अगर आपके घर में 10 वर्ष से कम उम्र की बेटियां हैं तो उनके लिए सुकन्या समृद्धि योजना का खाता खुलवा लेना ठीक रहता है। यह सरकारी योजना है, जिसमें आप हर साल 250 रुपए से लेकर 1.5 लाख रुपए तक जमा कर सकते हैं। इस योजना की मदद से आप थोड़ा-थोड़ा पैसे जमा करके लाख रुपए से लेकर 67 लाख रुपए तक की रकम इकट्ठा वापस पा सकते हैं। उन पैसों को आप बड़े होने तक, उच्च शिक्षा, करियर या विवाह जैसे महत्वपूर्ण कामों के लिए, इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस लेख में हम जानेंगे कि सुकन्या समृद्धि योजना के नुकसान क्या हैं? कौन से ऐसे 12 कारण हैं, जिनके कारण ये लंबे समय में नुकसान का सौदा साबित हो सकती है।
What are the disadvantages of Sukanya Samriddhi Account in Hindi.
सुकन्या समृद्धि योजना के नुकसान
सुकन्या समृद्धि योजना के नियमों और प्रतिबंधों के कारण, इसमें निवेश करने वालों को जो नुकसान होते हैं, वे निम्नलिखित हैं-
1. बहुत लंबे समय तक फंसा रहता है आपका पैसा
सुकन्या समृद्धि योजना का अकाउंट 21 साल तक चलता है। इतने लंबे समय तक आपको मेच्योरिटी का इंतजार करना पड़ता है। हालांकि, पैसा आपको सिर्फ 15 साल ही जमा करने की छूट होती है। लेकिन अकाउंट उसके बाद भी अगले 6 साल तक जारी रहता है। पहले जमा हो चुके पैसे पर ब्याज जुड़ता रहता है। जब अकाउंट के 21 साल पूरे होते हैं, तब जाकर आपकी जमा और ब्याज को मिलाकर पैसा वापस मिलता है।
हालांकि, लड़की की शादी के लिए के लिए, अकाउंट बंद करने और पैसा निकालने की छूट होती है। कुछ अन्य विशेष परिस्थितियों में भी 5 साल बाद पैसा निकालने की अनुमति होती है, लेकिन सामान्य स्थितियों में तो 21 साल इंतजार करना ही पड़ता है। निवेश की दृष्टि से, 21 साल काफी लंबी अवधि होती है। इतने लंबे समय तक, पैसे का इंतजार काफी मुश्किल होता है।
2. हर साल अधिकतम जमा की भी एक सीमा तय है
सुकन्या समृद्धि योजना में आप अधिकतम सिर्फ 1.50 लाख रुपए तक ही जमा किए जा सकते हैं। आपके पास जमा करने के लिए जो 15 साल तक की छूट होती है, उतनी अवधि में आप सिर्फ 22.50 लाख रुपए तक जमा कर पाते हैं। यही पैसा ब्याज के साथ जब वापस मिलता है तो 65 लाख रुपए के आसपास हो जाता है। अगर आप इससे अधिक रकम इकट्ठा करना चाहते हैं तो सुकन्या योजना आपका काम पूरा नहीं करती। आपको बचत के अन्य उपायों जैसे कि FD, PPF, NSC वगैरह की मदद लेनी पड़ सकती है।
3. न्यूनतम जमा नहीं कर पाए तो पेनाल्टी लग जाती है
सुकन्या समृद्धि खाता में अगर आप किसी साल 250 रुपए की आवश्यक न्यूनतम जमा (Minimum Deposit) नहीं कर पाते हैं तो फिर आपको 50 रुपए पेनाल्टी भरनी पड़ती है। बीच में जितने साल तक आप ये 250 रुपए की आवश्यक न्यूनतम जमा नहीं कर पाए हैं, हर साल के लिए 50-50 रुपए पेनाल्टी जोड़कर जमा करनी पड़ती है। साथ में जो न्यूनतम रकम बकाया है उसे भी एक साथ जमा करना पड़ता है।
4. कुछ अन्य निवेश विकल्पों में इससे ज्यादा रिटर्न मिलता है
