PPF स्कीम, आपको, किसी बड़े काम के लिए, थोड़ा-थोड़ी जमा करके बड़ी रकम इकट्ठा करने में मदद करती है। हमारे कई पाठकों नें पूछा था कि-क्या मैं अपने बच्चे के लिए PPF Account खुलवा सकता हूं? इस लेख में हम बताएंगे कि बच्चों के लिए पीपीएफ अकाउंट कैसे खोल सकते हैं? इसके क्या फायदे होते हैं? बच्चे के पीपीएफ अकाउंट में पैसे जमा करने और निकालने के नियम क्या हैं? What is Child PPF Acccout and What are its benefits in Hindi.
बच्चों के लिए PPF अकाउंट कैसे खोलें?
बैंक या पोस्ट आफिस, जहां आप अकाउंट खुलवाना चाहते हैं, वहां पीपीएफ अकाउंट खोलने का फॉर्म मिल जाता है। कुछ बैंक और पोस्ट आफिस की वेबसाइट पर आनलाइन भी यह फॉर्म मिल जाता है। उसे डाउनलोड करके और प्रिंट लेकर भी आप फॉर्म भरने की प्रकिया पूरी कर सकते हैं।
फोटो, पहचान प्रमाण और पता प्रमाण
बच्चे का पीपीएफ अकाउंट खुलवाने के लिए, उसके माता पिता या कानूनी अभिभावक के पासपोर्ट फोटो और KYC documents (पहचान व पता संबंधी प्रमाण= ID proof and address proof) लगते हैं।
बच्चे की जन्मतिथि दर्शाने वाला कोई डॉक्यूमेंट
अप्लीकेशन फॉर्म और KYC डॉक्यूमेंट्स के साथ, उस बच्चे की उम्र संबंधी प्रमाण वाला कोई डॉक्यूमेंट लगाना पड़ता है। अगर बच्चे का आधार कार्ड है तो इससे काम चल जाएगा। आधार कार्ड न होने की स्थिति में, अस्पताल से मिला जन्म प्रमाणपत्र या कोई अन्य सरकारी रूप से मान्य जन्मतिथि प्रमाण जमा कर सकते हैं।
बच्चों के PPF अकाउंट खुलवाने के फायदे
वैसे तो बच्चों के लिए, निवेश संबंधी कई उपयोगी स्कीमें, उपलब्ध हैं, लेकिन उनमें ज्यादातर जरूरी मानकों पर खरी नहीं उतरतीं। जैसे कि किसी में सुनिश्चित रिटर्न नहीं है तो किसी में रिटर्न कम मिलता है। इसी तरह, किसी में पैसा जमा करने के नियम कड़े हैं तो किसी में टैक्स छूट पर्याप्त नहीं है।
उदाहरण के लिए, बच्चों की शिक्षा के लिए जो बीमा स्कीमें होती हैं, उनमें रिटर्न बहुत बढ़िया नहीं मिलता। इसी तरह एफडी स्कीमों (fixed deposits) में पर्याप्त टैक्स छूट नहीं मिलती। कुल मिलाकर, निष्कर्ष यह निकलता है कि पीपीएफ स्कीम बच्चों के लिए सबसे बेहतर स्कीम है।
कॅरियर के लिए, मजबूत फाइनेंशियल सपोर्ट
अगर आप अपने बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए कोई प्लान बनाते हैं तो उसके लिए एकमुश्त रकम इकट्ठा कर सकते हैं- जैसे कि, बच्चे को उच्च शिक्षा के लिए बाहर भेजना है, या कोई प्रोफेशनल कोर्स करवाना है तो उसके लिए एडमिशन फीस, कोर्स फीस, मकान या हॉस्टल किराया वगैरह का इंतजाम पीपीएफ की रकम से कर सकते हैं। इसी प्रकार बड़े होने पर, अगर आपका बच्चा अगर कोई बिजनेस करना चाहता है तो उसके लिए इकट्ठा पैसों का इंतजाम कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए, आप हर महीने 1000 रुपए जमा करते हैं तो 15 साल में आपके बच्चे के अकाउंट में कुल 1,80,000 रुपए जमा होते हैं। वर्तमान ब्याज दर (7.1%) के हिसाब से इस पर 1,35,570 रुपए ब्याज बनता है। कुल मिलाकर 15 साल बाद आपको 3 लाख 15 हजार,572 रुपए वापस मिलते हैं। ये रकम, उस मौके पर आपके लिए एक बड़ा सपोर्ट साबित हो सकती है।
