अक्सर लोग, वित्त वर्ष खत्म होने के टाइम पर टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट्स की तरफ ध्यान देते हैं। हडबड़ी में कभी-कभी वे बेमतलब के निवेश कर बैठते हैं। या फिर टाइम से इनकम टैक्स रिटर्न नहीं दाखिल कर पाते। अगर आप वित्त वर्ष की शुरुआत से ही इनकम टैक्स बचाने के तरीके अपनाने शुरू कर देते हैं तो ज्यादा बेहतर तरीके निवेश किया जा सकता है। साथ ही साथ ज्यादा टैक्स बचाने में भी कामयाब रहते हैं। इनकम टैक्स रिटर्न में भी कम से कम गलतियां होती हैं।
इस लेख में हमने सैलरीड कर्मचारियों के लिए टैक्स बचाने के 10 सबसे अच्छे और आसान तरीकों के बारे में बताएंगे। साथ ही कुछ जरूरी नियमों के बारे में भी समझाएंगे।
1. मकान किराया पर मिलने वाली टैक्स छूट का इस्तेमाल करें
ज्यादातर कर्मचारी, किसी अन्य शहर में रहकर या घर से दूर नौकरी किया करते हैं। कंपनियां इसके लिए अपने कर्मचारियों को मकान किराया भत्ता (House Rent Allowance) देती हैं। संक्षेप में इसे HRA कहते हैं। सरकार ने कर्मचरियों को उनके HRA पर टैक्स छूट लेने का अधिकार दे रखा है। यह टैक्सछूट नीचे बताए गए किसी एक तरीके से ली जा सकती है—
- कंपनी/नियोक्ता की ओर से मिली HRA की पूरी रकम पर टैक्स छूट ले सकते हैं
- छोटे शहरों में सैलरी के 40% और मेट्रो शहरों में सैलरी के 50% तक को मकान किराया पर टैक्स छूट के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां सैलरी के अंतर्गत सिर्फ आपकी Basic Salary+DA को शामिल किया जाएगा।
- वास्तविक किराया भुगतान में से अपनी सैलरी का 10% घटाने के बाद जो रकम बचती है उस पर टैक्स छूट ली जा सकती है।
इन तीनों तथ्यों का हिसाब लगाने पर जिसमें सबसे कम रकम निकलेगी, उसे आप HRA से टैक्स छूट के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इस छूट को पाने के लिए आपको किरायेदारी का Agreement या मकान किराए की रसीद (Receipt) देनी पड़ती हैं।
2. होम लोन व होम लोन की ब्याज पर भी टैक्स छूट मिलती है
Home loan पर टैक्स छूट दो तरह से मिलती है। पहला, होमलोन की मूलराशि (Principal Amount-: वह रकम जो आपने कर्ज के रूप में ली है) दूसरा, होमलोन का ब्याज (Interest)। इनकम टैक्स एक्ट के अलग-अलग Sections के तहत दोनों (मूलधन व ब्याज) में टैक्स छूट प्राप्त की जा सकती है।
- Home Loan लेने के बाद अगर आपने मकान का Possession (कब्जा) ले लिया है तो होमलोन की मूल राशि के 1.5 लाख रुपए सालाना पर आप टैक्स छूट ले सकते हैं (सेक्शन 80 सी के तहत)
- Home loan की किस्त के साथ जो ब्याज आप चुकाते हैं, उसमें से 2 लाख रुपए तक ब्याज पर भी टैक्स छूट ले सकते हैं (Section 24 के तहत)
Home Loan की किस्तों के भुगतान में मूलराशि वाला हिस्सा (Principal Amount) कितना था और ब्याज (Interest) कितनी थी, यह जानने के लिए आप Bank Statement निकलवा सकते हैं। इसमें दोंनों मदों (मूलधन व ब्याज) के भुगतान के बारे में अलग-अलग जानकारी दर्ज रहती है।
3. दो बच्चों की पढ़ाई की फीस पर भी टैक्स छूट मिलती है
आपने अपने बच्चों की Study के लिए जो स्कूल/ कॉलेज की फीस चुकाते हैं उसमें Tution Fee के हिस्से पर आप टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं। यह छूट आपको ज्यादा से ज्यादा दो बच्चों की Tution Fee पर और मान्यता प्राप्त (Recognised) संस्था में पढ़ाई पर ही मिलती है।
इस छूट को पाने के लिए आपको संस्था की ओर से Admission प्रमाण व फीस की रसीदें पेश करनी पड़ती हैं। Income tax act के सेक्शन 80 सी के तहत आपको यह सुविधा मिलती है, जिसमें कुछ तय विकल्पों में 1.5 लाख रुपए तक Investment पर टैक्स छूट मिलती है।
