भारत में इंजन से चलने वाली किसी भी गाड़ी का बीमा कराना अनिवार्य है। अब ज्यादातर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भी बीमा करवाना अनिवार्य हो गा है। बिना बीमा के गाड़ी पकड़े जाने पर 2000 रुपए जुर्माना या 3 महीने की जेल हो सकती है। गंभीर लापरवाही होने पर दोनों सजा एक साथ भी दी जा सकती है।
इसके अलावा, गाड़ी का बीमा होने से आप, कई तरह की आर्थिक और मानसिक परेशानियों में फंसने से बच जाते हैं। हादसे (Accident) में गाड़ी के नष्ट हो जाने या चोरी हो जाने पर आप अपनी गाड़ी को नुकसान का मुआवजा पाते हैं। अगर आपकी गाड़ी से जिस किसी दूसरे व्यक्ति, गाड़ी या संपत्ति को नुकसान पहुंता है, तो उसका मुआवजा भी बीमा कंपनी देती है।
हमारे कई पाठकों ने पूछा था कि बाइक का इंश्योरेंस कराने पर कितना पैसा लगता है? इसी तरह कुछ लोगों ने स्कूटर का इंश्योरेंस कराने का शुल्क भी पूूछा था। इस लेख में हम जानेंगे कि बाइक इंश्योरेंस की कीमत (बाइक इंश्योरेंस प्राइस लिस्ट 2023) क्या है। साथ ही यह भी जानेंगे कि बाइक इंश्योरेंस की कीमत (Premium) कैसे निर्धारित होती है।
बाइक इंश्योरेंस प्राइस लिस्ट 2024
किसी भी मोटर वाहन के लिए थर्ड पार्टी बीमा अनिवार्य है। इसकी कीमत का निर्धारण सरकारी एजेंसी IRDAI (भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण) की ओर से किया जाता है। वाहन के मॉडल और इंजन क्षमता के हिसाब से थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की कीमत अलग-अलग होती है। यहां हम सिर्फ बाइक, स्कूटर, मोपेड या दोपहिया वाहन के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की प्राइस लिस्ट 2023 दे रहे हैं-
पेट्रोल या डीजल से चलने वाले बाइक या स्कूटर के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस प्राइस लिस्ट
(IRDAI द्वारा 1 जून 2022 से लागू)
बाइक या दोपहिया की इंजन क्षमता |
1 साल के लिए बीमा कीमत |
3 साल के लिए बीमा कीमत |
75 CC से कम क्षमता की बाइक/दोपहिया वाहन | 538 रुपए | 2,901 रुपए |
75 CC से 150 CC क्षमता की बाइक/दोपहिया वाहन | 714 रुपए | 3,851 रुपए |
150 CC से 350 CC क्षमता की बाइक/दोपहिया वाहन | 1,366 रुपए | 7,365 रुपए |
350 CC से अधिक क्षमता की बाइक/दोपहिया वाहन | 2,804 रुपए | 15,117 रुपए |
इलेक्ट्रिक बाइक या स्कूटर के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस प्राइस लिस्ट
(IRDAI द्वारा 1 जून 2022 से लागू)
बाइक या दोपहिया की इंजन क्षमता | 1 साल के लिए बीमा कीमत |
3 साल के लिए बीमा कीमत |
3kW से कम क्षमता की इलेक्ट्रिक बाइक या दोपहिया वाहन | 457 रुपए | 2,466 रुपए |
3kW से 7kW क्षमता की इलेक्ट्रिक बाइक या दोपहिया वाहन | 607 रुपए | 3,273 रुपए |
7 kW से 16kW क्षमता की इलेक्ट्रिक बाइक या दोपहिया वाहन | 1,161 रुपए | 6,260 रुपए |
16kW अधिक क्षमता की इलेक्ट्रिक बाइक या दोपहिया वाहन | 2,383 रुपए | 12,849 रुपए |
बाइक इंश्योरेंस प्रीमियम क्या होता है?
