PF अकाउंट में जमा होने वाला पैसा भी रिटायरमेंट के बाद निकाला जा सकता है, या फिर नौकरी छूटने के 2 महीने बाद भी निकाल सकते हैं। नौकरी के दौरान भी कुछ विशेष जरूरतों के लिए Advance PF भी निकाल सकते हैं। लेकिन Advance PF आपको आपकी नौकरी की कुल अवधि और मौजूदा सैलरी के स्तर के हिसाब से मिलता है।
इस लेख में हम जानेंगे कि इस लेख में हम जानेंगे कि पीएफ निकालने के नए नियम 2023 क्या हैं? नौकरी छोड़ने के कितने दिन बाद पीएफ निकाला जा सकता है? नौकरी के दौरान एडवांस पीएफ कितना ले सकते हैं?
EPF withdrawal rules 2023 in Hindi.
पीएफ निकालने के नियम
प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी से हर महीने 12% कटकर, उनके EPF अकाउंट में जमा होता है। इतना ही पैसा उनकी कंपनी भी मिलाकर कर्मचारी को EPF अकाउंट में जमा करती है। यानी कि प्रत्येक कर्मचारी की सैलरी के 24% के बराबर पैसा उसके PF अकाउंट में जमा होता है। इसमें से कंपनी वाले 12% में से 8.33% हिस्सा कर्मचारी के पेंशन अकाउंट में पहुंचता है। इसी 8.33% की बदौलत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिला करती है।
पीएफ और पेंशन अकाउंट में जमा पैसा आपको रिटायरमेंट के बाद तो मिलता ही है। रिटायरमेंट के पहले भी कुछ विशेष जरूरतों पर निकाला जा सकता है। अपने पीएफ अकाउंट में जमा पैसों को कब और कितना निकाल सकते हैं, इसके बारे में नए नियम इस प्रकार हैं-
रिटायरमेंट के बाद कभी भी निकाल सकते हैं PF का पूरा पैसा
नौकरी से रिटायर होने के बाद आप कभी भी अपने EPF अकाउंट का पूरा पैसा निकाल सकते हैं। सरकार ने अब रिटायरमेंट के कुछ वर्ष पहले भी पीएफ निकालने की सुविधा शुरू कर दी है। इससे संबंधित नया नियम भी बनाया है, जिसका हम अगले पैराग्राफ में अलग से उल्लेख भी कर रहे हैं।
54 की उम्र पूरी करने के बाद 90% तक PF ले सकते हैं
EPF के नए नियमों के अनुसार, 54 वर्ष की उम्र पार कर चुके कर्मचारी भी चाहें तो अपने EPF Balance का 90 % तक निकाल सकते हैं। इसके लिए उन्हें किसी विशेष कारण दिखाने की भी जरूरत नहीं पड़ती। ये नियम उनके लिए बढ़िया है जो रिटायरमेंट के थोड़ा पहले किसी बड़ी जिम्मेदारी को निपटाना चाहते हैं। वे नौकरी पर रहते हुए भी एक बड़ी रकम निकालकर ऐसे किसी बड़े काम को पूरा कर सकत हैं।
बीच में नौकरी छूटने पर, 2 महीने बाद निकाल सकते हैं पूरा पीएफ
- नौकरी छोड़ने के बाद, अगर आपको 2 महीने तक कोई नई नौकरी नहीं मिलती है तो आप अपना पूरा PF निकाल सकते हैं। इसके लिए आपको सबूत के रूप में कोई डॉक्यूमेंट देने की जरूरत नहीं पड़ती। आपको सिर्फ ऑनलाइन या ऑफलाइन पीएफ निकालने का फॉर्म भरना पड़ता है।
- नौकरी छूटने के 1 महीने बाद एडवांस निकालने की सुविधा: पूरा पैसा नहीं निकालना चाहते हैं तो कुछ पैसा एडवांस भी निकाल सकते हैं। सर्विस छूटने के 1 महीने बाद आप अपने PF फंड का 75% तक निकाल सकते हैं।
- अगर उसके बाद भी लगातार 2 महीने तक रोजगार नहीं मिलता है तो 2 महीने पूरे होने के बाद, पीएफ अकाउंट में बचे हुए 25% PF को भी निकाल सकते हैं।
गंभीर बीमारी पर इलाज के लिए 3 दिन के अंदर मिलेंगे पैसे
कर्मचारी को कोरोना या अन्य किसी गंभीर बीमारी होने पर 3 दिन के अंदर पैसा जारी करने का नियम है। इसकी रकम आपके पीएफ अकाउंट में मौजूद बैलेंस का 75% तक हो सकती है या तीन महीने की Salary (सिर्फ मूल वेतन और महंगाई भत्ता शामिल) के बराबर हो सकती है। दोनों में से जो भी रकम कम बैठेगी, उतनी आपको मिल सकेगी।
