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एनएससी क्या है? राष्ट्रीय बचत पत्र 2024 के बारे में पूरी जानकारी

Updated By अनिल पाण्डेय on 05/01/2024

आपके पास कोई इकट्ठा रकम आई है तो उसे सरकार की NSC स्कीम में जमा करके रख सकते हैं। इस स्कीम पर सरकार, आपको अच्छी ब्याज भी देती है और टैक्स छूट भी। सरकार ने 1 अप्रैल 2023 से इसकी ब्याज दर भी 7.0% से बढ़ाकर 7.7 % कर दी है। इस लेख में, हम आपको एनएससी के बारे में पूरी जानकारी देंगे। इसमें आप जानेंगे कि एनएससी क्या होता है? इसका खाता कहां खोला जा सकता है? इसके क्या फायदे हैं? नए नियम ओर शर्ते क्या-क्या हैं?  NSC Interest Rate and Detail

एनएससी क्या है?

यह भारत सरकार की एक लघु बचत योजना (Small Saving Scheme) है। इसमें 5 साल के लिए पैसा जमा किया जाता है। 5 साल की मेच्योरिटी के बाद आपकी कुल जमा और कुल ब्याज को मिलाकर पैसा वापस मिल जाता है।

NSC का फुल फॉर्म होता है-National Saving Certificate। इसका हिंदी में मतलब होता है-राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र। बोलचाल में इसको राष्ट्रीय बचत पत्र भी कहते हैं।

पहले यह कागजी सर्टिफिकेट के रूप में मिला करता था, जिन्हें खरीदने के लिए उन पर दर्ज रकम के बराबर पैसा जमा करना पड़ता था। लेकिन अब सिर्फ ऑनलाइन (e-mode) में ही खरीदा जा सकता है। जितनी रकम का NSC खरीदेंगे, वह ब्याज सहित 5 साल बाद आपको वापस मिल जाएगी।

एनएससी के फायदे | Benefits Of NSC

पोस्ट ऑफिस या बैंक में 5 साल वाली जितनी भी बचत या जमा स्कीमें होती हैं, उनमें NSC, सबसे ज्यादा ब्याज वाली योजना है। सरकारी बचत योजना होने के कारण, इसमें आपका पैसा डूबने का भी खतरा नहीं रहता। इस स्कीम के मुख्य फायदे इस प्रकार हैं—

कम से कम 1000 रुपये में भी उपलब्ध

पोस्ट ऑफिस या बैंक में, आप अपनी कम से कम 1000 रुपए का NSC सर्टिफिकेट खरीद सकते हैं। इससे ज्यादा का NSC खरीदना चाहें तो चाहे जितनी ज्यादा रकम जमा कर सकते हैं। अधिकतम जमा का कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन कोई भी रकम 100 रुपए के गुणांक में ही होनी चाहिए। मतलब यह कि उस रकम में 100 का भाग पूरा-पूरा चला जाना चाहिए।

बैंकों की FD या RD से ज्यादा ब्याज

NSC में सरकार इस समय 7.0 % ब्याज दे रही है। यह किसी भी सरकारी बैंक की FD या RD अकाउंट से ज्यादा है। जो ब्याज दर NSC सर्टिफिकेट खरीदने की तारीख को रहती है। वही ब्याज दर आपको पूरे पांच साल तक मिलती रहती है। बीच में, अगर सरकार ब्याज दर बदलती भी है तो पहले से खरीदे गए NSC सर्टिफिकेट की ब्याज दर पर उसका कोई फर्क नहीं पड़ता। एनएससी में पैसे जमा करने पर 5 साल बाद कितना मिलेगा, यह जानने के लिए हमने अलग से लेख दिया है।

बच्चे के नाम पर भी खरीद सकते हैं NSC 

आप अपने बच्चे के लिए, अभिभावक के रूप में NSC खरीद सकते हैं। 10 साल से ज्यादा उम्र का बच्चा अगर अपने हस्ताक्षर से अकाउंट का संचालन कर सकता है तो वह खुद भी अपने नाम NSC अकाउंट खोल सकता है। इसी तरह मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति के लिए भी, उसके अभिभावक की ओर से NSC सर्टिफिकेट खरीदा जा सकता है।

संयुक्त खाता (Joint Account) भी खोल सकते हैं

आप चाहें तो 2 या 3 लोग मिलकर संयुक्त रूप (joint account) में भी NSC certificate खरीद सकते हैं।  3 से ज्यादा लोगों को एक खाते में शामिल नहीं किया जा सकता।