किसी भी इंश्योरेंस प्लान के लिए जो कीमत ग्राहक को चुकानी पड़ती है, उसे बीमा की भाषा में बीमा प्रीमियम (Insurance Premium) कहते हैं। बोलचाल की भाषा में Bike Insurance premium को आप बीमा की किस्त भी कह सकते हैं। यह, वह रकम होती है, जोकि आपको Insurance policy का फायदा लेने के लिए नियमित अंतराल पर जमा करनी होती है। वाहन बीमा के मामले में, सामान्य रूप से, यह सालाना (Yearly) के हिसाब से तय होती है। बीमा कीमतें तय होने में जिन चीजों का असर पड़ता है, इसकी जानकारी हमने अगले पैराग्राफ में समझाई है-
बाइक इंश्योरेंस प्रीमियम कैसे तय होता है?
बाइक इंश्योरेंस प्रीमियम का ज्यादा या कम होना निम्नलिखित तथ्यों पर निर्भर करता है—
- मुख्य बीमा पॉलिसी किस तरह की है?
- Add On Covers कौन-कौन से जुड़वाए हैं
- बाइक की इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (IDV) कितनी है?
- बाइक की इंजन क्षमता (CC) कितनी है?
- बाइक का रजिस्ट्रेशन किस श्रेणी के शहर में है?
- बाइक का निर्माण वर्ष कौन सा है?
- विशेष मॉडल या विशेष उपयोग की बाइक
- बीमा कराने वाले की उम्र और ड्राइविंग रिकॉर्ड
- ARAI अनुमोदित चोरी रोधी उपकरणों का प्रयोग
- नो क्लेम बोनस से प्रीमियम कितना घटा है
अब हम इन तथ्यों के बारे में थोड़ा विस्तार से समझते हैं—
1. मुख्य बीमा पॉलिसी किस तरह की है?
आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी किस तरह की है- सिर्फ Third Party insurance करवा रहे हैं या फिर Comprehensive insurance ले रहे हैं। दोनों तरह के इंश्योरेंस की सुविधाओं में अंतर इस प्रकार है—
Third Party insurance: को ही Third-party liability कहते हैं। इसमे आपके वाहन से किसी अन्य व्यक्ति, वाहन या संपत्ति को नुकसान होने की स्थिति में मुआवजा देने, कोर्ट केस वगैरह की जिम्मेदारी बीमा कंपनी उठाती है। हालांकि,आपको या आपके वाहन को नुकसान होने पर कोई मदद नहीं मिलती। यह कानूनी रूप से अनिवार्य भी है।
Comprehensive insurance: में, आपको थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की सुविधा के साथ-साथ own-damages इंश्योरेंस की सुविधा भी मिलती है। own-damages इंश्योरेंस के तहत आपके वाहन को नुकसान पहुंचने पर, चोरी होने या नष्ट होने पर भी बीमा कंपनी मुआवजा देती है। अपने वाहन की सुरक्षा के लिए, इसे लेना बेहतर रहता है।
प्रीमियम पर असर: आप सिर्फ Third Party insurance करवाते हैं तो उसका प्रीमियम कम रहता है, जबकि, कांप्रिहेंसिव बीमा लेने पर प्रीमियम ज्यादा बनता है।
2. Add On Covers कौन-कौन से जुड़वाए हैं
आप अपनी बाइक इंश्योरेंस में, जितनी ज्यादा अतिरिक्त बीमा सुरक्षाएं (Add Ons) जुड़वाएंगे, आपका बीमा प्रीमियम भी उतना ही ज्यादा होता जाएगा। जैसे कि, Zero depreciation cover, personal accidental cover, Cashless Hospitalization cover वगैरह को मुख्य बीमा पॉलिसी के साथ Add ons के रूप में शामिल करा सकते हैं।
3. बाइक की इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (IDV) कितनी है?
Insured Declared Value या IDV आपके वाहन की तात्कालिक बाजार कीमत होती है। यह, वह रकम होती है, जो बीमा कंपनी आपको आपके वाहन के चोरी होने या पूरी तरह से नष्ट होने पर भुगतान करती है। आपकी बाइक की Insured Declared Value जितनी ज्यादा होगी, उसका प्रीमियम उतना ही ज्यादा होगा। जिसका IDV कम होगा, उसका इंश्योरेंस प्रीमियम भी कम होगा।
4. बाइक की इंजन क्षमता (CC) कितनी है?