बचत, निवेश और प्लानिंग की आदत
‘यह ऐसा फायदा है, जिसे प्राय: लोग उतना महत्व नहीं देते। लेकिन यह बहुत मायने रखता है। आप बच्चे के नाम अकाउंट खुलवा देते हैं और उसके नाम पैसा जमा करना शुरू कर देते हैं। आप अगर उसकी जानकारी में सारी प्रक्रिया करते हैं तो बच्चे को बचत करने की प्रति रुचि पैदा होती है। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है और समझदार होता जाता है, वैसे-वैसे वह बचत की उपयोगिता समझने लगता है। अपनी भविष्य की योजनाओं के लिए वह प्लानिंग करता है। यह सब उसके मानसिक और व्यावसायिक विकास में बहुत मददगार होता है।
अभिभावक के लिए पैसा निकालने पर पाबंदी
बच्चे का पीपीएफ अकाउंट, 15 साल की मेच्योरिटी के पहले, सिर्फ तभी बंद किया जा सकता है, जबकि, बच्चे की उच्च शिक्षा (higher education) के लिए पैसों की जरूरत हो। इसके लिए, अभिभावक को उस मान्यताप्राप्त संस्थान में एडमिशन पाने का प्रमाण भी देना होता है। यह सुविधा भी अकाउंट के 5 साल पूरे होने के बाद ही मिलती है। अगर, बच्चे के अकाउंट में से जमा का कुछ हिस्सा निकालना (partial withdrawals) हो तो भी अभिभावक को इस बात का declaration देना जरूरी है कि वह पैसा बच्चे की जरूरत के लिए है।
वयस्क होने पर मिल जाते हैं खाता संचालन के अधिकार
बच्चे की उम्र 18 साल पूरी होने पर, बच्चे का पीपीएफ अकाउंट उसके नाम ट्रांसफर हो जाता है। यानि की वह अपने अकाउंट का खुद संचालन (operate) कर सकता है। वह अपने हस्ताक्षर से, पैसे जमा कर सकता है और निकाल भी सकता है। इसके पहले, पैसा निकालने संबंधी अधिकार अभिभावक के पास रहते हैं।
अभिभावक की ओर से इस संबंध में, संबंधित बैंक या पोस्ट आफिस में, आवेदन देना अनिवार्य है। ऐसे आवेदन के साथ, 18 साल उम्र पूरी करने वाले बच्चे के हस्ताक्षर के साथ साथ केवाईसी दस्तावेज जमा होंगे और खाते में अभिभावक के रूप में दर्ज व्यक्ति की ओर से उसे प्रमाणित (attested) भी किया जाना चाहिए।
अभिभावक के लिए भी फायदेमंद
- पीपीएफ अकाउंट में आप जो पैसा जमा करते हैं, उस पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स छूट मिलती है। अगर आप 1.5 लाख रुपए से अधिक जमा करते हैं तो, अतिरिक्त रकम पर आपको कोई ब्याज नहीं मिलेगी। उस अतिरिक्त रकम पर किसी तरह की टैक्स छूट भी नहीं मिलेगी।
- अगर, बच्चे के PPF account में जमा की गई रकम, उसके माता-पिता या अभिभावक की कमाई से जमा हुई है, तो माता-पिता या अभिभावक उस पर Section 80C के तहत, टैक्स छूट भी ले सकते हैं।
- इसके अलावा, जब आप इसका पैसा निकालते हैं तो भी उस पर टैक्स नहीं कटता। यह छूट अभिभावक के अकाउंट की तरह, बच्चे के पीपीएफ अकाउंट पर भी लागू होती है। हालांकि, ध्यान रखें 5 साल के पहले अगर आप अकाउंट बंद करते हैं तो पैसा निकालने पर टैक्स कटता है।
क्या बच्चे के लिए ऑनलाइन PPF अकाउंट खोल सकते हैं?