एक व्यक्ति, अपने नाम कितने भी NSC ले सकती है

आप एक ही बैंक या पोस्ट ऑफिस में अपने नाम कई NSC भी खरीद सकते हैं। अलग-अलग समय पर खरीदने पर, उनकी मेच्योरिटी भी अलग-अलग अलग होगी। जो सर्टिफिकेट, जिस समय खरीदा जाएगा, उसके 5 साल बाद मेच्योरिटी के बाद, उसकी रकम मिल जाएगी।

जरूरत पर लोन लेने के भी सुविधा मिलती है

भविष्य में कभी Emergency पड़ने पर एनएससी को security के रूप में रखकर आप bank व वित्तीय संस्थान से loan भी ले सकते हैं। हां, लोन की मात्रा और उस पर लगने वाले interest का निर्धारण उस संस्था के ऊपर निर्भर करेगा, जो आपको लोन दे रही है। तीन साल पुराने NSC पर कुछ बैंक तो face value का 85 से 100 फीसदी तक loan उपलब्ध कराते हैे।

नोमिनी बनाने की सुविधा | Nomination Facility

राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) में अपने अकाउंट के नोमिनी का नाम भी दर्ज करने की  सुविधा होती है। नोमिनी वह, व्यक्ति होता है, जिसे खाताधारक की मौत बीच में हो जाने पर, उसके अकाउंट का पूरा पैसा पाने का अधिकार होता है। आगे कभी जरूरत समझने पर, नोमिनी का नाम बदला भी जा सकता है। आप एक से अधिक लोगों को भी अपने अकाउंट में नोमिनी बना सकते हैं, और सबका अलग-अलग हिस्सा (प्रतिशत) भी तय कर सकते हैं।

दूसरे व्यक्ति के नाम ट्रांसफर भी हो सकता है NSC

कुछ विशेष परिस्थितियों में NSC सर्टिफिकेट को दूसरे व्यक्ति के नाम ट्रांसफर भी किया जा सकता है

  • खाताधारक की मौत होने पर, उसके नोमिनी या कानूनी वारिस के नाम
  • खाताधारक की मौत होने पर, दूसरे संयुक्त खाताधारक के नाम
  • अदालत के आदेश पर, जिसके नाम का निर्देश मिला है
  • गिरवी होने पर शर्ते पूरी न करने पर, विशेष अधिकारी द्वारा

मेच्योरिटी के बाद खाता विस्तार भी करा सकते हैं

अगर Maturity पूरी होने पर आप एनएससी (NSC) को नहीं भुनाते हैं तो यह अपने आप अगली अवधि के लिए Renew नहीं होता। maturity बाद की अवधि में इस पर सिर्फ सामान्य saving account तरह 4% ब्याज मिलेगा। वह भी सिर्फ अगले दो वर्ष तक।

लेकिन अगर आप इसे दोबारा फिर से, अगले 5 साल के लिए चालू रखना चाहते हैं तो कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए फिर से आवेदन करना होगा। इसे नई तारीख की जमा के रूप में माना जाएगा और नए सर्टिफिकेट पर ब्याज दर भी नए रेट के हिसाब से मिलेगी।

Do you Know: क्या बैंक से एनएससी खरीद सकते हैं?

एनएससी पर टैक्स छूट के नियम | Tax Benefits

जमा पर टैक्स छूट: NSC में जमा किए गए पैसों पर सरकार section 80C के तहत tax से छूट देती है। लेकिन यह छूट एक financial year के दौरान Maximum 1.5 लाख रुपए तक के एनएससी (NSC) पर ही मिल सकती है। यह छूट, सेक्शन 80 सी के तहत छूट पाए अन्य सभी निवेशों को मिलाकर दी जाती है। जैसे कि EPF, PPF, सुकन्या समृद्धि योजना, सीनियर सिटिजन सेविंग वगैरह में सारी जमाओं को मिलाकर सिर्फ 1.50 लाख रुपए तक के हिस्से पर टैक्स छूट ले सकते हैं।

इस तरीके से ब्याज पर भी टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं: NSC पर मिलने वाला ब्याज Tax Free नहीं होता है। अगर NSC से मिले ब्याज को, फिर से इसमें निवेश कर दिया जाता है तो उस ब्याज को भी Section 80 C के तहत टैक्स छूट के लिए शामिल किया जा सकता है। वास्तव में, यह ब्याज आपके हाथ में आती भी नहीं है और अपने आप ही आपके NSC अकाउंट में जमा होती रहती है। यानी कि आप, इसकी ब्याज को Section 80 Cके तहत टैक्स छूट में इस्तेमाल कर सकते हैं।

