PPF अकाउंट की मदद से आप अपने लिए या अपने बेटे या बेटी के बेहतर भविष्य के लिए, एक बड़ी रकम का इंतजाम कर सकते हैं। बैंक या पोस्ट ऑफिस में सिर्फ 500 रुपए में यह अकाउंट खुल जाता है और पैसा भी अपनी सुविधानुसार थोड़ा-थोड़ा करके जमा कर सकते हैं। आपकी जमा रकम के हिसाब से 15 साल में 1.5 लाख से 41 लाख रुपए तक वापस मिलते हैं।
इसकी मदद से आप भविष्य के बड़े कामों को निपटा सकते हैं, जैसे कि शादी, मकान, बिजनेस या प्रोफेशनल कोर्स वगैरह। इस लेख में हम जानेंगे कि पीपीएफ अकाउंट के नियम 2023 क्या हैं? पीपीएफ खाता कौन खोल सकता है? कितना पैसा जमा करना पड़ता है? कितनी ब्याज मिलती है? और कब पैसा निकाला जा सकता है? Rules of PPF Account Rules in Hindi
पीपीएफ अकाउंट के नियम 2023
देश के किसी भी शहर में पोस्ट ऑफिस या सरकारी बैंक में भी इसका खाता खुलवा सकते हैं। कई बड़े प्राइवेट बैक जैसे कि ICICI, HDFC, AXIX बैंक भी अपने ग्राहकों को पीपीएफ अकाउंट खोलने की सुविधा देते हैं।
सिर्फ 500 रुपए जमा करके खोल सकते हैं पीपीएफ अकाउंट
PPF अकाउंट खुलवाने के लिए, कम से कम 500 रुपए जमा करना जरूरी है। इससे अधिक आप पहले साल में अधिकतम 1.50 लाख रुपए तक जमा कर सकते हैं। PPF Account 15 साल तक चलता है। उसके बाद आपको ब्याज सहित एकमुश्त रकम वापस मिल जाती है। अगर बीच में जरूरत पड़ जाए तो पीपीएफ खाते से loan भी ले सकते हैं। 5 साल बाद, कुछ निर्धारित कामों के लिए आधा पैसा निकाला भी जा सकता है।
हर साल 500 से 1.50 लाख रुपए तक जमा कर सकते हैं
खाता खुलवाने के बाद, हर साल (financial year) कम से कम 500 रुपए जमा करना अनिवार्य है। किसी साल अगर आप न्यूनतम 500 रुपए जमा नहीं कर पाते हैं तो खाता निष्क्रिय हो जाएगा। उस अकाउंट को फिर से इसे सक्रिय (Active) कराने के लिए 50 रुपए जुर्माना भरना पड़ेगा। साथ ही छूटे हुए साल की न्यूनतम बकाया भी पूरी करनी पड़ेगी। इसी तरह, जितने साल तक आपके अकाउंट में न्यूनतम 500 जमा नहीं हुए हैं, उतने साल की पेनाल्टी और बकाया भरने के बाद ही अकाउंट दोबारा से सक्रिय हो सकेगा।
पीपीएफ खाते में हर साल अधिकतम 1.5 लाख रुपए ही जमा कर सकते हैं। अगर आपने अपने बेटे या बेटी के नाम भी PPF Account खुलवाया है और उसमें अभिभावक (Guardian) के रूप में अपना नाम शामिल कराया है तो उस अकाउंट को मिलाकर भी, किसी वर्ष 1.5 लाख रुपए से ज्यादा जमा नहीं किए जा सकते।
पीपीएफ में कितना पैसा जमा करने पर कितना पैसा वापस मिलेगा? यह जानने के लिए हमने एक अलग लेख में पीपीएफ कैलकुलेटर के बारे में भी जानकारी दी है।
साल में चाहे जितनी बार जमा कर सकते हैं पैसा
अब आप Saving Account की तरह PPF Account में भी जितनी बार चाहें उतनी बार पैसे जमा कर सकते हैं। वर्ष 2019 के पहले यह नियम ये था कि आप साल भर में सिर्फ 12 बार ही पैसे जमा कर सकते थे । दिसंबर 2019 से सरकार ने यह प्रतिबंध खत्म कर दिया है। अब आप कभी भी और कितनी भी बार अपने पीपीएफ अकाउंट में पैसा जमा कर सकते हैं।