अगर आपने पिछले वित्त वर्ष के दौरान भी एडवांस पीएफ निकाला थो तो भी नए साल में फिर से इस एडवांस पैसा ले सकते हैं। इस एडवांस के साथ एक और अच्छाई है कि इसे आपको, वापस जमा नहीं करना पड़ता। बस आपके पीएफ अकाउंट में उतनी रकम कम हो जाती है।
शादी, शिक्षा, मकान, जमीन के लिए एडवांस पीएफ निकाल सकते हैं
पीएफ की रकम आंशिक रूप से निकालने के लिए आपको कुछ नियम व शर्तों का ध्यान रखना चाहिए। इनका उल्लेख नीचे दी गई सारणी में आप देख सकते हैं। यहां हमने कुछ प्रमुख कारणों के लिए एडवांस की शर्तों को शामिल किया है-
किसलिए निकाल सकते हैं (कितने साल नौकरी के बाद) | पैसा निकालने की लिमिट (सिर्फ (बेसिक+DA के हिसाब से) |
शादी के लिए अपनी या अपने बेटे/ बेटी या भाई/बहन की शादी के लिए (7 साल की नौकरी पूरी होने के बाद) | ईपीएफ में कर्मचारी के हिस्से का 50 प्रतिशत तक |
उच्च शिक्षा के लिए: कर्मचारी की खुद की शिक्षा के लिए या फिर अपने बच्चों की कक्षा 10 के बाद की पढ़ाई के लिए। (7 साल की नौकरी पूरी होने के बाद) | ईपीएफ में कर्मचारी के हिस्से वाली कुल जमा का 50 प्रतिशत तक |
मकान खरीदने या बनवाने के लिए: वह घर कर्मचारी के नाम होना चाहिए या फिर पति या पत्नी के नाम संयुक्त स्वामित्व (Joint ownership) में होनी चाहिए। (7 साल की नौकरी पूरी होने के बाद) | कर्मचारी को मिलने वाले मासिक वेतन का 36 गुना (महंगाई भत्ता को जोड़कर) |
घर के लिए जमीन खरीदने के लिए: जमीन कर्मचारी के नाम होना चाहिए या फिर पति या पत्नी के नाम संयुक्त स्वामित्व (Joint ownership) में होनी चाहिए। (7 साल की नौकरी पूरी होने के बाद) | कर्मचारी को मिलने वाले मासिक वेतन का 24 गुना |
होम लोन की किस्तें चुकाने के लिए: वह जमीन या घर कर्मचारी के नाम होना चाहिए या फिर पति या पत्नी के नाम संयुक्त स्वामित्व में होनी चाहिए। हाउसिंग लोन से संबंधित दस्तावेज भी EPFO के सामने पेश करने होंगे।(10 साल की नौकरी पूरी होने के बाद) | कर्मचारी और नियोक्ता की ओर से ईपीएफ अकाउंट में किए गए कुल अंशदान का 90 प्रतिशत तक। |
घर में सुधार या विस्तार के लिए: घर कर्मचारी के नाम होना चाहिए या फिर पति या पत्नी के नाम संयुक्त स्वामित्व में हो ( 5साल की नौकरी पूरी होने के बाद) | कर्मचारी को मिलने वाले मासिक वेतन का 12 गुना |
व्यक्तिगत जरूरत के लिए :रिटायरमेंट के पहले कर्मचारी की खुद की किसी व्यक्तिगत जरूरत के लिए। 57 साल की उम्र पूरी होने पर ( नियमों में नए संशोधन के अनुसार) | कुल जमा का 90 प्रतिशत (ब्याज को भी मिलाकर) |
घर खरीदने के लिए 90% स्पेशल पीएफ एडवांस भी ले सकते हैं
ईपीएफओ ने अपने मेंबर्स (कर्मचारियों) को घर खरीदने के लिए अपनी Pf जमा का 90 प्रतिशत तक निकालने का नियम लागू कर दिया है। इतना ही नहीं घर के लिए लोन की किस्तें (EMIs) भरने के लिए भी पीएफ अकाउंट का इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। लेकिन, यह सुविधा सिर्फ उन कर्मचारियों को ही मिल सकती है, जो कि कम से कम 10 सदस्यों वाली रजिस्टर्ड हाउसिंग सोसायटी के मेंबर होंगे। साथ ही साथ उनका पीएफ अकाउंट भी कम से कम तीन साल पुराना होना चाहिए।
इस सुविधा के लिए आपका Apply स्वीकृत होने पर मकान की ईएमआई का पैसा EPFO की तरफ से सीधे मकान देने वाली सोसायटी, प्रमोटर या बिल्डर के खाते में भेजा जाएगा। इस प्रकार का मकान कर्मचारी, सरकारी योजना का मकान, कोआपरेटिव सोसायटी का मकान या प्राइवेट बिल्डर, प्रमोटर वगैरह से मकान लेने पर कर सकता है।
10 साल नौकरी कर ली तो रिटायरमेंट के बाद हर महीने पेंशन
