भारतीय स्टेट बैंक (SBI), भारत का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है। ज्यादातर सरकारी कर्मचारियों के सैलरी अकाउंट यहां खुले होते हैं। ज्यादातर लोगों ने यहीं पर एफडी अकाउंट खुलवाया है। देश भर में इसकी सबसे ज्यादा शाखाएं और एटीएम हैं। ऑनलाइन बैंकिंग की सुविधाएं भी यहां काफी बेहतर होती हैं। इसके बावजूद, इसकी बैंकिंग सेवाओं के शुल्क (Service Charges) बहुत कम होते हैं। इन सारी सुविधाओं के कारण लोग यहां अपने अकाउंट खुलवाने और पैसे जमा करके रखना चाहते हैं।
हमारे कई पाठकों ने पूछा था कि SBI में एफडी अकाउंट कैसे खुलता है। कितना पैसा जमा करना पड़ता है और कितना ब्याज मिलता है? कुछ लोगों ने तो यह भी पूछा था कि SBI FD में, पैसा डबल कितने दिनों में हो जाता है। इस लेख में हम आपके इन प्रश्नों का जवाब देंगे। साथ ही एसबीआई एफडी के मुख्य नियमों की भी जानकारी देंगे। SBI FD Rules in Hindi
एसबीआई एफडी के नियम | SBI FD Rules
भारतीय स्टेट बैंक (SBI), का एफडी अकाउंट, ऐसा जमा खाता (Deposit Account) है, जिसमें आपको एक निश्चित अवधि तक पैसा जमा करके रखना पड़ता है। उस खाते की जमा पर बैंक एक निश्चित दर से ब्याज देता है। जमा की अवधि पूरी होने पर जमा और ब्याज को मिलाकर, एकमुश्त रकम आपको दे दी जाती है।
यह अकाउंट कितनी अवधि तक के लिए खुलवाया जा सकता है और कितनी अवधि पर कितना ब्याज मिलेगा? अकाउंट खुलवाने के लिए आवश्यक योग्यताएं क्या हैं? इन सारी बातों की जानकारी हमने एक-एक करके दे रहे हैं
7 दिन से 10 साल तक के लिए खुलवा सकते हैं SBI एफडी
एसबीआई में एक हफ्ते से लेकर 10 साल तक के लिए एफडी अकाउंट खुलवाने की सुविधा है। अलग-अलग अवधि की जमा के लिए अलग-अलग ब्याज दर होती है। समय-समय पर बैंक अपने एफडी खातों पर मिलने वाली नई ब्याज दरों की घोषणा करता है। आगे दिए पैराग्राफ में दी गई तालिका में, जमा अवधि के हिसाब से मिलने वाली मौजूदा ब्याज दरों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं-
7% तक मिलती है ब्याज, बुजुर्गों को आधा प्रतिशत ज्यादा
एसबीआई एफडी पर आपको, जमा की अवधि के हिसाब से अलग-अलग रेट से ब्याज मिलती है। एक हफ्ते से 45 दिन की एफडी पर सबसे कम 3% ब्याज मिलती है। 2 साल से 3 साल की एफडी पर सबसे ज्यादा 7% ब्याज मिलती है। इससे ज्यादा अवधि वाली एफडी पर SBI सिर्फ 6.50% ब्याज देता है। (नीचे तालिका में विवरण देखें)
FD की अवधि | सामान्य ग्राहकों के लिए ब्याज दर (60 वर्ष से कम उम्र वालों के लिए) | बुजुर्ग ग्राहकों के लिए ब्याज दर (60 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिए) |
7 से 45 दिन की FD | 3% | 3.50% |
46 से 179 दिन की FD | 4.50% | 5.00% |
180 से 210 दिन की FD | 5.25% | 5.75% |
211 दिन से 1 साल तक की FD | 5.75% | 6.25% |
1 साल से 2 साल तक की FD | 6.80% | 7.30% |
2 साल से 3 साल तक की FD | 7.00% | 7.50% |
3 से 5 साल की FD | 6.50% | 7.00% |
5 से 10 साल की FD | 6.50% | 7.50@ |
400 दिन की स्पेशल एफडी (अमृत कलश) | 7.10% | 7.60% |
ध्यान दें: कोई भी एफडी अकाउंट खोलते समय जो ब्याज दर लागू होती है, उस अकाउंट की मैच्योरिटी अवधि पूरी होने तक वहीं ब्याज दर लागू रहती है। बीच में ब्याज दर बदलने का, पुराने एफडी अकाउंट पर असर नहीं पड़ता।
कम से कम 1000 रुपए जमा करके खुलवा सकते हैं अकाउंट
आप कम से कम 1000 रुपए जमा करके भी SBI में FD अकाउंट चालू कर सकते हैं। अधिकतम जमा की कोई सीमा नहीं होती, इसलिए आप चाहे जितना पैसा जमा कर सकते हैं। लेकिन, अगर नेटबैंकिंग के माध्यम से ऑनलाइन एफडी खुलवाते हैं तो अधिकतम 10 लाख रुपए तक की एफडी शुरू कर सकते हैं।
