अगर आप अपने बैंक अकाउंट में लाख-पचास हजार रुपए जमा रखते हैं तो फिर आपको उस बैंक अकाउंट में ऑटो स्वीप फैसिलिटी भी जुड़वा लेना चाहिए। ऐसा करने से आपको उसी जमा पर डेढ़ से दो गुना ज्यादा ब्याज मिल जाती है और कभी भी पैसा निकालने की सुविधा भी बनी रहती है। SBI, PNB, BOB, ICICI, HDFC, Axi , Kotak Mahindra जैसे ज्यादातर बड़े बैंक अपने यहां खुले बैंक अकाउंट्स में सेविंग अकाउंट के साथ auto-sweep facility जुड़वाने की सुविधा देते हैं।
इस लेख में हम बताएंगे कि बैंक अकाउंट में auto-sweep facility क्या होती है? यह कैसे काम करती है और इसके क्या फायदे हैं? साथ ही हम यह भी जानेंगे कि आप अपने बैंक अकाउंट में auto-sweep facility कैसे जुड़वा सकते हैं?
What is the auto-sweep facility in Hindi? How to add this facility to your account?
ऑटो-स्वीप फैसिलिटी क्या होती है?
बैंक अकाउंट के मामले में,ऑटो स्वीप फैसिलिटी, ऐसा सिस्टम होता है, जिसमें एक लिमटेड से आधिक पैसा जमा होने पर, अतिरिक्त जमा अपने आप FD (फिक्स डिपॉजिट) में खिसक (Sweep) करके चली जाती है।
इस प्रकार से, अपने आप, बैंक जमा का एक हिस्सा Sweep होकर एफडी अकाउंट में पहुंच जाने को Auto Sweep कहते है। जो पैसा FD वाले हिस्से में पहुंच जाता है, उस पर FD के हिसाब से ब्याज जुड़ती है। बाकी जो पैसा सेविंग अकाउंट के हिस्से में पड़ा रहता हैं, उस पर सेविंग अकाउंट की ब्याज दर के हिसाब से ब्याज मिलता है। इस तरह से जो पैसा एफडी वाले हिस्से में पहुंच जाता है, वह आपको सामान्य जमा से ज्यादा ब्याज दिला देता है।
अगर कभी सेविंग अकाउंट से पैसा निकाल लेने के कारण, उसमें एक निर्धारित सीमा से कम बैलेंस रह जाता है तो FD वाले हिस्से से कुछ पैसा लौटकर, अपने आप सेविंग अकाउंट वाले हिस्से में शामिल हो जाता हैं। यानी कि फिर से आपके सेविंग अकाउंट से पैसा निकालने की क्षमता बढ़ जाती है।
इस तरह, पैसों का अपने-आप Saving Account से Fixed Deposit अकाउंट में पहुंचना और फिर बैलेंस घटने पर अपने आप Fixed Deposit से Saving Account में लौट आने को ही Auto-Sweep Facility कहा जाता है।
ऑटो स्वीप फैसिलिटी जुड़वाकर, आप एक ही बैंक अकाउंट पर, सेविंग अकाउंट+एफडी अकाउंट की सुविधाएं एक साथ प्राप्त कर पाते हैं-
- एफडी वाले हिस्से पर आपको ज्यादा ब्याज मिल रहत है।
- सेविंग अकाउंट वाले हिस्से को कभी भी निकालने की छूट रहती है।
कैसे जुड़वा सकते हैं ऑटो-स्वीप फैसिलिटी
अपने अकाउंट में auto-sweep facility का फायदा उठाने के लिए आपको अपने savings account को एक fixed-deposit account से लिंक करना पड़ता है। साथ में एक ऐसी लिमिट निर्धारित करनी पड़ती है, जिससे अधिक जमा पहुंच जाने पर, अतिरिक्त पैसा अपने आप fixed-deposit account में ट्रांसफर हो सके।
कितना फायदा मिलता है, ऑटो स्वीप फैसिलिटी से
