जीएसटी में कारोबारियों को, एक ही वस्तु के कारोबार पर, बार-बार टैक्स देने से बचाने के लिए, इनपुट टैक्स क्रेडिट सिस्टम लागू किया गया है। इसकी मदद से, पहले चुकाया गये टैक्स को, अंतिम बार चुकाए जाने वाले टैक्स में समायोजित कर सकते हैं। इस प्रकार आप किसी भी वस्तु पर दोहरा टैक्स देने से बच जाते हैं।
इस लेख में हम समझाएंगे कि इनपुट क्रेडिट क्या होता है? यह किस तरह से आपको दोहरा GST चुकाने से बचाता है। इसके बद इनपुट क्रेडिट सिस्टम से जुड़ी अन्य जरूरी जानकारियां भी देंगे। About input Credit under GST in Hindi.
जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट क्या है?
जीएसटी में Input credit ऐसा सिस्टम है, जिसमें पहले भुगतान किए गए GST के बदले में आपको क्रेडिट मिल जाते हैं। ये क्रेडिट आपके जीएसटी अकाउंट में दर्ज हो जाते हैं। बाद में, जब आपको अपने सौदों पर GST का भुगतान करना पड़ता है, तो उसके आप पैसों की जगह पर इन Input Credits का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैसे काम करता है इनपुट क्रेडिट सिस्टम
जीएसटी में रजिस्टर्ड कारोबारी, जब कभी अपनी खरीदारी के साथ GST टैक्स चुकाता है, तो वह टैक्स उसके जीएसटी अकाउंट में दर्ज हो जाता है। ये जो टैक्स, आपके अकाउंट में दर्ज हो जाता है वह क्रेडिट के रूप में होता है।
जब-जब आप खरीदारी करते हैं और जीएसटी चुकाते हैं, तब-तब वह टैक्स, क्रेडिट के रूप में आपके अकाउंट में चढ़ता जाता है। बाद में जीएसटी रिटर्न फॉर्म जमा करते समय टैक्स का हिसाब-किताब दिया जाता है और पूरे टैक्स (GST) का भुगतान करना पड़ता है।
तब आप अपनी टैक्स देनदारी चुकाने के लिए अपने जीएसटी अकाउंट में चढ़े क्रेडिट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस तरीके से जीसटी टैक्स का भुगतान, क्रेडिट के माध्यम से करने को Input Credit नाम दिया गया है।
सिर्फ अंतिम खरीदार पर ही पड़ता है जीएसटी चुकाने का भार
इनपुट क्रेडिट सिस्टम लागू होने के कारण किसी वस्तु पर टैक्स चुकाने की जिम्मेदारी, उस व्यक्ति पर पड़ती है, जिसने उसे अंतिम रूप से खरीदा था। इसके पहले जिसने भी उस वस्तु पर टैक्स चुकाया होता है, वह इनपुट क्रेडिट्स की मदद से इस बोझ से बच जाता है। यानी कि वह, अनावश्यक दोहरे टैक्स भुगतान से बच जाता है।
उदाहरण के लिए, आप कोई प्रोडक्ट बनाते हैं, जिसके व्यापार करने पर आपको 600 रुपए GST चुकाना चाहिए। अब मान लेते हैं कि-आपने उस प्रोडक्ट को बनाने के लिए जो माल खरीदा था उस पर पहले ही 400 रुपए GST दे चुके हैं। तो फिर आपको फिलहाल सिर्फ 200 रुपये GST चुकाना होगा। इस प्रकार, GST में, इनपुट क्रेडिट व्यवस्था यह सुनिश्चित करती है कि किसी एक वस्तु पर दोहरा कर (Dual Taxation) न लगे।
इनपुट क्रेडिट प्राप्त करने और इस्तेमाल की प्रक्रिया
मान लेते हैं कि दो व्यापारी हैं, जिनका नाम है मोहन और सोहन। मोहन ने सोहन को माल बेचा। इस सौदे में सोहन को GST भी चुकाना पड़ा। इसके बदले में सोहन Input Credit का उपयोग कैसे कर सकेगा, आइए समझते हैं।
स्टेप-1
