLE 6: इसमें कुल 15 पंक्तियां (A से O तक) हैं, जिनमें पिछले वित्त वर्ष के दौरान अलग-अलग तरह के सौदों में प्राप्त की गई इनपुट क्रेडिटस (ITC) का डिटेल देना होता है।
TABLE 7: इसमें कुल 12 पंक्तियां (A से L तक) होती हैं। जिनमें, अलग-अलग तरह के सौदों में आपको पिछले वित्त वर्ष के दौरान प्राप्त की गई रिवर्स इनपुट टैक्स क्रेडिटस का विवरण देना है।
TABLE 8: इस टेबल में कुल 11 पंक्तियां (A से K तक) होती हैं। जिनमें इनपुट क्रेडिट संबंधी कुछ अन्य तरह की सूचनाएं भरनी होती हैं।
पार्ट IV: Details of Tax Paid
इस हिस्से में सिर्फ एक टेबल होती है, जिसमें आपको पिछले वित्त वर्ष के दौरान चुकाए गए जीएसटी की Details देनी होती है। पिछले वित्त वर्ष में आपने जो FORM GSTR-3B भरे हैं, उनमें टेबल नंबर 6.1 से इनका details लिया जा सकता है। ये Cash या credit, किसी भी रूप में चुकाए गए हैं, यहां उनका विवरण देना है।
पार्ट V- Particulars of transactions
इस हिस्से में मौजूद टेबल में आपको किसी तरह के संशोधन (Amendents), समायोजन (Reconcilation) वगैरह के बाद Supplies और टैक्स भुगतान वगैरह की जानकारी देनी होती है।
पार्ट VI- Other Information
इसमें आपको रिफंड, बिक्रियों और खरीदारियों की HSN Wise Summary, विलंब शुल्क ‘Late fee’ वगैरह के विवरण देने होते हैं।
सालाना जीएसटी रिटर्न किसे नहीं भरना है?
Casual Taxable Person | ऐसे लोग, जिनके कारोबार का कोई निश्चित स्थान नहीं होता। वे कभी-कभार सामान या सेवाओं की supply करते हैं।
Input service distributors | ऐसे संस्थान, जोकि अपनी शाखाओं (branches) के माध्यम से कारोबार करते हैं। मुख्यालय (Head quarter या Regional Offices ) सिर्फ अपनी शाखाओं की ओर से उपयोग की गई सेवाओं की रसीद (Invoices) प्राप्त करते हैं और टैक्स भरते हैं।
व्यापार शाखाओं के GSTIN नंबर अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन सबके टैक्स का हिसाब एक ही PAN नंबर पर होगा। भरे गए टैक्स के बदले में मिलीं Input Tax Credit को ये अपनी शाखाओं को बांट देते हैं (उनके कारोबार के अनुपात में)। रिटर्न भरने की जिम्मेदारी मुख्यालय की नहीं होती, बल्कि इनकी शाखाओं (Branches) की होती है।
Non-resident taxable persons | ऐसे लोग, जो न तो भारत के निवासी (Resident) हैं और न ही भारत में उनके बिजनेस का निश्चित स्थान है। कुल मिलाकर जो भी विदेशी कंपनी/संस्थान/ व्यक्ति भारत में सामान या सेवाओं की supply करेगा वह non-resident taxable person की श्रेणी में होगा।
Persons paying TDS under| जीएसटी में एकमुश्त 2.5 लाख रुपए से अधिक का भुगतान (Payment) करने पर TDS काटने का नियम है। (जीएसटी एक्ट के सेक्शन 51 के तहत )
जीएसटी का वार्षिक रिटर्न भरने की अंतिम तिथि क्या है?
किसी भी वित्त वर्ष के पूरा होने के बाद, 31 दिसंबर तक, जीएसटी का वार्षिक रिटर्न दाखिल किया जा सकता है। जैसे कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीएसटी का वार्षिक रिटर्न 31 दिसंबर 2023 तक भरा जा सकता है।
देरी से रिटर्न भरने पर जुर्माना क्या लगता है?
अगर आप 31 दिसंबर तक वार्षिक रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं तो 200 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से पेनाल्टी चुकानी पड़ती है। इन 200 रुपए में 100 रुपए प्रतिदिन CGST (केंद्रीय जीएसटी) और 100 रुपए प्रतिदिन SGST (राज्य जीएसटी) के लिए विलंब शुल्क के रूप में शामिल होते हैं।
हालांकि, किसी भी सूरत में कुल पेनाल्टी, किसी टैक्सपेयर के सालाना टर्नओवर के 0.25% से अधिक नहीं हो सकती। और हां, IGST के लिए, किसी तरह की पेनाल्टी नहीं लगती।