कई बड़े बैंक अब, ऑनलाइन पीपीएफ अकाउंट खोलने का फॉर्म भरने की सुविधा भी देने लगे हैं। लेकिन, यह सुविधा सिर्फ तभी मिल सकती है, जबकि उस व्यक्ति का पहले से उस बैंक में सेविंग अकाउंट हो।
पीपीएफ अकाउंट की अन्य विशेषताएं
- 500 रुपए जमा करके खाता खोल सकते हैं: बैंक या Post Office में कम से कम 500 रुपए जमा करके पीपीएफ अकाउंट खुलवाया जा सकता है। यह खाता 15 साल के लिए होता है। यानी कि 15 साल तक अपनी सुविधानुसार, थोडा थोडा करके पैसा जमा कर सकते हैं।
- न्यूनतम उम्रसीमा का बंधन नहीं: जन्म से लेकर 18 साल तक के किसी भी उम्र के बच्चे का पीपीएफ अकाउंट खुलवाया जा सकता है।
- न्यूनतम/अधिकतम जमा सीमाएं: लेकिन, हर साल कम से कम 500 रुपए जमा करना अनिवार्य है। एक वित्तीय साल में, अधिकतम 1.50 लाख रुपए ही जमा किए जा सकते हैं।
- बच्चे के खाते में जो व्यक्ति अभिभावक के रूप में दर्ज होगा, उस अभिभावक के पीपीएफ अकाउंट और उस बच्चे के पीपीएफ अकाउंट को मिलाकर भी साल भर में 1.5 लाख रुपए से ज्यादा जमा नहीं किया जा सकता।
- माता और पिता अलग अलग अपने दो बच्चों के लिए PPF accounts खुलवा सकते हैं। लेकिन, एक परिवार की ओर से खोले गए सभी PPF accounts में, हर साल टोटल 1.5 लाख रुपए ही जमा किया जा सकता है।
- ब्याज दर: पीपीएफ अकाउंट पर इस समय 7.1% ब्याज मिल रही है। पीपीएफ अकाउंट पर, ब्याज दर की घोषणा हर तिमाही के पहले, भारत सरकार की ओर से की जाती है। साल भर में जितना पैसा आपके अकाउंट में जमा होता है, उसकी पूरी ब्याज एकमुश्त साल के अंत में अकाउंट में जमा हो जाती है
- कितनी भी बार जमा कर सकते हैं पैसा: साल में कभी भी, कितनी भी रकम इस अकाउंट में जमा की जा सकती है। लेकिन किसी भी बार यह रकम 50 रुपए से कम नहीं होनी चाहिए। और हां, ध्यान रखें, एक साल के भीतर 1.50 लाख रुपए से ज्यादा भी जमा नहीं कर सकते।
- अकाउंट खुलवाने का अधिकार: बच्चे के लिए PPF account, सिर्फ उसके माता-पिता या कानूनी अभिभावक की ओर से ही खोला जा सकता है। माता-पिता में भी, सिर्फ एक व्यक्ति की एक बच्चे के नाम पीपीएफ अकाउंट में अपना नाम अभिभावक के रूप में दर्ज करा सकता है।
- कानूनी अभिभावक वह व्यक्ति होता है, जिसे सरकारी नियमों के मुताबिक, कोर्ट की ओर से बच्चे का कानूनी अभिभावक (legal guardian) नियुक्त किया गया हो। उसकी शिक्षा, सुरक्षा व देखभाल संबंधी जिम्मेदारी कानूनी अभिभावक के पास होती है। उसकी ओर से संपत्ति संबंधी कानूनी फैसले लेने का अधिकार भी कानूनी अभिभावक के पास होता है।
- संबंधियों को अधिकार नहीं: दादा-दादी या अन्य कोई सगा संबंधी, बिना कानूनी रूप से अभिभावक बने, किसी बच्चे के लिए पीपीएफ अकाउंट नहीं खुलवा सकता । लेकिन, अगर बच्चे के माता-पिता की मौत हो चुकी है और किसी संबंधी को कानूनी अभिभावक का दर्जा मिल चुका है तो वह उस बच्चे के नाम पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकता है।
- सिर्फ पढ़ाई के लिए कर सकते हैं बंद: बच्चे का पीपीएफ अकाउंट, 15 साल की मेच्योरिटी के पहले, सिर्फ तभी बंद किया जा सकता है, जबकि, बच्चे की उच्च शिक्षा (higher education) के लिए पैसों की जरूरत हो। वह भी, अकाउंट के 5 साल पूरे होने के बाद और एडमिशन पाने के प्रमाण देने पर।
- आंशिक निकासी/लोन: पीपीएफ अकाउंट के 7 साल पूरे होने के बाद ही, आंशिक निकासी (Partial withdrawal) कर सकते हैं, यानी की जमा का कुछ हिस्सा निकाल सकते हैं। वयस्कों के PPF Account के समान, बच्चों के भी पीपीएफ अकाउंट पर लोन और अन्य सुविधाएं मिलती हैं।
- खाता विस्तार की सुविधा: 15 साल की मेच्योरिटी, पूरी होने की बाद भी पीपीएफ अकाउंट की अवधि बढवाई जा सकती है। यह खाता विस्तार एक बार में 5 साल के लिए हो सकता है। यह खाता विस्तार आप पैसा जमा करते हुए भी करा सकते हैं और जमा करना बंद करके भी। आगे भी 5- 5 साल करके आप कितनी भी बार खाता विस्तार करवा सकते हैं।
- मेच्योरिटी के पहले खाता बंद करना: कुछ विशेष परिस्थितियों में, 5 साल के बाद ऐसे पीपीएफ अकाउंट को बंद किया जा सकता है, जैसे कि उस बच्चे के इलाज (medical treatment) के लिए जरूरत पडने पर।
- खाता ट्रांसफर की सुविधा: वयस्कों की तरह, बच्चों का पीपीएफ अकाउंट भी किसी एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर सकते हैं। बैंक से पोस्ट आफिस या पोस्ट आफिस से किसी बैंक में भी ट्रांसफर कर सकते हैं। बच्चे या उसके अभिभावक का निवास स्थान बदलने पर इस सुविधा का इस्तेमाल किया जा सकता है।