अब आप इनकम टैक्स की ऑफिशियल वेबसाइट की मदद से घर बैठे ऑनलाइन इनकम टैक्स या Advance Tax जमा कर सकते हैं। नेट बैंकिंग या डेबिट कार्ड की मदद से फटाफट tax payment भी हो जाता है। इस लेख में हम बताएंगे कि ऑनलाइन इनकम टैक्स कैसे जमा करें? इसके बाद हम इनकम टैक्स पेमेंट के बारे में कुछ जरूरी जानकारियां भी साझा करेंगे। How to Pay Income Tax? Online Process in Hindi.
इनकम टैक्स कैसे जमा करें? | How to pay income tax online
- Step 1: अपने कंप्यूटर या मोबाइल पर NSDL की वेबसाइट खोलिए। अब NSDL की वेबसाइट का नाम बदलकर Protean हो गया है। नई वेबसाइट का लिंक है-https://www.protean-tinpan.com/index.html
- जो होमपेज खुलता है, उसमें ऊपर की पट्टी में Services टैब पर जाइए। Services पर माउस जाते ही, नीचे एक पट्टी खुलती है, जिसमें कई अलग-अलग सेवाओं के लिंक होते हैं।
- इनमें से ‘e-payment: Pay Taxes Online’ के लिंक पर क्लिक कर दीजिए।
- Step 2: अगले पेज पर कई Challan form के कई ब्लॉक प्रकट होते हैं, जिनमें से आपको दाहिने साइड में मौजूद Non-TDS/TCS वाले हिस्से में CHALLAN NO/ITNS 280 को सेलेक्ट करना है।
- CHALLAN NO/ITNS 280 वाले बॉक्स के ठीक नीचे Proceed के बटन पर क्लिक कर दीजिए।
- Step 3: अब आपके सामने एक फॉर्म टाइप का पेज खुलता है। उसमें पहले वाले बॉक्स में Tax Applicable के अंतर्गत (0021) Income Tax (Other than Companies) का ऑप्शन सेलेक्ट करना है।
- इसके बाद दूसरे नंबर के बॉक्स में Type of Payment के अंतर्गत Self Assessment Tax का ऑप्शन चुनना है। (अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के पहले टैक्स का भुगतान कर रहे हैं तो)
- अगर वित्तीय वर्ष के बीच में, टैक्स (Advance Tax) का भुगतान कर रहे हैं तो यहां पर Advance Tax का ऑप्शन चुनें। (ध्यान रखें कि साल भर में 10 हजार रुपए से अधिक टैक्स देनदारी वालों को Advance Tax का पेमेंट करना अनिवार्य है)
- Step 4: उसी पेज पर थोड़ा नीचे जाने पर टैक्स पेमेंट करने के ऑप्शन प्रकट होते हैं। पहले बॉक्स में आपको Mode of Payment के तहत Net-Banking या Debit Card का ऑप्शन चुनना पड़ता है।
- Net-Banking या Debit Card का ऑप्शन सेलेक्ट करने के बाद अपने बैक का नाम सेलेक्ट करना है। जैसे कि हमने अपने उदाहरण में Net Banking से भुगतान का विकल्प चुना है। बैंक के रूप में बैंक ऑफ बड़ौदा का नाम रखा है, क्योंकि इसमें हमारा अकाउंट है और इसमें PAN Card नंबर और Aadhaar कार्ड नंबर भी लिंक हैं।
- Step 5: इसी पेज पर थोड़ा नीचे जाने पर अपना पैन कार्ड नंबर और असेसमेंट ईयर चुनने का विकल्प मिलता है।
- Permanent Account No: के सामने अपने पैन कार्ड का नंबर डाल दीजिए।
- Assessment Year के सामने अपना असेसमेंट ईयर डाल दीजिए। असेसमेंट ईयर, संबंधित वित्त वर्ष के ठीक बाद वाला वर्ष होता है। अगर आप वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान की आमदनी का टैक्स चुका रहे हैं तो असेसमेंट ईयर 2022-23 सेलेक्ट करना चाहिए।
- Step 6: थोड़ा और नीचे जाने पर जो बॉक्स मिलता है, उसमें आपको अपना पता (Address) संबंधी डिटेल्स डालने होते हैं। जो-जो जानकारियां इसमें भरनी होती हैं, उनके डिटेल्स आप नीचे देख सकते हैं।
- Flat/Door/Block No.
