सरकार प्रत्येक नए वित्तवर्ष के पहले बजट पेश करते वक्त, नए Income Tax Slab की घोषणा करती है। ये टैक्स स्लैब व्यक्तिगत करदाताओं (Individual Taxpayers) और HUF पर एक समान रूप से लागू होता है। यानी कि किसी व्यक्ति की आमदनी पर इनकम टैक्स की गणना और और किसी HUF की आमदनी पर इनकम टैक्स की गणना, एक ही तरीके से होगी। टैक्स रेट की गणना और भुगतान का एक ही तरह से उपयोग होगा। लेकिन, विशेषज्ञों के मुताबिक HUF के रूप में दर्ज करदाताओं को टैक्स बचाने में मदद मिलती है।
हमारे कई पाठकों ने जानना चाहा था कि HUF क्या होता है? इस लेख में हम जानेंगे कि HUF क्या होता है? इसकी full form और Hindi में मतलब क्या है? इसके बाद हम यह भी जानेंगे कि कोई व्यक्ति अपने परिवार में HUF कैसे बना सकता है और उसका क्या फायदा होता है।
What is Meaning of HUF in Hindi? What are Its Benefits for tax saving.
HUF क्या होता है? What is HUF
- HUF का Full Form है- Hindu Undivided Family
- इसका हिंदी में मतलब होता है-हिंदू अविभाजित परिवार या हिन्दू अविभक्त कुटुम्ब
HUF, एक ही परिवार के कुछ सदस्यों को मिलाकर बनाई गई एक सामूहिक इकाई (Unit) होती है। इसे टैक्स और वित्तीय मामलों में एक अलग व्यक्ति (a person) की तरह गिना और माना जाता है। उदाहरण के लिए, आपने खुद, अपनी पत्नी और बच्चों को शामिल करके एक HUF बना लिया और उसे कोई नाम भी दे दिया, जैसे कि Rakesh Kumar HUF।
यहां पर राकेश कुमार, इस HUF के मुखिया होंगे। वित्तीय भाषा में इसे HUF का कर्ता (Karta) कहा जाता है। वह कर्ता, अकेले ही अपने पूरे HUF की आमदनी और टैक्स वगैरह का हिसाब कर सकेगा। उस HUF के नाम, पर अलग से इनकम टैक्स रिटर्न भी दाखिल कर सकेगा। अकेले Rakesh Kumar HUF के नाम से दाखिल रिटर्न को ही उस पूरे समूह में शामिल सभी सदस्यों का रिटर्न मान लिया जाएगा।
इसी तरह, संयुक्त हिन्दू परिवार व्यवसाय (HUF Business) एक ऐसा व्यवसाय होता है जिसका स्वामित्व एक संयुक्त हिन्दू परिवार (HUF) के सदस्यों के पास होता है। संगठन का यह स्वरूप, हिन्दू अधिनियम (Hindu Act) के तहत काम करता है और उत्तराधिकार अधिनियम (Hindu Succession Act, 1956) से नियंत्रित होता है।
पूरे HUF के लिए, एक PAN नंबर जारी होता है
किसी भी HUF का PAN Card भी अलग रहता है। आप अगर किसी HUF का हिस्सा बनते हैं या बन गए हैं तो आपके खुद के पैन कार्ड से अलग, उस HUF का पैन कार्ड बनेगा। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि किसी HUF को टैक्स वगैरह के मामलों में, एक इकाई या एक व्यक्ति के रूप में माना जाता है। इसलिए पूरे HUF का एक PAN नंबर जारी होगा। टैक्स संबंधी सारे नियम और सारी छूटें उस पर वैसे ही लागू होंगे, जैसे किसी एक अकेले व्यक्ति पर लागू होते हैं।
