Income Tax Return भरने की प्रक्रिया में सबसे पहला काम होता है, सही ITR Form का चुनाव। इनकम टैक्स विभाग ने Taxpayers के लिए कुल 7 तरह के ITR Form जारी किए हैंं, जो विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। इनमेें शुरू के चार आईटीआर फॉर्म (ITR-1,ITR-2,ITR-3, ITR-4) व्यक्तिगत (Individuals) या HUF (संयुक्त हिन्दू परिवार) के लिए हैं। बाद के तीन आईटीआर फॉर्म (ITR-5,ITR-6,ITR-7) कंपनियों, फर्मों और संस्थाओं के लिए हैं। आपको कौन सा ITR Form प्रयोग करना है, यह आपकी कमाई के स्रोत और उसके आकार पर निर्भर करता है। तो आइए जानते हैं, कैसे करें अपने लिए सही ITR Form का चुनाव
कौन सी आमदनी किस श्रेणी में| Different Types of income
ITR form चुुनने के पहले यह समझना जरूरी है कि आपकी आमदनी किस Catagory में आती है।
सैलरी या पेंशन से आमदनी| Income From Salary/Pension
आपको किसी काम के बदले किसी Company या संस्थान से Monthly या वार्षिक आधार पर जो रकम मिलती है, वह आपकी Salary में गिनी जाती है। Daily या Contract के आधार पर मिलने वाला payment नहीं। ध्यान दीजिए! Salary के साथ जुड़े allowance जैसे कि HR, PF, Pension आदि भी इसी मद में गिने जाते हैं। इसलिए सिर्फ पेंशन पर आश्रित लोग भी अपने लिए ITR Form का चुनाव करते वक्त खुद को इसी Category में मानें।।
माकान से आमदनी। Income from house property
आप अपनी residential या commercial property से जो भी आमदनी करते हैं, वह Income from house property की श्रेणी में आती है। जैसे कि प्रॉपर्टी को Rent या Lease पर देने से होने वाली आमदनी। ध्यान दीजिए इस Category की आमदनी में property का आपके पास बने रहना जरूरी होता है, उसे बेचकर होने वाली आमदनी नहीं। बेचने के बाद होने वाली आमदनी एक अन्य श्रेणी Capital Gain में गिनी जाती है।
पेशे से कमाई। Income From Business Or Profession
आप अपने खुद के कारोबार, बिजनेस या किसी पेशे के माध्यम से जो आमदनी करते हैं वह Income from business or profession की कैटेगरी में आती है। जैसे कि वकालत, accountancy, consultancy आदि। Part Time या Free lance काम से होने वाली Income भी इसी श्रेणी में रखी जाती है।
कैपिटल गेन्स के रूप में आमदनी | Income from capital gains
किसी Property को बेचने से होने वाला मुनाफा capital gains की कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसी Property में आपकी अचल संपत्ति जैसे की घर, जमीन आदि और चल संपत्ति जैसे Gold, Jewellery, बहुमूल्य कलाकृतियां आदि शामिल होती हैं। Share और Bond भी इसी कैटेगरी में रखे जाते हैं। ध्यान दें, ऐसी चीजों का Business करने वाले लोग इस Category में नहीं आते। जैसे कि Property dealer, सर्राफा कारोबारी, शेयर दलाल वगैरह। चूंकि ये उनके profession होते हैं, इसलिए उनकी कमाई Income From Business Or Profession के तहत गिनी जाती है।
अन्य स्रोतों से आमदनी | Income from other sources
उपर बताई गई किसी भी श्रेणी में अगर आपकी आमदनी शामिल नहीं है तो उसे Income from other sources की श्रेणी में रखा जाएगा। जैसे कि saving/FD/RD accounts से मिलने वाली ब्याज, lottery, सटटा या जुएं से होने वाली आमदनी, gifts में मिली रकम आदि।
Which format of ITR Form to use| किस फॉर्मेट का करें इस्तेमाल