- Premises/Building/Village
- Road/Street/Lane
- Area/Locality
- City/District *
- State *
- Pin Code *
- Email ID
- Mobile No.
- Step 7: थोड़ा और नीचे जाने पर आपको Captcha Code की इमेज मिलती है। इसे देखकर नीचे खाली बॉक्स में डाल दीजिए। कैप्चा कोड डालते वक्त ध्यान रखें कि जो अक्षर बड़े (Capital Letter) हों उन्हें बड़े अक्षर में डालें और जो अक्षर छोटे (small Letter) हों, उन्हें छोटे अक्षरों में ही डालें।
- इसके बाद नीचे मौजूद Proceed के बटन पर क्लिक कर दीजिए।
- Step 8: अगले पेज पर आपको अपना भरा हुआ फॉर्म दिखता है, जिसमें आपकी ओर से भरी गई जानकारियां दर्ज रहती हैं। इसे एक बार ठीक से दोबारा चेक कर लीजिए। अगर सब कुछ ठीक है नीचे I Agree के बटन के पहले बने चेक बॉक्स में टिक कर दीजिए।
- इसके बाद, नीचे मौजूद Submit to the bank’ के बटन पर क्लिक कर दीजिए। ऐसा करते ही यह आपको बैंक की वेबसाइट पर टैक्स पेमेंट वाले पेज पर पहुंचा देगा। वहां से आप अपने नेट बैंकिंग के यूजरनेम और पासवर्ड की मदद से Income Tax Payment कर सकते हैं।
- Step 9: इनका टैक्स पेमेंट की प्रक्रिया पूरी होते ही, स्क्रीन पर एक रसीद भी आपको दिखती है। जिसमें भुगतान किए गए टैक्स की मात्रा, BSR कोड, challan serial number, चालान की तारीख वगैरह दर्ज रहती है। इसे अपने कंप्यूटर पर सेव भी कर सकते हैं और प्रिंट भी ले सकते हैं।
आपके मोबाइल और ईमेल पर भी भेजी जाती है सूचना
इनकम टैक्स पेमेंट की प्रक्रिया पूरी होते ही, इसकी सूचना एसएमएस के माध्यम से आपके Mobile number पर आ जाती है। और आपके email ID पर भी सूचना आ जाती है। ध्यान रखें कि ये सूचना उसी मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर आएगी, जोकि e-Filing portal पर रजिस्टर्ड किए गए होते हैं।
इनकम टैक्स जमा करने की last date क्या होती है?
सामान्य़ व्यक्तियों (Individuals) और HUF (Hindu Undivided Families) को अपना इनकम टैक्स दो तरह से जमा करना पड़ता है। 1. एडवांस टैक्स, 2. सेल्फ असेसमेंट टैक्स
एडवांस टैक्स की तारीख: Advance Tax उन लोगों को भरना जरूरी होता है, जिनकी सालाना टैक्स देनदारी (Annual Tax Liability) 10 हजार रुपए से अधिक होती है। इसे आपको हर तिमाही पर भरना पड़ता है। हर तिमाही पर, अपनी अनुमानित टैक्स देनदारी का एक निश्चित हिस्सा तक जमा करना पड़ता है। एडवांस टैक्स को भरने की अंतिम तारीखें और न्यूनतम पेमेंट की मात्रा इस प्रकार होती है-
पहली किस्त | 15 जून तक | कुल टैक्स देनदारी का कम से कम 15% तक |
दूसरी किस्त | 15 सितंबर तक | कुल टैक्स देनदारी का कम से कम 45% तक |
तीसरी किस्त | 15 दिसंबर तक | कुल टैक्स देनदारी का कम से कम 75% तक |
चौथी किस्त | 15 मार्च तक | कुल टैक्स देनदारी का कम से कम 100 % तक |
सेल्फ असेसमेंट टैक्स की तारीख: Self Assessment Tax को इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के पहले भरना पड़ता है। इसके माध्यम से आपको एडवांस टैक्स पेमेंट या टीडीएस कटौती के बाद बची हुई टैक्स देनदारी को चुकता कर देना होता है। उल्लेखनीय है कि, इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई होती है। प्रत्येक वित्तीय वर्ष के खत्म होने के बाद 31 जुलाई तक, उसकी रिटर्न दाखिल कर दिया जाना चाहिए। इसके पहले सेल्फ असेसमेंट टैक्स का भी भुगतान कर देना चाहिए।
एडवांस टैक्स देरी से जमा करने पर पेनाल्टी कितनी लगती है?
