इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के पहले सबको Self Assessment Tax जमा करना पड़ता है। भले ही आपकी सैलरी में से पूरा TDS कट चुका हो या बिजनेस आमदनी के हिसाब से आप पूरा Advance Tax जमा कर चुके हों। आपको रिटर्न फाइल करने के पहले Self Assessment Tax का हिसाब लगाना ही पड़ेगा और अगर टैक्स देनदारी निकलती है तो फिर उसे जमा भी करना पड़ेगा। इस लेख में हम जानेंगे कि Self Assessment Tax क्या होता है? इसके बाद यह भी जानेंगे कि Self Assessment Tax किसको चुकाना पड़ता है? और क्यों चुकाना पड़ता है। इसका भुगतान करने की अंतिम तिथि क्या होती है? लेख के अंत में हम यह भी स्पष्ट करेंगे कि elf Assessment Tax और Regular Assessment Tax में क्या अंतर होता है? Know All about Self Assessment Tax in Hindi।
सेल्फ एसेसमेंट टैक्स क्या होता है?
What is Self-Assessment Tax
Self Assessment Tax meaning in Hindi: हिंदी में इसका मतलब होता है- स्वत: निर्धारित कर। इसे Self Assessment Tax इसलिए कहा जाता है, क्योंकि आपको खुद अपनी आमदनी की गणना करके, उस पर खुद ही अपनी टैक्स देनदारी (Tax Liability) का आकलन (Calculation) करना पड़ता है। आयकर रिटर्न दाखिल करने के पहले आपको Self Assessment Tax (अगर कुछ बनता है तो) जमा करना पड़ता है।
बैलेंस टैक्स भी कहते हैं: Self Assessment Tax के माध्यम से उन लोगों को भी बचा-खुचे income Tax का हिसाब कर देना पड़ता है, जिनका TDS कटता है या Advance Tax जमा होता है। इसलिए इसे balance Tax भी कहते हैं। बस इसकी गणना करने की जिम्मेदारी आपकी खुद की होती है। इसलिए इसे Self Assessment Tax का नाम दिया गया है।
सेल्फ असेसमेंट टैक्स की जरूरत कब और क्यों पड़ती है?
Self Assessment Tax, दरअसल आपकी टैक्स देनदारियों का अंतिम हिसाब होता है। वित्त वर्ष खत्म होने के बाद जो भी टैक्स देनदारी बनती है वो सेल्फ असेसमेंट टैक्स मानी जाती है। एक Taxpayer को किन स्थितियों में Self Assessment Tax जमा करना पड़ता है, आइए जानते हैं।
- 10 हजार से कम इनकम टैक्स बनता हो: अगर आप salaried नहीं है और आपकी कमाई पर टैक्स 10,000 रुपए से कम बनता है तो आपको एडवांस टैक्स जमा करने की जरूरत नहीं है। ऐसे में वित्त वर्ष खत्म होने के बाद जो भी टैक्स बनता है वो सेल्फ असेसमेंट टैक्स होगा।
- कम एडवांस टैक्स जमा किया हो तो: Financial Year के दौरान Advance Tax जमा करते समय हो सकता है कि आप किसी Income का टैक्स न जमा कर पाए हों। कभी ऐसा भी हो सकता है कि आप पूरी की पूरी Advance Tax की किस्त ही न जमा कर पाए हों। भूलवश, जानकारी न होने पर, समय की कमी से या किसी अन्य कारण से ऐसा हो सकता है।
- देनदारी से कम TDS कटा हो तो भी: TDS को लेकर आप अपनी कंपनी को अपने सभी निवेशों की ठीक जानकारी न दे पाए हों, जिससे आपका TDS कम कटा हो। ये बकाया रकम आपको Self Assessment tax के रूप में जमा करनी पड़ती है। अक्सर लोग बैंक जमाओं (Savings और FDs दोनों) पर मिलने वाला ब्याज, किसी संपत्ति पर short term capital gains आदि की सूचना अपने employer को देना भूल जाते हैं।
इनके अलावा भी अगर किसी कारण से आपकी समझ में आता हे कि आपने उस वित्त वर्ष के दौरान कम इनकम टैक्स का भुगतान किया है तो बकाया टैक्स की गणना करके Self Assessment Tax के माध्यम से चुकता कर सकते हैं। आयकर रिटर्न जमा करने के पहले आपको ये काम पूरा कर लेना होगा।
सेल्फ असेसमेंट टैक्स जमा करने की अंतिम तिथि क्या होती है?
सेल्फ असेसमेंट टैक्स के लिए, कोई निश्चित अंतिम तारीख नहीं होती। लेकिन, सेल्फ असेसमेंट टैक्स का पेमेंट, इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने से पहले हो जाना चाहिए। अब चूंकि वित्तीय वर्ष खत्म होने के ठीक बाद, 31 जुलाई तक रिटर्न भरना अनिवार्य है, इसलिए इसी तारीख (असेसमेंट ईयर की 31 जुलाई) को सेल्फ असेसमेंट ईयर के लिए भी अंतिम तारीख मान सकते हैं।
लेकिन, बेहतर होगा कि, जितना जल्दी संभव हो इसे जमा कर दें। इससे आप बची हुई Tax देनदारी पर बढ़ रहे ब्याज से बच सकेंगे। इससे एक और फायदा होगा। Return भरने अंतिम दिनों में इनकम टैक्स विभाग की साइट पर जो Traffic का भारी बोझ बढ़ जाता है। इससे Server Down होने या साइट न खुलने की समस्या भी हो सकती है। कम से कम आपको इस परेशानी से नहीं जूझना होगा।
सेल्फ असेसमेंट टैक्स की गणना कैसे करें?