मोहन अपनी बिक्री रिटर्न GSTR-1 में इस सौदे को दर्ज करेगा। चूंकि यह सौदा सोहन के GSTIN नंबर के साथ दर्ज होगा। इसलिए यह GST Network में सोहन के Account में Show होने लगेगा। सोहन की ओर से चुकाए गए GST के बदले में सोहन के ‘Electronic Credit Ledger’ में Input Credit भी दर्ज हो जाएंगे।
स्टेप-2
सोहन जब अपना खरीदारियों details of inward supply का रिटर्न GSTR 2 भरेगा, तो उसे इसके बेस फॉर्म GSTR 2A में मोहन की ओर से दर्ज सौदा भी दिखेगा। सोहन इसे मान्य (Valid) करके अपने GSTR 2 में कॉपी कर देगा।
स्टेप-3
सोहन जब अपनी बिक्रियों और खरीदारियों के हिसाब से Tax का हिसाब करने के लिए GSTR- 3 भरेगा। वह अपनी टैक्स देनदारी (output tax liability) में इस सौदे पर मिले Input Credit को adjust कर देगा। adjust न कर पाने की स्थिति में वह इनको Carry Forward या Refund का विकल्प भी अपना सकेगा।
इनपुट क्रेडिट का हिसाब-किताब
Calculation Of Input Credit
मान लिया आपने 5000 रुपए में कोई कच्चा माल खरीदा, जिस पर 12 प्रतिशत GST लगता है। तो माल खरीदते समये आपको GST चुकता करना होगा- 5000*12%=600 रुपए।
यहां आपने Input Tax (खरीदारी पर चुकाया गया टैक्स) चुकाया 600 रुपए। इसके बदले में आपके GST Account में 600 क्रेडिट दर्ज हो जाते हैं।
उस कच्चे माल से आपने कोई सामान तैयार करके उसे 7000 रुपए में किसी और को बेच दिया। अब आपने इस बिक्री पर जो GST वसूला, वह होगा 7000*12%=840 रुपए।
आपका Output Tax (बिक्री पर लिया गया टैक्स) हो गया 840 रुपए। यानी कि इस सौेदे पर आपको सरकार को चुकाने होंगे 840 रुपए।
अपना Return भरते वक्त पहले आपको कुल 840 रुपए सरकार को देने हैं। तो इसका Payment आप दो हिस्सों में कर सकते हैं।
- पहले 600 रुपए उस Input Credit से कटवा दीजिए जो आपको अपनी खरीदारी में चुकाए गए 600 रुपए (Input Tax) के बदले मिली है।
- बाकी बचे 240 रुपए। इन्हें आपको अपने bank Account से जमा करने पड़ेंगे। हालांकि, वास्तविक रूप से इनका बोझ आप पर नहीं पड़ता। क्योंकि, 840 रुपए आप पहले ही Customer से वसूल चुके होते हैं।
यहां हमने Example में सिर्फ एक सामान को अपनी खरीद-बिक्री और Tax Calculation में शामिल किया है। जीएसटी में Return दाखिल करते समय आपको पूरी अवधि की खरीदारियों (Purchases) और बिक्रियों (Sales) के हिसाब से Tax की Calculation और Payment करना होगा। यह आपकी बिजनेस कैटेगरी के के हिसाब से मासिक (Monthly) या तिमाही (Quarterly), जो आप पर लागू हो, हो सकता है। आप Total Credit का उपयोग यहां Payment के लिए कर सकते हैं।
खरीदार और विक्रेता दोनों रजिस्टर्ड होने जरूरी
Input Credit का फायदा आपको तभी मिल सकेगा, जब कि आपने ऐसी जगह से खरीदारी की हो, जो GST में रजिस्टर्ड हो, और सौदे के बाद वह उसे अपने GST Return में दर्ज कर दे। साथ ही आप खुद भी GST सिस्टम में रजिस्टर्ड हों, ताकि वह उस सौदे को आपके जीएसटी अकाउंट नंबर के साथ दर्ज करे। क्योंकि, ऐसा होने पर ही उस सौदे के बदले में Input Credit आपके अकाउंट में दर्ज होंगे