आपकी बाइक के इंजन की क्षमता (Cubic Capacity-CC) जितनी ज्यादा होगी, उसके इंश्योरेंस का प्रीमियम भी उतना ही अधिक होगा। इंजन की क्षमता जितनी कम होगी, इंश्योरेंस का प्रीमियम भी उतना ही कम होगा।
उदाहरण के लिए, 75 cc या इससे कम इंजन क्षमता वाली बाइक के लिए premium इस समय (June 2022 में) 538 रुपए है। जबकि, 350 cc या इससे अधिक इंजन क्षमता वाली बाइक के लिए प्रीमियम 2,804 रुपए है।
4. बाइक का रजिस्ट्रेशन किस शहर में है?
अगर आप Metro City में रहते हैं, जैसे कि मुंबई, दिल्ली, बंगलुरु वगैरह, तो आपकी बाइक का बीमा premium ज्यादा होगा। क्योंकि, ऐसे शहरों में Traffic ज्यादा घना होता है और यहां बाइक के क्षतिग्रस्त होने की संभावना ज्यादा होती है। इसके उलट अगर आप छोटे शहर में बाइक का Registration करवा रहे हैं तो इंश्योरेंस का Premium कम होगा।
5. बाइक का निर्माण वर्ष कौन सा है?
आपकी बाइक कितनी पुरानी है, इस पर भी उसका Premium निर्भर करता है। बाइक के पुराने होने के साथ उसका IDV कम होता जाता है। जैसे कि 6 महीने पुरानी बाइक का IDV, उसके ex-showroom price का 95 प्रतिशत होता है। जबकि,, 4 से 5 साल पुरानी बाइक का IDV उसकी ex-showroom price का 50 प्रतिशत ही रह जाता है।
6. विशेष मॉडल या विशेष उपयोग की बाइक
कुछ कंपनियां, विशेष Category के ग्राहकों के लिए मोटरसाइकिल बनाती हैं। जैसे कि harley davidson। इसी तरह कुछ Bikes किसी खास उददेश्यों के लिए बनाई जाती हैं, जैसे कि Sports Bikes। इनके दाम बहुत ऊंचे होते हैं। इस कारण इनकी Insured Declared Value भी बहुत ज्यादा होती है। जाहिर है, इनके इंश्योरेंस का Premium भी बहुत ज्यादा होता है।
7. बीमा कराने वाले की उम्र और ड्राइविंग रिकॉर्ड
बीमा कंपनियां, कम उम्र ड्राइविंग का पर्याप्त अनुभव न रखने वाले लोगों के लिए Insurance Premium थोडा ज्यादा रखती हैं। इसी तरह, अगर आपका Driving Record अच्छा नहीं है तो भी Premium थोडा ज्यादा होगा। 20 से 25 साल के पुरुष बाइक चालकों और 1 साल से कम Driving का अनुभव होने पर Premium थोडा अधिक होता है।
8. ARAI अनुमोदित चोरी रोधी उपकरणों का प्रयोग
अगर आपकी बाइक में ARAI (Automotive Research Association of India) से अनुमोदित चोरी रोकने वाले उपकरण(anti-theft devices) लगे हुए हैं तो आपको बीमा Premium में कुछ Discount मिल जाएगा। जैसे कि Anti theft alarm, safety Gear lock, GPS Device वगैरह। यह डिस्काउंट 2.5 percent तक हो सकता है।
9. नो क्लेम बोनस से प्रीमियम में कमी
बाइक का बीमा कराने के बाद आप जितने साल तक कोई Claim नहीं करते, उसके बदले में आपको No Claim Bonus मिलता है। इसकी बदौलत आगे के वर्षों में बीमा कंपनी आपका Insurance Premium घटा देती है। पहले साल No Claim Bonus से आपको Premium में 20 प्रतिशत तक छूट मिलती है। छठे साल में यह छूट 50 प्रतिशत तक पहुंच जाती है।
10. आपने Voluntary deductible कितना चुना है
Voluntary deductible, इंश्योरेंस क्लेम का वह हिस्सा होता है, जिसे आप अपनी तरफ से सहमति देते हैं। वाहन को नुकसान की स्थिति में, उसके Repairing में आए खर्च में Voluntary deductible के बराबर आपको खुद भुगतान करना होता है। डिडक्टिबल के बाद बचा हुआ हिस्सा बीमा कंपनी भुगतान करती है। आप जितना ज्यादा Voluntary deductible चुनते हैं, उतना ही ज्यादा आपको Insurance Premium में छूट मिल जाती है।