5 तारीख से पहले जमा करना अच्छा: पीपीएफ अकाउंट पर ब्याज हर महीने की 5 तारीख से लेकर अंतिम तारीख तक के बीच मौजूद रही न्यूनतम बैलेंस पर मिलती है। इसलिए अगर आप 5 तारीख तक पैसा जमा कर देते हैं तो नई जमा पर भी उसी महीने से ब्याज जुड़ने लगता है। 5 तारीख के बाद जमा पैसों पर ब्याज अगले महीने से जुड़ना शुरू होता है।
2 साल बाद लोन और 5 साल बाद आंशिक निकासी की सुविधा
PPF Loan: दूसरा वित्त वर्ष पूर्ण होने के बाद आप पीपीएफ अकाउंट से लोन भी ले सकते हैं। आप पिछले वित्त वर्ष की शुरुआत में मौजूद balance के 25% तक लोन ले सकते हैं। पीपीएफ के लोन की interest rate, पीपीएफ के जमा पर मिलने वाली ब्याज दर से सिर्फ 1% ज्यादा होती है। इस लोन को 36 महीने के भीतर लौटाना होगा। अगर आप 36 महीने के भीतर नहीं लौटाते हैं तो 6% के हिसाब से ज्यादा ब्याज भरनी पड़ेगा। जब तक आप पिछला लोन नहीं लौटाते, तब तक नया लोन नहीं मिल सकता।
PPF Withdrawal: 5 पूर्ण वित्त वर्षों के बाद पीपीएफ अकाउंट से आंशिक निकासी (Partial withdrawal) की सुविधा चालू हो जाती है और आप अपने खाते में मौजूद बैलेंस का 50% तक निकाल सकते हैं। यह 50% पिछले 2 वित्त वर्ष के पहले खत्म हुए वित्त वर्ष की 31 मार्च को मौजूद बैलेंस का 50% तक ही हो सकता है। उदाहरण के लिए आपने दिसंबर 2023 में पैसा निकालने के लिए आवेदन किया है तो वित्त वर्ष 2021-22 के पहले मौजूद बैलेंस का आधा पैसा आपको मिल सकता है।
5 साल के लिए खाता-विस्तार (Extension) भी करा सकते हैं
पीपीएफ खाते की मेच्योरिटी अवधि (15 साल) पूरी हो जाने के बाद अगर आपको तुरंत पैसों की जरूरत नहीं है तो उसे अगले 5 साल के लिए आगे भी बढ़वा सकते हैं। ये खाता विस्तार (PPF Extension) आप, नई जमा करते हुए (with further deposit) भी करा सकते हैं और नई जमा बंद करके (without further deposit) भी करा सकते हैं।
अगर आप बिना किसी नई जमा (Without new deposit) के खाता-विस्तार कराते हैं, तो फिर उसे बीच में कभी भी बंद करके पूरा पैसा निकाल सकते हैं। लेकिन, अगर नई जमा के (with new deposit) साथ खाता-विस्तार कराते हैं तो फिर बीच में 60% से अधिक नहीं निकाल सकते।
PPF जमा, ब्याज और मेच्याेरिटी सब पर टैक्स छूट मिलती है
पीपीएफ अकाउंट की यह बड़ी विशेषता है कि इस पर आपको तीनों तरह की टैक्स छूट लेने की सुविधा है, इसलिए इसे टैक्स के मामले में EEE (exempted-exempted-exempted) स्कीम कहा जाता है।
- जमा पर टैक्स छूट: PPF अकाउंट में, हर साल जो पैसा आप जमा करते हैं, उसमें 1.50 लाख रुपए तक की जमा पर, इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 C के तहत टैक्स छूट ली जा सकती है। हालांकि यहां यह ध्यान रखें कि सेक्शन 80 C से टैक्स छूट की यह लिमिट ऐसे सभी तरह के निवेशों और खर्चों को मिलाकर मिलती है, जिन पर कि सेक्शन 80 C लागू होता है।
- ब्याज पर भी टैक्स छूट लागू: PPF Account की जमा पर जो ब्याज आपको मिलती है, उस पर भी कोई टैक्स नहीं देना पड़ता।