यानी कि आप उत्पादक (manufacturer), सप्लायर (supplier), एजेंट (agent), ई-कॉमर्स ऑपरेटर (e-commerce operator), बिजनेस एग्रीगेटर (Business aggregator) आदि किसी भी Category में जीएसटी के तहत registered हैं तो आप अपनी Purchases के साथ चुकाए गए GST के बदले Input Credit क्लेम करने के लिए पात्र (eligible) होंगे।
अगर विक्रेता (Outward Supplier) या खरीदार (Inward Supplier) में से कोई भी एक GST में Registered नहीं है तो दोनों के बीच हुए किसी सौदे में Input Credit का फायदा खरीदार को नहीं मिलेगा।
इनपुट क्रेडिट क्लेम करने के लिए अन्य शर्तें
जीएसटी के तहत Input Credit क्लेम करने लिए निम्नलिखित शर्तें भी पूरी होनी चाहिए-
- आपके पास अपनी खरीदारी (Purchase) पर चुकाए गये GST की टैक्स रसीद (tax invoice) होनी चाहिए। अगर debit note के बदले में Input Credit क्लेम कर रहे हों तो registered dealer की ओर से जारी debit note होना चाहिएं।
- अगर माल की पूरी खेप (lots) का मामला होता है, वहां पर पिछली खेप पर चुकाए गए GST के बदले में जारी tax invoice पर आप Input Tax Credit क्लेम कर सकते हैं।
- माल या सेवा के खरीदार (recipient) को टैक्स रसीद (Tax Invoice) जारी होने की तारीख से तीन महीने के अंदर उस सेवा के लिए Payment कर देना अनिवार्य होगा। इसी अवधि के अंदर उस Purchase पर बन रहे Tax का भुगतान भी हो जाना चाहिए।
- इस बीच अगर आपने बिना Payment के उस Tax Invoice के आधार पर Input Credit प्राप्त कर ली है तो जो भी Credit होंगी, वे आपकी टैक्स देनदारी (output tax liability) में जुड़ जाएंगी। साथ ही साथ इन Credit के बराबर रकम का ब्याज भी चुकाना पड़ेगा।
Note: आपकी खरीदारियों पर दूसरी कारोबारी की ओर से जो Tax वसूला गया है, वह उस बिक्रेता कारोबारी (Outward Supplier) की ओर से Government के पास जमा भी हो जाना चाहिए। Cash या Input Credit, किसी भी रूप में। जब वह यह Process पूरी कर देता है तभी आप उस सौदे पर चुकाए गए GST के बदले में Input Credit क्लेम करने के अधिकारी हो सकते हैं। क्योंकि GST Network पर सभी Input Credit के क्लेम मिलान (matched) करने चाहिए और मान्य validated होने चाहिए।
GST में कितने तरह की इनपुट क्रेडिट मिलती है?
जीएसटी सिस्टम में किसी सौदे पर खरीदार को तीन प्रकार के Input Credit मिलते हैं—
SGST – State GST
एक ही राज्य के दो कारोबारियों के बीच सौदा होने पर राज्य सरकार को चुकाए जाने वाले GST के बदले में मिले Input Credit
CGST – Center GST (केंद्रीय जीएसटी)
एक ही राज्य के दो कारोबारियों के बीच सौदा होने पर केंद्र सरकार को चुकाया जाने वाले GST के बदले में मिले Input Credit
IGST – Integrated GST (राज्य जीएसटी)
दो अलग-अलग राज्यों के कारोबारियों के बीच सौदा होने पर, Purchaser की ओर से चुकाया जाने वाले एकीकृत टैक्स (Integrated) के बदले में मिले Input Credit।
नोट: IGST जो होता है, वह SGST और CGST के योग के बराबर ही होता है। इसमें Export करने वाला राज्य, SGST के बदले में Credit को Central Government को Transfer कर देता है, फिर केंद्र सरकार की ओर से Import करने वाले राज्य को Credit ट्रांसफर कर दी जाती है।
इनपुट क्रेडिट से भुगतान कैसे होता है?
