भारत में अगर आप 5 लाख रुपए से अधिक सैलरी पाते हैं तो कंपनी TDS काट लेती है। इसी तरह बैंक में जमा पैसों पर अगर साल भर में 40 हजार रुपए से अधिक ब्याज मिलता है तो उस पर भी TDS कट जाता है। इसी प्रकार, एक निर्धारित सीमा से अधिक किराया, कमीशन, लाभांश, पुरस्कार वगैरह मिलने पर भी TDS काटने के नियम हैं।
इस लेख में हम बताएंगे कि टीडीएस कटौती की वर्तमान दरें (2022-23) क्या हैं? किस तरह की आय (Income) पर कितना TDS कटता है और कब काटा जाता है? What are the current TDS rates in Hindi.
टीडीएस कटौती की दरें 2022-23 | Rates of TDS Deduction
TDS का फुल फॉर्म होता है-TAX DEDUCTED AT SOURCE। इसका हिंदी में मतलब होता है-आय के स्रोत पर टैक्स की कटौती।
दरअसल, जो कंपनी, व्यक्ति या संस्था आपको पैसों का भुगतान करती है, वह आपकी आय (Income) का स्रोत (Source) होती है। यानी कि कंपनी, बैंक, किराएदार वगैरह आमदनी के स्रोत होते हैं। ऐसा कोई स्रोत, जब एक निश्चित सीमा से अधिक आमदनी देने से पहले टैक्स काट लेता है तो उस तरीके को Tax Deducted at Source (TDS) या स्रोत पर टैक्स कटौती कहते हैं।
भारत सरकार ने, कुछ खास तरह की आमदनी (incomes) को चिह्नित किया है, जिनको एक सीमा से अधिक होने पर, किसी को देने के पहले ही टैक्स (TDS) काटकर सरकार के पास जमा कर दिया जाना चाहिए। हर तरह की आमदनी के लिए टैक्स की दर अलग-अलग होती है। इस लेख में हमने सिर्फ भारतीय नागरिकों (Citizens Of India) और एचयूएफ (Hindu Undivided Family) पर लागू TDS की दरों के बारे में जानकारी दी है।
1.सैलरी और पेंशन के भुगतान पर TDS की दर
– टैक्स स्लैब के हिसाब से
Section 190: सैलरी और पेंशन पर TDS की दर, income tax slab के हिसाब से तय होती है। जितनी ज्यादा आपकी आमदनी होती है, उतना ज्यादा TDS कटौती की जाएगी। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए इनकम टैक्स स्लैब इस प्रकार है।—
2.5 लाख रुपए से कम वाले हिस्से पर | कोई टैक्स नहीं (Nill) |
2.5 लाख से 5 लाख के बीच वाले हिस्से पर | 5% (इस पर भी Section 87A के तहत 12500 रुपए का रिबेट मिल जाता है, और कुछ नही चुकाना पड़ता) |
5 लाख से 7 लाख के बीच वाले हिस्से पर | 10% |
7.5 लाख से 10 लाख के बीच वाले हिस्से पर | 15% |
10 लाख से 12.5 लाख के बीच वाले हिस्से पर | 20% |
12.5 लाख से 15 लाख के बीच वाले हिस्से पर | 25% |
15 लाख रुपए से अधिक वाले हिस्से पर | 30% |
2. ब्याज के रूप में हुई आमदनी पर TDS दर
10%
Section 194A: Bank या Post Office में जमा पैसों पर (Saving Account, FD, RD वगैरह) पर ₹40 हजार सालाना से अधिक ब्याज मिलने पर 10% के हिसाब से TDS काटने का नियम है। लेकिन, बुजुर्ग नागरिकों (60 वर्ष से अधिक उम्र) को बैंक जमाओं से मिलने वाली सालाना 50 हजार रुपए तक के ब्याज को टैक्स (TDS) से छूट दे दी गई है।