HUF को बनाने का फायदा भी इसी कारण से मिलता है। उसके सभी सदस्यों की आमदनी और टैक्स का हिसाब-किताब, एक साथ हो जाता है। इनकम टैक्स छूट की जो लिमिट जो किसी एक व्यक्ति को मिलती है, वह HUF को भी अलग से मिल जाती है। इससे, आखिरकार उस परिवार को टैक्स संबंधी कुछ राहत मिल जाती है।
सिख, बौद्ध, और जैन धर्म के लोग भी बना सकते हैं HUF
HUF की फुल फॉर्म (Hindu Undivided Family) और उसके अर्थ (हिंदू अविभक्त परिवार)। हिंदू धर्म को मानने वाले और हिंदू धर्म से निकले कुछ धर्मों के अनुयायी भी जैसे कि सिख, जैन और बौद्ध धर्म के लोग भी अपने परिवार के सदस्यों को मिलाकर HUF का गठन कर सकते हैं। हालांकि इन पर सामाजिक रूप से हिंदू कानून लागू नहीं होते, लेकि वित्तीय मामलों में HUF बनाने का अधिकार होता है। बशर्ते कि वह व्यक्ति शादीशुदा (married) हो।
अन्य धर्मों के लोगों को जैसे कि मुस्लिम, ईसाई, पारसी वगैरह HUF का गठन नहीं कर सकते। यहां यह भी ध्यान में रखें कि कोई भी अकेला व्यक्ति HUF नहीं बना सकता। इसमें एक से अधिक व्यक्तियों को शामिल करना जरूरी है।
HUF में किसे-किसे शामिल कर सकते हैं?
किसी HUF में, एक पूर्वज (common ancestor) के वंशजों (descended) में आने वाले किसी भी व्यक्ति और उसके परिवार के किसी भी सदस्य को शामिल किया जा सकता है। पुरुष सदस्यों की पत्नियों और उनकी लड़कियों को भी इसका सदस्य बनाया जा सकता है। एक HUF में शामिल लोगों की भूमिकाएं तीन तरह की होती हैं।
कर्ता (karta): किसी HUF में एक व्यक्ति उसका मुखिया होता है, जिसे फाइनेंस की भाषा में Karta कहा जाता है। यह सामान्यत: उस परिवार का मुखिया या सबसे वरिष्ठ व्यक्ति होता है। HUF के आमदनी व टैक्स संबंधी मामलों को संभालने या मैनेज करने की जिम्मेदारी ‘karta’ की होती है।
को-पार्सनर्स (coparceners): HUF में शामिल, परिवार के अन्य सदस्यों (family members) को coparceners (सहदायिक) कहा जाता है। बच्चों को उसके पिता के HUF में coparceners बनाया जा सकता है। उनमें भी जैसे ही किसी लड़की की शादी हो जाती है, वह अपने पति के HUF की मेंबर बन जाती है।
लेकिन ध्यान रखें कि किसी परिवार के सभी मेंबर इसके coparceners होने जरूरी नहीं है। coparceners बनने का अधिकार सिर्फ आगे की चार पीढ़ी नीचे तक चलता है, जैसे कि-
- 1st degree: पुरखों की संपत्ति को पाने वाला व्यक्ति
- 2nd degree: बेटे और बेटियां (Sons and daughters)
- 3rd degree: पौत्र या पोते (Grandsons)
- 4th degree: प्रपौत्र या परपोते (Great grandsons)
HUF के Coparcener और Member में क्या अंतर होता है?