अलग अलग तरह के जीएसटी टैक्स के पेमेंट के लिए, अलग-अलग तरह की क्रेडिट का इस्तेमाल निर्धारित किया गया है। जैसे कि-
आईजीएसटी का भुगतान| Payment Of IGST
IGST के भुगतान के लिए SGST, CSGT और IGST, सभी के बदले में मिले Input Credit का उपयोग किया जा सकता हैं।
सीजीएसटी का भुगतान | Payment Of CGST
CGST के भुगतान के लिए, CGST और IGST के बदले में मिले Input Credit का उपयोग किया जा सकता है।
एसजीएसटी का भुगतान| Payment Of SGST
SGST के भुगतान के लिए, SGST और IGST के बदले में मिले Credit का उपयोग किया जा सकता है।
Note: CGST और SGST के इनपुट क्रेडिट एक दूसरे के Output Tax के भुगतान के लिए उपयोग में नहीं लाए जा सकते। यानी कि CGST के भुगतान के लिए SGST के बदले में मिले Input Credit का उपयोग नहीं किया जा सकता। इसी प्रकार SGST के भुगतान के लिए CGST के बदले में मिले Input Credit का उपयोग नहीं किया किया जा सकता।
इस महीने क्रेडिट का क्लेम न कर पाए हों तो
ऐसा हो सकता है कि आप अपनी पूरी Input Credit या उसका कुछ हिस्सा अभी Claim न कर पाए हों। जैसे कि आपने अपनी खरीदारियों पर जो GST चुकाया है वह उस रकम से ज्यादा हो, जोकि आपने अपनी बिक्रियों पर GST इकट्ठा किया है। जाहिर है आपके पास Tax देनदारी चुकता करने के बाद भी Credit बचे रहेंगे।
ऐसे में आपके पास दो विकल्प होते हैं—
- आप इसे आगे के महीनों के लिए बढ़ा (carry forward) सकते हैं।
- Credit को वापसी (refund) के लिए भी Claim कर सकते हैं।
Note: अगर आपकी ओर से टैक्स यानी Output Tax कम दिया गया, तो बची हुई देनदारी जब भी आप चुकाएंगे, उसके साथ उसका ब्याज भी चुकाना पड़ेगा। लेकिन अगर आपने अपने Input Credit का उपयोग अभी नहीं किया है तो उन बची हुई Input Credit को आप बाद में कभी भी उपयोग कर सकते हैं, पर सरकार की ओर से आपको कोई Interest नहीं मिलेगा।
इनपुट क्रेडिट क्लेम के लिए यह भी रखें ध्यान
आप अपने Input Credit का उपयोग साल भर के अंदर ही कर सकते हैं। यानी कि उसकी रसीद (Invoice) जिस तारीख की होगी, उसके 12 महीने के अंदर आपको Input Credit का उपयोग कर लेना होगा।
चूंकि GST को वस्तुओं और सेवाओं, दोनों पर वसूला जाता है, इसलिए Input Credit का उपयोग भी दोनों तरह के सौदों (वस्तुओं और सेवाओं) में किया जा सकता है। capital goods पर भी Input tax credit लागू होता है।
जिन वस्तुओं और सेवाओं को आपने अपने खुद के उपभोग के लिए खरीदा है, उन पर Input Tax Credit का फायदा आपको नहीं मिल सकेगा। क्योंकि उन्हें आप अपनी बिक्री में नहीं दिखा सकते।