जीएसटी में जो व्यवसायी Input Service Distributor (ISD) की तरह, कारोबार करते हैं, उन्हें जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है। भले ही उनका टर्नओवर कितना भी कम हो, वे बिना जीएसटी नंबर (GSTIN) के अपना कारोबार नहीं कर सकते। ऐसे कारोबारियों को जीएसटी रिटर्न भी अलग प्रकार का भरना पड़ता है। इस पोस्ट में हम जानेंगे कि GST में इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर (ISD) क्या होता है। वह कैसे काम करता है और इनके द्वारा इनपुट क्रेडिट्स का इस्तेमाल कैसे किया जाता है? What is Input Service Distributor in Hindi?
जीएसटी में इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर क्या होता है?
इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर, किसी कारोबार के मुख्य केंद्र या मुख्य कार्यालय (Head Office) के रूप में कार्य करता है। उस ऑफिस की ओर से सामान (Goods) या सेवाओं (Services) की खरीद के लिए टैक्स रसीदें प्राप्त की जाती हैं। जो टैक्स (GST) उसने चुकाय होता है, उसके बदले में इनपुट क्रेडिट्स (ITC) मिलते हैं। उन इनपुट क्रेडिट्स को वह अपने बिक्री केंद्रों (Sales Centers) या ब्रांच कार्यालयों को बांट देता है। आगे चलकर वे छोटे सेंटर या ब्रांच ऑफिस, GST भुगतान के लिए उन इनपुट क्रेडिट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस तरह से आपको दोबारा उस वस्तु के कारोबार पर जो GST चुकाना होगा, वह आपके खाते में जमा Input Credits से समायोजित किया जा सकेगा।
GST में, इनपुट टैक्स क्रेडिट सिस्टम कारोबारियों को एक ही सामान (goods) या सेवा (services) के कारोबार में, बार-बार टैक्स चुकाने से बचाने के लिए तैयार किया गया है। यहां ध्यान रखें कि ISD सिस्टम को सिर्फ सेवाओं की खरीद (INPUT SERVICES) के मामलों में लागू किया गया है। सामान या संपत्तियों की खरीद (Input Goods or Capital Goods) के मामले में ये सिस्टम लागू नहीं होता।
अलग-अलग राज्यों मे भी हो सकता है ISD का कारोबार
अगर किसी इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर (ISD) का कारोबार अलग-अलग राज्यों में फैला हो तो उस ISD और उसके branch offices के जीएसटी नंबर (GSTIN’s) अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन उनका PAN नंबर एक ही होगा। ये PAN नंबर सभी जीएसटी नंबरों में शामिल होगा। इसलिए, इनपुट क्रेडिट के इस्तेमाल में कोई रुकावट नहीं होगी।
उदाहरण के लिए, किसी कंपनी का head office दिल्ली में है। इसने लखनऊ, भोपाल, पटना और रांची में भी अपने शाखा कार्यालय (branch offices) खोल रखे हैं। कंपनी का दिल्ली हेड ऑफिस, अपने सभी ब्रांच ऑफिसों की ओर से professional services के लिए जिम्मेदार होता है। इनके लिए वह टैक्स रसीदें (tax invoice) भी रिसीव करता है।
अब चूंकि, प्रोफेशनल सेवाओं का इस्तेमाल सभी ब्रांचों की ओर से किया जाता है, इसलिए सिर्फ दिल्ली head office की ओर से पूरे input tax credit का इस्तेमाल (claim) नहीं किया जा सकता। उसे अन्य सभी ब्रांचों को भी आवंटित (distributed) करना पड़ेगा। उन ब्रांचों को जब अपनी बिक्रियों पर, GST टैक्स का भुगतान करना होगा, तो मुख्य ब्रांच से मिले इनपुट क्रेडिट से कर सकेंगे।
इनपुट क्रेडिट के भुगतान संबंधी नियम व शर्तें