इनकम टैक्स रिटर्न में जानकारी देनी होगी: NSC के ब्याज पर टैक्स छूट पाने के लिए, इसे आपको हर साल के इनकम टैक्स रिटर्न में दिखाना होगा। ब्याज की रकम की जानकारी आपके NSC Account के स्टेटमेंट में मिल जाएगी। इसे रिटर्न में, अन्य स्रोतों से आय (income from other sources) के रूप में दर्शाया जाता है।

एनएससी कैसे खरीदें ?| How To Purchase NSC

एनएससी खरीदने के पहले अपनी पहचान और पता प्रमाण से जुड़े documents लेकर जाने चाहिए।, जैसे Voter Card/PAN Card/Adhar Card/Ration card आदि में से कोई दो दस्तावेजों के original और photocopy दोनों लेते जाएं।

एनएससी cash राशि देकर भी खरीदे जा सकते हैं और cheque या demand draft देकर भी। जैसी आपकी सहूलियत हो, व्यवस्था करके जाएं। चेक या डिमांड ड्राफ्ट उस डाकघर के Post Master के नाम बनेगा, जहां से आप NSC खरीद रहे हैं।

अगर आपका पोस्ट ऑफिस मे account है तो उससे भी एनएससी के मूल्य के बराबर धनराशि transfer करके NSC खरीद सकते हैं।

डाकघर आपको तीन तरीके से एनएससी (NSC) खरीदने की सुविधा उपलब्ध कराता है।

1.Single holder Type NSC : इस प्रकार के NSC खरीदने पर certificate किसी एक व्यक्ति के नाम (Adult Or Minor या ) होता है। अल्पवयस्क या बच्चे के नाम होने पर guardian का नाम दर्ज होना भी जरूरी है।

2.Joint A type NSC : इस प्रकार के NSC खरीदने पर Certificate किन्हीं दो वयस्क व्यक्तियों के नाम बनता है। दोनों पति-पत्नी, पिता-पुत्र, मां-बेटी, दो मित्र या साझीदार कुछ भी हो सकते हैं। Maturity पर मिलने वाली धनराशि भी दोनों को बराबर-बराबर मिलेगी।

3. Joint B type NSC: इस प्रकार के NSC भी किन्हीं दो adult व्यक्तियों के नाम होते हैं। अंतर सिर्फ यह होता है कि maturity के बाद मिलने वाली राशि किसी एक व्यक्ति के नाम मिलती है। यह किसे मिलनी चाहिए, इसका उल्लेख NSC खरीदते समय करना जरूरी होता है।

क्या NSC को मेच्योरिटी के पहले भुना सकते हैं?

सामान्य स्थितियों में NSC को 5 साल के पहले नहीं भुनाया जा सकता। लेकिन, कुछ विशेष परिस्थितियों में इसे मेच्योरिटी के पहले भुनाया जा सकता है-

  • एकल खाताधारक (single account holder) की मौत हो जाने पर
  • संयुक्त खाताधारक (Joint account holder) की मौत हो जाने पर
  • अदालत (Court) की ओर से आदेश जारी होने पर
  • जब्तीकरण (forfeiture) की प्रक्रिया में, सिर्फ गजटेड अफसर द्वारा

मेच्योरिटी के पहले खाता बंद करने के नुकसान

  • 1 साल के भीतर अगर, खाता बंद करते हैं, तो आपको कोई ब्याज नहीं मिलेगा। जितना पैसा जमा था, सिर्फ उतना वापस मिलेगा।
  • 1 साल के बाद और 5 साल के पहले अकाउंट बंद कराते हैं तो ब्याज में कटौती करके पैसा वापस मिलेगा।

तो दोस्तों ये थी एनएससी स्कीम के बारे में जरूरी नियमों और शर्तों की जानकारी। सरकार कई अन्य उपयोगी स्कीमें चलाती है, जिनकी जानकारी हमने अलग-अलग लेखों में दी है। इनमें लड़कियों के लिए सबसे ज्यादा ब्याज व टैक्स छूट देने वाली सुकन्या समृद्धि योजना है। बैंकों की एफडी के मुकाबले जल्दी पैसे दोगुना करने वाली स्कीम किसान विकास पत्र है। बुजुर्गों की जमा पर सबसे ज्यादा ब्याज देने वाली स्कीम सीनिटर सिटिजन सेविंग स्कीम है।

लेखक के बारे में

अनिल पाण्डेय 2016 से इस वेबसाइट के लिए लिख रहे हैं। इससे पहले ये दैनिक भास्कर और हिन्दुस्तान अखबार के साथ जुड़े रहे हैं। इनका 10 साल का पत्रकारिता का अनुभव रहा है। इन्हें लेखन, अध्ययन और समाज-सेवा का शौक है।

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