GST में कारोबार करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को हर महीने या हर तिमाही पर रिटर्न फॉर्म GSTR-3B भरना पड़ता है। सरकार ने इसे आसान रिटर्न फॉर्म के रूप में जारी किया है। इसमें आपको अपनी बिक्रियों (Sales) और खरीदारियों (Purchases) का मोटा-मोटा हिसाब देना पड़ता है और अपनी टैक्स देनदारियों (GST liabilities) का भुगतान भी… आगे पढ़ें »
GST
जीएसटी ई-इनवॉयस क्या है ? कैसे बनायें | What is GST e-Invoicing in Hindi
सरकार ने 10 करोड़ रुपए से अधिक सालाना टर्न औवर वाले कारोबारियों को अपने सभी B2B सौदों पर ई-इनवॉइस जारी करना (E-Invoicing) अनिवार्य कर दिया है। B2B सौदों से मतलब, ऐसे सौदे होते हैं, जोकि एक कारोबारी से दूसरे कारोबारी के बीच होते हैं। 1 अक्टूबर 2022 से यह सिस्टम लागू है। इसके अलावा अब 100 करोड़… आगे पढ़ें »
GST नंबर कैसे प्राप्त करें ? ऑनलाइन प्रक्रिया और जरूरी डॉक्यूमेंट्स
भारत में सामान्य राज्यों के कारोबारियों को 40 लाख या इससे अधिक का टर्नओवर होने पर GST में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। रजिस्ट्रेशन नंबर की मदद से ही आप, अपनी बिक्रियों पर GST वसूल पाते हैं। जीएसटी का टैक्स चुकाने और रिटर्न दाखिल करने के लिए भी जीएसटी नंबर की जरूरत पड़ती है। इस लेख… आगे पढ़ें »
निल जीएसटी रिटर्न क्या होता है? कैसे भरा जाता है? What is Nil GST Return in Hindi
जीएसटी में रजिस्टर्ड कारोबारियों को अपनी कैटेगरी के हिसाब से हर महीने (monthly) या हर तिमाही के बाद (Quarterly) जीएसटी रिटर्न भरने पड़ते हैं। यहां तक कि अगर, आपने पिछले महीने या पिछली तिमाही में कोई लेन-देन नहीं भी किया है तो भी निल जीएसटी रिटर्न तो भरना ही पड़ता है। इस लेख में हम… आगे पढ़ें »
जीएसटी का रजिस्ट्रेशन कैसे कराएं। GST Registration Process in Hindi
सामान्य राज्यों (Normal category states) के वे सभी कारोबारी, जिनका सालाना टर्नओवर 40 लाख रुपए से अधिक है उन्हें GST के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। उनमें भी अगर कोई सिर्फ सेवाओं (Services) का व्यवसाय करता है तो फिर उसे 20 लाख रुपए के टर्नओवर पर ही रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। इसी तरह पूर्वोत्तर के… आगे पढ़ें »
जीएसटीआर 9 कैसे भरें | How To File GSTR- 9 (Form format in Hindi)
GST में रजिस्टर्ड कारोबारियों को अपने रजिस्ट्रेशन के हिसाब से हर महीने या हर तिमाही पर रिटर्न भरना पड़ता है। रिटर्न फॉर्म में उन्हें अपने बिजनेस और टैक्स भुगतान का हिसाब-किताब सौंपना पड़ता है। इसके बाद हर वित्तीय वर्ष के बाद, सभी कारोबारियों को सालाना रिटर्न भी दाखिल करना पड़ता है। Normal Registered कारोबारियों को… आगे पढ़ें »