अगर आप ऊपर बताई गई तारीखों के हिसाब से इनकम टैक्स का निर्थारित हिस्सा जमा नहीं कर पाते हैं तो फिर आपको बाद में वह टैक्स चुकाने पर पेनाल्टी भरनी पड़ती है। आपको देर से चुकाए गए बकाया टैक्स पर ब्याज भी चुकाना पड़ता है। ये ब्याज आपको दो तरह से चुकाना पड़ सकता है-
Section 234C के तहत बकाया टैक्स पर ब्याज
इस नियम के तहत, बकाया टैक्स पर, अंतिम तारीख से लेकर, जमा होने की तारीख तक 1% की दर से ब्याज जोड़कर चुकाना पड़ता है। यह ब्याज साधारण ब्याज (Simple Interest) के हिसाब से ही लगता है।
उदाहरण के लिए, महेश को किसी वित्त वर्ष में 1 लाख रुपए तक टैक्स देनदारी बनने का अनुमान है। उसे 15 दिसंबर तक 1 लाख रुपए का 75% भुगतान कर देना चाहिए। लेकिन वह सिर्फ 50 हजार रुपए तक ही भुगतान कर सका है। यानी कि 25 हजार रुपए बकाया टैक्स देनदारी रह गई।
अगर इस 25 हजार को वह फरवरी महीने की किसी तारीख को चुकाता है तो उसे इस पर 1% प्रतिमाह के हिसाब ब्याज भी चुकानी पड़ेगी। यह ब्याज होती है 250 रुपए। यानी कि उसे 25250 रुपए चुकाने पड़ेगे।
Section 234B के तहत बकाया टैक्स पर ब्याज
इस नियम के तहत, अगर आप अपनी साल भर की अनुमानित कुल टैक्स देनदारी का 90%, वित्त वर्ष के खत्म (31 मार्च) होने तक भुगतान नहीं करते हैं तो आपकी बकाया टैक्स देनदारी पर 1% ब्याज भी चुकानी पड़ेगी।
उदाहरण के लिए गौरव श्रीवास्तव की साल भर की टैक्स देनदारी 60 हजार रुपए बनती है। लेकिन उसने वित्त वर्ष खत्म होने तक इसका भुगतान नहीं किया। बाद में उसने 20 जुलाई को इस बकाया टैक्स का भुगतान किया। ऐसे में गौरव को बकाया टैक्स के साथ-साथ 4 महीने (अप्रैल, मई, जून, जुलाई) की ब्याज 1% प्रतिमाह की दर से चुकानी पड़ेगी।
उसके ब्याज की रकम बनती है- 60,000 x 1% x 4=2400 रुपए। यानी कि गौरव को कुल 64000 रुपए का भुगतान करना होगा।
ज्यादा रिफंड मिल गया है तो उसे ब्याज सहित लौटाना होगा
अगर किसी साल ज्यादा टैक्स भरने के कारण, आपने इनकम टैक्स विभाग से टैक्स रिफंड (वापस) लिया है। लेकिन, बाद में गणना करने पर पता चलता है कि आपका कोई टैक्स रिफंड नहीं बनता है। या फिर कम टैक्स रिफंड बनता है तो उस अतिरिक्त रिफंड को वापस करना होगा। साथ में 0.5% प्रतिमाह की दर से ब्याज भी चुकानी पड़ेगी।