GST system में जब भी कोई सामान या सेवा की खरीद की जाती है तो खरीदने वाले को GST टैक्स चुकाना पड़ता है। यह Tax तीन तरीके का होता है CGST, SGST/UTGST और IGST। इन सबके बदले में खरीदार को Input Tax Credit मिलती है। इसको सिर्फ Input Credit भी कहते हैं। इन Input Credits के बारे में संक्षेप में जानकारी हम यहां दे रहे हैं—
- SGST Input Credit: राज्य के अंदर सौदा होने पर, State GST यानी SGST चुकाना पड़ता है। यह Tax उसी राज्य के हिस्से में जमा होता है, जहां सौदा किया गया है। इसके बदले में खरीदार को CGST Input Credit मिलती है।
- UTGST Input Credit: केंद्र शासित राज्य के अंदर सौदा होेने पर Union Terretory GST य़ानी UTGST चुकाना पड़ता है। यह Tax उसी केंद्र शासित राज्य के हिस्से में जमा होता है, जहां सौदा किया गया है। इसके बदले में खरीदार को UTGST Input Credit मिलते हैं।
- CGST Input Credit: राज्य के अंदर सौदा होेने पर, Central GST यानी CGST चुकाना पड़ता है। यह Tax केंद्र सरकार के हिस्से में जमा होता है। इसके बदले में खरीदार को CGST Input Credit मिलते हैं।
- IGST Input Credit: राज्य के बाहर के व्यक्ति या organisation से सौदा होने पर Integrated GST यानी IGST चुकाना पड़ता है। यह Tax उस राज्य के हिस्से मेें जमा होता है, जिस राज्य का खरीदार होता है। हालांकि इसकी वसूली केंद्र सरकार करता है।
इनपुट क्रेडिट आवंटन का तरीका
कोई भी Company या उसका Head Office खुद को प्राप्त हुए Input Credit का बंटवारा अपने बिक्री केंद्रों को दो तरीकों से कर सकता है।
- अगर बिक्री केंद्र उसी राज्य में स्थित हो
- अगर बिक्री केंद्र दूसरे राज्य में स्थित हो
अगर बिक्री केंद्र उसी राज्य में स्थित हो
अगर Sales Center उसी राज्य में स्थित हो, जिस राज्य में Input Service Distributor स्थित है तो सभी Input Credits ज्यों का त्यों मान्य होंगी।
ISD की ओर से Distribute की गई Input Credit का प्रकार | Sales Center की ओर से प्राप्त की गई Input Credit का प्रकार |
Central GST (CGST) | CGST (No Change) |
State GST (SGST) | SGST (No Change) |
Union Terretory GST (UTGST) | UTGST (No Change) |
Integrated GST (IGST) | IGST (No Change) |
अगर बिक्री केंद्र दूसरे राज्य में स्थित हो
अगर Sales Center उस राज्य से बाहर स्थित है, जहां पर Input Service Distributor स्थित है। तो ISD को प्राप्त सभी प्रकार की Input Credit , उसके बिक्री केंद्रों के लिए Integrated GST (IGST) के रूप में मान्य होंगी।
ISD की ओर से आंवंटित की गई इनपुट क्रेडिट का प्रकार | बिक्री केंद्र की ओर से प्राप्त की गई Input Credit का प्रकार |
Central GST (CGST) | IGST (Changed) |
State GST (SGST) | IGST (Changed) |
Union Terretory GST (UTGST) | IGST (Changed) |
Integrated GST (IGST) | IGST (Unchanged) |
इनपुट क्रेडिट से टैक्स देनदारी का भुगतान
CGST और SGST का भुगतान, समान प्रकार की Input Credit और IGST Input Credit से ही किया जा सकता है। IGST का भुगतान सिर्फ IGST Input Credit से ही हो सकता है। जबकि IGST Input Credit का प्रयोग किसी भी अन्य प्रकार के GST टैक्स (CGST/SGST) के भुगतान के लिए भी किया जा सकता है। इस प्रकार से टैक्स देनदारी को चुकता करने के लिए Sales Centers के पास निम्नलिखित विकल्प होते हैं—
IGST का भुगतान
एकीकृत जीएसटी Integrated GST (IGST) के भुगतान के लिए बिक्री केंद्र अपने input Service Distributor से प्राप्त किसी भी प्रकार की इनपुट क्रेडिट (CGST/ SGST/UTGST/IGST) से IGST का प्रयोग कर सकते हैं।