सभी ITR Form आपको तीन Formats में मिलेंगे। Excel Utility, New Java Utility और PDF File में। अगर आप ऑनलाइन Income Tax Return भरना चाहते हैं तो जरूरी है कि Excel Utility या Java ITR Utility का प्रयोग करें। अगर आप ऑफलाइन Return भर रहे हैं तो PDF फाइल का इस्तेमाल करें। PDF फाइल को डाउनलोड करके उसका प्रिंट लेना होगा, फिर उसे भरकर Income Tax Department में जमा करना होगा। इनमें भी ITR 1 और ITR 4 को बिना डाउनलोड किए ही सीधे ऑनलाइन Return दाखिल के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
कौन सा आईटीआर फार्म किसके लिए| Which ITR For Whom
आईटीआर-एक या सहज फार्म |ITR-1 OR SAHAJ
यह ITR उन उन individual या HUF (Hindu Undivided Family) को भरना है,जिनकी उस वित्तीय वर्ष की total income में सिर्फ ये चीजें शामिल हैं
- Salary या Pension के रूप में आमदनी हुई हो।
- सिर्फ एक House Property से आमदनी। (पिछले वर्षों के loss को इस साल की आमदनी में समायोजित करने पर नहीं)
- अन्य स्रोतों से आमदनी हुई हो, जैसे ब्याज, Dividend वगैरह । (Lottery या Horse Race आदि से आमदनी को छोड़कर)
किसे नहीं भरना है| Whom not to use
- अगर उपर बताए गए सभी स्रोतों से 50 लाख रुपए से ज्यादा आमदनी हो रही हो।
- किसी business या profession से भी आमदनी हो रही हो।
- अगर agricultural income के रूप में 5000 रुपए से ज्यादा आमदनी हो रही हो।
- एक से ज्यादा house property से आमदनी मिल रही हो।
- आपको टैक्स भरने लायक capital gains हुआ हो।
- आप किसी विदेशी संपत्ति के मालिक हों।
आईटीआर- दो| ITR-2
यह फॉर्म उन individual या HUF (Hindu Undivided Family) को भरना है, जिन्हें उस वित्तीय वर्ष में ITR-1 से संबंधित आमदनी के स्रोतों (Income from Salary/Pension, single House property,other sources) से इनकम तो हो ही रही हो। इनके अलावा भी
- एक से अधिक House Property से आमदनी (Rent)हो रही हो।
- कोई Property बेचने से फायदा (Capital Gains) हुआ हो।
- Lottery या Horse Race जीतने से आमदनी (इनाम के रूप में) हुई हो।
- किसी firm के partner के रूप में आमदनी हुई हो।
- विदेश में किसी संपत्ति के मालिक हों या अन्य कोई Foreign income हो
- Agricultural income के रूप में 5000 रुपए से ज्यादा की आमदनी हुई हो
- अपनी आमदनी में आपके परिवार के किसी अन्य सदस्य, जैसे पति—पत्नी, बच्चों की आमदनी भी clubbed कर रहे हों।
किसे नहीं भरना है। Whom not to use
जिनको अपने खुद के स्वामित्व वाले Business या Profession से आमदनी हो रही हो। (Partenership के कारण हुई आमदनी के अलावा)। ऐसे लोगों को ITR-3 या ITR-4 फॉर्म का प्रयोग करना है।
आईटीआर-तीन| ITR-3
यह फॉर्म उन individual या Hindu Undivided Family (HUF) के लिए जरूरी है, जिसकी आमदनी में ITR1, ITR2 के लिए अर्हता वाली आमदनी के अलावा खुद के स्वामित्व वाले business या profession से आमदनी हो रही हो। यानी कि वह खुद कोई बिजनेस करता हो, या किसी प्रोफेशन से आमदनी प्राप्त कर रहा हो।
आईटीआर-चार| ITR-4
यह आईटीआर फॉर्म भी उन individual या Hindu Undivided Family (HUF) के लिए जरूरी है, जिसकी आमदनी में ITR1, ITR2 के लिए अर्हता वाली आमदनी के अलावा निम्नलिखित आमदनी शामिल हो।
- उसको खुद के स्वामित्व वाले business या profession से आमदनी हो रही हो, लेकिन
- उस व्यक्ति ने Income Tax Act के Section 44AD ,Sec 44ADA and Section 44AE के तहत presumptive income scheme का विकल्प चुना हो।