Note : बैंकों के अलावा अगर आपको किसी अन्य तरह के संस्थान से, आपकी जमा पर ब्याज के रूप में सालाना 5000 रुपए से अधिक आमदनी होती है तो 10% की दर से TDS काटने का नियम है।
3. प्रोविडेंट फंड के पैसों को 5 साल के पहले निकालने पर
10%
Section 192A : इंम्प्लाई प्रोविडेंट फंड (EPF) की रकम अगर आप अकाउंट शुरू होने के 5 साल के भीतर निकालते हैं तो भी आपकी कंपनी या नियोक्ता उस पर 10% TDS काट सकता है। लेकिन, अगर यह रकम 50 हजार रुपए से कम है तो TDS नहीं कटेगा। हालांकि, इस TDS से बचने के लिए आप पीएफ withdrawal form के साथ फॉर्म 15G जमा कर सकते हैं।
मेच्योर्ड बीमा पॉलिसी के भुगतान पर
1%
Section 194DA: अक्सर लोगों की धारणा होती है कि जीवन बीमा पॉलिसी (Life Insurance Policy ) पूरी तरह Tax Free होती है। लेकिन, वास्तव में, यह सिर्फ कुछ शर्तों के पूरी होने पर ही Tax Free होती है। अन्यथा, जीवन बीमा पॉलिसी की मेच्योरिटी पर भी 1 % TDS काटे जाने का नियम है। जीवन बीमा पर TDS कब कटेगा, आइए जानते हैं—
अगर आपकी सालाना आमदनी टैक्स जमा करने लायक है, तो जीवन बीमा पॉलिसी की मेच्योरिटी पर 1 लाख रुपए से अधिक के भुगतान पर भी 1 % TDS टीडीएस कटेगा। यह TDS उन सभी जीवन बीमा पॉलिसी पर लागू होता है, जिनमें मेच्योरिटी के समट मिलने वाली रकम (Sum Assured) उनके वार्षिक प्रीमियम के 10 गुना से कम है।
लेकिन, पॉलिसी धारक की मौत होने पर जीवन बीमा Policy के रूप में मिलने वाली रकम पूरी तरह टैक्स फ्री (Completely Tax Free) ही होगी। (Section 10(10D) के अनुसार)
4. प्रोफेशनल या तकनीकी सेवा के भुगतान पर
10%
Section 194J: अगर कोई संस्थान किसी व्यक्ति को उच्च प्रोफेशनल या तकनीकी सेवा के बदले सालाना 30 हजार रुपए या इससे अधिक का भुगतान करता है तो 10% की दर से TDS काटकर वह बाकी रकम का भुगतान करेगा।
प्रोफेशनल सेवाओं से मतलब, मेडिकल, Legal, इंजीनियरिंग, ऑर्किटेक्चर, अकाउंटेंसी, कंपनी सेक्रेटरी, इंटीरियर डेकोरेशन, एडवर्टाइजिंग व अन्य ऐसी ही उच्च स्किल वाली सेवाओं को खुद करके देने से है से है, जिनका उल्लेख सेक्शन 44AA में किया गया है। Event Managers, Sports persons, Commentators, Anchors, Umpires ,Referees, Coaches, Trainers वगैरह की सेवाएं भी इसी श्रेणी में आती हैं।
तकनीकी सेवाओं से मतलब Technical, Managerial या Consultancy services व ऐसी ही अन्य सेवाओं लिए परामर्श देने भर से है जिनका section 194J में उल्लेख किया गया है। जैसे कि Finance Planner की सलाह के लिए भुगतान करना।
5. जमीन या बिल्डिंग से किराए की आमदनी पर
5%
Section 194 IB: जमीन या बिल्डिंग के किराए के रूप में अगर आप हर महीने 50 हजार या इससे अधिक आमदनी पाते हैं, तो किराए की रकम पर 5% की दर से TDS कटेगा। जो व्यक्ति किराया चुकाएगा, उसकी जिम्मेदारी होगी कि वह किराया देने से पहले TDS काट ले और बाकी रकम जमीन या बिल्डिंग के मालिक को भुगतान करे।
