मासिक आय योजना, ऐसी बैंक स्कीम होती है, जोकि आपको हर महीने एक निश्चित आमदनी प्राप्त करने की सुविधा देती है। पिछले लेख में हम ऐसी सुविधा देने वाली पोस्ट ऑफिस की मासिक आय योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दे चुके हैं। हमारे कई पाठकों ने पूछा था कि क्या भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में भी मासिक आय योजना चलती है? अगर हां, तो इसका अकाउंट कैसे खुलवाया जा सकता है? इसके क्या फायदे हैं। इस लेख में हम आपके इन सभी प्रश्नों का जवाब देंगे। इसके बाद एसबीआई की मासिक आय योजना के सभी जरूरी नियमों ओर फायदों के बारे में विस्तार से जानकारी साझा करेंगे। Know All abount SBI Monthly Income Scheme in Hindi.
एसबीआई मासिक आय योजना क्या है?
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) अपने यहां एक ऐसी विशेष सेविंग स्कीम चलाता है, जिससे आपको हर महीने एक निश्चित आमदनी मिला करती है। इसे SBI Annuity Deposit Scheme का नाम दिया गया है। इसमें अकाउंट खुलवाकर आप जितना पैसा जमा कर देंगे, वह आने वाले वर्षों में हर महीने के हिसाब से किस्त की तरह आपको मिलते रहेंगे।
यह अकाउंट 3 से 10 साल तक के लिए खुलवाया जा सकता है। जितनी समय अवधि आपने चुनी होगी, तब तक हर महीने आपको एक निश्चित रकम की किस्त मिलती रहेगी। ये पैसा दरअसल, आपकी ओर से जमा की गई रकम और उस पर बनी ब्याज को मिलाकर दिया जाता है। इस स्कीम के नियम, फायदे और अन्य विशेषताएं इस प्रकार हैं-
एसबीआई मासिक आय योजना का अकाउंट कहां खुलता है?
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की किसी भी ब्रांच में, आप SBI Annuity Deposit Scheme का अकाउंट खुलवा सकते हैं। अगर आपका पहले से SBI में सेविंग अकाउंट या करंट अकाउंट खुला हुआ है और उसमें इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा जुड़ी हुई है तो उस खाते के माध्यम से अपने लिए SBI Annuity Deposit Scheme का अकाउंट खुलवा सकते हैं।
पहले से अकाउंट होने की जरूरत इसलिए पड़ती है, क्योंकि आप जो SBI Annuity Deposit Scheme का अकाउंट खुलवाते हैं, उससे हर महीने मिलने वाला पैसा आपके सेविंग या करंट अकाउंट में ही आता है। अगर पहले से अकाउंट नहीं खुला है तो नया अकाउंट खुलवाकर भी SBI Annuity Deposit Scheme का अकाउंट उससे लिंक करा सकते हैं।
कौन खोल सकता है खाता? अकाउंट खोलने के लिए आवश्यक योग्यताएं
- कोई भी भारतीय नागरिक, अपने लिए SBI Annuity Deposit Scheme का खाता खुलवा सकता है। यहां तक कि बच्चे के लिए भी उसके अभिभावक की ओर से यह अकाउंट खुलवाया जा सकता है।
- 10 साल की उम्र पूरी कर चुका बच्चा भी, अगर अपने हस्ताक्षर (Signature) से अकाउंट का संचालन कर सकता है तो वह खुद भी अपने लिए यह अकाउंट खुलवा सकता है।
- 2 या 3 वयस्क लोग मिलकर संयुक्त खाता (Joint Account) भी खुलवा सकते हैं। विदेशी नागरिक या NRI को SBI Annuity Deposit का अकाउंट खुलवाने की अनुमति नहीं है।
अकाउंट कितने साल तक चलता है? कब तक पैसा मिलता है?
फिलहाल, SBI Annuity Deposit Scheme में चार तरह की अवधि वाले अकाउंट उपलब्ध हैं-
- 36 महीने यानी कि 3 साल के लिए
- 60 महीने यानी कि 5 साल के लिए
- 84 महीने यानी कि 7 साल के लिए
- 120 महीने यानी कि 10 साल के लिए
एसबीआई मासिक आय योजना में कितना पैसा जमा करना पड़ता है?
न्यूनतम जमा की लिमिट : SBI Annuity Deposit में आपको कम से कम इतनी रकम जरूर जमा करनी पड़ती है, जिससे कि हर महीने कम से कम 1000 रुपए की किस्त आपको मिल सके। इस हिसाब से जितने महीने का अकाउंट आप खुलवाएंगे, कम से कम उतने हजार तो आपको जमा करने ही होंगे। जैसे कि–
- 3 साल वाले अकाउंट में कम से कम 25000 रुपए जमा करने पड़ेंगे
- 5 साल वाले अकाउंट में कम से कम 50000 रुपए जमा करने जरूरी हैं।
- 7 साल वाले अकाउंट में कम से कम 70000 रुपए जमा करने पड़ेंगे
- 10 साल वाले अकाउंट में कम से कम 1 लाख रुपए जमा करने जरूरी है।
अधिकतम जमा की कोई लिमिट नहीं : SBI की Annuity Deposit Scheme में पैसे जमा करने की कोई अधिकतम लिमिट नहीं है। अकाउंट खोलते समय, आप कितना भी ज्यादा पैसा एकमुश्त जमा कर सकते हैं।
जितना ज्यादा पैसा शुरुआत में जमा करेंगे, उतने ज्यादा रकम की किस्त आपको हर महीने मिला करेगी। क्योंकि इसकी किस्त आपकी जमा और ब्याज को मिलाकर बराबर-बराबर रकम की बनती है।
SBI मासिक आय योजना में ब्याज कितनी मिलती है?