किसे नहीं भरना है। Whom not to use
- अगर उसने presumptive income scheme चुनी भी है और उसकी आमदनी 2 करोड़ रुपए से ऊपर हुई है तो उसे ITR-4 की बजाय ITR-3 भरना होगा।
आईटीआर-5| ITR-5
यह फॉर्म उन संस्थाओं को भरना है, जिन्होंने खुद को फर्म, LLPs(limited liability partnership), AOPs (Association of persons) या BOIs (Body of Individuals) के रूप में रजिस्टर्ड करा रखा है।
आईटीआर-6| ITR-6
ऐसी कंपनियां, जो इनकम टैक्स एक्ट के section 11 के तहत छूट प्राप्त नहीं हैं। इस कैटेगरी के taxpayer को ऑनलाइन (electronically) ही ITR भरना अनिवार्य है। ( जनकल्याण या धार्मिक उद्देश्य में लगी संपत्ति से होने वाली इनकम को section 11 के तहत टैक्स छूट मिलती है।सभी एनजीओ इसी कैटेगरी में आते हैं।)
आईटीआर-7| ITR-7
ये फॉर्म ऐसे लोगों या कंपनियों के लिए है, जो section 139(4A) या section 139(4B) या section 139(4C) या section 139(4D) के तहत रिटर्न दाखिल करते हैं। इस सेक्शन का क्या मतलब है, आइए जानते हैं।
section 139(4A: इसके तहत वो लोग आते हैं जिनकी आमदनी किसी charitable या religious purposes के लिए बनाए गए ट्रस्ट की प्रॉपर्टी से हुई हो। चाहे पूरी आमदनी ऐसे source से हो या आमदनी का कुछ ऐसा ऐसे source से हासिल हुआ हो, तब भी। रिटर्न भरने में ऐसी आमदनी की उपयुक्त रसीद भी उनको पेश करनी होती है।
section 139(4B): इसके तहत वे राजनैतिक पार्टियां आती हैं, जिनको चंदे वगैरह से total income अधिकतम टैक्स छूटयोग्य आमदनी से ज्यादा हो रही हो। यानी की जिनकी इनकम Taxable हो। Return भरने के दौरान अपनी आमदनी की उपयुक्त रसीद भी प्रस्तुत करनी पड़ती है।
section 139(4C): इसके नियम के तहत जो संस्थाएं रिटर्न दाखिल करती हैं, उनमें scientific research association, न्यूज एजेंसियां,शैक्षिक संस्था या संबंधित फंड, यूनिवर्सिटी, hospital या मेडिकल संस्थान आदि शामिल है। इनके अलावा सेक्शन 10(23A)के तहत आने वाले association या institution भी इसी कैटेगरी में आते हैं।
section 139(4D):ये रिटर्न उन सभी university, college or other institution को दाखिल करना पड़ता है, जिन्हें इस सेक्शन के अलावा अन्य किसी प्रावधान के तहत अपने income or loss का रिटर्न नहीं भरना पड़ता।
पैन नंबर से जानें अपनी कैटेगरी| Identify the Right status by Your PAN
इनकम टैक्स विभाग आपके PAN नंबर में आपकी संस्थागत/ व्यावसायिक Category के बारे में एक संकेतक रखता है। अपने PAN नंबर का चौथा Character देखिए। इससे आपको खुद भी जानकारी हो जाएगी कि आप कौन सी Category में हैं।
पैन नंबर का चौथा अक्षर Fourth Character of PAN | करदाता की कैटेगरी Status of Assessee |
P
H F C T A B | इंडिविजुअल (Individuals)
हिन्दू अविभक्त परिवार (Hindu Undivided Family) फर्म (Firms) कंपनी (Company) ट्रस्ट (Trusts) एसोसिएशन ( Association of Person) बॉडी ऑफ इंडिविजुअल्स (Body Of Individuals) |
अब आपने अपनी इनकम के हिसाब से सही ITR Form का चुनाव कर लिया होगा, लेकिन इनकम टैक्स रिटर्न भरने से पहले आपको टैक्स स्लैब के हिसाब से अपने टैक्स का कैलकुलेशन जरूर कर लेना चाहिए। क्योंकि पूरा Income Tax Payment किए बिना आप रिटर्न की ई फाइलिंग (income tax efiling) नहीं कर सकते हैं। इनकम टैक्स कैलकुलेशन के लिए आप टैक्स कैलकुलेटर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।