HUF में को-पार्सनर और मेंबर के अधिकारों में अंतर होता है। एक Coparcener, किसी HUF का ऐसा member होता है, जोकि HUF की प्रॉपर्टी में बंटवारा (partition) के लिए दावा कर सकता है। जबकि जो सिर्फ Member होता है, वह बंटवारा (partition) के लिए दावा नहीं कर सकता।
उदाहरण के लिए पत्नी (Wife) कि HUF में सिर्फ member के रूप में होती है। उसके पास coparcener की तरह बंटवारे का दावा करने का अधिकार नहीं होता। हालांकि, अगर उसके पति और बच्चों के बीच,बंटवारा होता है तो फिर उसे बराबर का हिस्सा (equal share) मिलता है।दरअसल, बंटवारा होने पर, coparcener को HUF से अपना हिस्सा (share ) मिलेगा, जबकि member को गुजारा भत्ता (maintenance) मिलेगा। क्योंकि, किसी HUF की ओर से संभाली जा रही प्रॉपर्टी को सभी coparceners की संयुक्त संपत्ति ( joint property) माना जाता है।
यहां यह तथ्य भी ध्यान रखने लायक है कि किसी पुरुष की मृत्यु हो जाने पर, उसकी विधवा (widow) का उसके पति वाले हिस्से पर उसका पूरा अधिकार हो जाता है और वह अपना हिस्सा बांटने के लिए दावा कर सकती है। यहां दोनों के मामले में एक और मतलब यह भी निकलता है कि-सभी coparceners उस HUF के members होते हैं, लेकिन, सभी members उस एचयूएफ के coparceners हों, यह जरूरी नहीं है।
HUF बनाने से टैक्स बचत कैसे होती है?
HUF बनाकर टैक्स बचाने के तरीके में सीधा-सीधा फंडा यह होता है, कि आप अपने परिवार में एक सदस्य और जोड़ लेते हैं। इससे आपके पूरे परिवार की कुल आमदनी ज्यादा लोगों के हिस्से में बंट जाती है। चूंकि सरकार, टैक्स स्लैब्स में एक सीमा तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगाती। परिवार में एक टैक्सपेयर की संख्या बढ़ जाने से, तो आप उसके हिस्से मे भी टैक्स फ्री आमदनी को शामिल कर सकेंगे।
इसी तरह इनकम टैक्स ऐक्ट में Section 80 C से लेकर सेक्शन 80 U तक, कई नियम है, जोकि अलग-अलग तरह के निवेशों और खर्चों पर अलग-अलग सीमाओं तक की रकम पर टैक्स छूट लेने की अनुमति देते हैं। इनमें से कई छूटें Individuals की तरह HUFs को भी मिलती हैं।
उदाहरण के लिए जिस प्रकार आप अपने परिवार के सदस्यों के लिए जीवन बीमा पॉलिसी ले सकते हैं और उन पर, टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं , उसी तरह एक HUF भी अपने सदस्यों (Coparceneres) के लिए insurance policy ले सकता है और उन पर टैक्स छूट भी ले सकता है।
इसी तरह, 10 लाख रुपए से अधिक आमदनी होने पर पर जो सरचार्ज लगता है, आमदनी का बंटवारा हो जाने से उसकी गुंजाइश भी कम हो जाती है। इस तरह से आखिरकार, आपके परिवार की कुल टैक्स देनदारी में कमी आ जाती है। इन सारी तरह की टैक्स छूटों को आप एक अतिरिक्त व्यक्ति के लिए भी प्राप्त कर सकते हैं।
इसलिए, अक्सर देखा जाता है कि, जिन परिवारों के पास पुरखों की संपत्तियां (ancestral properties) होती है या पुरखों का बिजनेस होता है (ancestral businesses), वे लोग HUF बना लेते हैं और उसके नाम अलग PAN नंबर ले लेते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि, ऐसी संपत्तियो या कारोबारों से हुई कमाई का अलग से आकलन किया जा सके और उस पर टैक्स की गणना भी अलग इकाई के रूप में की जा सके।
यहां तक कि बहुत से salaried professionals, छोटे कारोबारी, रिटायरमेंट ले चुके लोग भी टैक्स बचाने के लिए HUF का गठन कर लेते हैं।
HUF की मदद से टैक्स बचाने का उदाहरण (Example)