उदाहरण के लिए समझ लीचिए कि पोस्ट ऑफिस के सेविंग अकाउंट पर इस समय ( अप्रैल 2023 में ) 4% ब्याज मिल रही है जबकि FD अकाउंट पर 6.9% से लेकर 7.5% तक ब्याज मिलती है।
सरकार इस समय (जुलाई 2023 में) एक साल की एफडी पर 6.9% , दो साल की एफडी पर 7%, तीन साल की एफडी पर 7.0% और पांच साल की FD पर 7.5% ब्याज मिलती है। तो जो पैसा आपका स्विफ्ट होकर एफडी अकाउंट में स्विफ्ट हो जाएगा, उस पर आपको सेविंग अकाउंट के 4 % से तो डेढ़ या पौने दो गुना ज्यादा ही ब्याज मिलेगी।
इसी प्रकार SBI के सेविंग अकाउंट पर सिर्फ 2.70% ब्याज मिलती है, जबकि SBI के FD अकाउंट में, एक साल की जमा पर 6.8%, दो साल की जमा पर 7.00% ब्याज मिलती है। तीन साल से 10 साल की जमा पर 6.50% ब्याज मिलती है। यहां भी आपका जो पैसा FD अकाउंट में स्विफ्ट होगा, उस पर सेविंग अकाउंट की 2.7 प्रतिशत से दो गुना या ढाई गुना ब्याज मिलेगा।
ऑटो स्वीप फैसिलिटी से जुड़े कुछ प्रमुख शब्द (Terms)
- Threshold Llimit: पैसों की जो वो लिमिट, जिससे अधिक होने पर आपकेअकाउंट का पैसा, अपने आप fixed-deposit account में ट्रांसफर हो जाता है, उस लिमिट को Threshold Llimit कहते हैं।
- Sweep-In: अकाउंट में तय की गई Threshold Llimit से अतिरिक्त पैसों का अपने आप ट्रांसफर होकर fixed-deposit account का हिस्सा बन जाने की प्रक्रिया को Sweep-In कहते हैं।
- Reverse-Sweep: आपके Saving Account में पैसा कम पड़ने पर, जब अपने आप Fixed Deposit Account से वापस पैसा Saving Account में ट्रांसफर हो जाता है, उस प्रक्रिया को ‘reverse-sweep’ कहते हैं।
ऑटो स्वीप फैसिलिटी का एक उदाहरण
मान लेते हैं कि सुचित्रा मुखर्जी ने किसी बैंक में अपना savings account खुलवा रखा है। उन्होंने अपने अकाउंट में auto-sweep facility जुड़वा रखी है और उसकी Threshold Llimit 10 हजार रुपए निर्धारित की है।
आगे चलकर, उन्होने अपने अकाउंट में 30 हजार रुपए जमा किए। अकाउंट में auto-sweep facility जुड़ी होने के कारण, सिर्फ 10 हजार रुपए ही उनके सेविंग अकाउंट में जमा रहेंगे और बाकी के अतिरिक्त 20 हजार रुपए अपने आप FD अकाउंट में ट्रांसफर (Sweep-In) हो जाएंगे। उन 20 हजार रुपयों पर आपको FD अकाउंट के हिसाब से ब्याज मिलेगी, जबकि सेविंग अकाउंट में पड़े 10 हजार रुपयों पर सिर्फ सेविंग अकाउंट वाली ब्याज मिलेगी।
अब अगर आपने सेविंग अकाउंट के हिस्से में पड़े 10 हजार रुपयों में से 5000 रुपए निकाल लिए तो फिर अपने आप FD वाले 20 हजार में से 5 हजार वापस (reverse-sweep) होकर सेविंग अकाउंट में शामिल हो जाएंगे। तब फिर आपको सिर्फ 15 हजार रुपयों पर FD वाली ब्याज मिलेगी। इसीलिए बैंक, ऑटो स्वीप फैसिलिटी लेने वालों ( sweep account holders) से जल्दी-जल्दी पैसे नहीं निकालने की सलाह देते हैं।
ऑटो स्वीप फैसिलिटी के फायदे क्या मिलते हैं