CGST का भुगतान
केंद्रीय जीएसटी Central GST (CGST) के भुगतान के लिए बिक्री केंद्र अपने input Service Distributor से प्राप्त सिर्फ दो प्रकार की इनपुट क्रेडिट का प्रयोग कर सकते हैं। Central GST (CGST) और Integrated GST (IGST)
SGST का भुगतान
प्रादेशिक जीएसटी State GST (CGST) के भुगतान के लिए बिक्री केंद्र अपने input Service Distributor से प्राप्त सिर्फ दो प्रकार की Input Credit का प्रयोग कर सकते हैं। State GST (SGST) और Integrated GST (IGST)
UTGST का भुगतान
केंद्रीय शासित राज्य जीएसटी Union Terretory GST (UTGST) के भुगतान के लिए बिक्री केंद्र अपने input Service Distributor से प्राप्त सिर्फ दो प्रकार की Input Credit का प्रयोग कर सकते हैं। Union Terretory GST (UTGST) और Integrated GST (IGST)
सामान्य रजिस्ट्रेशन से अलग रजिस्ट्रेशन लेना पड़ता है
अगर कोई business organisation या उसका कोई कार्यालय Input Service Distributor के रूप में काम करना चाहता है तो उसे GST में अलग से Input Service Distributor के रूप में रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। मतलब यह कि ऐसा संस्थान अन्य सामान्य कारोबारियों की तरह जीएसटी का रजिस्ट्रेशन कराकर अपना कामकाज संचालित नहीं कर सकता। चाहे वह आप कंपनी के Head Office के रूप में काम कर रहा हो या Regional Office के रूप में या फिर उसकी किसी Unit के रूप में काम कर रहा हो। अगर Input Service Distribution का काम करना चाहता है तो अलग से रजिस्ट्रेशन लेना अनिवार्य होगा।
Input Service Distributor के लिए न सिर्फ रजिस्ट्रेशन का फॉर्म अलग होता है, बल्कि इसके GST Return भी सामान्य कारोबारियों से अलग भरे जाते हैं। उनका turnover कितना भी कम या ज्यादा हो, उन्हें अलग से Input Service Distributor के रूप में रजिस्ट्रेशन करवाना ही पड़ता है। यहां तक कि ये खुद को GST की Composition Scheme के तहत भी रजिस्टर्ड नहीं करा सकते।
इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर्स के लिए रिटर्न फॉर्म ?
Input Service Distributor के रूप में रजिस्टर्ड संस्थान को GST में सामान्य कारोबारियों से अलग Return Form भरना पड़ता है। इन्हें हर महीने के दौरान हुए कारोबार के लिए रिटर्न फॉर्म GSTR-6 भरना पड़ता है। इसे कारोबार वाले महीने के तुरंत बाद वाले महीने की 13 तारीख तक भरकर जमा कर देना होता है।
Note: GSTR-6 जमा करने के दो दिन पहले 11 तारीख तक GSTR-6A के रूप में लगभग भरा-भराया (Auto Filled) मिलता है। क्योंकि, इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर ने जहां-जहां से माल खरीदा था, उनकी ओर से अपनी बिक्री (Sale) के डिटेल पहले ही उनके बिक्री रिटर्न फॉर्म GSTR-1 में भरे जा चुके होते हैं। GST network पर सारे account एक दूसरे से जुड़े होने के कारण अन्य अकाउंट से संबंधित डिटेल उनके सामने अपने आप दर्ज होते जाते हैं।
इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर को रिटर्न फॉर्म GSTR-6A में दर्ज डिटेल को ही कॉपी करके अपने रिटर्न फॉर्म GSTR-6 में रखना होता है। अगर कोई खरीदारी GSTR-6A में गलत दर्ज है तो उसे correct या delete करना होता है। जो इनसे अलग खरीदारियां (purchases) हैं, उन्हें भी दर्ज करना होता है। इसके बाद 13 तारीख तक GSTR-6 जमा कर देना पड़ता है।