उदाहरण के लिए, कमल सिन्हा और साक्षी सिन्हा पति-पत्नी हैं और उनके एक बेटा है, जिसका नाम आकाश सिन्हा है। कमल हर साल बिजनेस से 18 लाख रुपए कमाते है, जबकि उनकी पत्नी साक्षी हर साल सैलरी के रूप मे 10 लाख रुपए मिलते हैं। कमल को हर साल पुरखों की संपत्ति से भी 5 लाख रुपए की आमदनी किराये के रूप में हो जाती है। वे हर साल 1.50-1.50 लाख रुपए पीपीएफ अकाउंट में जमा करते हैं। जिस पर उन्हें टैक्स कटौती (Tax deductions) का लाभ मिल सकता है।
बिना HUF के टैक्स देनदारी :
अब अगर इन्होंने HUF नहीं बनाया है तो फिर दोनों की आमदनी और इनकम टैक्स की गणना इस प्रकार होगी।
आमदनी और टैक्स संबंधी मद (Particulars) | कमल | साक्षी |
सैलरी या बिजनेस से हई आमदनी | 18,00,000 | 10,00,000 |
पुरखों की प्रॉपर्टी से किराये के रूप में आमदनी | 5,00,000 | – |
सेक्शन 80 के तहत कुल टैक्स कटौती (Total deductions ) | 1,50,000 | 1,50,000 |
कुल टैक्स गणना योग्य आमदनी (Total Taxable Income) | 21,50,000 | 8,50,000 |
टैक्स स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स देनदारी (Tax Liability) | 4,84,100 | 97,850 |
दोनों की संयुक्त टैक्स देनदारी बनेगी (Combined Tax Liability) | 5,81,950 (4,84,100+97,850) |
HUF बनाने पर टैक्स देनदारी में कमी कैसे होगी
अब मान लिया कि कमल सिन्हा और साक्षी सिन्हा मिलकर एक HUF का गठन कर लेते हैं। उसमें अपने बेटे आकाश को भी coparceners के रूप में शामिल कर लेते हैं। अब वे टैक्स बचाने के लिए निम्नलिखित काम कर सकते हैं-
- वे पुरखों से मिली संपत्ति के किराया को HUF की आमदनी में डाल सकते हैं।
- उस HUF के नाम भी एक बिजनेस का रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं और कमल की सालाना आमदनी में से कुछ हिस्सा HUF की बिजनेस इनकम में शामिल कर सकते हैं। मान लेते हैं कि उसने 6 लाख रुपए HUF की बिजनेस इनकम के रूप में दिखाता है।
- वे अपनी तरह ही उस HUF के नाम भी कुछ ऐसे निवेश (investments) या भुगतान (payments) कर सकते हैं, जिन पर टैक्स कटौती (Tax deductions) के रूप में टैक्स छूट का फायदा मिलता है। उदाहरण के लिए उन्होंने HUF के सदस्यों (कमल, साक्षी और आकाश) के नाम 1.5 लाख प्रीमियम वाली जीवन बीमा पॉलिसी ले ली।
अब उनकी टैक्स देनदारी की गणना इस प्रकार होगी—
आमदनी और टैक्स संबंधी मद (Particulars) | कमल | साक्षी | HUF |
सैलरी/ बिजनेस से प्राप्त आमदनी | 12,00,000 | 10,00,000 | 6,00,000 |
पुरखों की प्रापर्टी से किराये की आमदनी | – | – | 5,00,000 |
Section 80 के तहत कुल टैक्स कटौती (Total deductions ) | 1,50,000 | 1,50,000 | 1,50,000 |
कुल टैक्स गणना योग्य आमदनी (Total Taxable Income) | 10,50,000 | 8,50,000 | 9,50,000 |
टैस्क स्लैब रेट के हिसाब से कुल टैक्स देनदारी (Tax Liability) | 1,44,200 | 97,850 | 1,18,450 |
सबको मिलाकर कुल टैक्स देनदारियों का योग | 3,60,500 |
इस तरह हम देखते हैं कि HUF बनाने पर, कमल के परिवार पर सिर्फ 3,60,500 रुपए टैक्स देनदारी बन रही है। जबकि, HUF के बिना उनके परिवार पर कुल 5,81,950 रुपए टैक्स देनदारी बन रही थी। यानी कि कुल 2,21,450 (5,81,950 – 3,60,500) रुपए टैक्स की बचत उन्हें HUF बनाने और उसके नाम पर कुछ आमदनी डायवर्ट कर देने पर होगी।
लेकिन ध्यान रखें कि HUF के नाम आमदनी डायवर्ट कर देने की प्रक्रिया बिल्कुल सही तरीके से होनी चाहिए। इसके लिए आपको किसी टैक्स एक्सपर्ट या CA से भी मशविरा ले लेना चाहिए। ताकि टैक्स बचाने के चक्कर में आपसे टैक्स संबंधी कानूनों का उल्लंघन न हो। वरना आप, कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं।