4. अवकाश यात्रा भत्ता (LTA) पर भी बचा सकते हैं टैक्स
कंपनियां या Employers अपने कर्मचारियों को व उनके परिवार को छुटि्टयों में घूमने के लिए अवकाश यात्रा भत्ता (leave Travel Allowance-LTA) प्रदान करते हैं। सरकार इस पर सेक्शन 10(5) के तहत टैक्स छूट देती है। लेकिन, ध्यान रखें यह छूट सिर्फ सफर के खर्च (Travelling Expense) पर मिलती हैंं। सफर के दौरान अन्य प्रकार के खर्चों (food, shopping वगैरह) पर नहीं।
इसे पाने के लिए आपको सफर के खर्चों (Travelling Expense) की सभी रसीदें भी नियोक्ता के पास जमा करनी होती हैं। हर 4 साल के ब्लॉक में सिर्फ 2 यात्राओं पर ही ये टैक्स छूट मिलती है। नया ब्लॉक 2018 से 2021 तक का है। इसमें सिर्फ देश के अंदर यात्रा खर्च (domestic travel) को ही शामिल कर सकते है।
4. अपने या परिवार के सदस्यों को जीवन बीमा पर टैक्स छूट
अपना या अपने परिवार के किसी member (पति/पत्नी, बच्चे) का जीवन बीमा करवाना भी tax saving का बढ़िया उपाय है। जीवन बीमा पॉलिसी न सिर्फ मुश्किल समय के लिए आर्थिक सुरक्षा (financial security) देती है, बल्कि यह tax भी बचाती है। income tax act के section 80 C के तहत, जीवन बीम पर टैक्स छूट मिलती है।
उल्लेखनीय है कि section 80C के तहत कुछ निश्चित निवेशों और खर्चों पर लगे 1.50 लाख रुपयों पर टैक्स छूट मिलती है। इनमें जीवन बीमा के साथ-साथ EPF, PPF, NSC, सुकन्या योजना, सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम वगैरह शामिल हैं।
5.अपना या घरवालों के हेल्थ इंश्योंरेंस पर टैक्स छूट मिलती है
आप अपने लिए, अपने परिवार के किसी Member (पति/पत्नी या बच्चे) के लिए या अपने माता-पिता (Parents)के लिए स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) करवाते हैं तो उस पर भी टैक्स छूट मिलती है। नए नियमों के मुताबिक Health Insurance Policy के प्रीमियम के लिए 1 लाख रुपए तक के Payment पर टैक्स छूट ली जा सकती है। यह छूट आपको Section 80 डी के तहत मिलती है। कैसे यह भी जान लेते हैं।
- खुद, का या परिवार के सदस्य का हेल्थ इंश्योरेंस: आपने अपने या अपने Family के किसी सदस्य (पति-पत्नी, बच्चे) के लिए Health Premium में जो भुगतान किया है, उसमें से 25 हजार रुपए तक के भुगतान पर आप टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। अगर आपके परिवार का कोई सदस्य (पति या पत्नी) Senior Citizen (60 वर्ष से अधिक) की कैटेगरी में है तो उसके Health Insurance Premium पर 50 हजार तक के भुगतान पर टैक्स छूट प्राप्त की जा सकती है।
- माता-पिता का हेल्थ इंश्योरेंस ( चाहे आश्रित हो या न हों): इसी प्रकार आपने अपने माता या पिता का Health Insurance करवाया है तो उसके लिए premium भुगतान के लिए भी 25 हजार रुपए सालाना पर टैक्स छूट मिलती है (ध्यान दें ये छूट अपने और अपने परिवार के सदस्य के हेल्थ इंश्योरेंस से अतिरिक्त है।)। अगर माता-पिता Senior Citizen (उम्र 60 वर्ष से अधिक) हैं तो यह टैक्स छूट सालाना 50 हजार रुपए तक के Premium भुगतान पर मिलती है।
6.ईपीएफ में ज्यादा पैसा कटवाने पर भी टैक्स छूट लागू (VPF के रास्ते)
आप Salaried कर्मचारी हैं तो आपका EPF भी कटता होगा। यह आपकी Salary (मूल वेतन और महंगाई भत्ते) के 12 % तक हो सकता है। इतना ही पैसा आपकी कंपनी या Employer इसमें जमा करते हैं। जो आपके हिस्से का पैसा जमा होता है, उस पर Section 80 C के तहत (1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर) आपको टैक्स छूट मिल सकती है।