- ज्यादा ब्याज से ज्यादा रिटर्न: आपने अगर अपने सेविंग अकाउंट के साथ में ऑटो स्वीप फैसिलिटी नहीं जुड़वाई है तो आपके अकाउंट में जमा पूरे पैसों पर सिर्फ सेविंग अकाउंट के हिसाब से पैसा मिलेगा। सामान्यत: बैंक 2.50 से 4% तक ब्याज देते हैं। लेकिन, ऑटो स्वीप फैसिलिटी जुड़वाने पर, आपके जमा पैसों पर 5 से 6.50 % तक ब्याज मिलने की उम्मीद कर सकते हैं। जितने ज्यादा समय तक आपका पैसा FD वाले हिस्से में पड़ा रहता है, उतना अच्छा रिटर्न मिलने की गुंजाइश रहती है।
- कभी भी पैसे निकालने की छूट: अगर आप सिर्फ FD करवाते हैं तो उसमें किसी न किसी निश्चित अवधि (सामान्यत: 1 से 5 साल तक) के लिए पैसा जमा रखना पड़ता है। FD होने पर बीच में पैसा नहीं निकाला जा सकता। विशेष स्थितियों में निकालने की अनुमति भी मिलती है तो उसके लिए फॉर्म भरने और अन्य प्रक्रियाओं की जरूरत पड़ती है। सेविंग अकाउंट के साथ ऑटो स्वीप फैसिलिटी जुड़ी होने पर आप इस बंधन से बच जाते हैं। आप कभी भी अपने अकाउंट से पैसा निकालने को स्वतंत्र होते हैं।
SBI ऑटो-स्वीप फैसिलिटी की विशेषताएं
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में सेविंग बैंक अकाउंट के साथ auto-sweep facility की सुविधा आपको Savings Plus Account के साथ मिलती है। आप अपने किसी भी सेविंग अकाउंट में SBI Multi Option Deposit Scheme (MODS) लिंक कराकर उसे Savings Plus Account में बदलवा सकते हैं। इसके बाद यह एक साथ सेविंग अकाउंट और एफडी अकाउंट के फायदे देने लगता है। इस अकाउंट की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार होती हैं-
- 35000 की मिनिमम थ्रेशहोल्ड लिमिट: यानी कि 35 हजार रुपए से अधिक जमा पहुंचने पर ही अतिरिक्त जमा आपके अकाउंट से लिंक FD अकाउंट में ट्रांसफर होगी। आप चाहें तो इससे अधिक की थ्रेशहोल्ड लिमिट भी निर्धारित कर सकते हैं।
- कम से कम 10000 रुपए एक बार में स्वीप इन होगा: एक बार में कम से कम 10 हजार रुपए ट्रांसफर होकर आपके FD अकाउंट में पहंच सकेंगे। 10 हजार से भी ज्यादा अतिरिक्त रकम है तो 1000 के गुणांक में पूरी अतिरिक्त रकम FD में ट्रांसफर हो जाएगी।
- न्यूनतम बैलेंस ओर अधिकतम बैलेंस का कोई प्रतिबंध नहीं: SBI के Saving Plus अकाउंट में आप चाहे जितना ज्यादा पैसा जमा करके रख सकते हैं। न्यूनतम बैलेंस रखने का भी कोई प्रतिबंध नहीं है। बैलेंस कम होने पर कोई पेनाल्टी भी नहीं लगती।
- एक बार में कम से कम 1000 रुपए निकाल सकते हैं: आप अपने अकाउंट से कभी भी पैसे निकाल सकते हैं, लेकिन एक बार में कम से कम 1000 रुपए निकाल सकते हैं। इससे अधिक भी 1000 के गुणांक में कितनी भी रकम निकाली जा सकती है।
- 1 से 5 साल तक की जमा पर ही FD की ब्याज: आपके सेविंग अकाउंट से लिंक FD अकाउंट में जो पैसा 1 से 5 साल तक पड़ा रहेगा, उसी पर FD की ब्याज मिलेगी। जो पैसा इसके पहले निकाल लिया जाएगा, उस पर सिर्फ सेविंग अकाउंट वाली ब्याज मिलेगी।