अब कई बैंक, लोगों को वीडियो केवाईसी की मदद से घर बैठे अकाउंट खुलवाने की सुविधा देने लगे हैं। इसमें आपके आधार कार्ड और पैन कार्ड का ऑनलाइन वैरिफिकेशन कर लिया जाता है। आपकी फोटो भी ऑनलाइन ले ले जाती है और फिर अकाउंट भी ऑनलाइन खोल दिया जाता है। 2023 के बजट में भी, सरकार ने घोषणा की है कि जन-धन खातों के लिए भी वीडियो केवाईसी का इस्तेमाल किया जाएगा। हमारे ई-मेल पर आने वाले प्रश्नों में कई लोगों वीडियो केवाईसी के बारे में जानकारी मांगी थी।
इस लेख में हम बताएं कि वीडियो केवाईसी क्या होती है? इसके क्या फायदे हैं? और यह कैसे होती है? इसके बाद हम यह भी बताएंगे कि वीडियो केवाईसी का इस्तेमाल करके आप बैंक अकाउंट कैसे खुलवा सकते हैं?
What is Video KYC in Hindi? What are its benefits?
वीडियो केवाईसी क्या होती है? What is Video KYC
वीडियो केवाईसी ऐसी प्रक्रिया होती है, जिसमें ग्राहक की फोटो, पहचान (Identity) और पता (Address) वगैरह का वैरिफिकेशन, बिना उसके बुलाए, सिर्फ वीडियो कॉल की मदद से पूरा कर लिया जाता है। वीडियो कॉल की मदद से ही आपकी फोटो भी खींचकर जमा कर ली जाती है और खाता खोलने का फॉर्म भी भरा लिया जाता है। इस प्रकिया को पूरी करने के लिए आपके आधार कार्ड नंबर, पैन कार्ड नंबर वगैरह लिए जाते हैं। या फिर ऐसे डॉक्यूमेंट्स की इलेक्ट्रॉनिक कॉपियों (e-documents) को स्वीकार कर लिया जाता है। OTP या डिजिटल सिग्नेचर की मदद से आपकी सहमति भी ले ली जाती है।
वीडियो केवाईसी के लिए जरूरी शर्तें
- वीडियो केवाईसी कराने वाले व्यक्ति की उम्र 18 वर्ष पूरी होनी चाहिए। वह व्यक्ति भारत का नागरिक (Resident Indian individuals) होना चाहिए। सिर्फ व्यक्तिगत (Individuals) को ही इस्तेमाल की अनुमति, HUF या फर्म या कंपनी को नहीं
वीडियो केवाईसी के अन्य नाम
- बैकों और गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (NBFCs) ने वीडियो केवाईसी की इस प्रक्रिया को Video-Based Customer Identification Process (V-CIP) का नाम दिया गया है। निवेश से जुड़ी SEBI-registered intermediaries ने इस काम के लिए VIPV सिस्टम (Video In Person Verification) विकसित किया है। इंश्योंरेंस कंपनियों ने वीडियो केवाईसी के लिए VBIP सिस्टम (Video-based Identification Process) चालू किया है।
- वीडियो केवाईसी में खाता खुलवाने की सारी प्रक्रिया घर बैठे हो जाती है और बैंक ब्रांच जाने की जरूरत नहीं पड़ती। सारे डॉक्यूमेंट्स की डिजिटल कॉपी लग जाती है और कागजी दस्तावेज नहीं जमा करने पड़ते आपके सारे डिटेल्स ऑनलाइन दर्ज होने से गलती होने की गुंजाइश कम रहती है फोटोकॉपी वगैरह न लगने से आपका पैसा बचता है और कोई अन्य शुल्क भी नहीं लगता
वीडियो केवाईसी शुरू करने के पहले, आपके कुछ चीजें तैयार हालत में होनी चाहिए-
- आधार कार्ड नंबर: आपकी पहचान वैरिफाई करने के लिए, आधार कार्ड नंबर से जुड़े मोबाइल नंबर पर ही ओटीपी भेजा जाता है। पैन कार्ड (PAN Card): अपने पैन कार्ड की ओरिजनल कॉपी तैयार रखें। किसी भी तरह के बैंक अकाउंट, डीमैट अकाउंट या निवेश अकाउंट के लिए अब पैन कार्ड डिटेल्स देना अनिवार्य है। सादा कागज और पेन (Blank-paper-pen): अपने हस्ताक्षर करने के लिए सादा सफेद कागग और काला या नीले रंग का पेन तैयार रखें वीडियो कैमरा युक्त मोबाइल या कंप्यूटर या लैपटॉप या टैबलेट इंटरनेट कनेक्शन: वीडियो कॉल पर बातचीत के लिए इंटरनेट डाटा या कनेक्शन होना चाहिए
वीडियो केवाईसी कैसे होती है? How to do Video KYC
यहांं हम बैंक में अकाउंट खुलवाने के लिए Video KYC करने की प्रक्रिया के स्टेप्स बता रहे हैं। अन्य बैंकों में भी वीडियो केवाईसी के लिए लगभग इसी तरह वीडियो केवाईसी होती है-
- स्टेप 1: आपको बैंक की वेबसाइट पर जाकर या फिर tele-calling के माध्यम से वीडियो केवाईसी के लिए, appy करना होगा। और V-KYC के लिए मुलाकात का समय ( Appointment) लेना होगा।
- स्टेप 2: बैंक की ओर से, आपको एक लिंक भेजा जाएगा। उस लिंक पर जाकर आप अपने व्यक्तिगत पहचान संबंधी डिटेल्स भर सकते हैं। जैसे कि-नाम, जन्मतिथि, पैन नंबर वगैरह।
