इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के कुछ दिन बाद, अक्सर लोगों के ई-मेल पर section 143 (1) का नोटिस आता है। ये नोटिस, सिर्फ इस बात की सूचना देने के लिए होती है कि आपने टैक्स की गणना ठीक की है कि नहीं की है। अगर आपके टैक्स भरने के बाद भी कुछ अतिरिक्त देनदारी बन रही है तो उसकी सूचना रहती है। अगर आपने कुछ ज्यादा टैक्स भर दिया है तो उतने टैक्स वापसी (refund) की भी जानकारी रहती है। लेकिन, उस नोटिस को आप बिना पासवर्ड के नहीं खोल सकते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि सेक्शन 143 (1) के नोटिस का पासवर्ड क्या होता है? इसकी मदद से आप खुद को मिले नोटिस को कैसे खोल सकते हैं? What is the password to open income tax intimation notice under section 143(1)?
सेक्शन section 143 (1) के नोटिस का पासवर्ड क्या होता है?
सेक्शन 143 (1) के तहत आए नोटिस का पासवर्ड आपके PAN कार्ड नंबर और जन्मतिथि को मिलाकर बनता है। लेकिन, इन दोनों चीजों को लिखते वक्त दो बातों को ध्यान में रखें-
- अपने PAN नंबर के सभी अक्षरों को छोटी एबीसीडी (small letters) में लिखें। जैसे कि ZXYPP6123M को लिखेंगे-zxypp6123m
- अपनी जन्मतिथि के सभी अक्षरों को DDMMYYYY फॉर्मेट में लिखें, जैसे कि 1 जनवरी 2002 को लिखेंगे-01012002
उदाहरण के लिए, अगर आपका पैन कार्ड नंबर ZXYPP6123M है और आपकी जन्मतिथि 1 जनवरी 2002 है। तो फिर, आपको मिले सेक्शन section 143 (1) के तहत नोटिस का पासवर्ड होगा –zxypp6123m01012002 .अब हम यह भी जान लेते हैं कि सेक्शन section 143 (1) के तहत नोटिस क्या होता है? और यह क्यों आता है?
सेक्शन section 143 (1) के तहत, नोटिस क्यों आता है?
सेक्शन section 143 (1) के तहत नोटिस, इस बात की सूचना होती है कि, आपने जो गणना (Calculation) करके टैक्स जमा किया है, वह इनकम टैक्स विभाग की ओर से की गई गणना से मिलान करता है या नहीं। अगर आपकी गणना और टैक्स विभाग की टैक्स गणना के बीच में अंतर हो तो यह भी बताया जाता है कि आपको कितना टैक्स और देना चाहिए था। या फिर आपको कितना टैक्स वापस (refund) लौटाया जाना है।
प्रत्येक रिटर्न की होती है कंप्यूटर से जांच (processing): दरअसल, आपका जो इनकम टैक्स रिटर्न होता है, उसमें आप अपनी साल भर की कमाई (incomes) और उन पर बने टैक्स का विवरण देते हैं। आपने जो टैक्स जमा किया है या कट गया है उसकी भी विवरण देते हैं। अगर आपका टैक्स, आपकी कमाई के मुकाबले ज्यादा कट गया है तो उसकी वापसी (Refund) के लिए क्लेम भी उसी रिटर्न के माध्यम से करते हैं।
आपकी ओर से भेजा गया इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म, जब इनकम टैक्स विभाग के पास पहुंचता है तो, इनकम टैक्स विभाग भी आपके रिटर्न में दी गई जानकारियों को चेक कराता है। यह पूरी प्रक्रिया कंम्प्यूटर आधारित (online) होती है और किसी व्यक्ति का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं होता। इनकम टैक्स की भाषा में इसे processing कहते हैं। यह प्रक्रिया बंगलुरु स्थित, Centralized Processing Center (CPC) में होती है।
इसमें इनकम टैक्स विभाग, आपकी ओर से दर्शाई गई इनकम और उस पर टैक्स की गणना की जाती है। अगर आपके रिटर्न में कोई भूल-चूक या गलती (errors) रह गई है तो उसे देखा जाता है। टैक्स की गणना या ब्याज की गणना में कोई गलती हो गई है तो इसे देखा जाता है। टैक्स के भुगतान में अगर कोई कमी या अधिकता है तो उसे भी चेक किया जाता है।
इन तीन में से किसी एक तरह की हो सकती है सूचना
किसी भी व्यक्ति के इनकम टैक्स रिटर्न की जांच और मिलान के बाद जो निष्कर्ष निकलते हैं, उनके आधार पर तीन तरह के निर्देश भेजे जाते हैं-
- No demand, No Refund: इसका मतलब है कि, आपने अपने इनकम टैक्स रिटर्न में जो डिटेल्स दिए हैं, वे इनकम टैक्स विभाग के रिकॉर्ड और गणना से मेल खाते हैं। आपको अब न तो कुछ अलग से भुगतान करना है और न ही कुछ आपको कुछ वापस मिलेगा। ऐसे नोटिस में taxes payable और refundable, दोनों के सामने शून्य (0) दिखेगा।
Additional tax demand: इसका मतलब है कि, आपने वास्तविक टैक्स देनदारी से कम टैक्स चुकाया है। हो सकता है कि आपने कोई इनकम दर्ज नहीं की है। या फिर कोई टैक्स छूट (deduction) लिमिट से ज्यादा क्लेम कर ली है। या फिर टैक्स की गणना करने में कोई गलती हो गई हो। इस कारण, आप पर कुछ देनदारी (टैक्स/ब्याज/पेनाल्टी की) निकल रही होगी। इसलिए, नोटिस के अंत में आपसे tax demand की जाती है।
Refund determined: आपने, अपनी कमाई पर बन रही, वास्तविक टैक्स देनदारी से अधिक टैक्स या ब्याज का भुगतान किया है। इसलिए आपको अतिरिक्त रकम वापस की जानी है। नोटिस के अंत में, आपको वापस (refund) होने वाली रकम भी दर्ज होगी।
ये सूचनाएं, आपको एक नोटिस के माध्यम से भेजी जाती हैं, जिसे भेजने का अधिकार, इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन सेक्शन section 143 (1) के तहत मिला है। इसलिए इसे सेक्शन section 143 (1) के तहत, नोटिस कहते हैं।
नोटिस के बाद भी की जा सकती है जांच पड़ताल
section 143 (1) के तहत, मिले नोटिस में सब कुछ ठीक होने की सूचना का का सामान्य मतलब तो यही निकलता है कि आपको आगे इनकम टैक्स संबंधी कोई प्रक्रिया नहीं करनी है। लेकिन, ये इस बात का कतई प्रमाण नहीं होता कि आगे कुछ होगा ही नहीं।
अगर, इस नोटिस के बाद भी कभी इनकम टैक्स विभाग को यह पता चलता है कि आपके इनकम टैक्स रिटर्न में दी गई आमदनी और टैक्स संबंधी सूचनाऔं ओर आपकी वास्तविक आमदनी और टैक्स संबंधी तथ्यों में अंतर है तो, कभी भी आपसे अतिरिक्त सूचनाएं मांगी जा सकती हैं। या जांच की जा सकती है और गलत पाए जाने पर कार्रवाई की जा सकती है।