SBI एन्युटी डिपॉजिट स्कीम की ब्याज दर, इस बात पर निर्भर करती है कि आपने कितनी अवधि के लिए पैसा जमा किया है। जितने साल के लिए आप पैसा जमा करते हैं, उतने साल की FD के हिसाब से आपके अकाउंट में ब्याज जुड़ेगी और हर महीने आपकी किस्त के साथ वापस मिलती रहती है।
60 साल से अधिक उम्र वाले बुजुर्ग नागरिकों (सीनियर सिटिजन्स) को सामान्य खाताधारकों के मुकाबले आधा प्रतिशत ज्यादा ब्याज मिलती है। फिलहाल (जून 2023 में) SBI एफडी स्कीमों की ब्याज दरें इस प्रकार हैं-
अकाउंट की अवधि | 60 साल से कम उम्र वालों के लिए | 60 साल से अधिक उम्र वालों के लिए |
3 से 5 साल तक की जमा के लिए | 6.50% सालाना | 7.00% सालाना |
5 से 10 साल तक की जमा के लिए | 6.50% सालाना | 7.50% सालाना |
क्या बीच में अकाउंट बंद कर सकते हैं?
सामान्य स्थितियों में SBI Annuity Deposit Scheme का अकाउंट बीच में बंद नहीं किया जा सकता। लेकिन, खातधारक की मौत (death) होने पर, या विशेष परिस्थितियों में अकाउंट बंद किया जा सकता है। लेकिन बीच में बंद करने पर, कुछ पेनाल्टी कटकर पैसा वापस मिलता है।
5 लाख रुपए तक की जमा वाले अकाउंट से, बीच में पैसा निकालने पर, 0.50% काटकर पैसा वापस मिलता है। जबकि 5 लाख रुपए से अधिक जमा वाले अकाउंट से बीच में पैसा निकालने पर 1% काटकर, पैसा वापस मिलता है।
क्या बीच में पैसा निकाल सकते हैं?
कुछ विशेष मामलों में, आपके अकाउंट में मौजूद बैलेंस का 75% तक पैसा निकालने की अनुमति होती है, लेकिन यह पैसा आपको लोन के रूप में मिलता है और इसे वापस भी जमा करना पड़ता है।
एसबीआई एन्युटी डिपॉजिट पर टैक्स का नियम?
एसबीआई एन्युटी डिपॉजिट अकाउंट को एक प्रकार का FD अकाउंट माना जाता है। टैक्स के मामले में भी इस पर फिक्स डिपॉजिट अकाउंट की तरह नियम लागू होते हैं। इनकम टैक्स ऐक्ट के मौजूदा नियमों के अनुसार, FD और RD पर साल में 40 हजार रुपए से ज्यादा ब्याज मिलने पर 10% TDS काटने का नियम है। 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले बुजुर्ग नागरिकों (senior citizens) के लिए ब्याज की यह लिमिट सालाना 50 हजार रुपए की होती है।
लेकिन, अगर एन्युटी डिपॉजिट को मिलाकर भी आपकी सालाना आमदनी इतनी नहीं है कि उस पर टैक्स देनदारी बने तो आप TDS कटौती रुकवा सकते हैं। इसके लिए आपको अपने बैंक में Form 15 G (60 वर्ष से कम उम्र के लोगों को) या फॉर्म 15H (60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को) जमा करना पड़ता है।
हर महीने की किस तारीख को पैसा मिलता है?
एसबीआई एन्युटी डिपॉजिट स्कीम में जिस तारीख को आप पैसा जमा करते हैं, उसके ठीक एक महीने बाद आपको पहली किस्त मिल जाती है। इसी तरह आगे भी हर महीने की उस तारीख को पैसा मिलता जाता है। अगर वह तारीख उस महीने में नहीं पड़ रही है तो फिर बाद वाले महीने की 1 तारीख को पैसा मिलेगा।
नोमिनी बनाने और बदलने का नियम क्या है?
एसबीआई एन्युटी डिपॉजिट स्कीम में आपको अपना नोमिनी नियुक्त करने की भी सुविधा होती है। नोमिनी वह व्यक्ति होता है, जिसे अकाउंट धारक की मौत होने पर अकाउंट का पूरा पैसा पाने का अधिकार होता है। बाद में अगर आपको जरूरत समझ पड़ती है तो नोमिनी का नाम बदला भी जा सकता है।