अगर कोई संस्था किराया चुकाती है तो TDS काटने का नियम और सख्त हो जाता है। ऐसी स्थिति में अगर किराया सालाना 2,40,000 से ज्यादा होगा तो किरायेदार TDS काटकर पेमेंट करेगा। टीडीएस की दर भी 10% की होगी।
6.प्लांट या मशीनरी से किराए की आमदनी पर
2%
Sectio 194 I: प्लांट या मशीनरी के किराए के रूप में अगर सालाना 2,40,000 या इससे अधिक का भुगतान पाते हैं तो अतिरिक्त रकम पर 10 फीसदी की दर से TDS कटेगा। जो संस्था किराया चुकाएगी, उसकी जिम्मेदारी होगी कि वह किराया चुकाने से पहले TDS काट ले और बाकी रकम प्लांट या मशीनरी के मालिक को भुगतान करे।
7. बीमा एजेंट के कमीशन, या शेयर दलाल के कमीशन पर
5%
- Section 194D: इंश्योरेंस कमीशन के लिए
- Section 194H: ब्रोकरेज पर टीडीएस के लिए
बीमा एजेंट को कमीशन के रूप में 15 हजार सालाना से अधिक का भुगतान पर 5 % TDS काटने का नियम है। पॉलिसी कमीशन पर TDS का यह नियम पॉलिसी के Renew कराने या दोबारा एक्टिव (Revival) कराने पर भी लागू होता है। इसी तरह शेयरों की खरीद व बिक्री पर कमीशन के रूप में 15 हजार सालाना से अधिक के भुगतान पर 5 प्रतिशत TDS काटने का नियम है।
8. ठेके , उपठेके या विज्ञापन के भुगतान पर
1% – व्यक्ति/HUF के लिए, 2% कंपनियों के लिए
Section 194C: किसी काम का ठेका लेने पर, प्रति ठेका 30 हजार या सालाना 1 लाख रुपए से अधिक के भुगतान पर 1 प्रतिशत TDS काटने का नियम है। ठेका पर काम पूरा होने के बाद जो भुगतान किया जाएगा, उस पर TDS काटा जाएगा।
सभी सरकारी या प्राइवेट कंपनी, संस्थान, फर्म या व्यक्तियों की ओर से ठेका पर काम कराने के बदले भुगतान पर यह नियम लागू होता है।
8.कृषि भूमि के अलावा अचल संपत्ति की बिक्री या अधिग्रहण पर
1%
Section 194IA: कृषि जमीन को छोड़कर अगर आप किसी तरह की अचल संपत्ति (जमीन, मकान, दुकान वगैरह) को बेचने पर जो रकम मिलती है उस पर भी 1% का TDS कटता है। अगर ऐसी संपत्ति के अधिग्रहण (Aquisition) के बदले मुआवजा मिलता है तो उस भी 1% TDS चुकाने का नियम है। लेकिन, यह TDS सिर्फ उन सौदों पर ही काटे जाने का नियम है, जब प्रॉपर्टी की कीमत 50 लाख रुपये या इससे अधिक हो।
10.लॉटरी, quiz, कॉर्ड गेम या हॉर्स रेस में इनाम जीतने पर
30%
Section 194B: लॉटरी, कार्ड गेम में जीती रकम के लिए
Sectio 194BB: होर्स रेस में जीती रकम के लिए \
आमदनी के नियमित स्रोतों या पेशेवर कमाई के अलावा अगर आपको कोई रकम हासिल होती है जैसे कि लॉटरी, क्रॉसवर्ड पजल, कार्ड गेम के माध्यम से जीती गई रकम तो उस पर एकमुश्त 30 % की दर से TDS कटेगा। Horse racing में जीती रकम पर भी 30 % TDS कटता है। इसी प्रकार बड़ी रकम वाली क्विज या परफॉर्मिंग से जुड़े कंपटीशन में जीती हुई रकम पर भी 30 % की दर से TDS काटने का नियम है।