कार, बाइक व अन्य प्रकार के वाहनों के बीमा के बारे में जरूरी जानकारियां हम पिछले लेख में दे चुके हैं। हमारे कुछ पाठकों ने जानना चाहा था कि बाइक या मोटरसाइकिल का इंश्योरेंस कितने में होता है? कुछ लोगों ने यह भी पूछा था कि बाइक का थर्ड पार्टी इंश्योंरेस कराने पर कितना पैसा लगता है? कुछ लोगों ने यह भी जानना चाहा था कि बाइक का कंप्रिहेंसिव इंश्योरेंस कराने पर कितना पैसा लगता है?
इस लेख में हम आपके इन प्रश्नों का उत्तर देंगे और बाइक इंश्योरेंस से जुड़ी अन्य उपयोगी जानकारियां भी साझा करेंगे।
बाइक का इंश्योरेंस कितने में होता है?
बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI द्वारा 1 जून 2022 को थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की नई कीमत सूची लागू की गई है। इसमें पेट्रोल या डीजल से चलने वाले बाइक या स्कूटर के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की कीमतें अलग रखी गई हैं और इलेक्ट्रिक बाइक व स्कूटर के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की कीमतें अलग रखी गई हैं-
पेट्रोल या डीजल से चलने वाले बाइक या स्कूटर के लिए
वाहन की इंजन क्षमता |
1 साल के लिए बीमा कीमत |
3 साल के लिए बीमा कीमत |
75 CC से कम क्षमता की बाइक या दोपहिया वाहन | 538 ₹+18%GST | 2,901 ₹+18%GST |
75 CC से 150 CC क्षमता की बाइक या दोपहिया वाहन | 714 ₹+18%GST | 3,851 ₹+18%GST |
150 CC से 350 CC क्षमता की बाइक या दोपहिया वाहन | 1,366 ₹+18%GST | 7,365 ₹+18%GST |
350 CC से अधिक क्षमता की बाइक या दोपहिया वाहन | 2,804 ₹+18%GST | 15,117 ₹+18%GST |
इलेक्ट्रिक बाइक या स्कूटर के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस प्राइस लिस्ट
(IRDAI द्वारा 1 जून 2022 से लागू)
वाहन की इंजन क्षमता | 1 साल के लिए बीमा कीमत |
3 साल के लिए बीमा कीमत |
3kW से कम क्षमता की इलेक्ट्रिक बाइक या दोपहिया वाहन | 457 ₹+18%GST | 2,466 ₹+18%GST |
3kW से 7kW क्षमता की इलेक्ट्रिक बाइक या दोपहिया वाहन | 607 ₹+18%GST | 3,273 ₹+18%GST |
7 kW से 16kW क्षमता की इलेक्ट्रिक बाइक या दोपहिया वाहन | 1,161 ₹+18%GST | 6,260 ₹+18%GST |
16kW अधिक क्षमता की इलेक्ट्रिक बाइक या दोपहिया वाहन | 2,383 ₹+18%GST | 12,849 ₹+18%GST |
कंप्रेहेंसिव बीमा पॉलिसी कराने पर कीमत क्या होती है?