- मेच्योरिटी पर भी टैक्स नहीं लगता: 15 साल की परिपक्वता अवधि के बाद, जो आपकी कुल जमा और कुल ब्याज को मिलाकर, जो मेच्योरिटी रकम वापस मिलती है, उस पर भी कोई टैक्स नहीं लगता।
एक व्यक्ति के नाम, सिर्फ एक PPF खाता खुल सकता है
कोई भी व्यक्ति अपने नाम, सिर्फ एक PPF Account खुलवा सकता है। किसी दूसरे बैंक या पोस्ट ऑफिस में भी दूसरा PPF Account नहीं खोला जा सकता है। यहां तक कि, दूसरे व्यक्ति के साथ मिलकर संयुक्त खाता ( joint account) भी नहीं खुलवा सकते। हालांकि, आप अपने बच्चों के नाम से PPF Account में अभिभावक के रूप में शामिल हो सकते हैं। बच्चे के नाम खुले पीपीएफ अकाउंट को संयुक्त खाता के रूप में नहीं माना जाता।
बच्चों के नाम अलग PPF अकाउंट भी खुलवा सकते हैं: आप अपने बच्चों के नाम PPF Account खुलवा सकते हैं और उसमें अभिभावक के रूप में शामिल हो सकते हैं। उस बच्चे के वयस्क (18 साल उम्र) होने तक अकाउंट संचालन का अधिकार आपके पास रहेगा। लेकिन ध्यान रखें कि आपके बच्चे के खाते में जमा राशि भी आपकी जमा मानी जाएगी। आपके और आपके बच्चों के पीपीएफ खाते में कुल मिलाकर 1.5 लाख/सालाना से ज्यादा जमा नहीं होना चाहिए।
बच्चे की उम्र 18 साल पूरी होते ही वह अकाउंट, उसके नाम हो जाएगा। तब फिर दोनों अकाउंट अलग-अलग माने जाएंगे और आप अलग-अलग अधिकतम जमा कर सकते हैं।
नोमिनी का नाम दर्ज करा सकते हैं, जरूरत पर बदल भी सकते हैं
आप अपने पीपीएफ अकाउंट में किसी भी व्यक्ति का नाम नोमनी के रूप में दर्ज करा सकते हैं। नोमिनी वह व्यक्ति होता है, जिसे खाताधारक (Account Holder) की मृत्यु होने पर, उस अकाउंट का पैसा पाने का अधिकार होता है। आप चाहें तो एक से अधिक नोमिनी भी बना सकते हैं और सबका अलग-अलग हिस्सा (प्रतिशत) भी निर्धारित कर सकते हैं।
लेकिन, ध्यान रखें कि बच्चे के नाम खोले गए PPF अकाउंट में किसी को नोमिनी नहीं बनाया जा सकता। बच्चे की बीच में मृत्ये होने पर उसके अकाउंट में दर्ज अभिभावक को ही उसके पैसों का अधिकारी माना जाएगा।
दूसरे बैंक या पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर भी करा सकते हैं
पीपीएफ खाते को transfer कराने की अच्छी सहूलियत है। आप पीपीएफ खाते की ना केवल ब्रांच बदल सकते हैं बल्कि बैंक ही बदल सकते हैं। यहां तक कि खाते को पोस्ट ऑफिस से बैंक और बैंक से पोस्ट ऑफिस भी transfer किया जा सकता है।
इसीलिए, बेहतर होगा कि, उसी पोस्ट ऑफिस ब्रांच या बैंक ब्रांच में में पीपीएफ अकाउंट खुलवाएं, जहां पर आपका सेविंग अकाउंट पहले से खुला हो। इससे एक ही जगह जाकर सारे अकाउंट मैनेज करने में सुविधा रहती है। सरकारी बचत योजना होने के कारण, इसकी ब्याज दर और जमा व निकासी संबंधी नियम सब जगह एक जैसे रहते हैं।
तो दोस्तों ये थे पीपीएफ अकाउंट के नियम। अगर आपके घर में 10 साल से कम उम्र की बेटी है, तो उसके नाम सुकन्या समृद्धि खाता खुलवा लेना ज्यादा फायदेमंद रहेगा। उसमें पीपीएफ अकाउंट से ज्यादा ब्याज भी मिलती है और टैक्स छूट भी। अगर आपके पास एकमुश्त पैसा है तो रकम दोगुनी करने वाली सरकारी स्कीम-किसान विकास पत्र में पैसा लगा सकते हैं।