- स्टेप 3: आपके और बैंक अधिकारी के बीच तय हुए समय पर, आमने-सामने की वीडियो कॉलिंग) शुरू की जाएगी। Dynamic verification code की मदद से, यह पूरी प्रक्रिया, साथ ही साथ रिकार्ड भी की जाएगी।
- स्टेप 4: वीडियो कॉल पर आपको अपना PAN card दिखाना होगा। अगर आपने ePAN सबमिट किया है तो फिर इसकी जरूरत नहीं होगी। आपकी ओर से दिए गए पैन नंबर के डिटेल्स, उसे जारी करने वाली एजेंसी के डेटाबेस से वैरिफाइड किए जाएंगे।
- स्टेप 5: वीडियो कॉल से ही आपकी फोटो ली जाएगी। बैंक अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि Aadhaar या PAN डेटाबेस के साथ दर्ज आपकी फोटोग्राफ और अन्य डिटेल्स मिलान करते हों।
- स्टेप 6: Geotagging की मदद से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आप सशरीर (Physically) भारत में ही हैं। किसी अन्य देश में नहीं। इन सारी चीजों का मिलान होने के साथ ही आपकी VKYC पूरी हो जाती है।
- स्टेप 7: वीडियो केवाईसी की प्रक्रिया में, एकत्र हुए डिटेल्स के हिसाब से, भरे हुए Apply फॉर्म की PDF कॉपी आपको मिलेगी। इसे आपको e-sign की मदद से सत्यापित करना होगा। e-sign की प्रक्रिया आप ओटीपी की मदद से, या डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (DSC) की मदद से पूरी कर सकते हैं
क्या वीडियो केवाईसी की प्रक्रिया सरकारी रूप से मान्य है?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक अकाउंट खुलवाने या रजिस्ट्रेशन वगैरह के लिए वीडियो केवाईसी प्रक्रिया को मान्य कर दिया है। भारत सरकार की ओर से micro, small, and medium enterprises की एक्सपर्ट कमेटी ने भी किसी व्यक्ति की पहचान प्रमाणित करने के लिए video KYC verification को मान्य कर दिया है।
- कोटक महिंद्रा बैंक ने सबसे पहले 18 मई 2020 को अपने ग्राहकों के लिए V-KYC की सुविधा देनी शुरू की।
- फिर IndusInd Bank, RBL Bank और IDFC First Bank, Axis bank, ICICI Bank वगैरह ने भी इसे लागू किया।
- अब सरकारी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने भी इसे अपनी सेवाओं में शामिल कर लिया है।
वीडियो केवाईसी के लिए कंपनी की जिम्मेदारी
- वह संस्थान वीडियो केवाईसी की पूरी प्रक्रिया की खुद ही व्यवस्था करेगा। third party service यानी किसी अन्य कंपनी की मदद नहीं ली जा सकती।
- डेटा सुरक्षा विधेयक (data protection Bill) के अनुसार केंद्रीय बैंक किसी कंपनी को ग्राहकों का डेटा स्टोर करने की इजाजत नहीं दे सकता।
- वीडियो कॉल सिस्टम की सुविधा भी बैंक खुद ही करेगा। उसकी ओर से भेजे गए लिंक पर ही वीडियो केवाईसी पूरी की जा सकती है। किसी थर्ड पार्टी जैसे कि WhatsApp call या Google Duo जैसे एप की मदद नहीं ली जा सकती।
- वीडियो कॉलिंग के दौरान सभी प्रश्न, उसी समय किए जाने चाहिए। पहले से रिकॉर्ड किए हुए नहीं होने चाहिए।
वीडियो केवाईसी में इस्तेमाल होने वाली तकनीकें
वीडियो केवाईसी की प्रक्रिया में, निम्नलिखित तकनीकों की मदद ली जाती है—
- Facial recognition : इसमें कप्यूटराइज्ड तरीके से ग्राहक चेहरे के लक्षण कैप्चर किए जाते हैं और उन्हें उसकी पहचान तय करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
- बैंक उसकी बायोमेट्रिक पहचान तय करने के लिए OTP आधारित e-KYC सत्यापन कर सकता है। या फिर Business Correspondent की मदद से Offline सत्यापन भी करवा सकता है।
- Dynamic Verification code: किसी सिस्टम या सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हुए परीक्षण करने को Dynamic verification कहा जाता है। डायनामिक वैरिफिकेशन को experimentation, dynamic testing या simply testing के नाम से भी जाना जाता है।
- AI enabled OCR /OCR : इसका फुल फॉर्म होता है—Optical character recognition। यह ऐसी तकनीक होती है, जिसमें static documents जैसे कि कागज के फॉर्म वगैरह को ऐसे इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में बदल दिया जाता है, जिसे कि आसानी से सर्च और एडिट किया जा सके।
- Geotagging : यह तकनीक ग्राहक की Live location तय करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। वीडियो केवाईसी पूरी करते वक्त, के दौरान वह व्यक्ति भारत में मौजूद है कि नहीं, इससे सुनिश्चित हो जाता है।