लेकिन अक्सर यह सालाना 1.5 लाख तक होता ही नहीं है। तो इस सीमा तक पहुंचने के लिए आप इसमें अपनी तरफ से ज्यादा पैसा भी कटवा सकते हैं। अपने आप PF में पैसा कटवाने की प्रक्रिया को VPF (स्वैच्छिक भविष्य निधि-Voluntary Provident Fund) कहते हैं।
EPF में तो आप 12 फीसदी से ज्यादा नहीं कटवा सकते, लेकिन VPF में आप सैलरी (मूल वेतन और महंगाई भत्ते) का 100 फीसदी तक कटवा सकते हैं। VPF का कोई अलग से अकाउंट नहीं होता, यह भी आपके EPF में ही शामिल हो जाता है। उस पर ब्याज दर और टैक्स बचत की सुविधाएं EPF की तरह ही मिलती हैं। यानी कि VPF के माध्यम से 1.5 लाख के निवेश पर आप टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।
Note: VPF का लाभ लेने के लिए अपने अपनी कंपनी के एचआर विभाग से संपर्क करना होगा और लिखित में बताना होगा कि आप EPF में अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का कितना प्रतिशत VPF के रूप में निवेश करना चाहते हैं।
7. ड्राइवर अलाउंस, ड्रेस अलाउंस वगैरह के बिल पर टैक्स छूट
आप जिस कंपनी में काम करते हैं, अगर कंपनी के कामों के लिए आपको lease पर गाड़ी (कार वगैरह) मिली है, तो उसके खर्च को Maintain करने के लिए जो Allowance आपको मिलता है, उस पर भी टैक्स छूट प्राप्त की जा सकती है। इस Allowance में कार के लिए पेट्रोल या डीजल, उसका रखरखाव और driver की सैलरी भी शामिल होती है।
इसी प्रकार अगर आपकी कंपनी की तरफ से कोई Uniform निर्धारित है और कंपनी की तरफ से Uniform खरीदने के लिए Allowance मिलता है तो इस पर भी टैक्स छूट मिलती है। इसी प्रकार Telephone bill, Internet Bill वगैरह के खर्चों के लिए मिले allowance होते हैं। ऐसे सभी Allowance पर Income Tax Act के Section 10 के सब सेक्शन 14(i) के तहत टैक्स छूट मिलती है। इन छूटों को पाने के लिए आपको कंपनी को केवल बिल Submit करने होते हैं।
9. अपने या बच्चों के नाम खुले PPF अकाउंट पर टैक्स छूट
जिस तरह कर्मचारियों के लिए सरकार अनिवार्य रूप से EPF Account की सुविधा उपलब्ध कराती है। उसी प्रकार सामान्य नागरिकों (गैर कर्मचारियों) के लिए Bank या Post Office में पीपीएफ (Public Provident Fund) अकाउंट खुलवाया जा सकता है। इसमें सालाना 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर Section 80 C के तहत टैक्स छूट मिलती है।
कर्मचारी भी इसमें चाहें तो (EPF के बावजूद) अलग से अपने नाम या अपने परिवार के सदस्यों के नाम PPF Account खुलवा सकते हैं। आप भी अपने नाम या अपनी पत्नी के नाम या अपने बच्चों के नाम (नाबालिग के लिए भी मान्य) PPF account खुलवा सकते हैं। और हर साल 1.5 लाख रुपए तक की जमा रकम पर Section 80C के तहत टैक्स छूट पा सकते हैं।
नोट: PPF Account अगर खुलवाना ही है तो बच्चों के नाम खुलवाना बेहतर रहता है। निवेश के वर्षों (15 साल तक) के दौरान पहले तो यह आपकी टैक्स बचत में मदद करेगा ही। 15 साल बाद जब यह PPF Account मेच्योर होगा, तब बच्चों की टैक्स प्लानिंग में मदद करेगा।
10. टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड (ELSS) में करें निवेश
अगर आप टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड्स यानी Equity Linked Saving Scheme में पैसा लगाते हैं, तो उस पर section 80 के तहत 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर टैक्स छूट मिल सकती है। (Section 80 सी के तहत)। ध्यान दें ELSS में निवेश पर तीन साल का Lock In Period होता है। यानी कि तीन साल के पहले आप इनमें से पैसा नहीं निकाल सकते। अगर ऐसा करते हैं तो आपको टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलेगा।