प्रॉपर्टी बेचने से हुए लाभ (Capital Gain) पर कैपिटल गेन टैक्स लगता है। लेकिन, इस टैक्स की गणना करने से पहले उस पर Indexation कर लेना चाहिए। Indexation से आपकी प्रॉपर्टी की पुरानी कीमत, को आज की महंगाई के हिसाब से पता किया जा सकता है। इससे आपकाे उस प्रॉपर्टी की बिक्री से हुआ फायदा कम होकर दिखता है। इसके परिणामस्वरूप आपकी टैक्स देनदारी भी घट जाती है। यानी कि Indexation आपकी टैक्स बचाने में मदद करता है।
इस लेख में हम जानेंगे कि Indexation क्या होता है? कैसे काम करता है? इसके बाद हम यह भी बताएंगे कि आप, अपना टैक्स कम करने के लिए आप इसका कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं?
What is indexation in Hindi? How to save tax with the help of Indexation?
Indexation क्या होता है?
Indexation, ऐसा तरीका होता है, जो पहले कभी खरीदी गई प्रॉपर्टी की कीमत आज की महंगाई के हिसाब से बता सकता है। सरकार की ओर से घोषित महंगाई सूचकांक (COST INFLATION INDEX) के आधार पर इसमें आपकी प्रॉपर्टी की खरीद कीमत और बिक्री कीमत की गणना की जाती है। इस तरह से जो कीमत आपने पहले किसी वर्ष में चुकाई थी, वह नए वर्ष के हिसाब से काफी बढ़कर हो जाती है।
इससे आपको मिला फायदा (Capital Gain), कम होकर दिखता है। ये फायद कम दिखने से आपकी साल भर की कुल आमदनी भी कम दिखेगी। जब लाभ कम दिखेगा तो आपकी आपकी आमदनी भी कम दिखाई जा सकती है। आपकी आमदनी कम दिखेगी तो आप पर टैक्स देनदारी भी कम बनेगी। इस तरह से Indexation आपके इनकम टैक्स को घटाने में या बचाने में मददगार होता है।
भारत सरकार, हर साल का महंगाई सूचकांक (COST INFLATION INDEX) भी जारी करती है। इस COST INFLATION INDEX का इस्तेमाल, आप Indexation के लिए कर सकते हैं। निवेश विशेषज्ञ भी टैक्स गणना करने के पहले Indexation का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।
सरकार ने वित्त वर्ष 2001-2002 के दौरान, महंगाई को स्तर को 100 मानते हुए, आगे के सभी वित्त वर्षों के लिए महंगाई सूचकांक जारी (Cost Inflation Index) किया है।
सरकार की ओर से 2022-23 के लिए जारी महंगाई सूचकांक (Cost Inflation Index)
वित्त वर्ष (Financial Year) | महंगाई सूचकांक (Cost Inflation Index) |
2001-02 | 100 |
2002-03 | 105 |
2003-04 | 109 |
2004-05 | 113 |
2005-06 | 117 |
2006-07 | 122 |
2007-08 | 129 |
2008-09 | 137 |
2009-10 | 148 |
2010-11 | 167 |
2011-12 | 184 |
2012-13 | 200 |
2013-14 | 220 |
2014-15 | 240 |
2015-16 | 254 |
2016-17 | 264 |
2017-18 | 272 |
2018-19 | 280 |
2019-20 | 289 |
2020-21 | 301 |
2021-22 | 317 |
2022-23 | 331 |
2023-24 | 348 |
महंगाई सूचकांक की मदद से कैसे घट जाता है आपका इनकम टैक्स?
ऊपर महंगाई सूचकांक की तालिक में, आप देख सकते हैं कि जो चीज 2001-2002 के दौरान 100 रुपए की थी, वह वित्त वर्ष 2011-12 के दौरान 184 रुपए की हो गई है। 2021-22 के दौरान यह 317 रुपए की हो गई है और 2023-24 के दौरान 348 रुपए हो गई है। इसी के हिसाब से हम किसी प्रॉपर्टी के लिए चुकाई गई कीमत की आज के हिसाब से गणना कर लेते हैं।
उदाहरण के लिए, अगर आपने वित्त वर्ष 2001-02 के दौरान, कोई मकान 10 लाख रुपए में खरीदा था तो Indexation करने पर वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान उसकी कीमत 34.80 लाख रुपए मानी जाएगी।
अब अगर आप इस मकान को 40 लाख रुपए में बेच देते हैं तो आपको ऊपरी तौर पर 30 लाख का फायदा दिखता है। लेकिन, Indexation का इस्तेमाल करने पर यह फायदा सिर्फ 5.20 लाख रुपए का निकलता है।
ये उदाहरण साफ दिखाता है कि बिना , Indexation के बगैर जो फायदा 30 लाख दिख रहा था, वह Indexation के बाद सिर्फ 5.20 लाख रुपए लाख का दिखने लगता है। इससे आपकी वर्तमान वित्त वर्ष में आमदनी कम दिखेगी और टैक्स देनदारी भी अपने आप घट जाएगी।
Indexation का फॉर्मूला
किसी भी निवेश पर होने वाले फायदे (Capital Gains) को जानना है तो हमें बिक्री भाव से लागत भाव को घटाते हैं। बिना Indexation के यह फॉर्मूला इस प्रकार होता है-
कैपिटल गेन्स = बिक्री मूल्य – लागत मूल्य
लेकिन Indexation का इस्तेमाल करने के बाद ये फॉर्मूला ऐसे लिखा जाएगा
कैपिटल गेन्स = बिक्री मूल्य – इंडेक्सेशन के बाद लागत मूल्य
इंडेक्सेशन के बाद लागत मूल्य होता है = लागत मूल्य x (बिक्री के साल cost inflation Index / खरीद के साल Cost Inflation Index)
यानी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स = बिक्री मूल्य – { लागत मूल्य x (बिक्री के साल का Cost Inflation Index / खरीद के साल का Cost Inflation Index) }
कैपिटल गेन्स के बारे में विस्तार से समझने के लिए देखें हमारा लेख: कैपिटल गेन्स टैक्स क्या है? इस पर इनकम टैक्स की गणना कैसे होती है?