कंप्रेहेंसिव बीमा+Add on बीमा की कीमत क्या होगी
अगर आप, Comprehensive Insurance के साथ-साथ कोई Add Own Cover खरीदते हैं तो उसकी कीमत भी जोड़कर आपको भुगतान करना होगा। आपको और आपकी गाड़ी को विभिन्न प्रकार के जोखिमों से बचाने के लिए, बीमा कंपनियां कई तरह के Add On Covers पेश करती हैं। कुछ प्रमुख Add own Covers के नाम हैं—
- Zero/Nil Depreciation: गाड़ी की उम्र बढ़ने के साथ उसकी बाजार कीमत में कमी को रोकने के लिए
- Roadside assistance cover: गाड़ी खराब होने या हादसे की स्थिति में घटना स्थल पर मदद पाने के लिए
- Engine Protection cover: इंजन को हुए नुकसान की भरपाई के लिए, जोकि सामान्य बीमा में शामिल नहीं होता
- Return to Invoice cover: गाड़ी के पूरी तरह नष्ट हो जाने पर, उसकी रसीद में दर्ज पूरा दाम पाने के लिए
आप जितने भी Add On cover, अपनी मुख्य बीमा पॉलिसी के साथ जुड़वाएंगे, सबकी कीमत जोड़कर आपका टोटल प्रीमियम बनेगा। जितना टोटल प्रीमियम बनेगा, उसका 18% GST भी साथ में चुकाना होगा।
वाहन बीमा के प्रीमियम में शामिल होने वाली लागतें
ऊपर के दिए गए विवरण में, हम देखते हैं कि एक सामान्य वाहन बीमा (Insurance) की कीमत में में 4 तरह की लागतें शामिल हो सकती हैं। इनमें चार तरह की लागतें तो बीमा सुरक्षा के लिए होती हैं और चौथी लागत, बीमा प्रीमियम पर टैक्स (GST) के रूप में होती है।
- Third Party बीमा का प्रीमियम (साल भर के बीमा की कीमत): अनिवार्य
- Own Damage बीमा का प्रीमियम (साल भर के बीमा की कीमत): ऐच्छिक
- Add On बीमा का प्रीमियम (साल भर के बीमा की कीमत): ऐच्छिक
- Total Premium का 18% GST: वाहन बीमा के साथ अनिवार्य टैक्स
बाइक बीमा की कीमत पर कुछ अन्य चीजों का भी पड़ता है असर
थर्ड पार्टी बीमा की कीमत तो निश्चित होती है। लेकिन Own Damage बीमा और अन्य Add-On बीमा की कीमत कई अन्य कारकों से भी प्रभावित होती है। ये कारक हैं—
- Coverage Type: आपने किस तरह की पॉलिसी सेलेक्ट की है जैसे कि सिर्फ थर्ड पार्टी बीमा, कंप्रेहेंसिव बीमा या फिर एड आन भी जुड़वाए हैं। जितनी ज्यादा सुविधाएं आप लेंगे, उतना अधिक प्रीमियम बनेगा।
- IDV (Insured Declared Value): गाड़ी के नष्ट हो जाने या चोरी हो जाने पर, आपको अधिकतम कितना क्लेम मिल सकता है, इसके लिए बीमा कंपनी, बीमा करते समय उसकी Insured Declared Value (IDV) घोषित करती है। जितना ज्यादा IDV, प्रीमियम की दर उतनी ज्यादा होगी।
- Age of the Vehicle: आपकी बाइक की उम्र जितनी अधिक होती जाएगी, उसके बीमा प्रीमियम की लागत उतनी ज्यादा बढ़ती जाती है।
- Make and Model of your bike: गाडी किस मॉडल की है और उसका फ्रेम नंबर या सीरियल नंबर क्या है, इसका भी उसके बीमा प्रीमियम पर असर पड़ता है।
- Security systems: आपकी गाड़ी में सिक्योरिटी सिस्टम, जितने ज्यादा और मजबूत होंगे, उतना ही रियायत आपको उसके प्रीमियम में मिल सकती है।
- No Claim Bonus: पिछली बीमा पॉलिसी की अवधि के दौरान अगर आपने कोई क्लेम नहीं किया होता है तो नए प्रीमियम में आपको रियायत मिलेगी।
- Geographical location: मेट्रो सिटी में रजिस्टर्ड वाहनों का बीमा प्रीमियम, गैर मेट्रो सिटी में रजिस्टर्ड वाहनों के मुकाबले थोड़ा अधिक होता है।
- Age of the Insured: वाहन मालिक की उम्र 30 से अधिक है तो उसका प्रीमियम कुछ अधिक हो सकता है।