यहां यह बात भी ध्यान रखने लायक है कि 2 करोड़ रुपए से ऊपर की रकम को बैंक थोक जमा (Bulk fixed deposits) की कैटेगरी में रखते हैं। इन पर आधा प्रतिशत (0.50%) या 1% ज्यादा ब्याज मिलता है।
खाता खोलते समय, एक साथ जमा करनी पड़ती है पूरी रकम
FD अकाउंट खोलते समय ही, पूरा पैसा एक साथ जमा करना पड़ता है। उस अकाउंट की अवधि पूरी होने तक (मैच्योरिटी तक) उसमें फिर कोई नया पैसा जमा नहीं होगा। हालांकि, आप अगर और ज्यादा पैसे की FD कराना चाहते हैं तो नया FD अकाउंट खुलवा सकते हैं। सामान्यतया, सभी सरकारी और प्राइवेट बैंक के एफडी अकाउंट के मामले में यह नियम लागू होता है। पोस्ट ऑफिस एफडी के मामले में भी यही नियम है।
एक ग्राहक, अपने नाम कई FD अकाउंट भी खुलवा सकता है
अकाउंट की संख्या को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं है। कोई भी ग्राहक, अपने नाम, चाहे जितने एफडी अकाउंट अपने नाम खुलवा सकता है। और किसी भी एफडी अकाउंट में, जितना चाहे उतनी रकम जमा कर सकता है। जिस एफडी अकाउंट की अवधि जिस दिन पूरी हो जाएगी, उसका ब्याज सहित पैसा आपको मिल जाएगा।
ध्यान दें: अगर आपके पास, एकमुश्त जमा करने के लिए, इकट्ठा बड़ी रकम नहीं है तो आप हर महीने एक निश्चित रकम जमा करने वाली SBI RD स्कीम का अकाउंट भी खुलवा सकते हैं। इस पर ब्याज और मेच्योरिटी की गणना के लिए आप हमारी वेबसाइट पर मौजूद SBI RD कैलकुलेटर की मदद ले सकते हैं।
तिमाही आधार पर (Quarterly) जुड़ती है ब्याज
एसबीआई के एफडी अकाउंट पर, ब्याज तिमाही चक्रवृद्धि के आधार पर जुड़ती है। सामान्य रूप से, यह ब्याज, अकाउंट की अवधि पूरी होने पर, आपकी मूल जमा (principal) के साथ मिलाकर, दे दी जाती है। लेकिन कोई ग्राहक चाहे तो हर तिमाही पर, इस ब्याज को अपने सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर भी करा सकता है।
इतना ही नहीं, कोई ग्राहक चाहे तो इसे हर महीने (monthly) या हर छमाही पर (half-yearly) या हर साल पर (yearly) पर भी ले सकता है। लेकिन, इस तरह से ब्याज प्राप्त करने के लिए यह जरूरी है कि वह FD अकाउंट कम से कम 1 साल का हो।
अपनी FD के आधार पर लोन भी ले सकते हैं
आप अपने एफडी अकाउंट में मौजूद बैलेंस के आधार पर, लोन भी ले सकते हैं। लोन कितना मिलेगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका एफडी अकाउंट कितने साल का है और उसमें कुल कितना बैलैंस मौजूद है। नीचे दी गई तालिका में आप इससे संबंधित नियम को ज्यादा बेहतर तरीके से समझ सकते हैं-
- 3 साल से 5 साल की FD पर, अकाउंट में जमा रकम का 90% तक लोन मिल सकता है
- 5 साल ज्यादा अवधि वाले FD पर, अकाउंट में मौजूद बैलेंस का 85% तक लोन मिल सकता है
खाता खुलवाने के लिए, आवश्यक योग्यताएं
कोई भी व्यक्ति (individuals) या HUF कंपनी संस्था या समिति, एसबीआई में एफडी अकाउंट खुलवा सकता है। व्यक्तियों के लिए एफडी खुलवाने के नियम, बहुत सरल होते हैं। एक सामान्य सेविंग अकाउंट की तरह इसकी शर्ते और योग्यताएंं निर्धारित हैं। आप सिर्फ अपने आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट साइज की फोटो जमा करके एफडी अकाउंट खुलवा सकते हैं। पैन कार्ड नहीं बना है तो बैंक Form 60 जमा करके भी अकाउंट को खोल सकता है।
किसी व्यक्ति को अपने अकाउंट का नॉमिनी भी बना सकते हैं