बैंकों की जमा योजनाओं से तुलना करें तो जरूर सुकन्या समृद्धि योजना के ग्राहक फायदे में दिखते हैं। क्योंकि इसकी ब्याज दर, सारी सरकारी योजनाओं से ज्यादा होती है। इन सबके बावजूद, निवेश बाजार में तमाम ऐसे विकल्प मौजूद हैं जो कि सकुन्या समृद्धि योजना से ज्यादा ब्याज देते हैं।
उदाहरण के लिए, ELSS में पैसा लगाने वाले भी औसतन 12 से 14 % तक रिटर्न पा जाते हैं। कई म्यूचुअल फंड्स भी सुकन्या समृद्धि योजना से बेहतर रिटर्न दे देते हैं। एक समझदार शेयर निवेशक भी 14 से 18% तक के रिटर्न पा जाता है।
5. हर तीन महीने में, ब्याज दर बदलने की आशंका रहती है
भारत सरकार हर तिमाही (Quarter) के लिए सुकन्या समृद्धि योजना की नई ब्याज दर घोषित करती है। बदली हुई ब्याज दर सभी नए और पुराने खातों में जमा पैसों पर लागू हो जाती है। इस तरह से मार्केट में घटती-बढ़ती ब्याज दरों का आपकी जमा रकम पर भी प्रभाव पड़ता है। ये आपके निवेश के रिटर्न को थोड़ा अनिश्चित बना देते हैं। हालांकि, सामान्य बचत योजनाओं के मुकाबले सरकार, सुकन्या समृद्ध योजना पर कुछ ज्यादा ही ब्याज दर रखती है, लेकिन फिर भी बदलती हुई ब्याज दर, इसमें लंबे निवेश की इच्छा रखने वालों का आकर्षण कम कर देती है।
6. दस साल से बड़ी उम्र की लड़की के लिए खाता नहीं खुल सकता
सबसे बड़ा जो प्रतिबंध सुकन्या समृद्धि योजना के साथ जुड़ा हुआ है, वह है कि इसे सिर्फ वो लोग खुलवा सकते हैं, जिनके कोई बेटी है। वो भी सिर्फ 10 साल से छोटी हो। देखा जाए तो, अक्सर लड़कियों की शादी के बारे में लोग थोड़ी बड़ी होने पर सोचना शुरू कते हैं। अब अगर कोई माता-पिता 12 साल की लड़की होने पर उसकी शादी या प्रोफेशनल एजुकेशन के बारे में निवेश की सोचते हैं तो फिर सुकन्या सममृद्धि योजना उनकी कोई मदद नहीं करती। ऐसे माता-पिता या अभिभावकों को किसी अन्य निवेश उपाय का सहारा लेना पड़ता है।
7. तीसरी लड़की के लिए नहीं खुलवा सकते सुकन्या समृद्धि अकाउंट
सुकन्या समृद्धि योजना के साथ एक और शर्त जुड़ी होती है कि, आप यह अकाउंट सिर्फ दो लड़कियों के लिए खुलवा सकते हैं। अगर आपके पास दो से अधिक लड़कियां है तो फिर तीसरी या चौथी लड़की के लिए यह अकाउंट नहीं खुलवाया जा सकता। ये शर्त भी इस योजना की एक बड़ी कमी उजागर करती है। इससे बहुत सी लड़कियां एक अच्छी योजना का लाभ नहीं उठा पातीं। हालांकि, ग्राह्कों की सुविधा के लिए, हम यह बताए चलते हैं कि, अगर दूसरी लड़की, जुड़वा (Twins) या तिड़वा (Triplets) के रूप में पैदा हुई हैं तो फिर आप तीसरी या चौथी लड़की के लिए सुकन्या समृद्धि अकाउंट खुलवा सकते हैं।
8. माता-पिता के अलावा अन्य सगे-संबंधी खाता नहीं खुलवा सकते
किसी लड़की के नाम, सुकन्या समृद्धि खाता, सिर्फ उसके माता-पिता ही खोल सकते हैं। या फिर कानूनी प्रक्रिया पूरी करके लड़की को गोद लेने वाले अभिभावक को ही ये अकाउंट खुलवाने की छूट है। ये एक बड़ा प्रतिबंध है। अगर लड़की के दादा-दादी , नाना-नानी या बड़े भाई-बहन उसके नाम सुकन्या समृद्धि अकाउंट खुलवाना चाहें तो नहीं खुलवा सकते। हालांकि, माता-पिता के जीवित न रहने पर दादा-दादी या कोई भी संबंधी गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया पूरी करके ये खाता खुलवा सकते हैं।