अगर आपकी नौकरी के 10 साल पूरे हो चुके हैं तो सीधे रिटायरमेंट के बाद हर महीने पेंशन मिलेगी। ऐसी स्थिति में, आप बीच में नौकरी छूटने पर भी पेंशन का पैसा नहीं निकाल सकते। रिटायरमेंट के बाद आपको हर महीने मिलने वाली पेंशन की मात्रा इस बात पर निर्भर करेगी कि आपके पेंशन अकाउंट में तब तक कितना पैसा जमा हो चुका है। लेकिन, किसी भी कीमत पर यह 1000 रुपए प्रतिमाह से कम नहीं हो सकती।
ध्यान दें: आपके पीएफ अकाउंट में हर महीने आपकी सैलरी से 12 % कटकर जमा होता है और इतना ही पैसा आपकी कंपनी को भी जमा करना पड़ता है। कंपनी वाले 12% में से 8.33% को आपके पेंशन अकाउंट में डाला जाता है और बचा हुआ 3.67% आपके पीएफ अकाउंट में जुड़ जाता है।
10 साल से कम नौकरी है तो पेंशन का पैसा भी निकाल सकते हैं
लेकिन अगर आपकी नौकरी में, 10 साल पूरे नहीं हुए हैं तो आप अपने पीएफ के साथ-साथ पेंशन अकाउंट में जमा पैसों को भी निकाल सकते हैं। अगर उसके बाद कहीं नौकरी करने की योजना है तो पेंशन में जमा पैसों के लिए पेंशन सर्टिफिकेट ले सकते हैं। उस सर्टिफिकेट को अगली नौकरी में जमा करके पेंशन अकाउंट को आगे भी जारी रख सकते हैं। इन दोनों तरह की सेवाओं को पेंशन सिस्टम में अलग-अलग नाम से जाना जाता है-
- WITHDRAWAL BENEFIT के विकल्प को अपनाकर, बीच में पेंशन का पैसा निकाल सकते हैं।
- SCHEME CERTIFICATE का विकल्प चुनकर आप पेंशन का पैसा अगली नौकरी में जुड़वा सकते हैं
कोरोना या घातक बीमारी से भर्ती होने पर उसी दिन एमरजेंसी एडवांस
कर्मचारी के कोरोना या अन्य किसी जानलेवा बीमारी की चपेट में आकर भर्ती होने की स्थिति में, 1 लाख रुपए तक का Emergency Advance उसी दिन जारी हो सकता है। हालांकि, इसकी रकम कर्मचारी के 6 महीने के Basic Salary+DA से अधिक नहीं हो सकती। या फिर कर्मचारी के EPF Account में, उसके हिस्से की कुल जमा से अधिक नहीं हो सकती।
एमरजेेंसी पीएफ एडवांस के लिए आवेदन करने के लिए आपको हॉस्पिटल का बिल या अनुमानित खर्च (estimate) या अन्य किसी दस्तावेज को जमा करने की भी जरूरत नहीं पड़ती। आवेदन के साथ सिर्फ कर्मचारी के डीटेल्स और अस्पताल के डीटेल्स जमा करने की जरूरत पड़ती है।
सरकारी या PSU/CGHS अस्पताल में भर्ती होने पर, यह एडवांस तुरंत जारी हो जाता है। प्राइवेट अस्पताल में भर्ती होने पर, EPFOकी ओर से पुष्टि करने के बाद पैसा जारी होता है। एडवांस स्वीकृत होने के बाद, पैसा आपके अनुरोध पर सीधे अस्पताल के खाते में या कर्मचारी के खाते में डाला जा सकता है।
कर्मचारी की ओर से खुद भी एमर्जेसी एडवांस के लिए आवेदन किया जा सकता है। अगर वह सक्षम नहीं हो तो फिर उसके परिवार के किसी सदस्य की ओर से इसके लिए आवेदन किया जा सकता है।
5 साल के पहले 50 हजार से ज्यादा पीएफ निकालने पर TDS कटता है
अगर आप नौकरी के 5 साल पूरे होने के पहले पीएफ निकालते हैं और वह रकम 50 हजार रुपए से अधिक है तो उसमें से TDS काट लिया जाएगा। फिलहाल इस तरह से पीएफ निकालने पर 10% TDS काटने का नियम है। नौकरी के 5 साल की गणना में आपकी पिछली सभी नौकरियों के वर्ष शामिल किए जाएंगे। अगर आपने कई कंपनियों में नौकरी करते हुए भी, कुल मिलाकर 5 साल से अधिक की अवधि पूरी कर ली है तो आपकी पीएफ निकासी पर TDS नहीं कटेगा।
फॉर्म 15 G जमा करके रुकवा सकते हैं TDS कटौती: अगर, आप पीएफ निकालते समय आवेदन फॉर्म के साथ में फॉर्म 15 G भरकर जमा कर देते हैं तो आपको मिलने वाले PF पर TDS नहीं कटेगा। फॉर्म 15 G, एक प्रकार का घोषणापत्र (Declaration) होता है, जिसमें आप इस बात की घोषणा करते हैं कि आपको मिलने वाली रकम को, आपकी साल भर की आमदनी में मिलाने के बावजूद आपकी कुल आमदनी टैक्स भरने लायक नहीं है।