एचयूएफ कैसे बना सकते हैं? How to create HUF
अपने परिवार के लिए HUF बनाने के लिए आपको 3 सिंपल स्टेप्स पूरे करने पड़ते हैं-
स्टेप 1: HUF डीड बनवाना
HUF बनाने की दिशा में सबसे पहला कदम होता है, HUF Deed का निर्माण करना। इसे एक स्टांप पेपर पर formal document के रूप में तैयार किया जाता है, जिसमें कर्ता का नाम और इसके Co-parceners (Members) का नाम दर्ज होता है। सामान्यत: परिवार के सबसे बड़े पुरुष सदस्य ( eldest male member of the HUF) को ही Karta बनाया जाता है। सामान्यत: उस HUF का नाम, , उसके कर्ता के नाम पर ही रखा जाता है, जैसे कि Suresh Kumar HUF। परिवार के हर सदस्य के द्वारा, एक घोषणा (declaration) भी की जाती है, जिसमें वे Karta का नाम दर्ज करते हैं और साथ-साथ ये घोषणाएं भी करते हैं-
- उस HUF से संबंधित अकाउंट्स के संचालन Karta का अधिकार होगा।
- यह कि वह members, सिर्फ उस HUF के members के रूप में माने जाएंगे
- सभी members की ओर से HUF accounts के संचालन का अधिकार भी Karta के पास रहेगा।
यहां यह बताते चलें कि PAN Card बनवाने या Bank Account खुलवाने के लिए, HUF Deed तैयार करवाना जरूरी नहीं है । आप बिना डीड के भी PAN Card and Bank Account खुलवा सकते हैं, लेकिन बेहतर होता है कि आपके पास लिखित दस्तावेज (written document) हों।
स्टेप 2: HUF के लिए अलग PAN कार्ड बनवाना
चूंकि, HUF को परिवार के सभी सदस्यों से अलग entity के रूप में माना जाता है, इसलिए HUF को अपने लिए अलग से PAN Card भी बनवाना पड़ता है। इसके लिए आपको Form 49A भरकर जमा करना पड़ता है। एनएसडीएल या यूटीआईएसएल के किसी सेंटर पर जाकर, आप इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। इन दोनों की वेबसाइट पर या डायरेक्ट इनकम टैक्स की वेबसाइट पर भी पैन कार्ड बनवाने की सुविधा उपलब्ध होती है। https://tin.tin.nsdl.com/pan/form49A.html
HUF का पैन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन उसके कर्ता की ओर से किया जाएगा और उस पर हस्ताक्षर भी कर्ता को ही करने पड़ते हैं। उस HUF के लिए, इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की जिम्मेदारी भी कर्ता की होगी। उसकी आमदनी पर income tax slab rates भी एक अलग व्यक्ति के हिसाब से लागू होगा और ज्यादातर income tax deductions के लाभ लेने की भी छूट होगी। किसी अलग व्यक्ति ( Individual) की तरह।
स्टेप 3: HUF के नाम बैंक अकाउंट खुलवाना
एक HUF को अपने नाम पर एक Bank Account भी खुलवाने की जरूरत पड़ती है। जिसमें वह अपने सभी payments प्राप्त करेगा। किसी सामान्य़ व्यक्ति की तरह, HUF भी किसी भी बैंक में अकाउंट खुलवा सकता है।
HUF Bank Account खुलवाते समय, HUF को एक Rubber Stamp की भी जरूरत पड़ती है। और उस HUF से जुड़े सभी documents पर उसकी मुहर भी लगनी चाहिए। यह rubber stamp सिर्फ आयताकार (rectangular Shape) में होनी चाहिए। क्योंकि, RBI Circular के मुताबिक, Round Stamps अब स्वीकार नहीं की जाती।
जैसे ही आप ये तीनों स्टेप्स पूरे कर लेते हैं, आपका HUF एक कानूनी संस्था (legal entity) बन जाता है। अब वह अलग से एक स्वतंत्र व्यक्ति की तरह, किसी तरह के पेमेंट लेने या भुगतान करने का हकदार हो जाता है। उस HUF को मिले किसी पेमेंट पर या आमदनी पर टैक्स चुकाने की जिम्मेदारी, HUF के किसी सदस्य की नहीं होगी।
HUF से जुड़े कुछ जरूरी सवाल और उनके उत्तर
क्या परिवार के नए सदस्यों को HUF का सदस्य बनने के लिए आवेदन देना पड़ता है?