- Step 1: अपने इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार अपनी साल भर की कुल आमदनी पर बनने वाला कुल इनकम टैक्स की गणना कर लीजिए।
- Step 2: एडवांस टैक्स का जो हिस्सा आपने नहीं जमा किया है, उस पर लगने वाला ब्याज भी जोड़ लीजिए। Section 234A/234B/234C के मुताबिक।
- Step 3: टोटल इनकम टैक्स और बकाया एडवांस टैक्स की ब्याज को जोड़ने से मिली रकम से Section 90/90A/90 के तहत मिलने वाली राहत की रकम को घटा दीजिए।
- Step 4: बची रकम से MAT (Minimum Alternate Tax) Credit को भी घटा दीजिए। MAT किसी कंपनी की ओर से भरा गया वह न्यूनतम वैकल्पिक टैक्स होता है, जो उसे लाभ होने की स्थिति में भरना ही पड़ता है।
- Step 5: अब इस रकम में से जो Advance Tax की रकम साल भर में आप जमा कर चुके हैं, उसे घटा दीजिए। TDS या TDC कटा है तो उसका साल भर का Total भी घटा दीजिए। बची रकम ही आपका self-assessment tax होगी। इसे रिटर्न दाखिल करने के पहले जमा करना होगा।
ध्यान रखें कि, सामान्यतया इसे लोग 31 मार्च के बाद ही भरते हैं। इसलिए जो भी टैक्स देनदारी बचती है, वह विलंब से ही जमा हो पाती है। तो, इसके लिए आपको section 234B and 234C के तहत उस पर ब्याज भी भरना पड़ेगा। ये ब्याज की रकम आपके ब काया टैक्स की रकम के साथ जुड़कर self-assessment tax के रूप में जमा हो जाएगी।
सेल्फ असेसमेंट टैक्स जमा करने का तरीका
अगर आप टैक्स जमा करने जा रहे हैं, चाहे यह Advance Tax हो या Self Assessment या Regular Assessment tax आपको सबसे पहले Tax Payment Challan, ITNS 280 की जरूरत पड़ती है। इसी की मदद से आप अपना टैक्स या बकाया टैक्स जमा कर पाते हैं। Challan की मदद से आप दो तरीके से टैक्स जमा कर सकते हैं।
ऑनलाइन पेमेंट करना
आप Income Tax Department की वेबसाइट पर login करके खुद भी Online टैक्स भुगतान कर सकते हैं। महज कुछ आसान Steps में ये पूरी प्रक्रिया आप निपटा सकते हैं। ऑनलाइन, टैक्स पेमेंट के लिए आगे दिए गए लिंक पर जा सकते हैं-https://onlineservices.tin.egov-nsdl.com/etaxnew/tdsnontds.jsp
लेकिन, ध्यान रखें कि सेल्फ असेसमेंट टैक्स के online पेमेंट का विकल्प आप तभी अपना पाएंगे, जबकि इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा आपके पास मौजूद हो या फिर डेबिट कार्ड की मदद से भी भुगतान कर सकते हैं।
बैंक ब्रांच में जाकर पेमेंट करना
आप बैंक की अधिकृत branch में जाकर वहां cheque या cash के माध्यम से टैक्स जमा कर दीजिए। इसे Offline पेमेंट या physical payment Method कहते हैं। वैसे ऑनलाइन Income Tax Payment की सुविधा शुरू होने के बाद इसका प्रयोग अब लगभग खत्म हो गया है।
चेक करें कि टैक्स जमा हुआ कि नहीं
आप अपने टैक्स एकाउंट से जुड़े Form 26AS को चेक करिए। इसके Part C में TDS या TCS को छोड़कर बाकी जो भी टैक्स आपकी ओेर से जमा हुआ है, उसका details होता है। यानी कि आपने जब—जब जितना भी Advance Tax या Self Assessment Tax जमा किया है, उसका पूरा स्टेटमेंट Form 26AS में आपको दिख जाएगा।
Self Assessment Tax और Regular Assessment Tax में अंतर
सेल्फ असेसमेंट टैक्स: जब आप अपने आप अपने इनकम टैक्स का हिसाब लगाकर उसे सरकार के पास जमा कर देते हैं तो उसे Self Assessment Tax कहते हैं। आयकर रिटर्न दाखिल करने के पहले आपको यह काम करना पड़ता है।
रेगुलर असेसमेंट टैक्स: अगर आपने Self Assessment Tax में अपनी टैक्स देनदारी (Tax liability), अपनी आमदनी की तुलना में कम करके दिखाई है तो इनकम टैक्स विभाग आपके इनकम टैक्स की खुद गणना करता है। जो बकाया इनकम टैक्स आप पर निकलता है, उसे जमा करने के लिए नोटिस भेजता है। नोटिस मिलने के 30 दिन के अंदर आपको उस बकाया टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। ये जो बकाया टैक्स आप पर इनकम टैक्स विभाग ने निकाला है, उसे Regular Assessment Tax कहते हैं।