आप अपने एफडी अकाउंट में, किसी को भी नॉमिनी भी बना सकते है। नॉमिनी वह व्यक्ति होता है, जिसे खाताधारक की मौत हो जाने पर, उस अकाउंट में मौजूद रकम को पाने का अधिकार होता है। बाद में जरूरत पड़ने पर नॉमिनी का नाम बदला भी जा सकता है। किसी संस्था या कंपनी को नॉमिनी बनाने की अनुमति नहीं है।
एक ब्रांच से दूसरी ब्रांच में अकाउंट ट्रांसफर भी करा सकते हैं
एसबीआई की किसी एक ब्रांच में खुले हुए FD अकाउंट को, एसबीआई की दूसरी ब्रांच में ट्रांसफर भी करा सकते हैं। ये सुविधा एकदम फ्री है, यानी कि इसके लिए बैंक आपसे कोई शुल्क नहीं वसूलता। यो काम आप लिखित अप्लीकेशन देकर भी करा सकते हैं और नेटबैंकिंग के माध्यम से ऑनलाइन अनुरोध करके भी करा सकते हैं।
आवश्यकता पड़ने पर, बीच में अकाउंट बंद भी करा सकते हैं
अभी तक, बैंकों में 15 लाख रुपए तक की एफडी को बीच में बंद कराने (Premature closure) की सुविधा होती थी। हाल ही में रिजर्व बैंक (RBI) नें इस सीमा को बढ़ाकर के 1 करोड़ रुपए तक की एफडी पर लागू करने का निर्देश दिया है।
बीच में एफडी अकाउंट बंद कराने पर, निर्धारित ब्याज दर में आधा से 1 प्रतिशत तक की कटौती करके पैसा वापस किया जाता है। 5 लाख रुपए से कम रकम की एफडी, बीच में बंद कराने पर, ब्याज दर में 0.5% की कटौती की जाती है। 5 लाख रुपए से अधिक जमा वाली एफडी को बीच में बंद कराने पर, ब्याज दर में 1% की कटौती की जाती है।
एफडी की ब्याज को टैक्स गणना में शामिल किया जाता है
टैक्स सेवर एफडी के अलावा, अन्य सभी प्रकार के एफडी अकाउंट पर मिलने वाली ब्याज पर 10% TDS कटने का नियम है।
फिक्स्ड डिपॉजिट पर जो ब्याज मिलता है वो टैक्स के दायरे में आता है। इसीलिए बैंक टीडीएस काटकर सरकार के पास जमा कर देते हैं। अगर किसी वित्तीय वर्ष में आपकी सभी एफडी से कुल ब्याज 40 हजार रुपए से ज्यादा होता है तो बैंक टीडीएस काट लेता है। ये टीडीएस कुल ब्याज का 10% होता है। जो लोग पैन कार्ड नहीं जमा करते हैं उनके लिए ये दर 20% होती है।
लेकिन, आप बैंक में Form 15G या Form 15H जमा करके, TDS कटौती को रोक भी सकते हैं। Form 15G उन ग्राहकों को जमा करना पड़ता है, जिनकी उम्र 60 वर्ष से कम है। Form 15H उन ग्राहकों को जमा करना पड़ता है, जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है।
ये फॉर्म सिर्फ वे लोग जमा कर सकते हैं, जिनकी सालाना आमदनी उस ब्याज को मिलाकर भी टैक्स चुकाने लायक नहीं हो सकती। अगर ये फॉर्म जमा न करने के कारण, आपका TDS कट गया है, तो भी रिटर्न भरने के दौरान, टैक्स रिफंड क्लेम करके, टैक्स वापस भी पा सकते हैं।
एफडी अकाउंट को मेच्योरिटी के बाद रिन्यू भी कराया जा सकता है
एसबीआई एफडी की मेच्योरिटी पूरी होने पर, ब्याज सहित पूरी रकम आपको मिल जाती है। 20 हजार रुपए तक की रकम नकदी मिल सकती है, इससे अधिक की रकम सीधे सेविंग अकाउंट या करंट अकाउंट में जमा होगी। अगर मेच्योरिटी के समय पर आपको पैसों की जरूरत नहीं है तो आप अपने एफडी अकाउंट को आगे रिन्यू भी करा सकते हैं।
अगर उस अकाउंट के संबंध में कोई विशेष निर्देश (specific instructions) दर्ज नहीं किए गए हैं, तो वह अपने आप भी उतनी अवधि के लिए रिन्यू हो जाएगी, जितनी पहले थी। रिन्यू हुए एफडी पर ब्याज दर वह लागू होगी, जोकि रिन्यू होने की तारीख को होगी।
तो दोस्तों ये थी SBI FD के नियमों के बारे में जानकारी। अगर आप एफडी पर ज्यादा ब्याज लेना चाहते हैं तो पोस्ट ऑफिस एफडी में पैसा जमा कर सकते हैं। उसमें जमा की गई रकम पर किसी भी सरकारी बैंक की एफडी से ज्यादा ब्याज मिलती है। 5 साल की पोस्ट ऑफिफ एफडी कराने पर, सरकार टैक्स छूट भी देती है।