किसी HUF में शामिल होने के लिए, आपको कोई application form या KYC documents भरकर जमा करने की जरूरत नहीं होती। कर्ता के बाद बाद वाली पीढ़ी का कोई भी व्यक्ति (All lineal descendants of the karta), उसके पति या पत्नी और बच्चे, अपने आप उस परिवार के सदस्य ( members) हो जाते हैं। शादी होतो ही आपकी पत्नी आपको HUF में members के रूप में जुड़ जाती है। जबकि बच्चे जन्म लेने के साथ ही coparceners के रूप में जुड़ जाते हैं। यहां तक किसी सदस्य के, गर्भ में मौजूद बच्चा (unborn child) भी HUF में बराबर का हिस्सेदार हो जाता है।
वास्तव में शादी करने के साथ ही, आपका HUF अपने आप बन जाता है। लेकिन, HUF के लिए लागू नियमों का फायदा लेने के लिए आपको कुछ साधारण औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती हैं औस इसे एक legal entity
बनाना पड़ता है।
क्या सिर्फ पति-पत्नी मिलकर HUF का गठन कर सकते हैं?
कोई भी पति और पत्नी (husband and wife) मिलकर HUF बना सकते हैंं, लेकिन, पत्नी केवल member बन सकता है co-parcener. नहीं। इसलिए HUF की आमदनी का अलग से आकलन नहीं होगा। किसी member के पास बराबर का अधिकार होता है लेकिन, HUF में हिस्सा मांगने का अधिकार सिर्फ co-parcener के पास होता है। इसलिए कोई बच्चा होने के बाद ही, उस पारिवारिक इकाई को टैक्स मामलों के लिए HUF का दर्जा हासिल हो सकता है।
क्या लड़कियों की शादी के बाद भी HUF में उनके अधिकार बने रहते हैं?