9. अंत में, पैसा भी अभिभावक की बजाय लड़की को मिलता है
सुकन्या समृद्धि अकाउंट, लड़की के माता-पिता (Parents) या कानूनी अभिभावक (Legal Parents) की ओर से खोला जाता है। उस अकाउंट में पैसा भी सामान्यत: लड़की के माता-पिता या कानूनी अभिभावक की ओर से जमा किया जाता है। लेकिन, जब पैसा मिलने की बारी आती है तो पैसा अभिभावक को नहीं मिलता। बल्कि, उस लड़की को मिलता है, जिसके नाम वह अकाउंट होता है।
क्योंकि लड़की के 18 वर्ष की उम्र पूरी होने पर, सुकन्या अकाउंट, उसी लड़की के नाम हे जाता है। नए सिरे से उस लड़की के केवाईसी डॉक्यूमेंट्स (फोटो, पहचान और प्रमाण संबंधी डॉक्यूमेंट्स) जमा करके अकाउंट को संचालन के पूरे अधिकार उसे दे दिए जाते हैं। और दूसरे प्रकार के निवेश उपायों में ऐसा प्रतिबंध नहीं होता।
10. पांच साल के पहले सुकन्या योजना खाता बंद नहीं कर सकते
सुकन्या समृद्धि योजना का खाता खोलने के बाद आप उसे 5 साल के पहले बंद नहीं कर सकते। खाता बंद करने के लिए भी तगड़ी शर्तें हैं, जैसे कि उस लड़की की मौत या उसके अभिभावक की मौत होने पर ही बीच में खाता बंद करने की छूट है। या फिर लड़की को कोई जानलेवा बीमारी होने पर इलाज के लिए ही खाता बंद कर सकते हैं, वह भी अकाउंट के 5 साल पूरे होने पर। साथ में ऐसे किसी कारण के उत्पन्न होने पर, उसके प्रमाण के रूप में डॉक्यूमेंट्स भी प्रस्तुत करने पड़ते हैं।
11. शिक्षा के लिए सिर्फ 50% तक ही निकालने की अनुमति
आज की दुनिया में नए लड़के और लड़कियों के लिए अच्छी पढ़ाई और करियर बहुत महत्वपूर्ण हो गए हैं। लेकिन ज्यादातर मजबूत करियर वाली पढ़ाई बहुत महंगी भी हो चुकी है। डॉक्टरी, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, अकाउंटिंग, डिजाइनिंग, हॉस्पिटैलिटी, कानून वगैरह किसी भी सेक्टर में क्वालिटी एजुकेशन के लिए लाखों रुपए की जरूरत पड़ती है। लेकिन सुकन्या समृद्धि योजना में उच्च शिक्षा के लिए सिर्फ बैलेंस का आधा पैसा (50% तक) ही निकालने की अनुमति होती है। ये प्रतिबंध, अपनी बच्चियों के लिए बड़े करियर का सपना देखने वाले अभिभावको के लिए इस योजना को कम आकर्षक बना देता है।
12. मेच्योरिटी के बाद खाता-विस्तार की अनुमति नहीं
सुकन्या समृद्धि खाता की 21 साल की मेच्योरिटी अवधि पूरी होने के बाद उसे बंद करना पड़ता है। अगर आपको उस समय पैसों की जरूरत नहीं है तो भी आप अकाउंट की अवधि आगे नहीं बढ़वा सकते। जबकि इस तरह की अन्य सरकारी जमा योजनाओं में खाता-विस्तार (Extension) कराने की सहूलियत रहती है।
जैसे कि PPF अकाउंट में मेच्योरिटी के बाद भी अगले 5 साल के लिए खाता-विस्तार करा सकते हैं। FD अकाउंट को तो आप पिछली अवधि के बराबर ही फिर से खाता-विस्तार करा सकते हैं। सीनियर सिटिजन सेविंग अकाउंट को मेच्योरिटी के बाद अगले 3 साल का खाता-विस्तार करा सकते हैं।