कुछ वर्ष पहले तक, लड़कियों को अपनी पारिवारिक प्रॉपर्टी में बराबर का हिस्सा नहीं होता था। लड़की की शादी होने के बाद, वे अपने माता-पिता वाले HUF की मेंबर नहीं रह जाती थीं। लेकिन, 2005 में हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम (Hindu Succession Act ) में संशोधन (amended) के बाद, लड़कियों को भी अपने माता-पिता की संपत्ति में बराबर अधिकार दे दिया गया है। यहां तक कि शादी हो जाने के बाद (Married women )भी वे अपने माता-पिता की संपत्ति में हिस्सा लेने का अधिकार रहता है।
यानी कि वे अब एक साथ दो HUF में मौजूद रह सकती हैं। वे अपने पति के HUF में member बन जाने के बावजूद, अपने माता-पिता के HUF में co-parcener के रूप में बनी रह सकती हैं। हालांकि वे खुद अपने स्वामित्व में HUF शुरू नहीं कर सकतीं। अगर किसी HUF के मुखिया यानी karta के पास कोई पुरुष उत्तराधिकारी (male heirs) नहीं है तो फिर उस HUF की प्रॉपर्टी, उसकी लड़कियों में बांट दी जाएगी। लेकिन, ऐसे मामलों में भी विवाद (disputes) उत्पन्न होने से बचाने के लिए, वसीयत (will) लिखकर जाना ज्यादा बेहतर रहता है।
क्या सैलरी को HUF की आमदनी में शामिल कर सकते हैं
नहीं! Salary किसी परिवार की न तो साझा प्रॉपर्टी होती है और न ही वह किसी की साझा आमदनी होती है। इसके अलावा जो आमदनी के बेसिक स्रोत होते हैं, उन्हें आप HUF की आमदनी में शामिल कर सकते हैं। जैसे कि किराया ( rent), कारोबार से आमदनी (profit from business), कैपिटल गेंन्स, ब्याज-रायल्टी वगैरह के रूप में मिली अन्य स्रोतों से हुई आमदनी (income from other sources) आदि को HUF की आमदनी में शामिल कर सकते हैं। क्योंकि आपको मिले गिफ्टों से HUF को कैपिटल गेंन्स के रूप में आमदनी हो सकती है। पुरखों की प्रॉपर्टी को किराये पर देकर आप आमदनी पा सकते हैं। इन पर आपके HUF को ब्याज या रॉयल्टी भी मिल सकती है।
HUF की मृत्यु होने पर, KARTA के अधिकार किसे मिलते हैं?
कर्ता सहित किसी भी सदस्य की मृत्यु के बाद भी हिन्दू अविभाजित परिवार व्यवसाय (HUF Business) चलता रहता है। परिवार में अगला सबसे बड़ा जीवित सदस्य हिन्दू अविभाजित परिवार व्यवसाय (HUF Business) का कर्ता बन जाता है। हालांकि परिवार के सभी सदस्य यदि यह घोषित करें कि अब वे संयुक्त हिन्दू परिवार व्यवसाय (HUF Business) के सदस्य नहीं हैं, तो फिर या खत्म भी हो जाता है।
क्या आपके लिए HUF का गठन करना ठीक रहेगा?
HUF का गठन करना, उन लोगों के लिए विशेष मददगार होता है, जिनके पास पुरखों की प्रॉपर्टी से आमदनी हो रही हो। या उत्तराधिकार में financial assets प्राप्त होने की उम्मीद हो। ऐसा व्यक्ति (taxpayers) अपने उत्तराधिकार ( inheritance) को HUF के स्वामित्व में divert कर सकता है। इससे उसकी खुद की टैक्स देनदारी (personal tax liability ) नहीं बनेगी। लेकिन, यह उन लोगों के लिए फायदे का सौदा नहीं होता, जिनकी इनकम बहुत अधिक नहीं है और जिनके पास कोई ancestral property नहीं है।
इसके अलावा, यह उन लोगों के लिए भी उपयोगी हो सकता है, जोकि आमदनी का बड़ा हिस्सा टैक्स सेविंग वाली स्कीम्स में लगाते हों। जैसे कि सुकन्या योजना, पीपीएफ nsurance premium, equity-linked saving schemes and fixed deposits वगैरह। किसी एक व्यक्ति के लिए इन योजनाओं या विकल्पों में पैसा लगाने पर टैक्स छूट पाने की लिमिट होती है। अगर आप HUF है तो कम से कम एक व्यक्ति के बराबर की टैक्स छूट और पा सकते हैं।
लेकिन ध्यान रखें कि, व्यक्तिगत करदाताओं को मिलने वाले सभी tax benefits जरूरी नहीं कि HUF को भी मिलें। इसके अलावा clubbing provisions को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। जब आप HUF के नाम अपने personal assets ट्रांसफर, करते हैं तो इनकम क्लबिंग के तहत आ सकता है। हो सकता है कि आपने जो इनकम, HUF के नाम ट्रांसफर की हो, वह आपकी इनकम में clubbed (जोड़) कर दी गई हो और आपको उस पर टैक्स चुकाना पड़ जाए।